किसान महापंचायतों को कामयाब बनाने की स्ट्रेटजी में जुटे:14 को केंद्र सरकार से मीटिंग, डल्लेवाल का अनशन 72वें दिन में दाखिल

किसान महापंचायतों को कामयाब बनाने की स्ट्रेटजी में जुटे:14 को केंद्र सरकार से मीटिंग, डल्लेवाल का अनशन 72वें दिन में दाखिल

पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को 13 फरवरी को एक साल पूरा होने वाला है। ऐसे में किसानों ने अब अपनी पूरी ताकत 11 से 13 फरवरी तक आयोजित की जाने वाली किसान महापंचायतों की कामयाबी पर लगा दी है, क्योंकि 14 फरवरी को चंडीगढ़ में किसानों की केंद्र सरकार से मीटिंग है। काफी संख्या में किसान भी दोनों बार्डरों पर पहुंचना शुरू हो गए हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज 72वें दिन में दाखिल हो गया है। उनकी स्थिति में थोड़ा सुधार है। वह पानी के सहारे चल रहे हैं। किसी तरह की कोई चीज खा पी नहीं रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार से मीटिंग का न्योता मिलने के बाद किसान नेताओं के कहने पर उन्होंने मेडिकल सुविधा जरूर लेना शुरू कर दी है। वहीं, डॉक्टरों की टीमें उनकी सेहत पर नजर रख रही हैं। छह से जल लेकर आएंगे खनौरी जगजीत सिंह डल्लेवाल अब किसानों द्वारा अपने खेतों से लाए जा रहे पानी को ही पी रहे हैं। मंगलवार को हरियाणा के 50 गांवों के किसान अपने खेतों के टयूबवेल का जल लेकर खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे थे । जबकि 6, 8 और 10 फरवरी को हरियाणा के किसानों के बड़े जत्थे जल लेकर खनौरी मोर्चे पर पहुंचेंगे। बॉर्डर पर पहुंचे किसान नेताओं ने बताया कि डल्लेवाल 71 दिनों से सिर्फ जल ग्रहण कर के अपने शरीर पर कष्ट झेल रहे हैं ताकि किसानों की जमीन एवम किसानों की अगली पीढ़ी को बचाया जा सके। किसानों की भावना है कि उन्हीं खेतों का पवित्र जल जगजीत सिंह डल्लेवाल ग्रहण करें जिन्हें बचाने के लिए वो सत्याग्रह कर रहे हैं। किसान नेताओं ने कहा कि यह सिर्फ जल नहीं है बल्कि उन हजारों किसानों की भावनाएं हैं। जिन्हें यह महसूस होता है कि MSP गारंटी कानून बनवाने के लिए चल रहे किसान आंदोलन – 2 में सहयोग करना जरूरी है। किसान नेताओं ने सभी किसानों से अपील की है कि 11 फरवरी को रत्नपुरा, 12 फरवरी को खनौरी और 13 फरवरी को शम्भू मोर्चे पर आयोजित महापंचायतों में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचना है। एसकेएम भी संघर्ष की तैयारी में दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा भी अब केंद्र सरकार के खिलाफ अब दोबारा एक्टिव हो रहा है। केंद्रीय कृषि मार्केटिंग पॉलिसी ड्रॉफ्ट के खिलाफ पूरे देश में किसान नौ फरवरी को लोकसभा व राज्यसभा के सांसदों को मांग पत्र सौंपेंगे।15 फरवरी को एसकेएम कीअहम मीटिंग चंडीगढ़ में होगी। इसमें कैसे आगे संघर्ष चलाया जाना है। ,इस पर रणनीति तय की जाएगी। दूसरी तरफ मोर्चे की एकता के लिए भी प्रयास चल रहे है। एसकेएम की तरफ से खनौरी व शंभू मोर्चे को एकता के लिए पत्र भेजा गया है। लेकिन अभी तक मीटिंग कब होगी, इस पर निर्णय नहीं हो पाया है। एसकेएम ने 12 फरवरी का समय दिया है। किसानों के 597 पारिवारिक मेंबरों को नौकरी दी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन एक में जान गंवाने वाले किसानों के पारिवारिक मेंबरों काे पंजाब सरकार द्वारा नौकरी मुहैया करवाई जा रही हैं। अब तक किसानों के 597 पारिवारिक सदस्यों को नौकरियां दी गई हैं। कृषि मंत्री ने बताया कि गुरमीत सिंह खुड्डिया ने बताया कि काफी समय से प्रक्रिया चल रही है। इन लोगों को कई विभागों में नौकरियां दी गई है। पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को 13 फरवरी को एक साल पूरा होने वाला है। ऐसे में किसानों ने अब अपनी पूरी ताकत 11 से 13 फरवरी तक आयोजित की जाने वाली किसान महापंचायतों की कामयाबी पर लगा दी है, क्योंकि 14 फरवरी को चंडीगढ़ में किसानों की केंद्र सरकार से मीटिंग है। काफी संख्या में किसान भी दोनों बार्डरों पर पहुंचना शुरू हो गए हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज 72वें दिन में दाखिल हो गया है। उनकी स्थिति में थोड़ा सुधार है। वह पानी के सहारे चल रहे हैं। किसी तरह की कोई चीज खा पी नहीं रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार से मीटिंग का न्योता मिलने के बाद किसान नेताओं के कहने पर उन्होंने मेडिकल सुविधा जरूर लेना शुरू कर दी है। वहीं, डॉक्टरों की टीमें उनकी सेहत पर नजर रख रही हैं। छह से जल लेकर आएंगे खनौरी जगजीत सिंह डल्लेवाल अब किसानों द्वारा अपने खेतों से लाए जा रहे पानी को ही पी रहे हैं। मंगलवार को हरियाणा के 50 गांवों के किसान अपने खेतों के टयूबवेल का जल लेकर खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे थे । जबकि 6, 8 और 10 फरवरी को हरियाणा के किसानों के बड़े जत्थे जल लेकर खनौरी मोर्चे पर पहुंचेंगे। बॉर्डर पर पहुंचे किसान नेताओं ने बताया कि डल्लेवाल 71 दिनों से सिर्फ जल ग्रहण कर के अपने शरीर पर कष्ट झेल रहे हैं ताकि किसानों की जमीन एवम किसानों की अगली पीढ़ी को बचाया जा सके। किसानों की भावना है कि उन्हीं खेतों का पवित्र जल जगजीत सिंह डल्लेवाल ग्रहण करें जिन्हें बचाने के लिए वो सत्याग्रह कर रहे हैं। किसान नेताओं ने कहा कि यह सिर्फ जल नहीं है बल्कि उन हजारों किसानों की भावनाएं हैं। जिन्हें यह महसूस होता है कि MSP गारंटी कानून बनवाने के लिए चल रहे किसान आंदोलन – 2 में सहयोग करना जरूरी है। किसान नेताओं ने सभी किसानों से अपील की है कि 11 फरवरी को रत्नपुरा, 12 फरवरी को खनौरी और 13 फरवरी को शम्भू मोर्चे पर आयोजित महापंचायतों में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचना है। एसकेएम भी संघर्ष की तैयारी में दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा भी अब केंद्र सरकार के खिलाफ अब दोबारा एक्टिव हो रहा है। केंद्रीय कृषि मार्केटिंग पॉलिसी ड्रॉफ्ट के खिलाफ पूरे देश में किसान नौ फरवरी को लोकसभा व राज्यसभा के सांसदों को मांग पत्र सौंपेंगे।15 फरवरी को एसकेएम कीअहम मीटिंग चंडीगढ़ में होगी। इसमें कैसे आगे संघर्ष चलाया जाना है। ,इस पर रणनीति तय की जाएगी। दूसरी तरफ मोर्चे की एकता के लिए भी प्रयास चल रहे है। एसकेएम की तरफ से खनौरी व शंभू मोर्चे को एकता के लिए पत्र भेजा गया है। लेकिन अभी तक मीटिंग कब होगी, इस पर निर्णय नहीं हो पाया है। एसकेएम ने 12 फरवरी का समय दिया है। किसानों के 597 पारिवारिक मेंबरों को नौकरी दी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन एक में जान गंवाने वाले किसानों के पारिवारिक मेंबरों काे पंजाब सरकार द्वारा नौकरी मुहैया करवाई जा रही हैं। अब तक किसानों के 597 पारिवारिक सदस्यों को नौकरियां दी गई हैं। कृषि मंत्री ने बताया कि गुरमीत सिंह खुड्डिया ने बताया कि काफी समय से प्रक्रिया चल रही है। इन लोगों को कई विभागों में नौकरियां दी गई है।   पंजाब | दैनिक भास्कर