पेरिस ओलिंपिक में दो कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने वाली हरियाणा की बेटी मनु भाकर ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। मनोहर लाल जब हरियाणा के सीएम थे, उन्होंने तब भी प्रदेश के तमाम खिलाड़ियों से मुलाकात की थी। अब केंद्र में जाने के बाद भी उन्होंने खिलाड़ियों से मेल जोल बनाए रखा है। इसी क्रम में उन्होंने मनु भाकर से दिल्ली स्थित अपने आवास पर मुलाकात की है। उनसे मुलाकात के बाद मनु ने कहा कि “मैं उनसे (मनोहर लाल खट्टर) मिलती रहती हूं। ओलिंपिक के लिए रवाना होने से पहले भी मैं उनसे मिली थी, उन्होंने मुझे शुभकामनाएं दी थीं और परिणाम वाकई अच्छा रहा। उनसे मिलकर अच्छा लगता है, वे मुझे आगे और मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मनु के लिए कहा कि हरियाणा की बेटी मनु भाकर ने इस बार ओलिंपिक में शूटिंग में 2 कांस्य पदक जीतकर लाई हैं। उन्होंने देश का नाम ऊंचा किया है। उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां आगे भी इसी तरह प्रदेश का नाम रोशन करती रहेंगी। उन्होंने मनु भाकर को गुलदस्ता देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस दौरान मनु भाकर के माता पिता भी मौजूद रहे। मनु भाकर ने कहा- भविष्य में भी करती रहेंगी मेहनत मनोहर लाल से मिलने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मनु भाकर ने कहा कि सभी खिलाड़ी पदक जीतने के लिए काफी मेहनत करते हैं। उन्हें अगर भविष्य में एक ही ओलिंपिक में दो से ज्यादा पद मिलते हैं, तो यह उनके लिए बेहतर रहेगा। उन्होंने कहा कि वह कड़ी मेहनत करना चाहती हैं ताकि वह भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करें। ओलिंपिक समापन समारोह से लौटने के बाद कहा कि मैं भविष्य में भारत के लिए और ओलिंपिक पदक जीतना चाहती हूं। आगे भी करेंगे गौरवान्वित मनु भाकर ने मनोहर लाल खट्टर के लिए कहा कि वह उनसे मिलती रहती हैं। ओलिंपिक में जाने से पहले भी मनु भाकर उनसे मिली थी। उस दौरान मनु भाकर को मनोहर लाल खट्टर ने जीत के लिए शुभकामनाएं दी थीं। मनु का कहना है कि वह अक्सर उन्हें मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। उनसे मिलकर मनु भाकर को अच्छा लगता है। मनु की मां सुमेधा भाकर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि खिलाड़ी और पदक जीतकर भविष्य में अपनी मां और देश को गौरवान्वित करते रहेंगे । पेरिस ओलिंपिक में दो कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने वाली हरियाणा की बेटी मनु भाकर ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। मनोहर लाल जब हरियाणा के सीएम थे, उन्होंने तब भी प्रदेश के तमाम खिलाड़ियों से मुलाकात की थी। अब केंद्र में जाने के बाद भी उन्होंने खिलाड़ियों से मेल जोल बनाए रखा है। इसी क्रम में उन्होंने मनु भाकर से दिल्ली स्थित अपने आवास पर मुलाकात की है। उनसे मुलाकात के बाद मनु ने कहा कि “मैं उनसे (मनोहर लाल खट्टर) मिलती रहती हूं। ओलिंपिक के लिए रवाना होने से पहले भी मैं उनसे मिली थी, उन्होंने मुझे शुभकामनाएं दी थीं और परिणाम वाकई अच्छा रहा। उनसे मिलकर अच्छा लगता है, वे मुझे आगे और मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मनु के लिए कहा कि हरियाणा की बेटी मनु भाकर ने इस बार ओलिंपिक में शूटिंग में 2 कांस्य पदक जीतकर लाई हैं। उन्होंने देश का नाम ऊंचा किया है। उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां आगे भी इसी तरह प्रदेश का नाम रोशन करती रहेंगी। उन्होंने मनु भाकर को गुलदस्ता देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस दौरान मनु भाकर के माता पिता भी मौजूद रहे। मनु भाकर ने कहा- भविष्य में भी करती रहेंगी मेहनत मनोहर लाल से मिलने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मनु भाकर ने कहा कि सभी खिलाड़ी पदक जीतने के लिए काफी मेहनत करते हैं। उन्हें अगर भविष्य में एक ही ओलिंपिक में दो से ज्यादा पद मिलते हैं, तो यह उनके लिए बेहतर रहेगा। उन्होंने कहा कि वह कड़ी मेहनत करना चाहती हैं ताकि वह भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करें। ओलिंपिक समापन समारोह से लौटने के बाद कहा कि मैं भविष्य में भारत के लिए और ओलिंपिक पदक जीतना चाहती हूं। आगे भी करेंगे गौरवान्वित मनु भाकर ने मनोहर लाल खट्टर के लिए कहा कि वह उनसे मिलती रहती हैं। ओलिंपिक में जाने से पहले भी मनु भाकर उनसे मिली थी। उस दौरान मनु भाकर को मनोहर लाल खट्टर ने जीत के लिए शुभकामनाएं दी थीं। मनु का कहना है कि वह अक्सर उन्हें मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। उनसे मिलकर मनु भाकर को अच्छा लगता है। मनु की मां सुमेधा भाकर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि खिलाड़ी और पदक जीतकर भविष्य में अपनी मां और देश को गौरवान्वित करते रहेंगे । हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में SC चेहरे को राज्यसभा भेजेगी BJP:लोकसभा में अंबाला-सिरसा रिजर्व सीट हारी; इंटरनल रिपोर्ट- लोकसभा में जाट-एससी वोटर्स इकट्ठे हुए
हरियाणा में SC चेहरे को राज्यसभा भेजेगी BJP:लोकसभा में अंबाला-सिरसा रिजर्व सीट हारी; इंटरनल रिपोर्ट- लोकसभा में जाट-एससी वोटर्स इकट्ठे हुए हरियाणा में लोकसभा चुनाव में जाट-SC वोट बैंक के गठजोड़ ने BJP में खलबली मचा दी है। इसी वजह से BJP न केवल अंबाला और सिरसा की रिजर्व लोकसभा सीट हार गई बल्कि राव इंद्रजीत जैसे दिग्गज भी कड़े मुकाबले में फंस गए। चुनाव निपटने के बाद BJP ने समीक्षा की तो इंटरनल रिपोर्ट में सामने आया कि जाट पहले भाजपा के खिलाफ थे। कांग्रेस के BJP पर पूर्ण बहुमत मिलने के बाद संविधान बदलने की तैयारी के आरोप से SC वोटर भी जाटों के साथ जुड़ गए। यही वजह है कि चुनाव निपटते ही CM नायब सैनी ने तुरंत गरीब परिवारों को 100-100 गज के प्लाट दिलाने शुरू कर दिए। वहीं अब दीपेंद्र हुड्डा के रोहतक से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर भी किसी SC चेहरे को उतारा जा सकता है। 5 लोकसभा सीट हार गई भाजपा
लोकसभा चुनाव में भाजपा को 5 ही लोकसभा सीटों पर जीत मिली। 5 पर भाजपा के उम्मीदवार हार गए। किसान आंदोलन और गैर जाट पॉलिटिक्स की वजह से जाट कम्युनिटी पहले ही भाजपा से दूर है। जिसका असर रोहतक जैसी सीट पर देखने को मिला। जहां दीपेंद्र हुड्डा 3 लाख से ज्यादा वोटों से जीते। सोनीपत में भी कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी जाटों के एकतरफा होने से जीत गए। अंबाला की रिजर्व सीट पर सांसद रतन लाल कटारिया के निधन के बाद बंतो कटारिया को उतारने का भावनात्मक कार्ड भी नहीं चला। सिरसा में मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल को हटा अशोक तंवर को लाने का दांव भी फेल हो गया। भाजपा सिर्फ करनाल और फरीदाबाद सीट ही कंफर्टेबल तरीके से जीत सकी। गुरुग्राम, भिवानी-महेंद्रगढ़ और कुरूक्षेत्र में BJP कड़े मुकाबले में फंसी रही। गुरुग्राम में जहां राव इंद्रजीत का निजी रसूख काम आया। वहीं कुरूक्षेत्र में भाजपा के नवीन जिंदल को I.N.D.I.A. ब्लॉक के तहत AAP कैंडिडेट से फायदा हुआ। आप के सुशील गुप्ता को कांग्रेस का समर्थन था लेकिन चुनाव निशान कांग्रेस का पंजा नहीं बल्कि आप का झाड़ू था। भिवानी-महेंद्रगढ़ में भाजपा ने जाट उम्मीदवार चौधरी धर्मवीर को उतारा था। इसलिए वे यहां एक हद तक जाटों के भाजपा का एकतरफा विरोध को थामने में कामयाब रहे। जिसकी वजह से चुनाव जीतने में कामयाब रहे। SC वोटर BJP से नाराज, इसके 2 संकेत समझिए 1. राव इंद्रजीत ने कहा- एक समुदाय हमसे नाराज हुआ
राव इंद्रजीत गुरुग्राम सीट पर कांग्रेस के सेलिब्रिटी कैंडिडेट राज बब्बर से कड़े मुकाबले में फंसे। शुरुआत में तो राज बब्बर लगातार लीड ले रहे थे। हालांकि राव ने अपनी सीट बचा ली और छठी बार सांसद बन गए। इसके बाद उन्होंने समर्थकों के बीच जीत को लेकर कई बातें कहीं। इसी में उन्होंने कहा कि सिर्फ एक समुदाय के चलते उन्हें ही नहीं बल्कि भाजपा को हर जगह नुकसान हुआ। इस दौरान उन्होंने एक SC नेता को पुकारते हुए इशारा भी किया कि उनका मतलब नूंह का मुस्लिम समुदाय नहीं बल्कि एससी समुदाय है। 2. CM ने अलॉट प्लाटों के कब्जे देने शुरू किए
राज्य में सरकार ने गरीब परिवारों को 100-100 गज के प्लाट देने की स्कीम बनाई थी। इन परिवारों को प्लाट अलॉट भी हो गए। हालांकि कब्जे नहीं दिए। लोकसभा चुनाव में झटका लगा तो सोनीपत में विशेष कार्यक्रम किया गया। जिसमें CM नायब सैनी ने प्लाटों के कब्जे-कागजात देने शुरू किए। खास बात यह है कि इन प्लाटों के लाभार्थियों में सबसे बड़ा तबका SC वर्ग है। इसी वजह से न केवल इस काम को तेजी से किया गया बल्कि सीएम खुद इसे लीड कर रहे हैं। SC से सरकार में एक ही मंत्री, एक राज्यसभा सांसद
मौजूदा वक्त में भाजपा के 4 राज्यसभा सांसद हैं। इनमें जाट चेहरे के तौर पर सुभाष बराला, जांगिड़ समाज से रामचंद्र जांगिड़, ब्राह्मण चेहरे के तौर पर निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को समर्थन दिया है। वहीं चौथे सांसद कृष्णलाल पंवार एससी चेहरा हैं। वहीं सरकार में सिर्फ लोक निर्माण मंत्री डॉ. बनवारी लाल ही एससी समुदाय से हैं। ऐसे में एक और एससी चेहरे को राज्यसभा भेजकर भाजपा उन्हें फिर से अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर सकती है। भाजपा की टेंशन, 5 महीने बाद विधानसभा चुनाव
लोकसभा चुनाव में तो भाजपा 2019 की 10 सीटों के मुकाबले हाफ यानी 5 सीटों पर आ गई। मगर, असली टेंशन 5 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। लोकसभा चुनाव को विधानसभा सीटों पर जीत के लिहाज से देखें तो भाजपा सिर्फ 44 पर जीत पाई। बाकी 46 सीटों पर कांग्रेस आगे रही। ऐसे में अगर जाट वोटर्स के बाद एससी वोटरों की भी नाराजगी जारी रही तो फिर विधानसभा में तीसरी बार लगातार सत्ता नहीं मिल पाएगी। इसी वजह से भाजपा ने जहां मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत और कृष्णपाल गुर्जर को केंद्र में मंत्री बना लोगों को खुश करने की कोशिश की है, वहीं अब राज्यसभा सांसद के जरिए भाजपा एससी वोटरों को रिझा सकती है। ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा में एक राज्यसभा सीट खाली:रोहतक लोकसभा से जीत चुके दीपेंद्र हुड्डा; उपचुनाव में BJP सरकार का बहुमत का भी टेस्ट होगा हरियाणा की 5 में से एक राज्यसभा सीट खाली हो गई है। यह सीट अभी तक कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा के पास थी। दीपेंद्र ने हाल ही में रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव जीत लिया। जिसके बाद उनकी राज्यसभा सीट को खाली करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। (पूरी खबर पढ़ें)
कुलदीप बिश्नोई की राज्यसभा सीट के लिए लॉबिंग:दिल्ली दौरे बढ़ाए, मोदी से पुराने रिश्ते याद किए; पंवार के जीतने से खाली हुई सीट
कुलदीप बिश्नोई की राज्यसभा सीट के लिए लॉबिंग:दिल्ली दौरे बढ़ाए, मोदी से पुराने रिश्ते याद किए; पंवार के जीतने से खाली हुई सीट हरियाणा भाजपा के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई एक बार फिर दिल्ली में सक्रिय हो गए हैं। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद वह हरियाणा में खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए लॉबिंग करने में जुट गए हैं। ये सीट कृष्ण लाल पंवार के इसराना से विधायक बनने पर खाली हुई है। बिश्नोई परिवार अपनी राजनीतिक जमीन फिर से बनाने में जुटा है। कुलदीप बिश्नोई ने 11 अक्टूबर को दिल्ली में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। कुलदीप बिश्नोई के साथ उनका पूरा परिवार भी मौजूद रहा। इस दौरा हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर और आगामी राजनीति को लेकर चर्चा हुई। इसका बाद उन्होंने सोशल मीडिया (X) पर पहले पिता चौधरी भजनलाल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुरानी तस्वीर सांझा की। इसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की फोटो जारी की। आदमपुर में 57 साल बाद मिली हार
हरियाणा विधानसभा चुनाव में आदमपुर सीट पर भजनलाल परिवार का 57 साल पुराना गढ़ टूट गया है। इस चुनाव में भव्य बिश्नोई 1268 वोटों से हार गए। इस हार के बाद कुलदीप बिश्नोई काफी दुखी हैं। वह आदमपुर में लोगों के बीच भावुक हो गए थे। किरण चौधरी हाल ही में चुनी गई हैं राज्यसभा सांसद
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुलदीप बिश्नोई राज्यसभा की खाली हुई सीट पर चुनाव लड़कर राज्यसभा जाना चाहते हैं। राज्यसभा सीट के लिए भाजपा के पास पूर्ण बहुमत भी है। इससे पहले दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद बनने पर खाली हुई राज्यसभा सीट पर किरण चौधरी ने चुनाव लड़ा और वह राज्यसभा सांसद चुनी गईं। किरण चौधरी के सामने विपक्ष चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। भूपेंद्र हुड्डा अकसर यह कहते नजर आए कि हमारे पास बहुमत नहीं है। बिश्नोई परिवार को राजनीतिक ऑक्सीजन की जरूरत
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बिश्नोई परिवार के हिस्से 3 सीटें आईं। 3 में से 2 सीटों पर नजदीकी हार हुई और 1 सीट नलवा पर कुलदीप के दोस्त रणधीर पनिहार जीत गए। बेटे की हार से उन्हें झटका लगा। उनकी इच्छा थी कि उनका बेटा आदमपुर से चुनाव जीतकर सरकार में मंत्री बने। मगर ऐसा नहीं हो पाया। इसलिए वह अब राज्यसभा के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। गैर जाट चेहरे के रूप में पेश कर रहे दावेदारी
कुलदीप बिश्नोई भाजपा में गैर जाट चेहरे के रूप में अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। उनके पिता भजनलाल की प्रदेश में गैर जाट सीएम के रूप में पहचान थी। गैर जाट वोटर ही भाजपा की प्रदेश में ताकत माने जाते हैं। ऐसे में कुलदीप इस वोट बैंक को जोड़े रखने में सहायक बनना चाहते हैं और अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। हरियाणा के 3 बार मुख्यमंत्री रहे भजनलाल के समय प्रदेश का संपूर्ण नॉन जाट वोट बैंक उनके साथ था, जो बाद में कुलदीप बिश्नोई की पार्टी हजकां के साथ लामबंद रहा। 2011 से 2014 तक हजकां और भाजपा के गठबंधन के बाद यह वोट बैंक 2014 विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गया। एक प्रतिशत बिश्नोई वोटर वाले नेता रहे 3 बार सीएम
भजनलाल हरियाणा में मात्र 1 प्रतिशत बिश्नोई होते हुए भी 3 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। हरियाणा के सभी 79 प्रतिशत नॉन जाट जातियों को साथ लेकर साथ चले। बिश्नोई परिवार का दावा है कि उनका हरियाणा के हर गांव में कार्यकर्ता है और सभी गैर जाट जातियों पर उनकी मजबूत पकड़ है। हरियाणा में 2 बार लोकसभा सांसद और 4 बार विधायक रह चुके कुलदीप बिश्नोई आज तक किसी बड़े संवैधानिक पद पर नहीं रहे हैं। सरकार में 16 साल से पद से दूर बिश्नोई परिवार
विधानसभा चुनाव में आदमपुर में मिली हार से बिश्नोई परिवार एक बार फिर सत्ता सुख से दूर हो गया है। अगर भव्य और दुड़ाराम चुनाव जीतते तो भव्य को मंत्री पद मिल सकता था। मगर आदमपुर से हार ने मंत्री पद से दूर कर दिया। हरियाणा में बिश्नोई परिवार 16 साल से सरकार में पद से बाहर है। 2005 से 2008 तक भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई हरियाणा के डिप्टी सीएम पद पर रहे। इसके बाद निजी कारणों से उन्होंने त्यागपत्र दे दिया। इसके बाद से आज तक बिश्नोई परिवार को सरकार में कोई पद नहीं मिला है।
पलवल में हादसे में युवक की मौत:पिकअप की टक्कर से दंपती घायल, स्कूटी पर सवार होकर जा रहा था मृतक
पलवल में हादसे में युवक की मौत:पिकअप की टक्कर से दंपती घायल, स्कूटी पर सवार होकर जा रहा था मृतक पलवल जिले में हुई सड़क दुर्घटनाओं में एक युवक की मौत हो गई, जबकि पति-पत्नी गंभीर रुप से घायल हो गए। घायलों को उपाचर के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मुकदमें दर्ज कर दुर्घटनाओं को अंजाम देने वाले वाहन चालकों की तलाश शुरू कर दी है। होडल थाना पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया है। होडल थाना प्रभारी मोहम्मद इलियास के अनुसार, रायदासका गांव निवासी गिरीराज सिंह ने दी शिकायत में कहा है कि वह और उसका भतीजा अर्जुन अपने निजी कार्य से होडल गए हुए थे। पीड़ित अपने काम से होडल के बाजार में चला गया, जबकि स्कूटी को लेकर उसका भतीजा अर्जुन होडल बाबरी मोड़ की तरफ अनाज मंडी में चला गया। गिरीराज बाजार का काम समाप्त कर जब वापस अपने गांव रायदासका आने के लिए अनाज मंडी से होता हुआ जा रहा था, तभी उसने देखा कि अनाज मंडी में बने एक निजी स्कूल के पास भीड़ लगी हुई थी। पिकअप ने मारी दंपती को टक्कर पीड़ित भी भीड़ में पहुंच गया, जहां भीड़ का कारण पूछा तो बताया कि उक्त स्कूटी चालक का एक्सीडेंट हो गया है। उसने देखा तो स्कूटी उसके भतीजे अर्जुन की थी। जबकि घायल को पुलिस उपचार के लिए होडल सरकारी अस्पताल ले गई थी। पीड़ित होडल सरकारी अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टरों से अर्जुन के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि अर्जुन की दुर्घटना में लगी चोटों के कारण मौत हो गई है। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर शव को सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया। वहीं, गदपुरी थाना प्रभारी राजबीर सिंह ने बताया कि आलीमेव गांव निवासी रविंद्र ने दी शिकायत में कहा है कि उसका भाई सुनील व भाभी राजेश्वरी किसी निजी कार्य से टहरकी गांव गए हुए थे, लेकिन जब दोनों वापस गांव आने के लिए पलवल-सोहना मार्ग पर सवारी के इंतजार में खड़े हुए थे तभी एक पिकअप गाड़ी आई और दोनों में सीधी टक्कर मार दी। टक्कर लगने से दोनों गंभीर रुप से घायल हो गए, घायलों को उपचार के लिए जिला नागरिक अस्पताल पलवल लाया गया। जहां से दोनों को दिल्ली ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया। दोनों का उपचार ट्रामा सेंटर में चल रहा है, जहां सुनील की हालत नाजुक बनी हुई है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।