एशिया की सबसे बड़ी लोहा नगरी मंडी गोबिंदगढ़ और इससे सटे खन्ना शहर की लोहा इंडस्ट्री पर एक बार फिर से संकट के बादल छाते दिखाई दे रहे हैं। इंडस्ट्री को पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) पर चलाने का दबाव बनाया जा रहा है। कोयले के प्रयोग पर मिल मालिकों को 2 से 5 लाख रुपए प्रति मिल जुर्माना ठोका जा रहा है। इससे रोष में आए मिल मालिकों ने सांकेतिक तौर पर 17 जून सोमवार को एक दिन की हड़ताल पर जाने का ऐलान किया। कोयले के प्रयोग की छूट न देने पर अनिश्चित कालीन हड़ताल का ऐलान किया गया। 250 मिलें रहेंगी बंद आल इंडिया स्टील री रोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद विशिष्ट की अगुवाई में एक मीटिंग वीरवार की शाम खन्ना में हुई। विशिष्ट ने बताया कि जब लोहा इंडस्ट्री को पीएनजी पर चलाने की बात हुई थी तो उन्होंने शुरू से मांग रखी थी कि गैस कीमतों को कंट्रोल करने के लिए रेगुलेटरी बनाई जाए। लेकिन गैस कीमतों पर कोई कंट्रोल नहीं है। कंपनी मनमानी से रेट बढ़ा रही है। अब 58 रुपए प्रति किलो रेट हो गया है। पॉल्यूशन बोर्ड रेड करके भारी जुर्माने किया इंडस्ट्री को बचाने के लिए जब कोयले का प्रयोग किया जा रहा है तो पॉल्यूशन बोर्ड रेड करके भारी जुर्माने कर रहा है। उनकी मांग है कि इंडस्ट्री को पीएनजी पर चलाने के लिए कुछ महीनों की और छूट दी जाए। गैस कीमतों पर नकेल कसी जाए। इसके लिए उनकी मीटिंग केंद्र सरकार के नुमाइंदों से 19 जून को होने जा रही है। फर्नेस एसोसिएशन अध्यक्ष महेंद्र गुप्ता ने कहा कि जब तक गैस की कीमतों पर कोई कंट्रोल नहीं किया जाता तब तक इंडस्ट्री सरवाइव नहीं कर सकती। वे रोलिंग मिलों की हड़ताल का समर्थन करेंगे। एशिया की सबसे बड़ी लोहा नगरी मंडी गोबिंदगढ़ और इससे सटे खन्ना शहर की लोहा इंडस्ट्री पर एक बार फिर से संकट के बादल छाते दिखाई दे रहे हैं। इंडस्ट्री को पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) पर चलाने का दबाव बनाया जा रहा है। कोयले के प्रयोग पर मिल मालिकों को 2 से 5 लाख रुपए प्रति मिल जुर्माना ठोका जा रहा है। इससे रोष में आए मिल मालिकों ने सांकेतिक तौर पर 17 जून सोमवार को एक दिन की हड़ताल पर जाने का ऐलान किया। कोयले के प्रयोग की छूट न देने पर अनिश्चित कालीन हड़ताल का ऐलान किया गया। 250 मिलें रहेंगी बंद आल इंडिया स्टील री रोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद विशिष्ट की अगुवाई में एक मीटिंग वीरवार की शाम खन्ना में हुई। विशिष्ट ने बताया कि जब लोहा इंडस्ट्री को पीएनजी पर चलाने की बात हुई थी तो उन्होंने शुरू से मांग रखी थी कि गैस कीमतों को कंट्रोल करने के लिए रेगुलेटरी बनाई जाए। लेकिन गैस कीमतों पर कोई कंट्रोल नहीं है। कंपनी मनमानी से रेट बढ़ा रही है। अब 58 रुपए प्रति किलो रेट हो गया है। पॉल्यूशन बोर्ड रेड करके भारी जुर्माने किया इंडस्ट्री को बचाने के लिए जब कोयले का प्रयोग किया जा रहा है तो पॉल्यूशन बोर्ड रेड करके भारी जुर्माने कर रहा है। उनकी मांग है कि इंडस्ट्री को पीएनजी पर चलाने के लिए कुछ महीनों की और छूट दी जाए। गैस कीमतों पर नकेल कसी जाए। इसके लिए उनकी मीटिंग केंद्र सरकार के नुमाइंदों से 19 जून को होने जा रही है। फर्नेस एसोसिएशन अध्यक्ष महेंद्र गुप्ता ने कहा कि जब तक गैस की कीमतों पर कोई कंट्रोल नहीं किया जाता तब तक इंडस्ट्री सरवाइव नहीं कर सकती। वे रोलिंग मिलों की हड़ताल का समर्थन करेंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
किसानों का दिल्ली कूच का ऐलान:बोले- शंभू बॉर्डर खुलने का इंतजार, अंबाला में प्रदर्शन से पहले जलबेड़ा को जमानत
किसानों का दिल्ली कूच का ऐलान:बोले- शंभू बॉर्डर खुलने का इंतजार, अंबाला में प्रदर्शन से पहले जलबेड़ा को जमानत हरियाणा-पंजाब के बीच शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। चंडीगढ़ में मीटिंग के बाद किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि शंभू बॉर्डर खुलते ही किसान दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ सामान इकट्ठा करने में समय लगेगा, उसके बाद हम दिल्ली की तरफ रवाना हो जाएंगे। किसानों ने किसान शुभकरण के मौत मामले में गठित स्पेशल टास्क फोर्स (SIT) को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार के अधिकारी को जांच देने से इंसाफ की उम्मीद नहीं बचती। वहीं शंभू बॉर्डर पर लगी 8 लेयर की बैरिकेडिंग फिलहाल नहीं हटेगी। 10 जुलाई को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 7 दिन के अंदर बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे। आज इसका अंतिम दिन है, लेकिन इसको लेकर हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई है। सरकार अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है। दिल्ली कूच के लिए पंजाब के कई जिलों से किसानों के जत्थे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में जींद से सटे खनौरी और अंबाला से लगते शंभू बॉर्डर पर पहुंचने लगे हैं। इन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में 6 माह का राशन है। वहीं किसानों के कल अंबाला में प्रदर्शन से पहले वॉटर कैनन बॉय नवदीप जलबेड़ा को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। किसानों ने कल जमानत की मांग को लेकर अंबाला की नई अनाज मंडी में प्रदर्शन कर एसपी के घेराव की चेतावनी दी थी।
लुधियाना सिंधी बेकर्स फायरिंग केस:मोगा पुलिस के साथ हुई मुठभेड़, पैर में गोली लगने से एक बदमाश घायल
लुधियाना सिंधी बेकर्स फायरिंग केस:मोगा पुलिस के साथ हुई मुठभेड़, पैर में गोली लगने से एक बदमाश घायल लुधियाना में बीते दिन राजगुरू नगर स्थित सिंधी बेकर्स पर गोलियां चलाने वाले दो गैंगस्टरों का मोगा पुलिस ने देर रात एनकाउंटर कर पकड़ा है। एक बदमाश की दाएं पैर पर गोली लगी है। एक लुटेरा चोट लगने से चोटिल है। दोनों गैंगस्टरों को देर रात मोगा स्थित एक अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। मोगा पुलिस ने दोनों बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया है। एनआरआई के घर पर भी की थी बदमाशों ने फायरिंग बता दें सूत्रों मुताबिक, पता चला है कि करीब 1 सप्ताह पहले सराभा नगर इलाके में एआरआई की कोठी के बाहर इन्हीं दोनों बदमाशों ने गोलियां चलाई थी। उस समय बदमाश बलीनों कार पर सवार होकर आए थे। घटना की सीसीटीवी फूटेज भी सामने आई थी। थाना सराभा नगर की पुलिस बदमाशों को लोकेट करने में जुटी हुई थी। चेहरे पर कपड़ा लपेट कर आए थे लुटेरे जानकारी मुताबिक थाना सिटी मोगा के एएसआई सुखविंदर सिंह पुलिस पार्टी सहित दिल्ली कालोनी में गश्त कर रहे थे। सड़क पर एक्टिवा सवार दो बदमाश मुंह पर कपड़ा लपेट कर आते दिखे। पुलिस ने शक के आधार पर बदमाशों को रुकने का इशारा किया। लुटेरों ने एक्टिवा भगाने की कोशिश की लेकिन स्कूटी स्लिप कर गई। गिरने के बाद अंधेरे का फायदा उठा कर लुटेरे भागने लगे। गैंगस्टरों ने पुलिस कर्मचारियों पर फायरिंग कर दी। पुलिस मुठभेड़ में एक गैंगस्टर की दाईं लात पर गोली लगी जबकि दूसरा स्कूटी गिरने के कारण चोटिल हो गया। गैंगस्टरों की पहचान जगमीत सिंह उर्फ मीता निवासी आरा बहोना चौक के रूप में हुई है। पुलिस को बदमाश से एक 32 बोर का पिस्टल मैगजिन सहित मिला। पिस्टल के चैबर में एक जिंदा रोंद भी बरामद हुआ। दूसरे लुटेरे का नाम विकास कुमार उर्फ कासा निवासी पहाड़ा सिंह चौक के रूप में हुई है।
पंजाब में अकाली दल में अंदरूनी कलह तेज:हरसिमरत बादल बोलीं- 117 वरिष्ठ नेताओं में से 112 हमारे साथ, 5 को बीजेपी ने तोड़ा
पंजाब में अकाली दल में अंदरूनी कलह तेज:हरसिमरत बादल बोलीं- 117 वरिष्ठ नेताओं में से 112 हमारे साथ, 5 को बीजेपी ने तोड़ा पंजाब की क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल में चल रही कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। वहीं दूसरी ओर पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल कह रहे हैं कि हमारी पार्टी एकजुट है। अब इस बारे में शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष की पत्नी और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने दिल्ली में बयान दिया है। बादल ने अपने बयान में कहा है कि पूरा शिरोमणि अकाली दल एकजुट है और सुखबीर बादल के साथ खड़ा है। बठिंडा से शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा- भाजपा के कुछ पिट्ठू शिरोमणि अकाली दल को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। वे वैसा ही करना चाहते हैं जैसा उन्होंने महाराष्ट्र में किया। शिरोमणि अकाली दल एकजुट है और वे इसमें विफल होने जा रहे हैं। 117 नेताओं में से सिर्फ 5 नेता ही सुखबीर बादल के खिलाफ हैं। जबकि 112 नेता पार्टी और सुखबीर बादल के साथ खड़े हैं। सभी निर्वाचन क्षेत्रों का नेतृत्व हमारे साथ है। बीबी जागीर कौर का नाम लिए बिना बादल ने कहा कि भाजपा ने उन्हें एसजीपीसी चुनाव लड़वाया था। वहीं ओम बिरला के स्पीकर चुने जाने पर बादल ने कहा कि केंद्र सरकार हमेशा से ही हावी रही है, केंद्र ने बिना विपक्ष के स्पीकर चुन लिया है। इससे लोगों को नुकसान होता है। जालंधर-चंडीगढ़ में शिअद की अलग-अलग मीटिंग हुई बता दें कि पंजाब के जालंधर में बीते मंगलवार को शिरोमणि अकाली दल द्वारा अपनी ही पार्टी के खिलाफ एक बड़ी मीटिंग की गई थी। ये मीटिंग तब हुई जब शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने चंडीगढ़ में सभी लीडरों के साथ मीटिंग कर रहे थे। शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब के जालंधर में अपनी ही पार्टी के खिलाफ बड़ी बैठक की थी। बैठक में अकाली दल के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बैठक में सिकंदर एस मलूका, सुरजीत एस रखड़ा, बीबी जागीर कौर, प्रेम एस चंदूमाजरा समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इस दौरान प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा- अकाली दल इतना कमजोर क्यों हो गया है। आज हम अर्श से फर्श पर आ गए हैं। पुरानी निंह पर लाने के लिए अब पार्टी में बदलाव जरूरी है। चंदूमाजरा ने कहा- 1 जुलाई को हम सभी अकाली नेता श्री अकाल तख्त साहिब में माथा टेकेंगे। 1 जुलाई को हम वहीं से शिरोमणि अकाली दल बचाओ लहर की शुरुआत करेंगे। इस यात्रा में हम अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं को शामिल करेंगे। साथ ही चंदूमाजरा ने कहा- मैं पार्टी प्रमुख सरदार सुखबीर सिंह बादल से अपील करता हूं कि वे कार्यकर्ताओं की भावनाओं को नजरअंदाज न करें, बल्कि उन्हें समझें। पार्टी मतदान के बाद फैसला लेगी।