अमेरिका जाकर डॉलर कमाने और परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने का सपना देखने वाला कैथल जिले के गांव श्यों माजरा का युवक मनदीप सिंह ठगी का शिकार हो गया। एजेंट के झांसे में आकर उसने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया, लेकिन अंत में उसे डिपोर्ट होकर भारत लौटना पड़ा। बी.ए. पास मनदीप अमेरिका जाने के लिए बेहद उत्साहित था। इसके लिए उसके पिता मंगत सिंह ने एक किल्ला जमीन बेच दी। बाकी की जमीन बैंक में गिरवी रखी और रिश्तेदारों से भी उधार लिया। परिवार ने एजेंट को 44 लाख रुपए दिए, जिसने दावा किया था कि 40 दिनों में उसे सुरक्षित अमेरिका पहुंचा दिया जाएगा। जंगलों के रास्ते भेजा अमेरिका मनदीप के मुताबिक एजेंट ने उसे पहले दिल्ली से मुंबई भेजा, फिर साउथ अफ्रीका, ब्राजील, पेरू, कोलंबिया और पनामा के खतरनाक जंगलों के रास्ते से होते हुए अमेरिका भेजा। लेकिन यह सफर 40 दिनों की बजाय 5 महीने लंबा हो गया। 24 जनवरी को उसने मेक्सिको बॉर्डर की दीवार पार कर अमेरिका में प्रवेश किया, लेकिन अमेरिकी बॉर्डर पुलिस ने उसे पकड़ लिया और हिरासत में ले लिया। डिपोर्ट होकर हथकड़ियों में भारत लौटा 13 फरवरी को अमेरिकी प्रशासन ने मनदीप को डिपोर्ट कर दिया। अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद उसे हथकड़ियों में अंबाला लाया गया, फिर वहां से कैथल पुलिस को सौंपा गया। गुहला थाना पुलिस ने उसे उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पासपोर्ट भी 5 साल के लिए ब्लैकलिस्ट मनदीप का कहना है कि एजेंट ने उसे धोखा दिया। सरकार बदलने के कारण हालात और मुश्किल हो गए और आखिरकार उसे डिपोर्ट होना पड़ा। उसका 44 लाख रुपए चला गया, जमीन भी गिरवी रखी गई और पासपोर्ट भी 5 साल के लिए ब्लैकलिस्ट हो गया। अब परिवार चाहता है कि एजेंट के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो ताकि आगे कोई और इस तरह से धोखाधड़ी का शिकार न हो। अमेरिका जाकर डॉलर कमाने और परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने का सपना देखने वाला कैथल जिले के गांव श्यों माजरा का युवक मनदीप सिंह ठगी का शिकार हो गया। एजेंट के झांसे में आकर उसने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया, लेकिन अंत में उसे डिपोर्ट होकर भारत लौटना पड़ा। बी.ए. पास मनदीप अमेरिका जाने के लिए बेहद उत्साहित था। इसके लिए उसके पिता मंगत सिंह ने एक किल्ला जमीन बेच दी। बाकी की जमीन बैंक में गिरवी रखी और रिश्तेदारों से भी उधार लिया। परिवार ने एजेंट को 44 लाख रुपए दिए, जिसने दावा किया था कि 40 दिनों में उसे सुरक्षित अमेरिका पहुंचा दिया जाएगा। जंगलों के रास्ते भेजा अमेरिका मनदीप के मुताबिक एजेंट ने उसे पहले दिल्ली से मुंबई भेजा, फिर साउथ अफ्रीका, ब्राजील, पेरू, कोलंबिया और पनामा के खतरनाक जंगलों के रास्ते से होते हुए अमेरिका भेजा। लेकिन यह सफर 40 दिनों की बजाय 5 महीने लंबा हो गया। 24 जनवरी को उसने मेक्सिको बॉर्डर की दीवार पार कर अमेरिका में प्रवेश किया, लेकिन अमेरिकी बॉर्डर पुलिस ने उसे पकड़ लिया और हिरासत में ले लिया। डिपोर्ट होकर हथकड़ियों में भारत लौटा 13 फरवरी को अमेरिकी प्रशासन ने मनदीप को डिपोर्ट कर दिया। अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद उसे हथकड़ियों में अंबाला लाया गया, फिर वहां से कैथल पुलिस को सौंपा गया। गुहला थाना पुलिस ने उसे उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पासपोर्ट भी 5 साल के लिए ब्लैकलिस्ट मनदीप का कहना है कि एजेंट ने उसे धोखा दिया। सरकार बदलने के कारण हालात और मुश्किल हो गए और आखिरकार उसे डिपोर्ट होना पड़ा। उसका 44 लाख रुपए चला गया, जमीन भी गिरवी रखी गई और पासपोर्ट भी 5 साल के लिए ब्लैकलिस्ट हो गया। अब परिवार चाहता है कि एजेंट के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो ताकि आगे कोई और इस तरह से धोखाधड़ी का शिकार न हो। हरियाणा | दैनिक भास्कर
