कौन हैं जस्टिस अरुण पल्ली, जिन्हें LG मनोज सिन्हा ने दिलाई जम्मू कश्मीर-लद्दाख HC के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ

कौन हैं जस्टिस अरुण पल्ली, जिन्हें LG मनोज सिन्हा ने दिलाई जम्मू कश्मीर-लद्दाख HC के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ

<p style=”text-align: justify;”><strong>Justice Arun Palli:</strong> जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जस्टिस अरुण पल्ली को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ दिलवाई. जम्मू में आयोजित एक समारोह में जस्टिस अरुण पल्ली ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के समक्ष पद की शपथ ली.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जस्टिस अरुण पल्ली ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. इससे पहले केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने जस्टिस अरुण पल्ली को जम्मू एवं कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने के संबंध में अधिसूचना जारी की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने किया रिकेमेंड</strong><br />अधिसूचना में कहा गया है “भारत के संविधान के अनुच्छेद 217 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति ने न्यायमूर्ति अरुण पल्ली, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को जम्मू एवं कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करते हैं”. &nbsp;4 अप्रैल, 2025 को, मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के नेतृत्व वाले सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अरुण पल्ली को जम्मू एवं कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद के लिए अनुशंसित किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन हैं जस्टिस अरुण पल्ली?</strong><br />18 सितंबर, 1964 को जन्मे अरुण न्यायमूर्ति पल्ली ने कॉमर्स में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की और 1988 में पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से लॉ में ग्रेजुएशन किया और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपनी कानूनी प्रैक्टिस शुरू की. उन्होंने दीवानी, फौजदारी, संवैधानिक, राजस्व, औद्योगिक और श्रम कानून सहित कानून के विविध क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल की. उन्हें 1 सितंबर, 2004 को पंजाब का अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया गया, जिस पद पर वे मार्च 2007 तक रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2007 में अधिवक्ता के रूप में हुए नामित</strong><br />उन्हें 26 अप्रैल, 2007 को वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया. उन्होंने उच्च न्यायालय के समक्ष विभिन्न विवादास्पद मामलों में एमिकस क्यूरी के रूप में कार्य किया. उन्होंने डिवीजन और फुल बेंच के समक्ष महत्वपूर्ण कानूनी प्रस्तावों वाले विविध विषयों और मामलों को निपटाया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वे सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली उच्च न्यायालय में भी पेश हुए और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में भी कई महत्वपूर्ण मामलों पर बहस की. उन्हें 28 दिसंबर, 2013 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की खंडपीठ में पदोन्नत किया गया था. वह 31 मई 2023 से हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे और उन्हें 31 अक्टूबर, 2023 को दो साल के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) के शासी निकाय के सदस्य के रूप में नामित किया गया था.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Justice Arun Palli:</strong> जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जस्टिस अरुण पल्ली को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ दिलवाई. जम्मू में आयोजित एक समारोह में जस्टिस अरुण पल्ली ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली. उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के समक्ष पद की शपथ ली.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जस्टिस अरुण पल्ली ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. इससे पहले केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने जस्टिस अरुण पल्ली को जम्मू एवं कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने के संबंध में अधिसूचना जारी की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने किया रिकेमेंड</strong><br />अधिसूचना में कहा गया है “भारत के संविधान के अनुच्छेद 217 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, राष्ट्रपति ने न्यायमूर्ति अरुण पल्ली, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को जम्मू एवं कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करते हैं”. &nbsp;4 अप्रैल, 2025 को, मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के नेतृत्व वाले सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अरुण पल्ली को जम्मू एवं कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद के लिए अनुशंसित किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन हैं जस्टिस अरुण पल्ली?</strong><br />18 सितंबर, 1964 को जन्मे अरुण न्यायमूर्ति पल्ली ने कॉमर्स में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की और 1988 में पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से लॉ में ग्रेजुएशन किया और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपनी कानूनी प्रैक्टिस शुरू की. उन्होंने दीवानी, फौजदारी, संवैधानिक, राजस्व, औद्योगिक और श्रम कानून सहित कानून के विविध क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल की. उन्हें 1 सितंबर, 2004 को पंजाब का अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया गया, जिस पद पर वे मार्च 2007 तक रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2007 में अधिवक्ता के रूप में हुए नामित</strong><br />उन्हें 26 अप्रैल, 2007 को वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया. उन्होंने उच्च न्यायालय के समक्ष विभिन्न विवादास्पद मामलों में एमिकस क्यूरी के रूप में कार्य किया. उन्होंने डिवीजन और फुल बेंच के समक्ष महत्वपूर्ण कानूनी प्रस्तावों वाले विविध विषयों और मामलों को निपटाया.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वे सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली उच्च न्यायालय में भी पेश हुए और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में भी कई महत्वपूर्ण मामलों पर बहस की. उन्हें 28 दिसंबर, 2013 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की खंडपीठ में पदोन्नत किया गया था. वह 31 मई 2023 से हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे और उन्हें 31 अक्टूबर, 2023 को दो साल के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) के शासी निकाय के सदस्य के रूप में नामित किया गया था.</p>  जम्मू और कश्मीर दिल्ली में 55% तक कम हो जाएंगे बिजली के दाम, योजना पर काम शुरू, मंत्री ने किया निरीक्षण