हिमाचल के कुल्लू से करीब 1 किलोमीटर दूर गांधीनगर नाला में आज तड़के करीब तीन बजे पांच कारों में अचानक आग लग गई। आग लगने से पांचों कार जलकर राख हो गई, जबकि एक कार को आंशिक नुकसान पहुंचा है। जानकारी के अनुसार, तड़के करीब 3 बजे गांधीनगर नाला के नजदीक एक पार्क में खड़ी कारों में आग लगने की सूचना स्थानीय लोगों ने दमकल विभाग को दी, जिसके बाद दमकल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक पांच वाहन पूरी तरह से जलकर राख हो गए थे। घटना में पांच वाहन मालिकों को लाखों का नुकसान हुआ है। उधर घटना की सूचना मिलने के बाद कुल्लू थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। ये वाहन जले घटना में एचपी 34 ई-7281 क्रेटा, एचपी 58-6923 योन, एचपी 56-1913 आल्टो, एचपी 34 डी 5336 वैनों, एचपी -56-4259आई-20, एचपी-66ए 1111 जले हैं। जिससे वाहन मालिकों को लाखों का नुकसान हुआ है। 20 लाख से अधिक का नुकसान उधर, इस घटना में जले वाहनों के नुकसान का आंकलन दमकल विभाग ने किया है। दमकल विभाग ने 20 लाख से अधिक के नुकसान होने का अनुमान लगाया है। दमकल विभाग के अनुसार एक क्रेटा गाड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है जबकि पांच वाहनों को भी काफी नुकसान हुआ है। हिमाचल के कुल्लू से करीब 1 किलोमीटर दूर गांधीनगर नाला में आज तड़के करीब तीन बजे पांच कारों में अचानक आग लग गई। आग लगने से पांचों कार जलकर राख हो गई, जबकि एक कार को आंशिक नुकसान पहुंचा है। जानकारी के अनुसार, तड़के करीब 3 बजे गांधीनगर नाला के नजदीक एक पार्क में खड़ी कारों में आग लगने की सूचना स्थानीय लोगों ने दमकल विभाग को दी, जिसके बाद दमकल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक पांच वाहन पूरी तरह से जलकर राख हो गए थे। घटना में पांच वाहन मालिकों को लाखों का नुकसान हुआ है। उधर घटना की सूचना मिलने के बाद कुल्लू थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची और घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। ये वाहन जले घटना में एचपी 34 ई-7281 क्रेटा, एचपी 58-6923 योन, एचपी 56-1913 आल्टो, एचपी 34 डी 5336 वैनों, एचपी -56-4259आई-20, एचपी-66ए 1111 जले हैं। जिससे वाहन मालिकों को लाखों का नुकसान हुआ है। 20 लाख से अधिक का नुकसान उधर, इस घटना में जले वाहनों के नुकसान का आंकलन दमकल विभाग ने किया है। दमकल विभाग ने 20 लाख से अधिक के नुकसान होने का अनुमान लगाया है। दमकल विभाग के अनुसार एक क्रेटा गाड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है जबकि पांच वाहनों को भी काफी नुकसान हुआ है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में 2 दिन भारी बारिश की चेतावनी:मणिमहेश में पत्थर गिरने से श्रद्धालु की मौत, 2 घायल, शिमला में कई जगह लैंडस्लाइड हिमाचल प्रदेश में अगले 48 घंटे तक ज्यादातर स्थानों पर बारिश का पूर्वानुमान है। मौसम (IMD) विभाग ने आज के लिए 8 जिलों में तेज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी बिलासपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला को दी गई है। इसे देखते हुए पहाड़ों पर लैंडस्लाइड और निचले इलाकों में जल भराव की समस्या आ सकता है। वहीं चंबा के भरमौर में बीती शाम को पहाड़ी से पत्थर गिरने से पंजाब के एक श्रद्धालु की मौत हो गई, जबकि बैजनाथ के दंपती चोटिल हुए। IMD के अनुसार, अगले कल किन्नौर और लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य 10 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट दिया गया है। 30 अगस्त से एक सितंबर के बीच मानसून फिर से कमजोर पड़ेगा। 2 सितंबर को दोबारा से मानसून सक्रिय होने का पूर्वानुमान है। बीते 24 घंटे के दौरान भी प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में तेज बारिश हुई। खासकर शिमला में बीती शाम को तेज बारिश के कारण कई जगह लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आई है। बारिश के कारण शिमला के टॉलैंड, न्यू शिमला सेक्टर-3, विकासनगर और लिफ्ट के पास भूस्खलन हुआ। कई जगह पेड़ भी गिरे है। लैंडस्लाइड के कारण विकासनगर में टीसीपी (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग दफ्तर) का भवन भी खतरे की जद में आ गया है। न्यू शिमला के डंगा (सेफ्टी वॉल) गिरने से डंगे का अगला हिस्सा कभी भी गिर सकता है। मानसून सीजन में 23% कम बादल बरसे प्रदेश में पूरे मानसून सीजन के दौरान सामान्य से 23 प्रतिशत कम बारिश हुई है। एक जून से 27 अगस्त तक प्रदेश में 591.8 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 453.4 मिलीमीटर बादल बरसे है। प्रदेश में शिमला को छोड़कर एक भी जिला ऐसा नहीं जहां सामान्य से ज्यादा बारिश हुई हो। शिमला में अब तक 531 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जबकि इस अवधि में 500.3 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है। प्रदेश में मानसून सीजन में सामान्य से कितनी कम व ज्यादा बारिश हुई
हिमाचल में पेयजल घोटाले में एक्सईएन-SDO समेत 10 अधिकारी सस्पेंड:ठेकेदार ब्लैकलिस्ट, विजिलेंस जांच के लिए लेटर लिखा; बाइक-कार में ढोया था पानी
हिमाचल में पेयजल घोटाले में एक्सईएन-SDO समेत 10 अधिकारी सस्पेंड:ठेकेदार ब्लैकलिस्ट, विजिलेंस जांच के लिए लेटर लिखा; बाइक-कार में ढोया था पानी हिमाचल सरकार ने शुक्रवार को ठियोग में पेयजल सप्लाई घोटाले में 10 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। साथ ही पानी की सप्लाई करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करने के आदेश दिए। जल शक्ति विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉ. ओंकार चंद शर्मा ने सुप्रिंटेंडिंग इंजीनियर (SE) की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की। साथ ही विजिंलेंस के ADGP को डिटेल इंक्वायरी के लिए लेटर लिखा है। सस्पेंड किए गए अधिकारियों में मत्याना डिवीजन के एक्सईएन अशोक कुमार भोपाल, कसुम्प्टी डिवीजन के एक्सईएन बसंत सिंह, मत्याना SDO परनीत ठाकुर, कोटी SDO राकेश कुमार, वर्तमान में कोटगढ़ में तैनात SDO विवेक शर्मा, ठियोग के JE मस्त राम बराक्टा, लाफूघाटी के JE सुरेश कुमार, मत्याना के JE नीम चंद, रिटायर्ड JE सुदर्शन और धरेच फागू के JE सुनील कुमार शामिल हैं। पूर्व माकपा विधायक राकेश सिंघा ने ठियोग में 1 करोड़ 13 लाख रुपए का पानी लोगों को टैंकर से पिलाने के दावे को गलत बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था, ‘पानी बाइक, ऑल्टो कार, के-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टीकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो में ढोया गया। एक मोटर साइकिल पर 11 चक्कर में 22 हजार लीटर पानी ढोया गया। इसकी एवज में 23 हजार रुपए का भुगतान किया गया। शिमला में हार्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जीप से 15 हजार लीटर पानी सप्लाई किया गया। इसके बदले 94 हजार की रकम ठेकेदार को दी गई।’ अधिकारियों के सस्पेंशन ऑर्डर…. राकेश सिंघा की 4 बड़ी बातें…. 1. ठेकेदार को पेमेंट की तो गबन दिखा राकेश सिंघा ने RTI की सूचना का हवाला देते कहा था कि ठियोग में जल शक्ति विभाग ने इस साल गर्मी के दौरान लोगों को पानी पिलाया है और जब इसकी पेमेंट ठेकेदार को की गई तो उसमें बड़ा गबन लग रहा है। उन्होंने मुख्य सचिव से इसकी जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने सचिवालय के घेराव की चेतावनी भी दी। 2. एक दिन में 1000 किलोमीटर वाहन की रनिंग दिखाई सिंघा ने कहा कि जल शक्ति विभाग ने बाइक पर भी लोगों को पानी पिलाया है। बिल लेने के लिए जब ठेकेदार ने बिल प्रोड्यूस किए तो बाइक, ऑल्टो कार, K-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जैसी गाड़ियों के नंबर दिए गए। एक दिन में ही एक गाड़ी को 500 से 1000 किलोमीटर रनिंग दर्शाई गई, जो पहाड़ों में संभव ही नहीं है। 3. जहां सड़कें नहीं, वहां भी पानी की सप्लाई हर साल ठियोग में पानी की सप्लाई के लिए 10-12 लाख रुपए खर्च होते थे, लेकिन 2024 में यह आंकड़ा अचानक एक करोड़ के पार पहुंच गया। कई ऐसे वाहन नंबर भी दिखाए गए, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। यहां तक कि कुछ इलाकों में, जहां सड़कें तक नहीं हैं, वहां भी वाहनों से पानी की सप्लाई दिखाई गई। 4. एक महीने में ठेकेदार को पेमेंट का भुगतान किया
ठेकेदार को पानी की सप्लाई के पैसे का भुगतान एक महीने के भीतर कर दिया गया। अधिकारियों ने भी बिना जांच के बिल का भुगतान किया। ठियोग क्षेत्र में पानी की हर साल भारी किल्लत रहती है, लेकिन घोटाले के चलते लोगों को राहत नहीं मिल पाई। घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए। विधायक ने कहा था- दाल में कुछ काला घोटाले के आरोपों पर ठियोग के कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने कहा था, भ्रष्टाचार व विकास कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। वह स्वयं गुणवत्ता की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। एक्सईएन और DC को इस पूरे मामले की जांच करने को कहा गया है। सरकार को इसकी जांच जल्द पूरा कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। प्रथम दृष्टि में मामले में दाल में काला नजर आ रहा है। जांच रिपोर्ट के बाद ही पूरे तथ्य सामने आएंगे। दोषियों को किसी भी स्तर पर छोड़ा नहीं जाएगा।
मंडी में हुई पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक:वित्तीय भत्ते जारी नहीं हुए तो आगामी बजट सत्र का करेंगे घेराव
मंडी में हुई पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक:वित्तीय भत्ते जारी नहीं हुए तो आगामी बजट सत्र का करेंगे घेराव पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश अब मांगों को लेकर सरकार से आर-पार की लड़ाई करने का मूड बना चुका है। मंडी में आयोजित हुई एसोसिएशन की राज्यस्तरीय बैठक में प्रदेश के पेंशनरों ने आगामी बजट सत्र का घेराव करने की चेतावनी सरकार को दी है। एसोसिएशन के राज्य प्रधान आत्मा राम शर्मा ने बताया कि साल 2016 से जनवरी 2022 के बीच सेवानिवृत्त हुए पेंशनरों में सरकार के प्रति काफी रोष है। पेंशनरों को अभी तक वित्तीय लाभ जारी नहीं हुए है। एक-एक पेंशनर का 10 से 12 लाख तक ड्यू पेंडिंग चल रही है जिसको लेकर सरकार को बजट में इसका प्रावधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्होंने पूरे प्रदेश में आंदोलन किए, सरकार के मंत्रियों व विधायकों को मांग पत्र सौंप कर जेसीसी का गठन करने की मांग की थी। परन्तु मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पेंशनरों की मांगों पर आज दिन तक गौर नहीं किया। आज पेंशनरों के मेडिकल बिल लंबित पड़े हैं और कई जिलों में आज 3 तारीख तक पेंशन नहीं मिली है। आत्मा राम शर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश में 1 लाख 80 हज़ार के करीब पेंशनर है, पर सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है, जिसको लेकर अब उन्हें मजबूरन आन्दोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ रहा है।उन्होंने प्रदेश सरकार से पेंशनरों की सभी वित्तीय भत्ते देने की मांग की है।