किसान आंदोलन- SC बोला- आपसे कमेटी के जरिए बात करेंगे:डल्लेवाल पर कहा- हमने अनशन तोड़ने का नहीं बोला, जानबूझकर हालात बिगाड़े जा रहे

किसान आंदोलन- SC बोला- आपसे कमेटी के जरिए बात करेंगे:डल्लेवाल पर कहा- हमने अनशन तोड़ने का नहीं बोला, जानबूझकर हालात बिगाड़े जा रहे

हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 38 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने फिर पंजाब सरकार पर सख्त रुख दिखाया। कोर्ट ने कहा कि जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। हमने कभी अनशन तोड़ने को नहीं कहा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। इस केस में डल्लेवाल की दोस्त एडवोकेट गुनिंदर कौर गिल ने पार्टी बनने की याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- “कृपया टकराव के बारे में न सोचें, हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते।” कोर्ट ने यह भी कहा कि हमें डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश की कंप्लायंस रिपोर्ट चाहिए। सुनवाई के दौरान पंजाब के DGP और चीफ सेक्रेटरी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहे। अब 6 जनवरी (सोमवार) को डल्लेवाल मामले और हरियाणा सरकार की शंभू बॉर्डर खोलने के खिलाफ दायर पिटीशन पर भी सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दलीलें… जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच में सुनवाई हुई। कोर्ट को बताया गया कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की दोस्त एडवोकेट गुनिंदर कौर ने याचिका दायर की है। कोर्ट हरियाणा सरकार के शंभू बॉर्डर खोलने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इसमें 2 और याचिका आईं हैं। जस्टिस सूर्यकांत: मैडम गिल, आप महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। कृपया टकराव के बारे में न सोचें। हमारे पास पूर्व जजों की एक कमेटी है, जो पंजाब से हैं…वे सभी विद्वान साथी हैं। अब वह कमेटी आ गई है…हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते। SG तुषार मेहता: हम एक व्यक्ति की सेहत तक सीमित हैं। केंद्र सरकार किसानों के बारे में चिंतित है। नई याचिका (डल्लेवाल की) पर नोटिस जारी करने की बजाय..वे मुझे याचिका देते हैं। एडवोकेट गिल: प्रस्ताव (पिछले किसान आंदोलन के खत्म होते समय तैयार) के अनुसार, इसकी आखिरी लाइनों से पता चलता है कि 5 लंबित मांगों को हल करने की गारंटी थी। यह एक कमिटमेंट और वादा था, जिस वजह से किसानों ने अपना आंदोलन वापस लिया। एडवोकेट गिल: एक के बाद एक कमेटियां हैं। SG तुषार मेहता: कोर्ट की नियुक्त कमेटी की हंसी न उड़ाएं। पंजाब के AG गुरमिंदर सिंह: हमारी मेडिकल टीम डल्लेवाल के लिए मौके पर है। मुझे जमीनी हालात से अवगत कराना चाहिए..। जस्टिस सूर्यकांत: आपके मीडिया द्वारा जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। हमारा निर्देश यह नहीं था कि वह अपना अनशन तोड़ दें..। जस्टिस सूर्यकांत: हमारी चिंता यह थी कि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे। पंजाब AG: यहां मुद्दा यह है कि हमने उन्हें मेडिकल मदद लेने के लिए मनाने की कोशिश की। उन्होंने मीडिया को बताया कि यह राज्य का काम नहीं है। वह सशर्त मेडिकल मदद स्वीकार करेंगे। जस्टिस सूर्यकांत: क्या आपने कभी किसानों को बताने की कोशिश की कि हमने उनके लिए एक कमेटी बनाई है। आपका रवैया सुलह करवाने का नहीं है। जस्टिस सूर्यकांत: वहां कुछ लोग हैं, जो गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं, तथाकथित किसान नेता..। पंजाब AG: हम इसे चेक करेंगे। हम ग्राउंड पर हैं। थोड़ा और टाइम दीजिए। हमारे अफसर यहां हैं। जस्टिस सूर्यकांत: अगर अफसर यहां हैं तो हमें उम्मीद है कि हमारा मैसेज उनके पास पहुंच गया होगा। पंजाब AG: हमें कुछ और टाइम दीजिए, हम हालात संभालने की कोशिश कर रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत: हम सोमवार (13 जनवरी) को सुनवाई करेंगे। हमे आदेश लागू करने यानी कंप्लायंस रिपोर्ट चाहिए।कोर्ट ने कहा कि सोमवार डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश लागू न करने की अवमानना याचिका के साथ हरियाणा सरकार के शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर भी सुनवाई होगी। 30 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 3 दिन का टाइम दिया था
इससे पहले 30 दिसंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए 3 दिन का टाइम दिया था। इस दौरान पंजाब सरकार ने कहा था कि एक मध्यस्थ ने आवेदन दिया है कि अगर केंद्र हस्तक्षेप करता है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया था। बुधवार को पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने किसानों से लगातार मीटिंग की। अधिकारियों ने बताया कि अच्छे माहौल में बातचीत हुई है। उधर, डॉक्टरों के जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक डल्लेवाल को बोलने में भी परेशानी हो रही है। पंधेर बोले- डल्लेवाल का अनशन जारी रहेगा
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि डल्लेवाल के अनशन को 38 दिन हो गए हैं। ये अनशन बातचीत करने के लिए नहीं बल्कि मांगे मनवाने के लिए शुरू किया है। ये अनशन इसी तरह से जारी रहेगा। जल्द ही दिल्ली कूच का फिर से ऐलान किया जाएगा। 4 जनवरी को बड़ी पंचायत खनौरी में होगी। 17 दिन में सुप्रीम कोर्ट में 5 सुनवाई, पढ़िए इन सुनवाई में क्या हुआ…. 1. डल्लेवाल पापुलर पर्सनैलिटी, ढिलाई न बरती जाए
17 दिसंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल की हालत को देखते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। वह पापुलर पर्सनैलिटी हैं। इसमें ढिलाई नहीं बरती जा सकती है। पंजाब सरकार को हालात संभालने होंगे। 2. पंजाब सरकार ने कहा- डल्लेवाल की सेहत ठीक
18 दिसंबर की सुनवाई में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल की सेहत ठीक है। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल की तबीयत सही बता रहा है? उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई। 3. पंजाब सरकार अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं कर रही
19 दिसंबर की सुनवाई में कोर्ट ने चिंता जताई कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं कराती? यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है तो अधिकारी निर्णय लेंगे। 4. अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना
28 दिसंबर की सुनवाई में कोर्ट ने सख्त रुख दिखाया। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि पहले आप समस्या पैदा करते हैं, फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते। केंद्र की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करें। इसमें किसानों के विरोध पर कोर्ट ने कहा कि किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। किस तरह के किसान नेता हैं जो चाहते हैं कि डल्लेवाल मर जाएं? डल्लेवाल पर दबाव दिखता है। जो लोग उनका अस्पताल में भर्ती होने का विरोध कर रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हैं। 5. सरकार ने 3 दिन का समय मांगा
30 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा एक मध्यस्थ ने भी आवेदन दिया है जिसमें कहा गया है कि अगर यूनियन हस्तक्षेप करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया। किसानों की आगामी रणनीति क्या… 4 जनवरी को 2 लाख से अधिक किसान पहुंचेंगे
4 जनवरी को खनौरी मोर्चे पर होने वाली किसान महापंचायत की तैयारी शुरू हो गई है। किसान नेताओं ने कहा कि 2 लाख से अधिक किसान मोर्चे पर पहुंचेंगे। डल्लेवाल अपना जरूरी संदेश खनौरी मोर्चे से देंगे। सभी किसानों को मोर्चे पर सुबह 10 बजे तक पहुंचना है। 6 को शंभू बॉर्डर पर मनाएंगे प्रकाश पर्व
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर के नेतृत्व में बुधवार को शंभू बॉर्डर पर किसानों की बैठक हुई। मीटिंग में तय हुआ है कि 6 जनवरी को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व शंभू बॉर्डर पर मनाया जाएगा। ऐसे में पटियाला के नजदीक के गांवों से अपील की जा रही है कि अधिक से अधिक लोग मोर्चे में पहुंचे। ——————— किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान बोले- सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला देगा हमें स्वीकार होगा किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जो भी आदेश जारी किए जाएंगे, वह उसका पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह हर मंगलवार को किसानों से मुलाकात करते रहते हैं। पूरी खबर पढ़ें… हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 38 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने फिर पंजाब सरकार पर सख्त रुख दिखाया। कोर्ट ने कहा कि जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। हमने कभी अनशन तोड़ने को नहीं कहा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। इस केस में डल्लेवाल की दोस्त एडवोकेट गुनिंदर कौर गिल ने पार्टी बनने की याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- “कृपया टकराव के बारे में न सोचें, हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते।” कोर्ट ने यह भी कहा कि हमें डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश की कंप्लायंस रिपोर्ट चाहिए। सुनवाई के दौरान पंजाब के DGP और चीफ सेक्रेटरी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहे। अब 6 जनवरी (सोमवार) को डल्लेवाल मामले और हरियाणा सरकार की शंभू बॉर्डर खोलने के खिलाफ दायर पिटीशन पर भी सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दलीलें… जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच में सुनवाई हुई। कोर्ट को बताया गया कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की दोस्त एडवोकेट गुनिंदर कौर ने याचिका दायर की है। कोर्ट हरियाणा सरकार के शंभू बॉर्डर खोलने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इसमें 2 और याचिका आईं हैं। जस्टिस सूर्यकांत: मैडम गिल, आप महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। कृपया टकराव के बारे में न सोचें। हमारे पास पूर्व जजों की एक कमेटी है, जो पंजाब से हैं…वे सभी विद्वान साथी हैं। अब वह कमेटी आ गई है…हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते। SG तुषार मेहता: हम एक व्यक्ति की सेहत तक सीमित हैं। केंद्र सरकार किसानों के बारे में चिंतित है। नई याचिका (डल्लेवाल की) पर नोटिस जारी करने की बजाय..वे मुझे याचिका देते हैं। एडवोकेट गिल: प्रस्ताव (पिछले किसान आंदोलन के खत्म होते समय तैयार) के अनुसार, इसकी आखिरी लाइनों से पता चलता है कि 5 लंबित मांगों को हल करने की गारंटी थी। यह एक कमिटमेंट और वादा था, जिस वजह से किसानों ने अपना आंदोलन वापस लिया। एडवोकेट गिल: एक के बाद एक कमेटियां हैं। SG तुषार मेहता: कोर्ट की नियुक्त कमेटी की हंसी न उड़ाएं। पंजाब के AG गुरमिंदर सिंह: हमारी मेडिकल टीम डल्लेवाल के लिए मौके पर है। मुझे जमीनी हालात से अवगत कराना चाहिए..। जस्टिस सूर्यकांत: आपके मीडिया द्वारा जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। हमारा निर्देश यह नहीं था कि वह अपना अनशन तोड़ दें..। जस्टिस सूर्यकांत: हमारी चिंता यह थी कि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे। पंजाब AG: यहां मुद्दा यह है कि हमने उन्हें मेडिकल मदद लेने के लिए मनाने की कोशिश की। उन्होंने मीडिया को बताया कि यह राज्य का काम नहीं है। वह सशर्त मेडिकल मदद स्वीकार करेंगे। जस्टिस सूर्यकांत: क्या आपने कभी किसानों को बताने की कोशिश की कि हमने उनके लिए एक कमेटी बनाई है। आपका रवैया सुलह करवाने का नहीं है। जस्टिस सूर्यकांत: वहां कुछ लोग हैं, जो गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं, तथाकथित किसान नेता..। पंजाब AG: हम इसे चेक करेंगे। हम ग्राउंड पर हैं। थोड़ा और टाइम दीजिए। हमारे अफसर यहां हैं। जस्टिस सूर्यकांत: अगर अफसर यहां हैं तो हमें उम्मीद है कि हमारा मैसेज उनके पास पहुंच गया होगा। पंजाब AG: हमें कुछ और टाइम दीजिए, हम हालात संभालने की कोशिश कर रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत: हम सोमवार (13 जनवरी) को सुनवाई करेंगे। हमे आदेश लागू करने यानी कंप्लायंस रिपोर्ट चाहिए।कोर्ट ने कहा कि सोमवार डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश लागू न करने की अवमानना याचिका के साथ हरियाणा सरकार के शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर भी सुनवाई होगी। 30 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 3 दिन का टाइम दिया था
इससे पहले 30 दिसंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए 3 दिन का टाइम दिया था। इस दौरान पंजाब सरकार ने कहा था कि एक मध्यस्थ ने आवेदन दिया है कि अगर केंद्र हस्तक्षेप करता है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया था। बुधवार को पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने किसानों से लगातार मीटिंग की। अधिकारियों ने बताया कि अच्छे माहौल में बातचीत हुई है। उधर, डॉक्टरों के जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक डल्लेवाल को बोलने में भी परेशानी हो रही है। पंधेर बोले- डल्लेवाल का अनशन जारी रहेगा
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि डल्लेवाल के अनशन को 38 दिन हो गए हैं। ये अनशन बातचीत करने के लिए नहीं बल्कि मांगे मनवाने के लिए शुरू किया है। ये अनशन इसी तरह से जारी रहेगा। जल्द ही दिल्ली कूच का फिर से ऐलान किया जाएगा। 4 जनवरी को बड़ी पंचायत खनौरी में होगी। 17 दिन में सुप्रीम कोर्ट में 5 सुनवाई, पढ़िए इन सुनवाई में क्या हुआ…. 1. डल्लेवाल पापुलर पर्सनैलिटी, ढिलाई न बरती जाए
17 दिसंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल की हालत को देखते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। वह पापुलर पर्सनैलिटी हैं। इसमें ढिलाई नहीं बरती जा सकती है। पंजाब सरकार को हालात संभालने होंगे। 2. पंजाब सरकार ने कहा- डल्लेवाल की सेहत ठीक
18 दिसंबर की सुनवाई में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल की सेहत ठीक है। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल की तबीयत सही बता रहा है? उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई। 3. पंजाब सरकार अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं कर रही
19 दिसंबर की सुनवाई में कोर्ट ने चिंता जताई कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं कराती? यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है तो अधिकारी निर्णय लेंगे। 4. अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना
28 दिसंबर की सुनवाई में कोर्ट ने सख्त रुख दिखाया। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि पहले आप समस्या पैदा करते हैं, फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते। केंद्र की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करें। इसमें किसानों के विरोध पर कोर्ट ने कहा कि किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। किस तरह के किसान नेता हैं जो चाहते हैं कि डल्लेवाल मर जाएं? डल्लेवाल पर दबाव दिखता है। जो लोग उनका अस्पताल में भर्ती होने का विरोध कर रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हैं। 5. सरकार ने 3 दिन का समय मांगा
30 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा एक मध्यस्थ ने भी आवेदन दिया है जिसमें कहा गया है कि अगर यूनियन हस्तक्षेप करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया। किसानों की आगामी रणनीति क्या… 4 जनवरी को 2 लाख से अधिक किसान पहुंचेंगे
4 जनवरी को खनौरी मोर्चे पर होने वाली किसान महापंचायत की तैयारी शुरू हो गई है। किसान नेताओं ने कहा कि 2 लाख से अधिक किसान मोर्चे पर पहुंचेंगे। डल्लेवाल अपना जरूरी संदेश खनौरी मोर्चे से देंगे। सभी किसानों को मोर्चे पर सुबह 10 बजे तक पहुंचना है। 6 को शंभू बॉर्डर पर मनाएंगे प्रकाश पर्व
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर के नेतृत्व में बुधवार को शंभू बॉर्डर पर किसानों की बैठक हुई। मीटिंग में तय हुआ है कि 6 जनवरी को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व शंभू बॉर्डर पर मनाया जाएगा। ऐसे में पटियाला के नजदीक के गांवों से अपील की जा रही है कि अधिक से अधिक लोग मोर्चे में पहुंचे। ——————— किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान बोले- सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला देगा हमें स्वीकार होगा किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जो भी आदेश जारी किए जाएंगे, वह उसका पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह हर मंगलवार को किसानों से मुलाकात करते रहते हैं। पूरी खबर पढ़ें…   हरियाणा | दैनिक भास्कर