किसानों को कसाई-हत्यारा बताने पर हरियाणा BJP सांसद का यू-टर्न:बोले- मैंने आंदोलन का आफ्टर इफैक्ट बताया था; उसकी वजह से ऐसी घटनाएं हुईं

किसानों को कसाई-हत्यारा बताने पर हरियाणा BJP सांसद का यू-टर्न:बोले- मैंने आंदोलन का आफ्टर इफैक्ट बताया था; उसकी वजह से ऐसी घटनाएं हुईं

किसानों को कसाई और नशे का सौदागर कहने वाले हरियाणा के BJP सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने यू-टर्न ले लिया है। बयान पर मचे विवाद के बाद राज्यसभा सांसद ने सफाई में कहा कि उन्होंने ये सब किसानों के लिए नहीं कहा बल्कि किसान आंदोलन के आफ्टर इफैक्ट यानी बाद का असर बताते हुए कहा था। जांगड़ा ने कहा- ”मेरा दोषारोपण कोई ये नहीं था कि किसानों ने नशा फैलाया, किसानों ने लड़कियां गायब कीं। मेरा कहना ये था कि ये उस आंदोलन का आफ्टर इफैक्ट था। उस इफैक्ट के कारण ये ऐसी-ऐसी घटनाएं घट गईं। भविष्य में ऐसी घटनाएं न घटें, इसलिए हमारे किसान भाई इस तरह के आंदोलन के बजाय शांति से अपनी बात रखें। सरकार से वार्ता कर अपनी बात का निराकरण करें।” सफाई देते हुए सांसद ने कहीं ये बातें… ‘रोजगार के नाम पर बहकाकर ले आए’ विवादों में घिरने के बाद जब जांगड़ा से पूछा गया कि उन्होंने 700 लड़कियां गायब होने की बात कही तो यह आंकड़ा क्या उनके पास आधिकारिक तौर पर आया? इस सवाल के जवाब में जांगड़ा ने कहा- ” जैसे हम आसपास में गांवों में जाते हैं तो लोग कहते हैं कि उस समय बेरोजगारी का फायदा उठाकर गलत काम करने वाले लोगों ने 500-700 लड़कियां गायब कर दीं। आज भी खबरें आती हैं कि रोजगार के नाम पर बहकाकर ले आए। उन्हें बंधुआ मजदूर बना दिया। जांगड़ा बोले ह्यूमन ट्रैफिकिंग वालों ने आंदोलन का फायदा उठाया, मैंने कहा था कि किसान भाइयों को इन आंदोलनों से बचना चाहिए। आंदोलन का जो इफैक्ट होता है, उसके गलत परिणाम आ जाते हैं। ‘पंजाब में नशा पहले से, यहां नशेड़ी आए तो पैडलर भी आए’ जांगड़ा ने आगे कहा कि 2021 से पहले हरियाणा में बीड़ी-सिगरेट और शराब का नशा था। ये कोकीन, अफीम, स्मैक वगैरह और नशे के इंजेक्शन नहीं थे। पंजाब में पाकिस्तान की वजह से बॉर्डर स्टेट होने के कारण नशा आ गया था, तो नशेड़ी लोग आ जाते हैं तो उनकी पूर्ति के लिए डिमांड और सप्लाई चलती है। जब वे ड्रग पैडलर यहां आए तो उन्होंने देखा कि हरियाणा में भी मार्केट तलाश किया जा सकता है। पुलिस और प्रशासन आंदोलन में लगे थे तो उन लोगों को हरियाणा में नेटवर्क फैलाने का मौका मिल गया। इसके साथ ही सांसद बोले कि मैंने किसान भाइयों से अपील की कि कोई जायज मांग हो तो सीधे टेबल के ऊपर बैठकर समाधान करें। दिल्ली के बॉर्डर सील करने से बदनामी होती है। जनसभा में जांगड़ा ने की थी विवादित टिप्पणी
राज्यसभा सांसद जांगड़ा 12 दिसंबर को रोहतक के महम शुगर मिल में गन्ना पेराई सत्र का शुभारंभ करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने मंच पर माइक संभाला तो किसान आंदोलन को लेकर तीखे आरोप लगाने शुरू कर दिए। जिसमें किसानों को कसाई-नशे के सौदागर से लेकर उनकी हैसियत तक पर सवाल खड़े कर दिए। जांगड़ा की किसान आंदोलन को लेकर कहीं अहम बातें… 1. पंजाब के नशेड़ियों ने हरियाणा में नशा फैलाया
सांसद जांगड़ा ने कहा था कि 2021 के बाद से गांव-गांव में बच्चे बेमौत मर रहे हैं। कोई नशे का इंजेक्शन लगा रहा तो कोई चिट्‌टा (हेरोइन), भुक्की, अफीम और कोकीन खा रहा। कई स्मैक भी पी रहे हैं। 2021 में एक साल तक टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के जो नशेड़ी बैठे रहे, उन्होंने सारा नशे का नेटवर्क हरियाणा प्रदेश में फैला दिया। 2. 700 लड़कियां गायब कीं, हत्या कर बीच सड़क टांगा
जांगड़ा ने CID रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि चाहे सीआईडी की रिपोर्ट पूछ लेना, सिंघु बॉर्डर व बहादुरगढ़ बॉर्डर के पास के गांव की 700 लड़कियां गायब हैं। वे कहां पर गई, यह किसी को पता नहीं। एक व्यक्ति की हत्या कर सड़क के बीच में टांग दिया। ये किसान नहीं, बल्कि कसाई हैं। 3. टिकैत 2 चुनाव हारे, चढ़ूनी भी हारे, इनकी हैसियत क्या है
राज्यसभा सांसद ने आगे कहा कि राकेश टिकैत ने दो चुनाव लड़े, यूपी में दोनों बार जमानत जब्त हुई। गुरनाम सिंह चढूनी ने अभी पिहोवा से चुनाव लड़ा। 1170 वोट मिले। इनकी हैसियत क्या है और लोगों को बहकाने के लिए आ जाते हैं। चंदा इकट्‌ठा करके ले जाते हैं। भाईचारा खराब करके कलायत चले जाते हैं। 4. आंदोलन से हरियाणा का ही नुकसान हुआ
जांगड़ा ने कहा था कि कुंडली बॉर्डर पर 100 फैक्ट्रियां बंद हो गईं। बहादुरगढ़ बॉर्डर पर एक साल तक 100 फैक्ट्रियां बंद हो गई। नुकसान किसका हुआ, हरियाणा प्रदेश का। भाईचारा किसका खराब हुआ, हमारा हुआ। चंदा हमारा गया, खीर-हलवे हमारे गए। बेटियां हमारी गायब हुईं और हमारे युवक नशे का शिकार हुए। इतना बड़ा नुकसान हमारे प्रदेश को सहन करना पड़ा। 5. आंदोलन में समय-पैसा बर्बाद करने की जरूरत नहीं
​​​​​​सांसद जांगड़ा ने कहा था कि इन लोगों से सचेत रहें और उन्हें बता दें कि प्रदेश में सैनी सरकार व केंद्र में मोदी सरकार इतना अच्छा काम कर रही है कि हमें कोई आंदोलन व धरना प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं। अपना समय व पैसा बर्बाद करने की जरूरत नहीं है। किसानों को कसाई और नशे का सौदागर कहने वाले हरियाणा के BJP सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने यू-टर्न ले लिया है। बयान पर मचे विवाद के बाद राज्यसभा सांसद ने सफाई में कहा कि उन्होंने ये सब किसानों के लिए नहीं कहा बल्कि किसान आंदोलन के आफ्टर इफैक्ट यानी बाद का असर बताते हुए कहा था। जांगड़ा ने कहा- ”मेरा दोषारोपण कोई ये नहीं था कि किसानों ने नशा फैलाया, किसानों ने लड़कियां गायब कीं। मेरा कहना ये था कि ये उस आंदोलन का आफ्टर इफैक्ट था। उस इफैक्ट के कारण ये ऐसी-ऐसी घटनाएं घट गईं। भविष्य में ऐसी घटनाएं न घटें, इसलिए हमारे किसान भाई इस तरह के आंदोलन के बजाय शांति से अपनी बात रखें। सरकार से वार्ता कर अपनी बात का निराकरण करें।” सफाई देते हुए सांसद ने कहीं ये बातें… ‘रोजगार के नाम पर बहकाकर ले आए’ विवादों में घिरने के बाद जब जांगड़ा से पूछा गया कि उन्होंने 700 लड़कियां गायब होने की बात कही तो यह आंकड़ा क्या उनके पास आधिकारिक तौर पर आया? इस सवाल के जवाब में जांगड़ा ने कहा- ” जैसे हम आसपास में गांवों में जाते हैं तो लोग कहते हैं कि उस समय बेरोजगारी का फायदा उठाकर गलत काम करने वाले लोगों ने 500-700 लड़कियां गायब कर दीं। आज भी खबरें आती हैं कि रोजगार के नाम पर बहकाकर ले आए। उन्हें बंधुआ मजदूर बना दिया। जांगड़ा बोले ह्यूमन ट्रैफिकिंग वालों ने आंदोलन का फायदा उठाया, मैंने कहा था कि किसान भाइयों को इन आंदोलनों से बचना चाहिए। आंदोलन का जो इफैक्ट होता है, उसके गलत परिणाम आ जाते हैं। ‘पंजाब में नशा पहले से, यहां नशेड़ी आए तो पैडलर भी आए’ जांगड़ा ने आगे कहा कि 2021 से पहले हरियाणा में बीड़ी-सिगरेट और शराब का नशा था। ये कोकीन, अफीम, स्मैक वगैरह और नशे के इंजेक्शन नहीं थे। पंजाब में पाकिस्तान की वजह से बॉर्डर स्टेट होने के कारण नशा आ गया था, तो नशेड़ी लोग आ जाते हैं तो उनकी पूर्ति के लिए डिमांड और सप्लाई चलती है। जब वे ड्रग पैडलर यहां आए तो उन्होंने देखा कि हरियाणा में भी मार्केट तलाश किया जा सकता है। पुलिस और प्रशासन आंदोलन में लगे थे तो उन लोगों को हरियाणा में नेटवर्क फैलाने का मौका मिल गया। इसके साथ ही सांसद बोले कि मैंने किसान भाइयों से अपील की कि कोई जायज मांग हो तो सीधे टेबल के ऊपर बैठकर समाधान करें। दिल्ली के बॉर्डर सील करने से बदनामी होती है। जनसभा में जांगड़ा ने की थी विवादित टिप्पणी
राज्यसभा सांसद जांगड़ा 12 दिसंबर को रोहतक के महम शुगर मिल में गन्ना पेराई सत्र का शुभारंभ करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने मंच पर माइक संभाला तो किसान आंदोलन को लेकर तीखे आरोप लगाने शुरू कर दिए। जिसमें किसानों को कसाई-नशे के सौदागर से लेकर उनकी हैसियत तक पर सवाल खड़े कर दिए। जांगड़ा की किसान आंदोलन को लेकर कहीं अहम बातें… 1. पंजाब के नशेड़ियों ने हरियाणा में नशा फैलाया
सांसद जांगड़ा ने कहा था कि 2021 के बाद से गांव-गांव में बच्चे बेमौत मर रहे हैं। कोई नशे का इंजेक्शन लगा रहा तो कोई चिट्‌टा (हेरोइन), भुक्की, अफीम और कोकीन खा रहा। कई स्मैक भी पी रहे हैं। 2021 में एक साल तक टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के जो नशेड़ी बैठे रहे, उन्होंने सारा नशे का नेटवर्क हरियाणा प्रदेश में फैला दिया। 2. 700 लड़कियां गायब कीं, हत्या कर बीच सड़क टांगा
जांगड़ा ने CID रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि चाहे सीआईडी की रिपोर्ट पूछ लेना, सिंघु बॉर्डर व बहादुरगढ़ बॉर्डर के पास के गांव की 700 लड़कियां गायब हैं। वे कहां पर गई, यह किसी को पता नहीं। एक व्यक्ति की हत्या कर सड़क के बीच में टांग दिया। ये किसान नहीं, बल्कि कसाई हैं। 3. टिकैत 2 चुनाव हारे, चढ़ूनी भी हारे, इनकी हैसियत क्या है
राज्यसभा सांसद ने आगे कहा कि राकेश टिकैत ने दो चुनाव लड़े, यूपी में दोनों बार जमानत जब्त हुई। गुरनाम सिंह चढूनी ने अभी पिहोवा से चुनाव लड़ा। 1170 वोट मिले। इनकी हैसियत क्या है और लोगों को बहकाने के लिए आ जाते हैं। चंदा इकट्‌ठा करके ले जाते हैं। भाईचारा खराब करके कलायत चले जाते हैं। 4. आंदोलन से हरियाणा का ही नुकसान हुआ
जांगड़ा ने कहा था कि कुंडली बॉर्डर पर 100 फैक्ट्रियां बंद हो गईं। बहादुरगढ़ बॉर्डर पर एक साल तक 100 फैक्ट्रियां बंद हो गई। नुकसान किसका हुआ, हरियाणा प्रदेश का। भाईचारा किसका खराब हुआ, हमारा हुआ। चंदा हमारा गया, खीर-हलवे हमारे गए। बेटियां हमारी गायब हुईं और हमारे युवक नशे का शिकार हुए। इतना बड़ा नुकसान हमारे प्रदेश को सहन करना पड़ा। 5. आंदोलन में समय-पैसा बर्बाद करने की जरूरत नहीं
​​​​​​सांसद जांगड़ा ने कहा था कि इन लोगों से सचेत रहें और उन्हें बता दें कि प्रदेश में सैनी सरकार व केंद्र में मोदी सरकार इतना अच्छा काम कर रही है कि हमें कोई आंदोलन व धरना प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं। अपना समय व पैसा बर्बाद करने की जरूरत नहीं है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर