क्या सांप बदला लेता है:मेरठ में युवक को 10 बार काटकर बेड पर पड़ा रहा; यूपी में 5 साल में 3 हजार से ज्यादा मौतें

क्या सांप बदला लेता है:मेरठ में युवक को 10 बार काटकर बेड पर पड़ा रहा; यूपी में 5 साल में 3 हजार से ज्यादा मौतें

मेरठ में एक युवक को सांप ने 10 बार डसा, जिससे उसकी मौत हो गई। सांप युवक को डसने के बाद वहां से हटा नहीं, उसकी डेडबॉडी के पास दुबककर बैठा रहा। सुबह उठने पर घरवालों ने जब यह देखा, तो शोर मचाने लगे। सपेरे को बुलाकर सांप को हटवाया और युवक को अस्पताल लेकर भागे। वहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। इसे लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कहा जा रहा है कि सांप ने बदला लिया, इसलिए वह डसने के बाद भी वहीं बैठा रहा। सांपों को लेकर लोगों में किस तरह के अंधविश्वास हैं? उत्तर प्रदेश में सांप काटना कितनी गंभीर समस्या है? भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए- सवाल 1- सांपों को लेकर किस तरह के अंधविश्वास हैं? जवाब- सांपों को लेकर यूपी समेत देश भर और अलग-अलग सभ्यताओं में कई तरह के अंधविश्वास हैं। इसमें सांप आंखों में हमलावर की फोटो कैद कर लेते हैं से लेकर अपने साथी की मौत का बदला लेते हैं, जैसी बातें शामिल हैं। हालांकि, अक्सर आपदा विभाग से लेकर सांपों को लेकर जागरूकता फैलाने वाली संस्थाएं ऐसी बातों पर विश्वास न करने की सलाह देती रहती हैं। सवाल 2- राज्य में सांप काटने की समस्या कितनी बड़ी है? जवाब- उत्तर प्रदेश देश का ऐसा राज्य है, जहां सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। राज्य राहत आयुक्त की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 से 2024 के बीच प्रदेश में सांप के काटने से कुल 3 हजार 288 मौतें हुई हैं। इस आंकड़े के आधार पर हर साल होने वाली मौतों का औसत 670 है। यह अन्य प्रदेशों में होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा है। मौतों के मामले में दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश है। इसके बाद बिहार और दूसरे राज्य हैं। यूपी में सांप काटने के मामले वैसे तो पूरे साल आते रहते हैं, लेकिन मानसून के समय अचानक संख्या बढ़ जाती है। दरअसल, मानसून के समय सांपों के बिल में पानी भर जाता है। उमस भी इस मौसम में सबसे ज्यादा होती है। इस वजह से सांप अपना बिल छोड़कर बाहर आने के लिए मजबूर होते हैं। इस तरह सांप काटने के आधे मामले सिर्फ जून से सितंबर महीने के बीच आते हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने कुछ जिलों को स्नेक बाइट हॉटस्पॉट घोषित किया है। इन जिलों में संर्पदंश से बचाव और इलाज पर विशेष ध्यान दिया जाता है। राज्य में ऐसे स्नेक बाइट हॉटस्पॉट 5 जिले हैं, जहां सांप काटने की सबसे ज्यादा घटनाएं पिछले कुछ सालों में सामने आई हैं। इसमें सोनभद्र, फतेहपुर, बाराबंकी, उन्नाव और हरदोई शामिल हैं। इन 5 जिलों के अलावा सीतापुर, गाजीपुर और मिर्जापुर जिले भी स्नेक बाइट के मामलों में आगे हैं। इन सभी जिलों में सांप काटने के मामले सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों से आते हैं। इन जिलों में सामान्य रूप से बड़ी जनसंख्या गांवों में रहती है। यहां खेती-किसानी का रकबा भी ज्यादा है। सवाल 3- सांप काटने से मौत की घटनाएं रोकने के लिए राज्य सरकार क्या कदम उठाए हैं? जवाब- राज्य में सांप काटने की घटनाओं को रोकने के लिए साल 2024 में राज्य सरकार ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया। इसे सांप काटने से सबसे प्रभावित जिलों में शामिल सोनभद्र, बाराबंकी और गाजीपुर जिले में शुरू किया गया। इसे शुरू करने का उद्देश्य सांप काटने से होने वाली मौतों में कमी लाना है। राहत विभाग ने बताया था कि इसे बाकी जिलों में भी शुरू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने से लेकर तुरंत प्राथमिक उपचार देने तक की जानकारी और साधन उपलब्ध कराना शामिल है। इसके तहत पीड़ितों को तुरंत मदद करने के लिए मेडिकल ऑफिसर्स से लेकर डॉक्टर्स, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स और आशा कार्यकर्ताओं को भी विशेष ट्रेनिंग देना शामिल है। आशा कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से स्नेक बाइट से बचाव की ट्रेनिंग दी गई। इसके अलावा सरकार ने सांप काटने से मृत व्यक्ति के परिवार को मुआवजा देने की भी 2018 से शुरुआत की थी। इसके लिए राज्य सरकार ने सर्पदंश को आधिकारिक रूप से राज्य आपदा की सूची में शामिल किया। इसके बाद से अब हर साल स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी स्नेक बाइट से बचने और प्राथमिक उपचार को लेकर एसओपी जारी करने लगा है। सवाल 4- दुनियाभर में सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें कहां होती हैं? जवाब- दुनियाभर में भारत में सांप काटने से होने वाली मौतों की संख्या सबसे ज्यादा है। साल 2020 में इसे लेकर की गई एक स्टडी के मुताबिक, हर साल भारत में 58 हजार से ज्यादा लोगों की मौत सांप के काटने से हो रही है। वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के मुताबिक, साल 2025 में अब तक भारत में 51 हजार 100 मामले सामने आ चुके हैं। यह दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। भारत के बाद दूसरे नंबर पर 2 हजार से अधिक मामलों के साथ पाकिस्तान है। तीसरे नंबर पर नाइजीरिया और चौथे पर बांग्लादेश है। भारत में इन आंकड़ों के और भी अधिक होने की आशंका जताई जाती है। देश में तमाम अंधविश्वास और जागरूकता की कमी के कारण बहुत से मामले कभी रिपोर्ट ही नहीं होते। सवाल 5- दुनियाभर में सांपों की कितनी प्रजातियां हैं? जवाब- दुनिया की बात करें तो सांपों की 3 हजार से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। इसमें 320 से भी अधिक प्रजातियां सिर्फ भारत में पाई जाती हैं। हालांकि, भारत में पाई जाने वाली सांप की प्रजातियों में से करीब 15 फीसदी ही जहरीली हैं। बाकी 85 फीसदी कम जहरीली या बिना जहर पाई जाती हैं। ——————– ये खबर भी पढ़ें… जेल में मुस्कान की नई सहेली…वो भी पति की कातिल, मेरठ में लाश के सामने बॉयफ्रेंड से मांग में सिंदूर भरवाया; अब दोनों प्रेग्नेंट मेरठ जिला जेल में 19 मार्च से बंद मुस्कान को जेल में नई सहेली मिली है। उसका नाम संगीता है, वह भी 3 महीने की प्रेग्नेंट है। मुस्कान को सामान्य बैरक से हटाकर अलग बैरक में रखा गया है। यहां मुस्कान और संगीता, दोनों साथ में रहती हैं। दोनों की क्रिमिनल हिस्ट्री भी तीन पॉइंट पर एक जैसी है। पढ़ें पूरी खबर मेरठ में एक युवक को सांप ने 10 बार डसा, जिससे उसकी मौत हो गई। सांप युवक को डसने के बाद वहां से हटा नहीं, उसकी डेडबॉडी के पास दुबककर बैठा रहा। सुबह उठने पर घरवालों ने जब यह देखा, तो शोर मचाने लगे। सपेरे को बुलाकर सांप को हटवाया और युवक को अस्पताल लेकर भागे। वहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। इसे लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कहा जा रहा है कि सांप ने बदला लिया, इसलिए वह डसने के बाद भी वहीं बैठा रहा। सांपों को लेकर लोगों में किस तरह के अंधविश्वास हैं? उत्तर प्रदेश में सांप काटना कितनी गंभीर समस्या है? भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए- सवाल 1- सांपों को लेकर किस तरह के अंधविश्वास हैं? जवाब- सांपों को लेकर यूपी समेत देश भर और अलग-अलग सभ्यताओं में कई तरह के अंधविश्वास हैं। इसमें सांप आंखों में हमलावर की फोटो कैद कर लेते हैं से लेकर अपने साथी की मौत का बदला लेते हैं, जैसी बातें शामिल हैं। हालांकि, अक्सर आपदा विभाग से लेकर सांपों को लेकर जागरूकता फैलाने वाली संस्थाएं ऐसी बातों पर विश्वास न करने की सलाह देती रहती हैं। सवाल 2- राज्य में सांप काटने की समस्या कितनी बड़ी है? जवाब- उत्तर प्रदेश देश का ऐसा राज्य है, जहां सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। राज्य राहत आयुक्त की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 से 2024 के बीच प्रदेश में सांप के काटने से कुल 3 हजार 288 मौतें हुई हैं। इस आंकड़े के आधार पर हर साल होने वाली मौतों का औसत 670 है। यह अन्य प्रदेशों में होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा है। मौतों के मामले में दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश है। इसके बाद बिहार और दूसरे राज्य हैं। यूपी में सांप काटने के मामले वैसे तो पूरे साल आते रहते हैं, लेकिन मानसून के समय अचानक संख्या बढ़ जाती है। दरअसल, मानसून के समय सांपों के बिल में पानी भर जाता है। उमस भी इस मौसम में सबसे ज्यादा होती है। इस वजह से सांप अपना बिल छोड़कर बाहर आने के लिए मजबूर होते हैं। इस तरह सांप काटने के आधे मामले सिर्फ जून से सितंबर महीने के बीच आते हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने कुछ जिलों को स्नेक बाइट हॉटस्पॉट घोषित किया है। इन जिलों में संर्पदंश से बचाव और इलाज पर विशेष ध्यान दिया जाता है। राज्य में ऐसे स्नेक बाइट हॉटस्पॉट 5 जिले हैं, जहां सांप काटने की सबसे ज्यादा घटनाएं पिछले कुछ सालों में सामने आई हैं। इसमें सोनभद्र, फतेहपुर, बाराबंकी, उन्नाव और हरदोई शामिल हैं। इन 5 जिलों के अलावा सीतापुर, गाजीपुर और मिर्जापुर जिले भी स्नेक बाइट के मामलों में आगे हैं। इन सभी जिलों में सांप काटने के मामले सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों से आते हैं। इन जिलों में सामान्य रूप से बड़ी जनसंख्या गांवों में रहती है। यहां खेती-किसानी का रकबा भी ज्यादा है। सवाल 3- सांप काटने से मौत की घटनाएं रोकने के लिए राज्य सरकार क्या कदम उठाए हैं? जवाब- राज्य में सांप काटने की घटनाओं को रोकने के लिए साल 2024 में राज्य सरकार ने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया। इसे सांप काटने से सबसे प्रभावित जिलों में शामिल सोनभद्र, बाराबंकी और गाजीपुर जिले में शुरू किया गया। इसे शुरू करने का उद्देश्य सांप काटने से होने वाली मौतों में कमी लाना है। राहत विभाग ने बताया था कि इसे बाकी जिलों में भी शुरू किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने से लेकर तुरंत प्राथमिक उपचार देने तक की जानकारी और साधन उपलब्ध कराना शामिल है। इसके तहत पीड़ितों को तुरंत मदद करने के लिए मेडिकल ऑफिसर्स से लेकर डॉक्टर्स, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स और आशा कार्यकर्ताओं को भी विशेष ट्रेनिंग देना शामिल है। आशा कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से स्नेक बाइट से बचाव की ट्रेनिंग दी गई। इसके अलावा सरकार ने सांप काटने से मृत व्यक्ति के परिवार को मुआवजा देने की भी 2018 से शुरुआत की थी। इसके लिए राज्य सरकार ने सर्पदंश को आधिकारिक रूप से राज्य आपदा की सूची में शामिल किया। इसके बाद से अब हर साल स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी स्नेक बाइट से बचने और प्राथमिक उपचार को लेकर एसओपी जारी करने लगा है। सवाल 4- दुनियाभर में सांप काटने से सबसे ज्यादा मौतें कहां होती हैं? जवाब- दुनियाभर में भारत में सांप काटने से होने वाली मौतों की संख्या सबसे ज्यादा है। साल 2020 में इसे लेकर की गई एक स्टडी के मुताबिक, हर साल भारत में 58 हजार से ज्यादा लोगों की मौत सांप के काटने से हो रही है। वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के मुताबिक, साल 2025 में अब तक भारत में 51 हजार 100 मामले सामने आ चुके हैं। यह दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। भारत के बाद दूसरे नंबर पर 2 हजार से अधिक मामलों के साथ पाकिस्तान है। तीसरे नंबर पर नाइजीरिया और चौथे पर बांग्लादेश है। भारत में इन आंकड़ों के और भी अधिक होने की आशंका जताई जाती है। देश में तमाम अंधविश्वास और जागरूकता की कमी के कारण बहुत से मामले कभी रिपोर्ट ही नहीं होते। सवाल 5- दुनियाभर में सांपों की कितनी प्रजातियां हैं? जवाब- दुनिया की बात करें तो सांपों की 3 हजार से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं। इसमें 320 से भी अधिक प्रजातियां सिर्फ भारत में पाई जाती हैं। हालांकि, भारत में पाई जाने वाली सांप की प्रजातियों में से करीब 15 फीसदी ही जहरीली हैं। बाकी 85 फीसदी कम जहरीली या बिना जहर पाई जाती हैं। ——————– ये खबर भी पढ़ें… जेल में मुस्कान की नई सहेली…वो भी पति की कातिल, मेरठ में लाश के सामने बॉयफ्रेंड से मांग में सिंदूर भरवाया; अब दोनों प्रेग्नेंट मेरठ जिला जेल में 19 मार्च से बंद मुस्कान को जेल में नई सहेली मिली है। उसका नाम संगीता है, वह भी 3 महीने की प्रेग्नेंट है। मुस्कान को सामान्य बैरक से हटाकर अलग बैरक में रखा गया है। यहां मुस्कान और संगीता, दोनों साथ में रहती हैं। दोनों की क्रिमिनल हिस्ट्री भी तीन पॉइंट पर एक जैसी है। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर