कुरुक्षेत्र के थानेसर में नगर परिषद (नप) का चुनाव 33 महीने के लंबे अंतराल के बाद होगा। थानेसर में वार्डबंदी के कारण समय पर चुनाव नहीं हो पाया है। अब नई वार्डबंदी के मुताबिक थानेसर में 31 की जगह 32 वार्डों हो गए हैं। पहली बार नगर परिषद अध्यक्ष का पद अनुसूचित वर्ग (SC) की महिला के लिए आरक्षित हुआ है। दरअसल, जून 2022 में प्रदेश भर में नगर परिषद और नगर पालिका के अध्यक्ष पद और पार्षदों के लिए चुनाव हुए थे। मगर थानेसर में वार्डबंदी का कार्य पूरा नहीं होने पर चुनाव नहीं हआ था। करीब डेढ़ साल बाद वार्डबंदी पूरी हुई। इसमें 31 की जगह 32 वार्ड बनाए गए। जिसमें पिपली, अंसल सिटी, सुशांत सिटी और उमरी रोड सहित कई अन्य इलाके नगर परिषद की सीमा में आने के बाद वार्डबंदी में बदलाव हुआ है। 2 मार्च को मतदान नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी (EO) अभय यादव ने कहा कि 2 मार्च को मतदान होगा। सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदाता अपनी वोट डाल सकेंगे। इसके बाद 12 मार्च को सुबह 8 बजे मतगणना का कार्य शुरू होगा तथा उसी दिन मतगणना का परिणाम घोषित किया जाएगा। करीब दाे महीने पहले 32 वार्डों के मतदाताओं की सूची जारी की गई थी। बता दें कि प्रदेश में साल 2022 में 19 जून को निकाय चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी। 22 जून को मतगणना के साथ ही परिणाम घोषित कर दिया था, मगर थानेसर नगर परिषद का चुनाव नहीं हुआ था। अब करीब 33 महीने के बाद नगर परिषद के चुनाव होने से मतदाताओं समेत उम्मीदवारों के चेहरे खिले हुए हैं। चुनाव को लेकर उनमें अलग ही जोश और उत्साह है। सुभाष सुधा थे पहले अध्यक्ष थानेसर नगर परिषद साल 1995 में बनी थी, जिसके पहले अध्यक्ष सुभाष सुधा (पूर्व शहरी स्थानीय निकाय राज्यमंत्री) बने थे। इसके बाद वर्ष 2000 में कांता सिंगला वर्ष 2005, 2011 और 2016 में उमा सुधा नगर परिषद की अध्यक्ष चुनी गई थीं। निवर्तमान अध्यक्ष उमा सुधा का कार्यकाल 25 मई 2021 को खत्म हो गया था। कुरुक्षेत्र के थानेसर में नगर परिषद (नप) का चुनाव 33 महीने के लंबे अंतराल के बाद होगा। थानेसर में वार्डबंदी के कारण समय पर चुनाव नहीं हो पाया है। अब नई वार्डबंदी के मुताबिक थानेसर में 31 की जगह 32 वार्डों हो गए हैं। पहली बार नगर परिषद अध्यक्ष का पद अनुसूचित वर्ग (SC) की महिला के लिए आरक्षित हुआ है। दरअसल, जून 2022 में प्रदेश भर में नगर परिषद और नगर पालिका के अध्यक्ष पद और पार्षदों के लिए चुनाव हुए थे। मगर थानेसर में वार्डबंदी का कार्य पूरा नहीं होने पर चुनाव नहीं हआ था। करीब डेढ़ साल बाद वार्डबंदी पूरी हुई। इसमें 31 की जगह 32 वार्ड बनाए गए। जिसमें पिपली, अंसल सिटी, सुशांत सिटी और उमरी रोड सहित कई अन्य इलाके नगर परिषद की सीमा में आने के बाद वार्डबंदी में बदलाव हुआ है। 2 मार्च को मतदान नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी (EO) अभय यादव ने कहा कि 2 मार्च को मतदान होगा। सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदाता अपनी वोट डाल सकेंगे। इसके बाद 12 मार्च को सुबह 8 बजे मतगणना का कार्य शुरू होगा तथा उसी दिन मतगणना का परिणाम घोषित किया जाएगा। करीब दाे महीने पहले 32 वार्डों के मतदाताओं की सूची जारी की गई थी। बता दें कि प्रदेश में साल 2022 में 19 जून को निकाय चुनाव के लिए वोटिंग हुई थी। 22 जून को मतगणना के साथ ही परिणाम घोषित कर दिया था, मगर थानेसर नगर परिषद का चुनाव नहीं हुआ था। अब करीब 33 महीने के बाद नगर परिषद के चुनाव होने से मतदाताओं समेत उम्मीदवारों के चेहरे खिले हुए हैं। चुनाव को लेकर उनमें अलग ही जोश और उत्साह है। सुभाष सुधा थे पहले अध्यक्ष थानेसर नगर परिषद साल 1995 में बनी थी, जिसके पहले अध्यक्ष सुभाष सुधा (पूर्व शहरी स्थानीय निकाय राज्यमंत्री) बने थे। इसके बाद वर्ष 2000 में कांता सिंगला वर्ष 2005, 2011 और 2016 में उमा सुधा नगर परिषद की अध्यक्ष चुनी गई थीं। निवर्तमान अध्यक्ष उमा सुधा का कार्यकाल 25 मई 2021 को खत्म हो गया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे आज हरियाणा में:2 रैलियां कर पार्टी उम्मीदवारों के लिए वोट मांगेंगे; पूर्व CM हुड्डा साथ रहेंगे हरियाणा में विधानसभा चुनाव के चलते आज अंबाला में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे रैली करेंगे। शेड्यूल के मुताबिक, खड़गे पुलिस लाइन ग्राउंड में सुबह साढ़े 10 बजे तक पहुंच जाएंगे। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी होंगे। खड़गे अंबाला सिटी से कांग्रेस उम्मीदवार निर्मल सिंह के पक्ष में वोट मांगेगे। इस रैली के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। करीब 300 वर्ग मीटर जगह में रैली के लिए पंडाल लगाया गया है। वहीं, लोगों के बैठने के लिए करीब चार हजार कुर्सियां डाली गई हैं। मौके पर सुरक्षा के भी पूरे इंतजाम हैं। घरौंडा में भी रैली को संबोधित करेंगे
कांग्रेस उम्मीदवार निर्मल सिंह मोहड़ा ने कहा है कि बड़ी संख्या में कांग्रेसी वर्कर इस रैली में शामिल होंगे। भाजपा की नीतियों से लोग तंग आ चुके है। इस कारण अब जनता प्रदेश में बदलाव चाहती है। जनता आज विकास को वोट देगी। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाकर एक बार फिर से हरियाणा को विकासशील प्रदेश की सूची में लाया जाएगा। अंबाला के बाद दोपहर 12 बजे करनाल के घरौंडा में भी मल्लिकार्जुन खड़गे एक जनसभा को संबोधित करेंगे। घरौंडा में PWD रेस्ट हाउस (न्यासा इंडस्ट्रियल पार्क) में वह पार्टी वर्करों से मिलेंगे। कांग्रेस के उम्मीदवार निर्मल सिंह का इतिहास
कांग्रेस उम्मीदवार निर्मल सिंह हरियाणा में पहले बंसी लाल और फिर भजन लाल की 2 कांग्रेस सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। वह 4 बार अंबाला जिले के तत्कालीन नंगल हलके से विधायक भी बने। निर्मल सिंह के 42 वर्षों के राजनीतिक जीवन का यह 11वां चुनाव है। इससे पूर्व वह हरियाणा विधानसभा के आम चुनाव में 9 बार चुनाव लड़ चुके हैं, जिनमें से 4 बार जीत मिली। इसके अलावा वह एक बार लोकसभा चुनाव में भी हार चुके हैं। चुनाव आयोग से प्राप्त आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार निर्मल सिंह ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 42 वर्ष पूर्व साल 1982 में नंगल हलके में कांग्रेस के टिकट पर जीता था। उस चुनाव में उन्होंने देवीलाल की लोक दल पार्टी के उम्मीदवार के गुरपाल सिंह को 14 हजार वोट के अंतर से हराया था। उसके बाद 1987 में हुए विधानसभा चुनावों में नंगल में कांग्रेसी उम्मीदवार निर्मल सिंह को निर्दलीय हरमोहिंदर सिंह ने 11 हजार वोट से हरा दिया। वहीं, वर्ष 1991 के चुनाव में निर्मल सिंह ने नंगल से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए जनता पार्टी के गुरबक्श सिंह को 10 हजार वोट से हराया। अक्टूबर 1994 में निर्मल सिंह को एक हत्या की जांच में आरोपी बनाया गया और उन्होंने स्वेच्छा से राजस्व राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्हें ढाई साल के लिए जेल में रखा गया। उन्होंने 1996 में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जेल से ही चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। बाद में उन्हें फरवरी 1997 में सभी आरोपों से बरी कर दिया गया। 2019 में बनाया था हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट
नवंबर 2019 में निर्मल सिंह ने अपनी पार्टी हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट का गठन किया। उनके नेतृत्व में पार्टी ने 2 साल के भीतर उत्तर हरियाणा के विभिन्न जिलों में अपनी राज्य, जिला, वार्ड और ग्राम इकाइयां बनाईं। नई पार्टी ने अंबाला शहर में नगर निगम चुनाव 2020 लड़ा और 2 पार्षद सीटें जीतीं। जबकि, उनके मेयर उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे थे।
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पानीपत में बस में लगी आग:8 यात्री झुलसे; गाड़ी में थी 350 सवारी, दिल्ली जा रही थी, हाईवे पर लगा जाम
पानीपत में बस में लगी आग:8 यात्री झुलसे; गाड़ी में थी 350 सवारी, दिल्ली जा रही थी, हाईवे पर लगा जाम पानीपत के समालखा कस्बे में नेशनल हाईवे-44 पर एक बड़ा हादसा हो गया। जहां एक निजी बस में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। आग लगने से 8 मजदूर झुलस गए, जिनमें से 4 को गंभीर हालत में खानपुर पीजीआई रेफर किया गया है। हादसे के बाद ड्राइवर ने बस को साइड में लगा कर यात्रियों को नीचे उतारा। नीचे उतरने के बाद यात्रियों में लिए भगदड़ सा माहौल हो गया। मौके पर राहगीरों की भी भीड़ जमा हो गई। आग बढ़ती देख तुरंत कंट्रोल रूम नंबर पर कॉल कर पुलिस और दमकल को मौके पर बुलाया गया। दमकल ने मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाया। आग लगने के सही कारणों का तो पता नहीं चला है। मजदूरों की माने तो बस में रखे ज्वलनशील पदार्थ में विस्फोट होने से आग लगी। बस में सवार थे 350 लोग
जानकारी के अनुसार पानीपत से दिल्ली जा रही प्राइवेट बस में समालखा फ्लाई ओवर पर अचानक आग लग गई। बस में करीब 350 यात्री सवार थे। इनमें 8 यात्री झुलस गए। दमकल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। आगजनी के बाद हाईवे पर भी लंबा जाम लग गया। जिसे यातायात पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद सुचारु करवाया। टूरिस्ट बस में लगी आग से 8 मजदूर झुलसे
मुन्ना खान (50), छत्रपाल (28), पंकज (30) और मिथुन (38) की हालत गंभीर होने के कारण समालखा सामान्य अस्पताल से खानपुर पीजीआई रेफर किया गया है। जबकि मयंक (17), पिन्टू (17), हरीश (28) व घनवीर को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।