भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर और बीसीसीआई चयन समिति के सदस्य कुरुक्षेत्र के पिहोवा स्थित सरस्वती तीर्थ पहुंचे। विकेटकीपर और बल्लेबाज अजय रात्रा ने अपने पिता ओम प्रकाश रात्रा की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया और उनकी मोक्ष प्राप्ति के लिए पूजा-अर्चना करवाई। अजय रात्रा के साथ उनके छोटे भाई संजय रात्रा और चाचा सुजान रात्रा भी मौजूद रहे। तीर्थ पुरोहित पंडित देवदत्त मुदगिल ने सरस्वती तीर्थ पर उनके पिता के लिए विधिवत तर्पण और अनुष्ठान संपन्न कराया। उनके पिता ओम प्रकाश रात्रा का पिछले महीने 14 जनवरी को निधन हो गया था। 20 साल की उम्र में टेस्ट शतक बनाने वाले विकेट कीपर अजय रात्रा टेस्ट क्रिकेट में शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के विकेट कीपर थे। उन्होंने मात्र 20 साल की उम्र में शतक जड़ा था। इसके अलावा विदेशी धरती पर शतक बनाने वाले पहले भारतीय विकेट कीपर थे। साल 2002 में चोटिल होने के बाद, उनकी जगह पार्थिव पटेल को टीम में शामिल किया गया था। 19 जनवरी 2002 को इंग्लैंड के खिलाफ रात्रा ने अपना वनडे डेब्यू किया था। जुलाई 2015 में उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। सरस्वती तीर्थ का महत्व सरस्वती तीर्थ मुक्ति धाम के नाम से विश्व विख्यात है। देश-विदेश से लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण करने आते हैं। इस तीर्थ का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। चैत्र में यहां चैत्र चौदस का मेला लगता है, जिसमें 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए आते हैं। यहां तीर्थ पुरोहितों के पास विभिन्न समुदाय की वंशावली का 300 साल से ज्यादा का रिकॉर्ड बहियार में दर्ज है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर और बीसीसीआई चयन समिति के सदस्य कुरुक्षेत्र के पिहोवा स्थित सरस्वती तीर्थ पहुंचे। विकेटकीपर और बल्लेबाज अजय रात्रा ने अपने पिता ओम प्रकाश रात्रा की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया और उनकी मोक्ष प्राप्ति के लिए पूजा-अर्चना करवाई। अजय रात्रा के साथ उनके छोटे भाई संजय रात्रा और चाचा सुजान रात्रा भी मौजूद रहे। तीर्थ पुरोहित पंडित देवदत्त मुदगिल ने सरस्वती तीर्थ पर उनके पिता के लिए विधिवत तर्पण और अनुष्ठान संपन्न कराया। उनके पिता ओम प्रकाश रात्रा का पिछले महीने 14 जनवरी को निधन हो गया था। 20 साल की उम्र में टेस्ट शतक बनाने वाले विकेट कीपर अजय रात्रा टेस्ट क्रिकेट में शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के विकेट कीपर थे। उन्होंने मात्र 20 साल की उम्र में शतक जड़ा था। इसके अलावा विदेशी धरती पर शतक बनाने वाले पहले भारतीय विकेट कीपर थे। साल 2002 में चोटिल होने के बाद, उनकी जगह पार्थिव पटेल को टीम में शामिल किया गया था। 19 जनवरी 2002 को इंग्लैंड के खिलाफ रात्रा ने अपना वनडे डेब्यू किया था। जुलाई 2015 में उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। सरस्वती तीर्थ का महत्व सरस्वती तीर्थ मुक्ति धाम के नाम से विश्व विख्यात है। देश-विदेश से लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण करने आते हैं। इस तीर्थ का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। चैत्र में यहां चैत्र चौदस का मेला लगता है, जिसमें 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए आते हैं। यहां तीर्थ पुरोहितों के पास विभिन्न समुदाय की वंशावली का 300 साल से ज्यादा का रिकॉर्ड बहियार में दर्ज है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में फर्जी डॉक्यूमेंट से डॉक्टरों ने ली एनओसी:मध्यप्रदेश और उड़ीसा भेजी HMC की जांच में खुलासा; 5 के रजिस्ट्रेशन किए रद्द हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने वाले डॉक्टरों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। ऐसे ही 7 डॉक्टरों की एनओसी फर्जी मिलने पर काउंसिल की तरफ से कार्रवाई अमल में लाई गई है। एचएमसी ने 5 डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है, 2 का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी चल रही है। बाकायदा इन सभी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी। जिसे लेकर काउंसिल की तरफ से डीजीएचएस डॉ. मनीष बंसल और डा. कुलदीप को भी जानकारी मुहैया करवा दी गई है। इस पूरे फर्जीवाड़े की पोल काउंसिल के चेयरमैन डॉ. आरके अनेजा ने गहन जांच के बाद खोली है। जिसके तहत अब उन्होंने पुलिस को एफआईआर के लिए पत्र भी लिखा है। ऐसे ही एक अन्य मामले में भी काउंसिल ने लीगल ओपिनियन के लिए केस भेजा है, जिस पर राय मिलते ही डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इन डॉक्टरों का रद हुआ रजिस्ट्रेशन हरियाणा मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. मनदीप सचेदवा ने बताया कि जिन 5 डॉक्टरों ने फर्जी एनओसी के बल पर रजिस्ट्रेशन के लिए काउंसिल के पास आवेदन किया था। उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। इनमें डॉ. प्रवेश कुमार ने फर्जी एनओसी दी थी, जिसकी मध्य प्रदेश से सत्यता पता लगाई गई। मध्य प्रदेश ने यह एनओसी फर्जी होने की बात कही। इसी तरह से डॉ. अंकित त्यागी की फर्जी एनओसी को पता लगाने के लिए एमएमयू मुलाना भेजा गया था। जहां से उसके फर्जी होने का पता चला। डॉ. शत्रुघन यादव की एनओसी को मध्य प्रदेश ने फर्जी बताया है। डॉ. प्रदीप कुमार जयसवाल की एनओसी को एमएमयू मुलाना ने फर्जी बताया है। इसके अलावा डॉ. कुनाल की एनओसी को भी उड़ीसा ने फर्जी बताया है। हेल्थ मिनिस्टर के निर्देश पर शुरू हुई जांच हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने यह जांच हेल्थ मिनिस्टर आरती राव के निर्देश पर शुरू की है। जांच के दौरान काउंसिल के पास रजिस्ट्रेशन के लिए पहुंचने वाली हर एनओसी की सत्यता का पता लगाया जाता है, जिसके बाद ही चिकित्सकों को रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। बाकायदा काउंसिल की कार्रवाई से डीजीएचएस को भी जानकारी दी जाती है। फर्जी डॉक्टरों के गैंग का पता लगाएगी काउंसिल मामले में काउंसिल से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अगर किसी की एनओसी फर्जी पाई जाती है तो एक तरह से वह फर्जी डॉक्टर ही होता है। काउंसिल आगे इस निष्कर्ष तक भी पहुंचने का प्रयास करेगी कि आखिर ऐसे गलत लोगों को फर्जी एनओसी कौन जारी करता और इसमें कौन लोग शामिल हैं। जांच के बाद ही रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।