कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में राज्यपाल ने सेमिनार का शुभारंभ किया:राज्यपाल बोले- यह युद्ध भूमि नहीं, बल्कि ज्ञान-धर्म-कर्म का संदेश देने वाली; कल आएंगे शिक्षामंत्री

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में राज्यपाल ने सेमिनार का शुभारंभ किया:राज्यपाल बोले- यह युद्ध भूमि नहीं, बल्कि ज्ञान-धर्म-कर्म का संदेश देने वाली; कल आएंगे शिक्षामंत्री

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी (केयू) में नॉर्थ इंडिया के वाइस चांसलर (VC) का 2 दिन का नेशनल सेमिनार शुरू हो गया। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने दीप शिखा प्रज्जवलित कर सेमिनार का शुभारंभ किया। इस सेमिनार का सब्जेक्ट शिक्षक शिक्षा में परिवर्तन- विकसित भारत 2047 की दिशा में रखा गया है। इस सेमिनार में चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की यूनिवर्सिटी के VC और निदेशक हिस्सा ले रहे हैं। सेमिनार में नई शिक्षा नीति के फायदे, राष्ट्रीय शिक्षा के सामने चुनौतियां और भविष्य के विजन पर चर्चा होगी। साथ ही VC अपने एक्सपीरियंस भी शेयर करेंगे। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि यह भूमि केवल युद्ध भूमि नहीं, बल्कि ज्ञान, धर्म और कर्म का अनुपम संदेश देने वाली भूमि है। यहीं श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कर्म और धर्म का महान उपदेश दिया था, जिसने पूरी मानवता को दिशा दिखाई। कहा कि आज हम उसी प्रेरणादायक धरती से शिक्षक शिक्षा में परिवर्तन के एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं। यह पहल विकसित भारत 2047 के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षक प्रशिक्षण को केंद्र में रखा गया है। दूसरे दिन शिक्षा मंत्री होंगे शामिल सेमिनार के समापन समारोह में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा मुख्य मेहमान होंगे। सेमिनार में उत्तर भारत के कई राज्यों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। समापन सत्र को एनसीटीई और एचएसएचईसी के प्रमुख अधिकारी भी संबोधित करेंगे। यह एनसीटीई का तीसरा राष्ट्रीय सम्मेलन है। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी (केयू) में नॉर्थ इंडिया के वाइस चांसलर (VC) का 2 दिन का नेशनल सेमिनार शुरू हो गया। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने दीप शिखा प्रज्जवलित कर सेमिनार का शुभारंभ किया। इस सेमिनार का सब्जेक्ट शिक्षक शिक्षा में परिवर्तन- विकसित भारत 2047 की दिशा में रखा गया है। इस सेमिनार में चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की यूनिवर्सिटी के VC और निदेशक हिस्सा ले रहे हैं। सेमिनार में नई शिक्षा नीति के फायदे, राष्ट्रीय शिक्षा के सामने चुनौतियां और भविष्य के विजन पर चर्चा होगी। साथ ही VC अपने एक्सपीरियंस भी शेयर करेंगे। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि यह भूमि केवल युद्ध भूमि नहीं, बल्कि ज्ञान, धर्म और कर्म का अनुपम संदेश देने वाली भूमि है। यहीं श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कर्म और धर्म का महान उपदेश दिया था, जिसने पूरी मानवता को दिशा दिखाई। कहा कि आज हम उसी प्रेरणादायक धरती से शिक्षक शिक्षा में परिवर्तन के एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं। यह पहल विकसित भारत 2047 के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षक प्रशिक्षण को केंद्र में रखा गया है। दूसरे दिन शिक्षा मंत्री होंगे शामिल सेमिनार के समापन समारोह में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा मुख्य मेहमान होंगे। सेमिनार में उत्तर भारत के कई राज्यों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। समापन सत्र को एनसीटीई और एचएसएचईसी के प्रमुख अधिकारी भी संबोधित करेंगे। यह एनसीटीई का तीसरा राष्ट्रीय सम्मेलन है।   पंजाब | दैनिक भास्कर