जहां एक ओर किसान यूनियनों द्वारा आए दिन चुनाव प्रचार में आने वाले भाजपा के प्रत्याशियों का कड़ा विरोध किया जा रहा है वहीं करीब 48 डिग्री तापमान की भयंकर गर्मी में किसान यूनियन ने आज अबोहर के विधायक संदीप जाखड़ की कोठी के बाहर अनिश्चित कालीन धरना लगाया। धरने पर बैठे किसान यूनियन के नेता जगजीत सिंह व गोल्डी ममू खेड़ा बताया कि वे भाजपा का विरोध नहीं करते बल्कि वे तो भाजपा से अपने सवालों के जवाब चाहते हैं जिनसे भाजपा के लीडर भाग रहे हैं। वादे किए उनको पूरा नहीं किया उन्होंने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार ने किसानों से आज तक जो भी वादे किए उनको पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अब चुनाव का दिन बेहद निकट है इसलिए हर नागरिक अपने वोट का इस्तेमाल जरूर करे और अपने वोट देने से पहले राजनीतिक पार्टियों द्वारा किए गए झूठे वादों पर जरूर नजर डाले क्योंकि अपने पास अब सिर्फ वोट की ही ताकत है जिसका इस्तेमाल हम अपनी मर्जी से कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वोट देने से पहले किसान मोर्चे पर शहीद हुए 750 किसानों, खनौरी बार्डर पर पुलिस अत्याचार का शिकार हुए जखमियों, शहीद शुभकरण व लखीमपुर खीरी में शहीद हुए किसानों के बारे में जरूर सोचना क्योंकि इन किसानों ने अपने लिए नहीं बल्कि पंजाब की किसानी बचाने के लिए अपनी कुर्बानियां दी है। जहां एक ओर किसान यूनियनों द्वारा आए दिन चुनाव प्रचार में आने वाले भाजपा के प्रत्याशियों का कड़ा विरोध किया जा रहा है वहीं करीब 48 डिग्री तापमान की भयंकर गर्मी में किसान यूनियन ने आज अबोहर के विधायक संदीप जाखड़ की कोठी के बाहर अनिश्चित कालीन धरना लगाया। धरने पर बैठे किसान यूनियन के नेता जगजीत सिंह व गोल्डी ममू खेड़ा बताया कि वे भाजपा का विरोध नहीं करते बल्कि वे तो भाजपा से अपने सवालों के जवाब चाहते हैं जिनसे भाजपा के लीडर भाग रहे हैं। वादे किए उनको पूरा नहीं किया उन्होंने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार ने किसानों से आज तक जो भी वादे किए उनको पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अब चुनाव का दिन बेहद निकट है इसलिए हर नागरिक अपने वोट का इस्तेमाल जरूर करे और अपने वोट देने से पहले राजनीतिक पार्टियों द्वारा किए गए झूठे वादों पर जरूर नजर डाले क्योंकि अपने पास अब सिर्फ वोट की ही ताकत है जिसका इस्तेमाल हम अपनी मर्जी से कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वोट देने से पहले किसान मोर्चे पर शहीद हुए 750 किसानों, खनौरी बार्डर पर पुलिस अत्याचार का शिकार हुए जखमियों, शहीद शुभकरण व लखीमपुर खीरी में शहीद हुए किसानों के बारे में जरूर सोचना क्योंकि इन किसानों ने अपने लिए नहीं बल्कि पंजाब की किसानी बचाने के लिए अपनी कुर्बानियां दी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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शुभकरण की मौत की कमेटी करेगी जांच:याचिका खारिज; हरियाणा सरकार ने कहा- पुलिस का मनोबल गिरता है, SC ने किया इनकार सुप्रीम कोर्ट ने आज किसान नेता शुभकरण सिंह की मौत की जांच के पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की हरियाणा राज्य की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने हरियाणा सरकार की तरफ से दी गई दलील को गलत करार दिया। इसके साथ ही जांच, कमेटी द्वारा ही करवाने की बात कही। जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने कहा कि पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए गए बल के संबंध में कमेटी अपनी राय देगी। इसके आधार पर ही उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्णय लिया जाएगा। आज की कार्यवाही के दौरान हरियाणा राज्य की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि न्यायिक जांच कमेटी को सौंपे गए विषयों में से एक यह है कि क्या कम बल का इस्तेमाल किया जा सकता था। इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि इससे पुलिस का मनोबल गिरता है। इस पर, जस्टिस सूर्यकांत ने टिप्पणी की कि, कभी-कभी यह कभी-कभी उनके हाथों को भी मजबूत करता है। 21 फरवरी को गई थी शुभकरण की जान 13 फरवरी से किसान एमएसपी की गारंटी कानून लाने की मांग को लेकर पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर टिके हुए हैं। 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन करते समय शुभकरण सिंह की जान चली गई थी। किसानों का आरोप है कि हरियाणा पुलिस द्वारा चलाई गई गोली से शुभकरण की जान गई और परिवार ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई हरियाणा सरकार पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय पंजाब- हरियाणा सरकार व परिवार को सुनने के बाद न्यायिक कमेटी बनाने का निर्णय लिया था। इस आदेश में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जीएस संधवालिया और जस्टिस लपीता बनर्जी ने कहा कि जांच स्पष्ट कारणों से पंजाब या हरियाणा को नहीं सौंपी जा सकती है। उच्च न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति जयश्री ठाकुर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। जिसमें सहायता के लिए पंजाब के एडीजीपी प्रमोद बान और हरियाणा के एडीजीपी अमिताभ सिंह ढिल्लों को भी चुना गया। लेकिन हरियाणा सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई।
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पंजाब विधानसभा उपचुनाव में नामांकन का आखिरी दिन:डेरा बाबा नानक से जतिंदर, चब्बेवाल से सोहन सिंह भरेंगे नामांकन; SAD नहीं लड़ेगा चुनाव पंजाब में विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आज आखिरी दिन है। राज्य में 13 नवंबर को 4 विधानसभा सीटों डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल, गिद्दड़बाहा और बरनाला में उप-चुनाव होने जा रहे हैं। आज यानी शुक्रवार को पंजाब के कई बड़े नेता नामांकन दाखिल करेंगे। आज दोहपर के बाद नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी। अब 28 अक्टूबर को स्क्रूटनी कमेटी दस्तावेजों की जांच करेगी। पिछले 5 दिनों की बात करें तो चुनाव आयोग के पास 27 के करीब हलफनामे पहुंचे हैं। आज आखिरी दिन डेरा बाबा नानक और चब्बेवाल सीटों पर बड़े नेता नामांकन दाखिल करेंगे। इन पूरे चुनावों में अकाली दल की तरफ से चुनाव ना लड़ने का फैसला किया गया है। अब देखना होगा कि अकाली दल के कोर वोटर किस की तरफ झुकते हैं। हालांकि अकाली दल ने अभी तक ये साफ नहीं किया कि चुनावों से दूर रहते हुए किस पार्टी का साथ दिया जाएगा। पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री रहे सुखजिंदर रंधावा की पत्नी डॉ. रजिंदर कौर शुक्रवार डेरा बाबा नानक सीट से नामांकन दाखिल करेंगी। वहीं, आज भाजपा की तरफ से चब्बेवाल से घोषित उम्मीदवार सोहन सिंह ठंडल भी शुक्रवार ही नामांकन दाखिल करेंगे। गुरुवार कई नेताओं ने भरा नामांकन पंजाब के कई बड़े नेताओं ने गुरुवार इन उपचुनावों के लिए नामांकन दाखिल किया। बरनाला से भाजपा उम्मीदवार केवल ढिल्लों और कांग्रेस उम्मीदवार काला ढिल्लों ने नामांकन भरा। नामांकन से पहले दोनों ने रोड शो निकाला है। पंजाब की हॉट सीट बन चुकी गिद्दड़बाहा में पूर्व मंत्री मनप्रीत बादल ने बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवार अमृता वड़िंग ने नामांकन दाखिल किया है। इनके अलावा चब्बेवाला से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार डॉ. ईशाक, डेरा बाबा नानक से रवि करण सिंह काहलों, गिद्दड़बाहा से हरचरण सिंह बराड़ व आप उम्मीदवार हरदीप सिंह ने नामांकन भरा। अकाली दल ने चुनावों से किया किनारा पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने राज्य की चार सीटों पर होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव में कैंडिडेट्स नहीं उतारने का फैसला किया है। यह फैसला आज चंडीगढ़ में हुई पार्टी की कार्यसमिति और जिला प्रधानों की बैठक में लिया गया। पंजाब में वर्ष 1992 के बाद यह पहला मौका है जब अकाली दल ने राज्य में होने जा रहा कोई इलेक्शन नहीं लड़ने का फैसला किया है। पार्टी के इस फैसले की वजह पंथक संकट है।
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