<p style=”text-align: justify;”><strong>Kamal Nath News:</strong> मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, छिंदवाड़ा के पूर्व सांसद और कांग्रेस के सीनियर नेता कमलनाथ अब अपने राजनीतिक करियर के लिए क्या सोच रहे हैं? क्या कमलनाथ वापस केंद्र में जाना चाहते हैं या मध्य प्रदेश में ही रहना चाहते हैं? छिंदवाड़ा के लोग यह जानने के लिए उत्सकु हैं कि कमलनाथ का अगला कदम क्या होगा? ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इन सभी सवालों का स्पष्टता से जवाब दे दिया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कमलनाथ ने कहा, “मैं संजय गांधी और राजीव गांधी के साथ स्कूल में पढ़ता था. तभी से इंदिरा गांधी को जानता था. जब हम बोर्डिंग स्कूल में थे तो वे रविवार को हमसे मिलने आते थे. हम उनके साथ घूमने भी जाया करते थे. राजनीति में आने की मेरी कोई मंशा नहीं थी. मेरे परिवार का इलेक्ट्रिकल्स का बिजनेस था.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 1976 में मैंने यूथ कांग्रेस जॉइन की. साल 1977 में कांग्रेस और इंदिरा गांधी हार गए. इसके बाद संजय गांधी के नेतृत्व में बड़ा आंदोलन छिड़ा. मैंने हर जगह संजय गांधी का साथ दिया. इसके बाद 1979 में संजय गांधी ने मुझसे कहा कि तुम्हे चुनाव लड़ना चाहिए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संजय गांधी ने चुनाव लड़ने के लिए किया प्रेरित</strong><br />कमलनाथ ने बताया कि राजनीतिक जगत में उन्होंने कदम कैसे रखा? कांग्रेस नेता ने बताया, “संजय गांधी की बात सुनकर मैं अपने जिले छिंदवाड़ा वापस चला गया. वहां हमारे परिवार के पास जमीन थी, मेरा परिवार पाकिस्तान से आया था. इसलिए हमें छिंदवाड़ा में जमीन मिली थी. हालांकि, वहां कोई स्कूल-कॉलेज नहीं थे इसलिए मेरी पढ़ाई बार से हुई. मैं बाहर ही रहता था, लेकिन कभी कभी छिंदवाड़ा जाकर देखता रहता था कि वहां क्या चल रहा है.”</p>
<blockquote class=”twitter-tweet” data-media-max-width=”560″>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>आज पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर यह साक्षात्कार उनको श्रद्धांजलि है। इस साक्षात्कार में मैंने स्वर्गीय श्री राजीव गांधी और गांधी परिवार के साथ अपने रिश्तों तथा अन्य विषयों पर चर्चा की है।<a href=”https://twitter.com/hashtag/RAJIVGANDHIDEATHANNIVERSARY?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#RAJIVGANDHIDEATHANNIVERSARY</a> <a href=”https://t.co/wM2kPRqZil”>pic.twitter.com/wM2kPRqZil</a></p>
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) <a href=”https://twitter.com/OfficeOfKNath/status/1925089901516882283?ref_src=twsrc%5Etfw”>May 21, 2025</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’छिंदवाड़ा के विकास के लिए बना सांसद’- कमलनाथ</strong><br />कमलनाथ ने जानकारी दी, “छिंदवाड़ा की हालत उस समय सही नहीं थी. 95 फीसदी से ज्यादा लोग गरीबी रेखा के नीचे थे. इसका समाधान निकालाना मेरे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी. दिसंबर 1979 में मैंने चुनाव लड़ने के लिए पहली बार पर्चा भरा. सातवां लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतकर सांसद बना.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’आज जैसी नहीं थी पहले की लोकसभा’- कमलनाथ</strong><br />कांग्रेस के सीनियर नेता ने बताया, “उस समय लोकसभा भी बहुत अलग हुआ करती थी. बाबू जगजीवन राम, बीजू पटनायक लोकसभा में हुआ करते थे. बदकिस्मती से अब बहुत बड़े बदलाव हो गए हैं. उस समय लोकसभा में अच्छे भाषण, वाद-विवाद होते थे. आज के समय के विपरीत उस जमाने में आप अपने विचार स्वतंत्रता से रख सकते थे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कैसे हुए कमलनाथ के केंद्र के करियर का अंत?</strong><br />मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि वह सबसे लंबे समय तक सांसद रहे. उन्होंने कहा, “मैं लगातार चुनाव लड़ता गया और जीतता गया. इसी के साथ मैं सबसे लंबे समय तक रहने वाला संसद सदस्य बना. जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिली तो मुझे सांसद पद से इस्तीफा देना पड़ा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया, “मैं विधायक बना और मेरा बेटा संसद का चुनाव जीत गया. इसी के साथ संसद में मेरे करियर का अंत हो गया. हालांकि, मैं अभी भी वापस जा सकता हूं, लेकिन अब मुझे लगता है कि मैंने केंद्र में बहुत काम कर लिया है. अब मैं अपने राज्य में रहना चाहता हूं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>केंद्र में नहीं, राज्य में रहना चाहते हैं कमलनाथ</strong><br />जब उनसे यह सवाल किया गया कि ज्यादातर नेता केंद्र में रहना चाहते हैं, आपको राज्य में रहना क्यों पसंद है? सवाल के जवाब में कमलनाथ ने कहा, “मैं काफी लंबे समय तक केंद्र में रह चुका हूं, केंद्रीय मंत्री पद की चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुका हूं. पर्यावरण मंत्री था, तो बहुत चुनौतियां सामने थीं. क्लाइमेट चेंज एक बहुत बड़ा मुद्दा था. कॉमर्स मिनिस्टर बना तो निवेश के मुद्दों पर बहुत काम किया. अब राज्य के लिए काम करना चाहता हूं.”</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Kamal Nath News:</strong> मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, छिंदवाड़ा के पूर्व सांसद और कांग्रेस के सीनियर नेता कमलनाथ अब अपने राजनीतिक करियर के लिए क्या सोच रहे हैं? क्या कमलनाथ वापस केंद्र में जाना चाहते हैं या मध्य प्रदेश में ही रहना चाहते हैं? छिंदवाड़ा के लोग यह जानने के लिए उत्सकु हैं कि कमलनाथ का अगला कदम क्या होगा? ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इन सभी सवालों का स्पष्टता से जवाब दे दिया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कमलनाथ ने कहा, “मैं संजय गांधी और राजीव गांधी के साथ स्कूल में पढ़ता था. तभी से इंदिरा गांधी को जानता था. जब हम बोर्डिंग स्कूल में थे तो वे रविवार को हमसे मिलने आते थे. हम उनके साथ घूमने भी जाया करते थे. राजनीति में आने की मेरी कोई मंशा नहीं थी. मेरे परिवार का इलेक्ट्रिकल्स का बिजनेस था.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 1976 में मैंने यूथ कांग्रेस जॉइन की. साल 1977 में कांग्रेस और इंदिरा गांधी हार गए. इसके बाद संजय गांधी के नेतृत्व में बड़ा आंदोलन छिड़ा. मैंने हर जगह संजय गांधी का साथ दिया. इसके बाद 1979 में संजय गांधी ने मुझसे कहा कि तुम्हे चुनाव लड़ना चाहिए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संजय गांधी ने चुनाव लड़ने के लिए किया प्रेरित</strong><br />कमलनाथ ने बताया कि राजनीतिक जगत में उन्होंने कदम कैसे रखा? कांग्रेस नेता ने बताया, “संजय गांधी की बात सुनकर मैं अपने जिले छिंदवाड़ा वापस चला गया. वहां हमारे परिवार के पास जमीन थी, मेरा परिवार पाकिस्तान से आया था. इसलिए हमें छिंदवाड़ा में जमीन मिली थी. हालांकि, वहां कोई स्कूल-कॉलेज नहीं थे इसलिए मेरी पढ़ाई बार से हुई. मैं बाहर ही रहता था, लेकिन कभी कभी छिंदवाड़ा जाकर देखता रहता था कि वहां क्या चल रहा है.”</p>
<blockquote class=”twitter-tweet” data-media-max-width=”560″>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>आज पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर यह साक्षात्कार उनको श्रद्धांजलि है। इस साक्षात्कार में मैंने स्वर्गीय श्री राजीव गांधी और गांधी परिवार के साथ अपने रिश्तों तथा अन्य विषयों पर चर्चा की है।<a href=”https://twitter.com/hashtag/RAJIVGANDHIDEATHANNIVERSARY?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#RAJIVGANDHIDEATHANNIVERSARY</a> <a href=”https://t.co/wM2kPRqZil”>pic.twitter.com/wM2kPRqZil</a></p>
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) <a href=”https://twitter.com/OfficeOfKNath/status/1925089901516882283?ref_src=twsrc%5Etfw”>May 21, 2025</a></blockquote>
<p>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’छिंदवाड़ा के विकास के लिए बना सांसद’- कमलनाथ</strong><br />कमलनाथ ने जानकारी दी, “छिंदवाड़ा की हालत उस समय सही नहीं थी. 95 फीसदी से ज्यादा लोग गरीबी रेखा के नीचे थे. इसका समाधान निकालाना मेरे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी. दिसंबर 1979 में मैंने चुनाव लड़ने के लिए पहली बार पर्चा भरा. सातवां लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतकर सांसद बना.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’आज जैसी नहीं थी पहले की लोकसभा’- कमलनाथ</strong><br />कांग्रेस के सीनियर नेता ने बताया, “उस समय लोकसभा भी बहुत अलग हुआ करती थी. बाबू जगजीवन राम, बीजू पटनायक लोकसभा में हुआ करते थे. बदकिस्मती से अब बहुत बड़े बदलाव हो गए हैं. उस समय लोकसभा में अच्छे भाषण, वाद-विवाद होते थे. आज के समय के विपरीत उस जमाने में आप अपने विचार स्वतंत्रता से रख सकते थे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कैसे हुए कमलनाथ के केंद्र के करियर का अंत?</strong><br />मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि वह सबसे लंबे समय तक सांसद रहे. उन्होंने कहा, “मैं लगातार चुनाव लड़ता गया और जीतता गया. इसी के साथ मैं सबसे लंबे समय तक रहने वाला संसद सदस्य बना. जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिली तो मुझे सांसद पद से इस्तीफा देना पड़ा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया, “मैं विधायक बना और मेरा बेटा संसद का चुनाव जीत गया. इसी के साथ संसद में मेरे करियर का अंत हो गया. हालांकि, मैं अभी भी वापस जा सकता हूं, लेकिन अब मुझे लगता है कि मैंने केंद्र में बहुत काम कर लिया है. अब मैं अपने राज्य में रहना चाहता हूं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>केंद्र में नहीं, राज्य में रहना चाहते हैं कमलनाथ</strong><br />जब उनसे यह सवाल किया गया कि ज्यादातर नेता केंद्र में रहना चाहते हैं, आपको राज्य में रहना क्यों पसंद है? सवाल के जवाब में कमलनाथ ने कहा, “मैं काफी लंबे समय तक केंद्र में रह चुका हूं, केंद्रीय मंत्री पद की चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुका हूं. पर्यावरण मंत्री था, तो बहुत चुनौतियां सामने थीं. क्लाइमेट चेंज एक बहुत बड़ा मुद्दा था. कॉमर्स मिनिस्टर बना तो निवेश के मुद्दों पर बहुत काम किया. अब राज्य के लिए काम करना चाहता हूं.”</p> मध्य प्रदेश ‘निषाद समाज को ठग रहे मुकेश सहनी’, बिहार BJP के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने किया पलटवार
क्या केंद्र में वापस आएंगे कमलनाथ? कांग्रेस नेता ने याद किए लोकसभा के दिन, बोले- ‘मैंने संसद में रहकर…’
