खन्ना के समराला में गार्डन वैली इंटरनेशनल स्कूल में हादसा हुआ। यहां करंट लगने से वैन कंडक्टर की मौत हो गई। मृतक की पहचान 42 वर्षीय गुरतेज सिंह निवासी गांव बरमा के तौर पर हुई। वह स्कूल में दीपावली फंक्शन की तैयारियों में जुटा था। इसी बीच लोहे का पाइप स्कूल से गुजर रहीं हाईवोल्टेज तारों को छू गया। करंट से गुरतेज की मौत हो गई। वह अपने पीछे मां, पत्नी और बेटी को छोड़ गया। लोहे का पाइप लगा रहा था गुरतेज मृतक के रिश्तेदार जगतार सिंह ने बताया कि गुरतेज सिंह स्कूल में कंडक्टर के तौर पर काम करता था। स्कूल में दीपावली का फंक्शन होना था। उसकी तैयारियां चल रही थीं। इसी बीच गुरतेज लोहे का लंबा पाइप उठाकर इसे लगाने के लिए ला रहा था। पाइप की ऊंचाई ज्यादा होने के चलते वह बिजली की तारों से छू गया और पाइप में करंट आने से गुरतेज सिंह को जोरदार झटका लगा। गंभीर रूप से झुलसने के चलते गुरतेज की मौत हो गई। स्कूल की प्रिंसिपल स्वाति घई ने कहा कि हादसा स्कूल के पीछे पार्किंग स्थल में हुआ। जैसे ही उन्हें पता चला तो वे एक मिनट में वहां पहुंच गए थे। गुरतेज सिंह को तुरंत निजी अस्पताल लेकर गए थे। तब तक उनकी मौत हो गई थी। अस्पताल पहुंचने से पहले मौत निजी अस्पताल की डाक्टर विरोनिका ने बताया कि स्कूल से गुरतेज सिंह नामक व्यक्ति को लाया गया था। लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी। मौत की वजह करंट बताया गया है। उनकी तरफ से स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दे दी गई थी। माछीवाड़ा साहिब थाना के एसएचओ पवित्र सिंह ने कहा कि पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। गुरतेज सिंह के परिवार वालों के बयान दर्ज करने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। खन्ना के समराला में गार्डन वैली इंटरनेशनल स्कूल में हादसा हुआ। यहां करंट लगने से वैन कंडक्टर की मौत हो गई। मृतक की पहचान 42 वर्षीय गुरतेज सिंह निवासी गांव बरमा के तौर पर हुई। वह स्कूल में दीपावली फंक्शन की तैयारियों में जुटा था। इसी बीच लोहे का पाइप स्कूल से गुजर रहीं हाईवोल्टेज तारों को छू गया। करंट से गुरतेज की मौत हो गई। वह अपने पीछे मां, पत्नी और बेटी को छोड़ गया। लोहे का पाइप लगा रहा था गुरतेज मृतक के रिश्तेदार जगतार सिंह ने बताया कि गुरतेज सिंह स्कूल में कंडक्टर के तौर पर काम करता था। स्कूल में दीपावली का फंक्शन होना था। उसकी तैयारियां चल रही थीं। इसी बीच गुरतेज लोहे का लंबा पाइप उठाकर इसे लगाने के लिए ला रहा था। पाइप की ऊंचाई ज्यादा होने के चलते वह बिजली की तारों से छू गया और पाइप में करंट आने से गुरतेज सिंह को जोरदार झटका लगा। गंभीर रूप से झुलसने के चलते गुरतेज की मौत हो गई। स्कूल की प्रिंसिपल स्वाति घई ने कहा कि हादसा स्कूल के पीछे पार्किंग स्थल में हुआ। जैसे ही उन्हें पता चला तो वे एक मिनट में वहां पहुंच गए थे। गुरतेज सिंह को तुरंत निजी अस्पताल लेकर गए थे। तब तक उनकी मौत हो गई थी। अस्पताल पहुंचने से पहले मौत निजी अस्पताल की डाक्टर विरोनिका ने बताया कि स्कूल से गुरतेज सिंह नामक व्यक्ति को लाया गया था। लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी। मौत की वजह करंट बताया गया है। उनकी तरफ से स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दे दी गई थी। माछीवाड़ा साहिब थाना के एसएचओ पवित्र सिंह ने कहा कि पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। गुरतेज सिंह के परिवार वालों के बयान दर्ज करने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फिरोजपुर में डिप्थीरिया से पहली मौत:3 साल की बच्ची ने तोड़ा दम, WHO की टीम पहुंची, 8 टीमें सर्वे में लगी, 200 घरों में जांच डेंगू के सीजन के बीच फिरोजपुर में एक और जानलेवा बीमारी ने पांव पसार लिए हैं, इस बीमारी का नाम गलघोटू रोग बताया जा रहा है, इस बीमारी से फिरोजपुर में पहली मौत हो गई है, जिसे लेकर सेहत अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए हैं, यहां तक की बीमारी की जांच करने के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की टीम भी फिरोजपुर पहुंच चुकी है। रोग से मौत होने की पुष्टि सिविल सर्जन फिरोजपुर राजविंदर कौर ने की है। जानकारी मुताबिक जिस तीन साल की बच्ची की मौत हुई है उसके पिता का नाम जगतार सिंह है और वह फिरोजपुर शहर की बस्ती आवा वाली के रहने वाले हैं, बच्ची की मौत 8 अक्टूबर को फरीदकोट में हुई थी, बीमारी ने एक ही दिन के प्रभाव में मौत के मुंह में पहुंचा दिया, बच्ची की मौत के बाद इलाके के लोगों में दहशत का माहौल है। बीमारी की जांच में लगी है 8 टीमें हर परिवार इसी खौफ में जी रहा है, कि कहीं उनके बच्चे भी बीमारी का शिकार ना हो जाए, जिस एरिया में बच्ची की मौत हुई इस एरिया में एक और लड़की भी रोग से संदिग्ध पाई गई, लेकिन उसके सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, उसकी हालत स्थिर है, यह कहना है विभाग के डॉक्टर युवराज नारंग का। डॉक्टर युवराज का कहना है कि रोग से मारने वाली बच्ची 6 अक्टूबर को बीमार हुई थी, पहले उसे एक आरएमपी डॉक्टर के पास दिखाया गया, दवाई देने के बाद वह ठीक नहीं हुई, बाद में उसे 8 अक्टूबर को शहर के टोकरी बाजार स्थित आहूजा नाम के एक डॉक्टर को दिखाया गया, टेस्ट करवाने के बाद डॉक्टर ने रिपोर्ट्स देखने के तत्काल ही उसे रेफर कर दिया, फरीदकोट मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। डाक्टर नारंग ने बताया कि उनकी तरफ से बीमारी की जांच के लिए सर्वे करवाया जा रहा है, यह सर्वे बस्ती आवा और बस्ती बोरियां वाली में करवाया जा रहा है, इस काम में विभाग की आठ टीमें लगी हुई है जिसमें कुल 24 सदस्य कम कर रहे हैं, साथ ही वह खुद और डॉक्टर ईशा भी टीम के साथ जा रहे हैं। अब तक दोनों बस्तियों के 200 घरों में जांच पड़ताल की जा चुकी है, छुट्टी के दिन भी इलाके में टीम में काम कर रही है, जिस परिवार की बच्ची की मौत हुई है, उसे परिवार के दो और बच्चे हैं, एक बच्चा 7 साल तो दूसरा डेढ़ साल का है, वह स्कूल नहीं जाते। इस परिवार के इलाके में 6 बच्चे हैं जिनके सैंपल लिए जा चुके हैं।उन्होंने यह भी कहा कि इस बीमारी का इलाज केवल पीजीआई में ही है। जानलेवा और खतरनाक है गलघोटू बीमारी डॉक्टर युवराज नारंग का कहना है कि गलघोटू यानी डिप्थीरिया उम्र संक्रामक रोग है, जो 2 से लेकर 10 साल तक के बच्चों को अधिक होता है, हालांकि यह रोग 20 साल तक की आयु के लोगों को भी हो सकता है। यह रोग गले में होता है, इससे टासिल सक्रमित होते हैं, इससे स्वरयंत्र,नाक, आंख व जननेंद्रीय भी प्रभावित हो सकती है। इससे बुखार, अरुचि, सिर व शरीर में दर्द, गले में दर्द की दिक्कत होती है। इसका विशेष हानिकारक प्रभाव हृदय पर पड़ता है। कुछ रोगियों में इनके कारण हृदय विराम से मृत्यु भी हो जाती है। यह है बीमारी के कारण रोग का कारण कोराइन बैक्टेरियम डिप्थीरिया नामक जीवाणु होता है, यह संक्रमण बच्चों में एक दूसरे की पेंसिल, लेखनी आदि वस्तुओं को मुंह में रख लेने से शरीर में प्रवेश कर जाता है। इससे गले में झिल्ली बनने लगती है, यह बैक्टीरिया कफ के माध्यम से एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यह शरीर पर खतरनाक असर डालता है, इससे हृदय की पेशियों में सूजन आ सकती है, स्नायु तंत्र की खराबी भी हो सकती है।
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सिंह साहिबान की बैठक 30 को:सुखबीर के खिलाफ बढ़ा विरोध, पद से हटाने को 22 दिन में 5 बार अकालतख्त साहिब पहुंचे पंथक… अमृतसर | शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौर में डेरा सिरसा मुखी को माफी, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी समेत अन्य पंथक मुद्दों को लेकर पार्टी प्रमुख सुखबीर बादल के खिलाफ जारी विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। उसी कड़ी में मंगलवार को डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह और चाचा सुखचैन सिंह ने अपनी पूरी टीम के साथ श्री अकाल तख्त के जत्थेदार से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने सुखबीर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पार्टी पद से हटाने और सियासी तथा धार्मिक तौर पर ताउम्र और परिवार को 10 साल के लिए प्रतिबंधित करने की मांग की है। इस दौरान सांसद परिवार ने बंदी सिखों की रिहाई करने के िलए केंद्र सरकार तथा सूबा सरकार को भी गंभीर होने को कहा और चेतावनी दी कि ऐसा न हुआ तो पैदा होने वाली स्थिति के लिए सरकारें जिम्मेदार होंगी। ज्ञापन सुखबीर बादल और बागी अकालियों की शिकायतों और स्पष्टीकरण को लेकर 30 अगस्त को सिंह साहिबान की होने वाली निर्णायक बैठक से 4 दिन पहले सौंपा गया है। तरसेम सिंह ने कहा कि बादल परिवार शुरू से ही गुमराह कर पंथ विरोधी सियासत करता रहा है। स्वांग मामले में डेरा मुखी को सजा हुई तो दबाव में माफी दिलवा दी गई। बेअदबियों में इंसाफ नहीं किया गया और इंसाफ मांगने वालों को गोलियां मारी गईं। उन्होंने माफी वाले मामले में तत्कालीन जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह का हवाला देते हुए कहा कि सिंह साहिबान कोई ऐसा फैसला न लें जिसका कि संगत विरोध करे। सांसद टीम का कहना है कि बादल परिवार गलतियां कर-कर उन पर पर्दा डालता रहा, जो कि बज्र गुनाह है इसलिए सुखबीर को पार्टी पद से हटा कर सियासी और धार्मिक किसी भी पद के लिए ताउम्र और परिवार को 10 साल तक प्रतिबंधित किया जाए। एसजीपीसी के खर्चे गए 90 लाख रुपए को सूद समेत वसूला जाए। तरसेम सिंह ने अमृतपाल सिंह समेत अन्य बंदी सिखों की रिहाई के लिए केंद्र और सूबा सरकार को चेतावनी दी है कि उनको जल्द से जल्द रिहा किया जाए । इसी तरह से अभिनेत्री और मंडी की भाजपा सांसद कंगना रणौत की बयानबाजी और उनकी फिल्म इमरजेंसी को लेकर तरसेम सिंह ने कहा कि वह साजिश के तहत पंजाबियों, सिखों और किसानों को निशाना बना रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि उसे चुप करवाए और उसके खिलाफ कार्रवाई करे। सिंह साहिबान ने 5 अगस्त को सुखबीर का स्पष्टीकरण सार्वजनिक किया और इस मुद्दे पर 30 अगस्त की तिथि मुकर्रर कर दी। इसके बाद से विरोध और तेज हो गया। बागी और दूसरे पंथक दल सुखबीर पर कार्रवाई करते हुए उनको पदमुक्त करने के लिए एक-एक करके आने लगे। 7 अगस्त को बागी अकाली और अकाली सुधार लहर के कन्वीनर गुरप्रताप सिंह वडाला, सुरजीत सिंह रखड़ा आदि श्री अकाल तख्त पहुंचे और पंथ की राय मांगी। 14 अगस्त को बागियों में शुमार अकाली सुधार लहर के नेता और एसजीपीसी मेंबर भाई मनजीत सिंह इसी सिलसिले में जत्थेदार से मिले। 16 को पंच प्रधानी के प्रधान और किसान तथा पंथक नेता बलदेव सिंह सिरसा ने भी अकाल तख्त पहुंच कर भी कार्रवाई की मांग उठाई। 24 को बाबा नागर सिंह और नौरंग सिंह की अगुवाई में कई नेता गुरमता देने पहुंचे और आज अर्थात 27 अगस्त को अमृतपाल के पिता और समर्थकों ने भी 30 की बैठक में पंथोचित फैसला सुनाने की मांग की। जब प्रकाश सिंह बादल का निधन हुआ तो एक बड़ा समूह सुखबीर के खिलाफ खड़ा हो गया। हालांकि उसमें शामिल लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इससे विरोध पंथक हलके में भी पहुंच गया। पहली जुलाई को बागियों का दल जिसमें बीबी जगीर कौर, परमिंदर सिंह ढींढसा, सुच्चा सिंह छोटेपुर, गुरप्रताप सिंह वडाला समेत तमाम बागी और टकसाली अकाली जत्थेदार के पास पहुंचे थे और सुखबीर के खिलाफ लिखित शिकायत देते हुए सत्ता का हिस्सा रहने के कारण खुद को भी दोषी मान क्षमा याचना की थी और सुखबीर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। आगे 15 जुलाई को सिंह साहिबान की बैठक में सुखबीर को 15 दिन के भीतर पेश होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया था। सुखबीर 24 जुलाई को पेश हुए और अपना स्पष्टीकरण बंद लिफाफे में जत्थेदार को सौंपा था। शिवराज द्रुपद | अमृतसर डेरा सिरसा मुखी को माफी, बेअदबी समेत अन्य पंथक मुद्दों को लेकर शिरोमणि अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल और बागी अकालियों के बीच जारी द्वंद्व को लेकर श्री अकाल तख्त साहिब पर 30 अगस्त को होने वाली पंज सिंह साहिबान की बैठक का समय जैसे-जैसे निकट आता जा रहा है वैसे-वैसे विरोधी पंथक दल सुखबीर की घेराबंदी और कसते जा रहे हैं। इसी कड़ी के तहत सांसद अमृतपाल सिंह के पिता और अन्य समर्थकों ने सुखबीर पर कार्रवाई करने को जत्थेदार को ज्ञापन सौंपा। ऐसी ही मांगों को लेकर पहले भी कई पंथक दलों ने तख्त श्री पर गुहार लगाई है और उचित फैसला करने की मांग की है। वैसे तो सुखबीर को पार्टी पद से हटाने का लंबे समय से विरोध जारी है। लेकिन 3 चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार और सूबे में कई जगहों पर होने वाली बेअदबियों में इंसाफ न मिलने से विरोध बढ़ता ही गया।
मोहाली में लिखे खालिस्तानी नारे:पन्नू ने वीडियो में कहा- अमृतसर-चंडीगढ़ एयरपोर्ट कल रहेगा बंद, मोदी-शाह को बताया हिंदु आतंकी
मोहाली में लिखे खालिस्तानी नारे:पन्नू ने वीडियो में कहा- अमृतसर-चंडीगढ़ एयरपोर्ट कल रहेगा बंद, मोदी-शाह को बताया हिंदु आतंकी पंजाब के मोहाली में एयरपोर्ट रोड कुंबड़ा पर खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने देश विरोधी नारे लिखवाए हैं। इन नारों में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को निशाना बनाते हुए उन्हें “हिंदू आतंकवादी” बताया गया। पन्नू ने अपना वीडियो जारी कर सिख युवाओं से 17 नवंबर को पंजाब में अमृतसर और चंडीगढ़ एयरपोर्ट बंद करने का आह्वान किया है। आतंकी पन्नू ने अपना ये वीडियो जारी कर बीते दिनों प्रवासियों की हाथों कत्ल किए गए युवक की हत्या मामले में लोगों को भड़काने का प्रयास भी किया है। पन्नू ने वीडियो में कहा कि इन हिंदू आतंकियों की जड़ें आयोध्या से हिलानी पड़ेंगी। आज खालिस्तानी समर्थकों ने नारे लिखवाएं हैं। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ को हिंदू आतंकी कहा है। 17 नवंबर को अमृतसर-चंडीगढ़ एयरपोर्ट बंद रहेगा। इन हिंदू आतंकियों ने बच्चों को छीन कर कत्ल करना है। सामने उनकी लाशें पड़ी हैं। पंजाब इंडीपेंडेंट रेफरेंडम अंधेरी की तरह आपकी तरफ आ रहा है। ये पंजाब की धरती को भारत के कब्जे से हटाएगा। पन्नू की धमकी में तीन बड़ी बातें 1. प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं को निशाना बनाना पन्नू ने अपने बयान में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को “हिंदू आतंकवादी” कहकर उकसाने वाले आरोप लगाए। इसके साथ, उन्होंने हिंदुत्व विचारधारा को “हिंसक” बताते हुए इसे अयोध्या से उखाड़ने की बात कही। यह बयान सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और सिख समुदाय को भड़काने का प्रयास है। जिसे SFJ द्वारा खालिस्तान आंदोलन के समर्थन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। 2. एयरपोर्ट बंद करने का आह्वान पन्नू ने वीडियो के माध्यम से 17 नवंबर को अमृतसर और चंडीगढ़ एयरपोर्ट को बंद करने की योजना का ऐलान किया। यह कदम पंजाब के आर्थिक और सामाजिक ढांचे को बाधित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। SFJ ने इस आंदोलन को खालिस्तान जनमत संग्रह से जोड़ते हुए इसे सिख समुदाय की “आजादी” का रास्ता बताया है। इस तरह की कार्रवाई सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चुनौती पेश कर रही हैं। 3. प्रवासियों की हत्या का संदर्भ और सांप्रदायिकता भड़काना पन्नू ने हाल ही में प्रवासियों के हाथों कथित तौर पर हुई सिख युवाओं की हत्या का जिक्र करते हुए इसे “हिंदू आतंकवाद” से जोड़ा। उन्होंने इस घटना का इस्तेमाल सांप्रदायिक विद्वेष बढ़ाने और लोगों को भड़काने के लिए किया। इस प्रकार की बयानबाजी पंजाब की शांति और सामुदायिक सौहार्द के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करती है। पहले भी एयरपोर्ट बंद रखने की दे चुका धमकी 17 नवंबर को अमृतसर-चंडीगढ़ बंद रखने की ये धमकी 8 दिन पहले भी खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने दी थी। तब पन्नू ने सिख कर्मियों को एयरपोर्ट में कृपाण ना पहनने के आदेश के खिलाफ वीडियो वायरल किया था। जिसमें पन्नू ने कहा था- भारत सरकार आने वाले दिनों में दस्तार (पगड़ी) पर भी प्रतिबंध लगा सकती है। इसके बाद सिखों को अपने धार्मिक प्रतीकों को घर में पहनने पर भी भारत सरकार रोक सकती है। पन्नू ने पंजाब के युवाओं को भड़काने की कोशिश की है, और रोष में 17 नवंबर को अमृतसर और चंडीगढ़ एयरपोर्ट्स को बंद करवाने की बात कही है। 2020 में आतंकी घोषित हुआ पन्नू भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत पन्नू के संगठन SFJ पर बैन लगाया। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में SFJ पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। पन्नू पर साल 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया। 2020 में सरकार ने SFJ से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनलों को बैन किया। पन्नू पर करीब 12 केस, सोशल मीडिया पर करता है भड़काऊ बयानबाजी SFJ और पन्नू के खिलाफ भारत में 12 मामले दर्ज हैं। इनमें पंजाब में देशद्रोह के 3 मामले भी शामिल हैं। पंजाब पुलिस द्वारा तैयार किए गए डोजियर में SFJ द्वारा कई वर्षों से सोशल मीडिया पर विभिन्न अलगाववादी पोस्ट के बारे में जानकारी दी गई थी। इनमें वह आतंकियों का समर्थन करता था। पन्नू सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है। वह पंजाबी भाषा में ऑडियो और वीडियो संदेश जारी करता है। इसमें वह पंजाबी युवाओं को भारत के खिलाफ भड़काता है। यही नहीं, पैसे का लालच देकर वह पंजाब-हरियाणा में सरकारी इमारतों में खालिस्तानी झंडा भी लगवा चुका है। इसके अलावा हाल ही में G20 मीटिंग के दौरान दिल्ली में मेट्रो स्टेशन पर लिखे खालिस्तानी नारे भी पन्नू के कहने पर ही लिखे गए थे। पन्नू सोशल मीडिया के जरिए ही युवाओं को अपने झांसे में लेता है और फिर उन्हें भारत के ही खिलाफ भड़का देता है।