हरियाणा के कैथल में बिजली का करंट लगने से 40 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। यह व्यक्ति मूल रुप से फतेहाबाद का रहने वाला है और पेंटर का काम करता है। वह गुहला के गांव उरलाना में काम करने के लिए आया हुआ था। मृतक के परिजनों ने करंट लगने की घटना को 2 लोगों की लापरवाही बताया है। इस मामले में पुलिस ने दो दिन बाद दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। गुहला थाना में दी शिकायत में फतेहाबाद निवासी संदीप कुमार ने बताया कि वे तीन भाई बहन है सबसे बडी बहन सुनीता, उससे छोटा बूटा सिंह व वह छोटा है। वह पेंटर का काम करता है। उसका भाई बूटा सिंह बिजली लाइन लगाने का काम करता था। उनके गांव का राजकुमार बिजली लाइन की ठेकेदारी का काम करता है व भाई बूटा सिंह गांव के राजकुमार के साथ लेबर पर गांव उरलाना में काम करने के लिए यहां आया हुआ था। उसने बताया कि 7 जून को उसे सूचना मिली थी कि भाई बूटा सिंह को रामथली कैथल में बिजली की लाइन पर काम करते समय बिजली का करंट लगने से मौत हो गई है। इसके बाद वह मौके पर पहुंचा। इसके बारे उस समय उसने अपने तौर पर पता किया तो मेरे भाई की मौत के कारणों के बारे में सही तौर पर जानकारी नहीं मिल पाई। जबकि भाई के शव का पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद पता चला घटना वाले दिन राजकुमार के बेटे हरभजन सिंह के हाथ में लेबर थी और राजकुमार घर पर था। हरभजन सिंह अनजान था। अनजान होने के कारण यह दुर्घटना घटी है। हरभजन ने भाई को यह कहा था कि सात फिट पर दूरी बताई, जबकि दूरी कम थी. जिस कारण उसकी लापरवाही से दुर्घटना घटी है। हरभजन सिंह को पता था कि उसमें करंट है और भाई को नहीं पता था कि इसमें करंट है। ऐसा लापरवाही के कारण हुई है। इसलिए हरभजन व उसके पिता राजकुमार के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए। जांच अधिकारी ASI सलिंद्र कुमार ने बताया कि दो आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। अभी आरोपी गिरफ्त से बाहर है। हरियाणा के कैथल में बिजली का करंट लगने से 40 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। यह व्यक्ति मूल रुप से फतेहाबाद का रहने वाला है और पेंटर का काम करता है। वह गुहला के गांव उरलाना में काम करने के लिए आया हुआ था। मृतक के परिजनों ने करंट लगने की घटना को 2 लोगों की लापरवाही बताया है। इस मामले में पुलिस ने दो दिन बाद दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। गुहला थाना में दी शिकायत में फतेहाबाद निवासी संदीप कुमार ने बताया कि वे तीन भाई बहन है सबसे बडी बहन सुनीता, उससे छोटा बूटा सिंह व वह छोटा है। वह पेंटर का काम करता है। उसका भाई बूटा सिंह बिजली लाइन लगाने का काम करता था। उनके गांव का राजकुमार बिजली लाइन की ठेकेदारी का काम करता है व भाई बूटा सिंह गांव के राजकुमार के साथ लेबर पर गांव उरलाना में काम करने के लिए यहां आया हुआ था। उसने बताया कि 7 जून को उसे सूचना मिली थी कि भाई बूटा सिंह को रामथली कैथल में बिजली की लाइन पर काम करते समय बिजली का करंट लगने से मौत हो गई है। इसके बाद वह मौके पर पहुंचा। इसके बारे उस समय उसने अपने तौर पर पता किया तो मेरे भाई की मौत के कारणों के बारे में सही तौर पर जानकारी नहीं मिल पाई। जबकि भाई के शव का पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद पता चला घटना वाले दिन राजकुमार के बेटे हरभजन सिंह के हाथ में लेबर थी और राजकुमार घर पर था। हरभजन सिंह अनजान था। अनजान होने के कारण यह दुर्घटना घटी है। हरभजन ने भाई को यह कहा था कि सात फिट पर दूरी बताई, जबकि दूरी कम थी. जिस कारण उसकी लापरवाही से दुर्घटना घटी है। हरभजन सिंह को पता था कि उसमें करंट है और भाई को नहीं पता था कि इसमें करंट है। ऐसा लापरवाही के कारण हुई है। इसलिए हरभजन व उसके पिता राजकुमार के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए। जांच अधिकारी ASI सलिंद्र कुमार ने बताया कि दो आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। अभी आरोपी गिरफ्त से बाहर है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में नए चीफ सेक्रेटरी ने किया जॉइन:IAS विवेक जोशी ने सीएम नायब सैनी से की मुलाकात, 31 अक्टूबर से खाली था पद
हरियाणा में नए चीफ सेक्रेटरी ने किया जॉइन:IAS विवेक जोशी ने सीएम नायब सैनी से की मुलाकात, 31 अक्टूबर से खाली था पद 1989 बैच के IAS अधिकारी विवेक जोशी ने हरियाणा के नए चीफ सेक्रेटरी (CS) का पद संभाल लिया है। आज पद संभालने से पहले उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की और हरियाणा को लेकर बातचीत की। विवेक जोशी इससे पहले PMO में कार्यरत थे। उनकी हरियाणा में दोबारा एंट्री खासकर चीफ सेक्रेटरी के पद पर जॉइनिंग को काफी अहम माना जा रहा है। दिवाली के दिन शाम को उनकी नियुक्ति के ऑर्डर जारी हुए थे, लेकिन उनकी जॉइनिंग की डेट तय नहीं हुई थी। उनकी जगह अनुराग रस्तोगी को कार्यवाहक चीफ सेक्रेटरी बनाया गया था। अब विवेक जोशी के आने के बाद वह अपने आप रिलीव हो जाएंगे। अब अनुराग रस्तोगी को सरकार कहां भेजती है यह देखने वाली बात होगी। रस्तोगी 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं। घर बैठे रिटायर्ड हो गए थे चीफ सेक्रेटरी 1988 बैच के IAS अफसर टीवीएसएन प्रसाद दिवाली के दिन (31 अक्टूबर) चीफ सेक्रेटरी के पद से रिटायर हुए। दिवाली की छुट्टी होने के चलते वह घर बैठे-बैठे ही रिटायर हो गए। उनके रिटायर होने के बाद विवेक जोशी को राज्य का नया चीफ सेक्रेटरी बनाया गया था। जोशी को 26 अक्टूबर को ही केंद्र से अपने मूल कैडर में वापस भेजा गया था। तभी से माना जा रहा था कि जोशी ही राज्य के नए चीफ सेक्रेटरी बन सकते हैं। विवेक जोशी केंद्र में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सेक्रेटरी की जिम्मेदारी देख रहे थे। इससे पहले वह वित्त मंत्रालय में सेक्रेटरी की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। विवेक जोशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुड लिस्ट में रहे हैं। हरियाणा सरकार के साथ काम कर चुके विवेक जोशी ने हरियाणा सरकार के साथ निगरानी और समन्वय के प्रमुख सचिव, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के CEO के रूप में भी काम किया है। 2014-2017 के दौरान उन्होंने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया है। इस दौरान वह सार्वजनिक खरीद नीति तैयार करने में सरकार को सलाह देना का काम किया करते थे। उन्होंने भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (2010-2014) में संयुक्त सचिव के रूप में भी काम किया है। संजीव कौशल भी घर बैठे-बैठे ही रिटायर हुए टीवीएसएन प्रसाद से पहले हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव IAS ऑफिसर संजीव कौशल रिटायर्ड हुए थे। वह भी छुट्टी वाले दिन 31 जुलाई को घर बैठे-बैठे रिटायर्ड हो गए थे। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के बनने के बाद ही वह छुट्टी पर चले गए थे।सेवा के अंतिम समय में वह पेड लीव थे। इसके बाद टीवीएसएन प्रसाद को हरियाणा का CS बनाया गया था।
सोनीपत में पार्षदों ने दिया धरना:पांच सूत्री मांगे पूरी करने की मांग; सरकार के खिलाफ वोट करने की चेतावनी दी
सोनीपत में पार्षदों ने दिया धरना:पांच सूत्री मांगे पूरी करने की मांग; सरकार के खिलाफ वोट करने की चेतावनी दी हरियाणा के सोनीपत जिले के गोहाना की नगर परिषद में पार्षदों ने हरियाणा सरकार के खिलाफ एक दिन का सांकेतिक धरना दिया। सभी नगर पार्षदों ने सरकार से पांच मांग मांगी है। हमारी मांगे नहीं मानी तो हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोटिंग करेंगे। वार्ड-23 से पार्षद गदीश राय ने कहा कि पार्षदों को 10 लाख रुपए सालाना देने चाहिए दिए। जिससे पार्षद अपने वार्ड में काम करवा सके। पार्षदों का मानदेय भत्ता बढ़ाकर बीस हजार किया जाए। सभी पार्षदों को मेडिकल और जीवन बीमा सरकारी स्तर पर दिया जाए। हरियाणा में पार्षदों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पेंशन योजन बनाई जाए। नगर परिषद पालिका में वार्ड में किए गए कार्यों की राशि अनुमोदन और भुगतान के लिए समिति अथवा उप- समिति के सदस्य की नियुक्ति चुनाव द्वारा की की जाए। राशि के अनुमोदन एवं भुगतान हेतु कम से कम तीन पार्षदों को सदस्य बनाया जाना अनिवार्य होना चाहिए। सरकार के खिलाफ वोट करने की चेतावनी उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने हमारी मांगों पर विचार नहीं किया, तो सभी प्रदेश के पार्षद यूनियन बनाकर हरियाणा सरकार का विरोध करेंगे। आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार के खिलाफ वोट करने का काम करेंगे। इस अवसर पर गोहाना नगर परिषद के विजय कुमार, जगदीश राय, सुनील बंसल, बबली देवी, प्रदीप कुमार, रामनिवास सैनी, मुकेश देवगन, निपुण सहरावत, नरेंद्र कुमार समेत अन्य पार्षद मौजूद रहे।
हरियाणा में BJP अध्यक्ष पद की दौड़ शुरू:5 चेहरे दौड़ में; ब्राह्मण-दलित पर फोकस; टिकट कटने के बाद भाटिया यहां भी रेस से बाहर
हरियाणा में BJP अध्यक्ष पद की दौड़ शुरू:5 चेहरे दौड़ में; ब्राह्मण-दलित पर फोकस; टिकट कटने के बाद भाटिया यहां भी रेस से बाहर हरियाणा में लोकसभा चुनाव खत्म होते ही भाजपा ने संगठन पर जोर देना शुरू कर दिया है। संगठन को मजबूत करने के पहले फेज में प्रदेश अध्यक्ष पर नया चेहरा लाने की तैयारी है। अभी सीएम नायब सैनी के पास ही अध्यक्ष का पद है। इस बार भाजपा नए अध्यक्ष के लिए ब्राह्मण और दलित चेहरे पर दांव खेल सकती है। सबसे अहम बात यह है कि करनाल लोकसभा सीट से टिकट कटने के बाद संजय भाटिया का नाम प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में था, लेकिन अब नए समीकरणों को देखते हुए उन्हें बाहर कर दिया गया है। हालांकि वह अभी पार्टी के अध्यक्ष के लिए लॉबिंग करने में जुटे हुए हैं, लेकिन अभी तक उन्हें कोई सफलता नहीं मिल पाई है। दलित-ब्राह्मण पर भाजपा का क्यों फोकस?
हरियाणा में अब भाजपा दलित और ब्राह्मण पर ही फोकस क्यों कर रही है। इसकी एक बड़ी वजह हैं। पहली वजह इनका वोट प्रतिशत है। हरियाणा में दलित और ओबीसी का बहुत बड़ा वोट प्रतिशत है, दलित 21 प्रतिशत और ओबीसी 30 प्रतिशत, इन दोनों को यदि मिला दिया जाए तो यह 51% हो जाता है। आने वाले विधानसभा को देखते हुए भाजपा इस पर फोकस कर रही है। वहीं ब्राह्मण का सूबे में 8% वोट है, प्रतिशत कम है, लेकिन दो लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर इनका खासा प्रभाव है। ब्राह्मणों में ये चेहरे दौड़ में
भाजपा यदि किसी ब्राह्मण को प्रदेश अध्यक्ष बनाती है, तो पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सबसे भरोसेमंद पूर्व राजनीतिक सचिव अजय गौड़ का नाम सबसे मजबूत है। अजय गौड़ फरीदाबाद लोकसभा सीट के प्रभारी भी हैं। उनकी गिनती पार्टी के प्रमुख रणनीतिकारों में होती है। पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा भी ब्राह्मणों में भाजपा का बड़ा चेहरा हैं। पार्टी इन पर भी दांव खेल सकती है। दलित में ये चेहरे दौड़ में
दलित नेताओं में राज्यसभा MP कृष्ण लाल पंवार का नाम काफी मजबूत है, लेकिन वह INLD से आए हैं। ऐसे में बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रह चुके एवं मुख्यमंत्री के चीफ मीडिया कार्डिनेटर सुदेश कटारिया के नाम पर पार्टी विचार कर सकती है। सुदेश कटारिया पूर्व सीएम और सीएम के भरोसेमंद सहयोगियों में हैं। इस लोकसभा चुनाव में भी उन्हें अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं। भाजपा में सीएम के पूर्व राजनीतिक सचिव एवं पूर्व मंत्री कृष्ण कुमार बेदी का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष के लिए चर्चा में है। वैश्यों को भी साध सकती है बीजेपी
हरियाणा में भाजपा वैश्यों को भी साध सकती है। यदि पार्टी वैश्य चेहरा लेकर आती है तो पूर्व उद्योग मंत्री विपुल गोयल और सीएम के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव जैन के नामों पर भी विचार कर सकती है। पंजाबी नेताओं में पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर का नाम सबसे अधिक मजबूत माना जाता है। इसलिए दौड़ से बाहर हो गए संजय भाटिया
करनाल लोकसभा से टिकट कटने के बाद यह चर्चा थी कि संजय भाटिया को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी। चूंकि भाटिया पंजाब समुदाय से आते हैं, और भाजपा में पहले ही दो बड़े पंजाबी चेहरे पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और पूर्व गृह मंत्री अनिल विज हैं। ऐसे में भाजपा अब पंजाबियों के अलावा अन्य वर्ग पर फोकस करना चाहती है। भाटिया को भी इसका एहसास हो चुका है, इसलिए वह करनाल में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान एक्टिव नहीं दिखे। वह सिर्फ मनोहर लाल के नॉमिनेशन में ही पहुंचे थे, इसके बाद वह ग्राउंड में नहीं दिखाई दिए।