तुर्की के सेब आयात पर प्रतिबंध की मांग को लेकर हिमालयन एपल ग्रोअर्स सोसायटी (HAGS) का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में आज केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मिला। इन्होंने तुर्की से तेजी से बढ़ते सेब आयात पर चिंता व्यक्त की और इस पर तत्काल पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की। सोसायटी के पदाधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन सौंपा और बताया कि सस्ते और सब्सिडी वाले आयात के कारण देश के बागवानों को घाटा हो रहा है। इससे देश के बागवान लागत मूल्य भी नहीं निकाल पा रहे। प्रदेश के बागवानों ने यह भी बताया कि तुर्की एक ऐसा देश है जो भारत में आतंकवाद फैलाने वाले देश पाकिस्तान को सैन्य सहायता और रक्षा उपकरण प्रदान करता है। ऐसे देश से आयात न केवल देश की आर्थिकी के लिए नुकसानदायक है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी चिंताजनक है। सेब बागवानों ने ये मांगे रखी HAGS के महासचिव राजेश धानटा ने बताया, हिमालय राज्यों में सेब केवल एक फसल नहीं, बल्कि पहाड़ी राज्यों की अर्थव्यवस्था और लाखों किसानों की आजीविका का आधार है। उन्होंने तुर्की से सेब के आयात पर तत्काल प्रतिबंध लगाने, अन्य देशों से सेब आयात पर न्यूनतम आयात मूल्य (MIP) की सीमा को बढ़ाने, आयातित सेबों पर गुणवत्ता और पादप स्वच्छता मानकों को सख्ती से लागू करने की मांग की, ताकि किसी प्रकार के रोग एवं वायरस सेब के माध्यम से हमारे देश में प्रवेश न कर पाए। हिमाचल के बागवान और राजनेता प्रतिबंध पर अड़े तुर्की द्वारा पाकिस्तान की सैन्य मदद के बाद हिमाचल में सभी बागवानी संगठन और राजनीतिक दल भी तुर्की के सेब आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी मोदी सरकार से तुर्की से सेब आयात बंद करने का आग्रह किया है। हिमाचल में कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर के अलावा प्रदेश में कांग्रेस के दूसरे नेता भी तुर्की के सेब आयात को रोकने की मांग कर चुके हैं। तुर्की के सेब आयात पर प्रतिबंध की मांग को लेकर हिमालयन एपल ग्रोअर्स सोसायटी (HAGS) का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में आज केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मिला। इन्होंने तुर्की से तेजी से बढ़ते सेब आयात पर चिंता व्यक्त की और इस पर तत्काल पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की। सोसायटी के पदाधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन सौंपा और बताया कि सस्ते और सब्सिडी वाले आयात के कारण देश के बागवानों को घाटा हो रहा है। इससे देश के बागवान लागत मूल्य भी नहीं निकाल पा रहे। प्रदेश के बागवानों ने यह भी बताया कि तुर्की एक ऐसा देश है जो भारत में आतंकवाद फैलाने वाले देश पाकिस्तान को सैन्य सहायता और रक्षा उपकरण प्रदान करता है। ऐसे देश से आयात न केवल देश की आर्थिकी के लिए नुकसानदायक है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी चिंताजनक है। सेब बागवानों ने ये मांगे रखी HAGS के महासचिव राजेश धानटा ने बताया, हिमालय राज्यों में सेब केवल एक फसल नहीं, बल्कि पहाड़ी राज्यों की अर्थव्यवस्था और लाखों किसानों की आजीविका का आधार है। उन्होंने तुर्की से सेब के आयात पर तत्काल प्रतिबंध लगाने, अन्य देशों से सेब आयात पर न्यूनतम आयात मूल्य (MIP) की सीमा को बढ़ाने, आयातित सेबों पर गुणवत्ता और पादप स्वच्छता मानकों को सख्ती से लागू करने की मांग की, ताकि किसी प्रकार के रोग एवं वायरस सेब के माध्यम से हमारे देश में प्रवेश न कर पाए। हिमाचल के बागवान और राजनेता प्रतिबंध पर अड़े तुर्की द्वारा पाकिस्तान की सैन्य मदद के बाद हिमाचल में सभी बागवानी संगठन और राजनीतिक दल भी तुर्की के सेब आयात पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी मोदी सरकार से तुर्की से सेब आयात बंद करने का आग्रह किया है। हिमाचल में कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर के अलावा प्रदेश में कांग्रेस के दूसरे नेता भी तुर्की के सेब आयात को रोकने की मांग कर चुके हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
