‘कोई नैतिक अधिकार नहीं’, अखिलेश यादव के मंदिर-ट्रस्टों के सवाल पर केशव प्रसाद मौर्य की दो टूक

‘कोई नैतिक अधिकार नहीं’, अखिलेश यादव के मंदिर-ट्रस्टों के सवाल पर केशव प्रसाद मौर्य की दो टूक

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> मथुरा के वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर के लिए यूपी सरकार ने ट्रस्ट बना दिया है और इसका अध्यादेश भी जारी हो गया है. इसे लेकर कहीं विरोध हो रहा है तो कोई इसे सही ठहरा रहा है. इस मुद्दे को लेकर खुद समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सवाल उठाया था. अब सपा चीफ अखिलेश यादव के सवालों पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा मंदिर ट्रस्टों पर सवाल उठाए जाने को लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा अखिलेश यादव को मंदिरों से जुड़े मुद्दों पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. मंदिर तीर्थ स्थलों का हिस्सा हैं और तीर्थ स्थलों का विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिरों को सरकारी प्रशासन के भ्रष्टाचार से बचाया जाए- अखिलेश यादव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि सपा चीफ अखिलेश यादव ने मंदिरों के ट्रस्ट को लेकर एक्स पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि वह बड़े मंदिरों पर कब्जा करना चाहते हैं. अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा था-मंदिरों को सरकारी प्रशासन के भ्रष्टाचार से बचाया जाए! सभी बड़े मंदिरों पर सरकार के प्रबंधन के बहाने बीजेपी और उनके संगी-साथी अप्रत्यक्ष रूप से अपना कब्जा करते जा रहे हैं. जो परंपरागत रूप से सैकड़ों सालों से इन मंदिरों के प्रबंधन-संचालन में आस्था से अपने कर्तव्य निभाते आ रहे हैं, उनसे उनके सेवा-भाव के अधिकार छीने जा रहे हैं साथ ही उनके ऊपर अविश्वास प्रकट करते हुए, एक तरह से ये आरोप भी लगाया जा रहा है कि वो इस काम में सक्षम नहीं है या फिर उनका संचालन त्रुटिपूर्ण है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>धर्म भलाई के लिए होता है, कमाई के लिए नहीं- अखिलेश यादव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सपा चीफ ने कहा था मंदिरों में श्रद्धालु जो दान-पुण्य करते हैं उसका सदुपयोग मंदिर में दर्शन, प्रसाद-भेंट, सुरक्षा, जन सुविधा, धर्मशाला आदि धर्मार्थ कार्यों में होता आया है और सेवा-भाव से भरा आस्थावान प्रबंधन इसी को सुनिश्चित करता है क्योंकि उनका ऐसे धर्म-कर्म से एक बहुत गहरा भक्ति भावना से भरा लगाव होता है. जो लोग बाहरी होते हैं या पेशेवर होते हैं, वो इन सब धार्मिक-निवेश को लाभ-हानि की तराजू पर तोलते हैं, उनके लिए ये श्रद्धा का विषय नहीं होता है. ऐसे प्रकरण उपलब्ध हैं जब ऐसे प्रशासनिक लोगों ने मंदिर में चढ़ाये गये बेलपत्रों तक को बेचकर भ्रष्टाचार किया है. कारोबारी बीजेपी और उनके धन लोलुप संगी-साथी याद रखें कि धर्म भलाई के लिए होता है, कमाई के लिए नहीं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> मथुरा के वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर के लिए यूपी सरकार ने ट्रस्ट बना दिया है और इसका अध्यादेश भी जारी हो गया है. इसे लेकर कहीं विरोध हो रहा है तो कोई इसे सही ठहरा रहा है. इस मुद्दे को लेकर खुद समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सवाल उठाया था. अब सपा चीफ अखिलेश यादव के सवालों पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा मंदिर ट्रस्टों पर सवाल उठाए जाने को लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा अखिलेश यादव को मंदिरों से जुड़े मुद्दों पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. मंदिर तीर्थ स्थलों का हिस्सा हैं और तीर्थ स्थलों का विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिरों को सरकारी प्रशासन के भ्रष्टाचार से बचाया जाए- अखिलेश यादव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि सपा चीफ अखिलेश यादव ने मंदिरों के ट्रस्ट को लेकर एक्स पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि वह बड़े मंदिरों पर कब्जा करना चाहते हैं. अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा था-मंदिरों को सरकारी प्रशासन के भ्रष्टाचार से बचाया जाए! सभी बड़े मंदिरों पर सरकार के प्रबंधन के बहाने बीजेपी और उनके संगी-साथी अप्रत्यक्ष रूप से अपना कब्जा करते जा रहे हैं. जो परंपरागत रूप से सैकड़ों सालों से इन मंदिरों के प्रबंधन-संचालन में आस्था से अपने कर्तव्य निभाते आ रहे हैं, उनसे उनके सेवा-भाव के अधिकार छीने जा रहे हैं साथ ही उनके ऊपर अविश्वास प्रकट करते हुए, एक तरह से ये आरोप भी लगाया जा रहा है कि वो इस काम में सक्षम नहीं है या फिर उनका संचालन त्रुटिपूर्ण है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>धर्म भलाई के लिए होता है, कमाई के लिए नहीं- अखिलेश यादव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सपा चीफ ने कहा था मंदिरों में श्रद्धालु जो दान-पुण्य करते हैं उसका सदुपयोग मंदिर में दर्शन, प्रसाद-भेंट, सुरक्षा, जन सुविधा, धर्मशाला आदि धर्मार्थ कार्यों में होता आया है और सेवा-भाव से भरा आस्थावान प्रबंधन इसी को सुनिश्चित करता है क्योंकि उनका ऐसे धर्म-कर्म से एक बहुत गहरा भक्ति भावना से भरा लगाव होता है. जो लोग बाहरी होते हैं या पेशेवर होते हैं, वो इन सब धार्मिक-निवेश को लाभ-हानि की तराजू पर तोलते हैं, उनके लिए ये श्रद्धा का विषय नहीं होता है. ऐसे प्रकरण उपलब्ध हैं जब ऐसे प्रशासनिक लोगों ने मंदिर में चढ़ाये गये बेलपत्रों तक को बेचकर भ्रष्टाचार किया है. कारोबारी बीजेपी और उनके धन लोलुप संगी-साथी याद रखें कि धर्म भलाई के लिए होता है, कमाई के लिए नहीं.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Maharashtra: सपा विधायक अबू आजमी का बड़ा बयान, ‘2-4 MLA बनाने से बेहतर होगा 4-5…’