गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच घट जाएगी दूरी, अंतिम ब्लास्ट के बाद खुला रास्ता, अब टनल होगी तैयार

गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच घट जाएगी दूरी, अंतिम ब्लास्ट के बाद खुला रास्ता, अब टनल होगी तैयार

<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarkashi News:</strong> उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बन रही सिलक्यारा सुरंग एक बार फिर सुर्खियों में है. वर्षों की कठिन मेहनत के बाद आखिरकार इस सुरंग का रास्ता पूरी तरह से खुल गया है. यह सुरंग चारधाम यात्रा के दृष्टिकोण से एक अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजना है, जिससे गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी लगभग 26 किलोमीटर कम हो जाएगी. सुरंग की कुल लंबाई 4.531 किलोमीटर है और इसके निर्माण पर 1384 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आपको नवंबर 2023 की वो दिल दहला देने वाली घटना याद होगी, जब निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया था. 12 नवंबर 2023 को हुए इस हादसे में 41 मजदूर सुरंग के अंदर फंस गए थे. पूरे देश की सांसें उन 41 मजदूरों के साथ थम गई थीं. 17 दिनों तक लगातार चले अभूतपूर्व बचाव अभियान के बाद सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था. इस अभियान में देश और विदेश से अत्याधुनिक मशीनें मंगाई गईं थीं और अनेक इंजीनियरों, बचावकर्मियों ने दिन-रात मेहनत की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुरंग के बनने से 30 किलोमीटर की यात्रा घट जाएगी<br /></strong>अब डेढ़ साल बाद, बुधवार दोपहर 12:30 बजे एक अंतिम ब्लास्ट के साथ इस ऐतिहासिक सुरंग का रास्ता पूरी तरह से खुल गया. हालांकि, सुरंग का आम उपयोग फिलहाल डेढ़ साल बाद ही शुरू होगा, जब सभी तकनीकी और संरचनात्मक कार्य पूरे हो जाएंगे. लेकिन यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिससे क्षेत्रीय विकास को एक नई दिशा मिलेगी. जब यह सुरंग पूरी तरह चालू हो जाएगी, तब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा में 30 किलोमीटर तक की दूरी घट जाएगी, जिसे अब यात्री महज 5 से 10 मिनट में तय कर सकेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सिलक्यारा सुरंग का निर्माण न केवल भौगोलिक बाधाओं को पार करने का एक बड़ा उदाहरण है, बल्कि यह आस्था, संकल्प और उन्नत इंजीनियरिंग का भी प्रतीक बनकर उभरी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जो 2023 में बचाव अभियान के दौरान लगातार वहीं पर डटे रहे थे, बुधवार को भी सुरंग के खुलने के ऐतिहासिक मौके पर मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने परियोजना से जुड़े सभी इंजीनियरों, तकनीकी विशेषज्ञों और श्रमिकों को बधाई दी और कहा कि यह पल उन्नत तकनीक और मानवीय जज्बे के संगम का प्रतीक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिलक्यारा सुरंग को लेकर सीएम धामी ने क्या?<br /></strong>मुख्यमंत्री धामी ने कहा, &ldquo;यह सुरंग केवल एक निर्माण परियोजना नहीं है, यह विकास, आस्था और समर्पण की कहानी है. यहां की हर ईंट, हर पत्थर में मेहनत और विश्वास की गूंज है. आने वाले समय में यह क्षेत्र व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसरों का केंद्र बनेगा.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुरंग के ठीक बाहर अब एक भव्य बौखनाग मंदिर का निर्माण भी किया गया है. बुधवार को यहां प्राण प्रतिष्ठा समारोह भी आयोजित किया गया. स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, बौखनाग देवता को क्षेत्र का रक्षक माना जाता है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्यमंत्री धामी सहित कई स्थानीय नेता, अधिकारी और क्षेत्रवासी भी मौजूद रहे. मंदिर के निर्माण से न केवल धार्मिक आस्था को संबल मिला है, बल्कि यह स्थान भविष्य में पर्यटकों के लिए एक अतिरिक्त आकर्षण का केंद्र भी बनेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिलक्यारा सुरंग के बनने से चारधाम यात्रा होगी सुगम<br /></strong>विशेषज्ञों का मानना है कि सिलक्यारा सुरंग का निर्माण हिमालयी क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों में एक बड़ी उपलब्धि है. पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम और भौगोलिक स्थितियां अक्सर निर्माण कार्यों को चुनौतीपूर्ण बनाती हैं, लेकिन सिलक्यारा सुरंग का सफल निर्माण दिखाता है कि संकल्प और सही तकनीक से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सिलक्यारा सुरंग की बदौलत न केवल चारधाम यात्रा को सुगम बनाया जाएगा, बल्कि यह उत्तरकाशी और आसपास के क्षेत्रों में व्यापार, होटल उद्योग और अन्य व्यवसायों को भी बढ़ावा देगी. स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुरंग का काम पूरा होने में लगेगा कुछ और समय<br /></strong>परियोजना अधिकारियों के अनुसार, सुरंग के अंतिम स्ट्रक्चर फिनिशिंग और सुरक्षा कार्यों को पूरा करने में अभी कुछ और समय लगेगा. सभी आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटना की आशंका न रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सिलक्यारा सुरंग का यह ऐतिहासिक उद्घाटन न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक गर्व का क्षण है. यह परियोजना दिखाती है कि अगर संकल्प मजबूत हो तो कठिन से कठिन राह भी आसान बन सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-news-raghuraj-pratap-singh-raja-bhaiya-reaction-on-murshidabad-violence-2926711″>मुर्शिदाबाद हिंसा पर राजा भैया आग बबूला, कहा- बिल तो बस बहाना, मकसद &lsquo;काफ़िरों&rsquo; को मिटाना</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarkashi News:</strong> उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बन रही सिलक्यारा सुरंग एक बार फिर सुर्खियों में है. वर्षों की कठिन मेहनत के बाद आखिरकार इस सुरंग का रास्ता पूरी तरह से खुल गया है. यह सुरंग चारधाम यात्रा के दृष्टिकोण से एक अत्यंत महत्वपूर्ण परियोजना है, जिससे गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी लगभग 26 किलोमीटर कम हो जाएगी. सुरंग की कुल लंबाई 4.531 किलोमीटर है और इसके निर्माण पर 1384 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आपको नवंबर 2023 की वो दिल दहला देने वाली घटना याद होगी, जब निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया था. 12 नवंबर 2023 को हुए इस हादसे में 41 मजदूर सुरंग के अंदर फंस गए थे. पूरे देश की सांसें उन 41 मजदूरों के साथ थम गई थीं. 17 दिनों तक लगातार चले अभूतपूर्व बचाव अभियान के बाद सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था. इस अभियान में देश और विदेश से अत्याधुनिक मशीनें मंगाई गईं थीं और अनेक इंजीनियरों, बचावकर्मियों ने दिन-रात मेहनत की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुरंग के बनने से 30 किलोमीटर की यात्रा घट जाएगी<br /></strong>अब डेढ़ साल बाद, बुधवार दोपहर 12:30 बजे एक अंतिम ब्लास्ट के साथ इस ऐतिहासिक सुरंग का रास्ता पूरी तरह से खुल गया. हालांकि, सुरंग का आम उपयोग फिलहाल डेढ़ साल बाद ही शुरू होगा, जब सभी तकनीकी और संरचनात्मक कार्य पूरे हो जाएंगे. लेकिन यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिससे क्षेत्रीय विकास को एक नई दिशा मिलेगी. जब यह सुरंग पूरी तरह चालू हो जाएगी, तब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा में 30 किलोमीटर तक की दूरी घट जाएगी, जिसे अब यात्री महज 5 से 10 मिनट में तय कर सकेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सिलक्यारा सुरंग का निर्माण न केवल भौगोलिक बाधाओं को पार करने का एक बड़ा उदाहरण है, बल्कि यह आस्था, संकल्प और उन्नत इंजीनियरिंग का भी प्रतीक बनकर उभरी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जो 2023 में बचाव अभियान के दौरान लगातार वहीं पर डटे रहे थे, बुधवार को भी सुरंग के खुलने के ऐतिहासिक मौके पर मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने परियोजना से जुड़े सभी इंजीनियरों, तकनीकी विशेषज्ञों और श्रमिकों को बधाई दी और कहा कि यह पल उन्नत तकनीक और मानवीय जज्बे के संगम का प्रतीक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिलक्यारा सुरंग को लेकर सीएम धामी ने क्या?<br /></strong>मुख्यमंत्री धामी ने कहा, &ldquo;यह सुरंग केवल एक निर्माण परियोजना नहीं है, यह विकास, आस्था और समर्पण की कहानी है. यहां की हर ईंट, हर पत्थर में मेहनत और विश्वास की गूंज है. आने वाले समय में यह क्षेत्र व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसरों का केंद्र बनेगा.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुरंग के ठीक बाहर अब एक भव्य बौखनाग मंदिर का निर्माण भी किया गया है. बुधवार को यहां प्राण प्रतिष्ठा समारोह भी आयोजित किया गया. स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, बौखनाग देवता को क्षेत्र का रक्षक माना जाता है. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्यमंत्री धामी सहित कई स्थानीय नेता, अधिकारी और क्षेत्रवासी भी मौजूद रहे. मंदिर के निर्माण से न केवल धार्मिक आस्था को संबल मिला है, बल्कि यह स्थान भविष्य में पर्यटकों के लिए एक अतिरिक्त आकर्षण का केंद्र भी बनेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिलक्यारा सुरंग के बनने से चारधाम यात्रा होगी सुगम<br /></strong>विशेषज्ञों का मानना है कि सिलक्यारा सुरंग का निर्माण हिमालयी क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों में एक बड़ी उपलब्धि है. पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम और भौगोलिक स्थितियां अक्सर निर्माण कार्यों को चुनौतीपूर्ण बनाती हैं, लेकिन सिलक्यारा सुरंग का सफल निर्माण दिखाता है कि संकल्प और सही तकनीक से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सिलक्यारा सुरंग की बदौलत न केवल चारधाम यात्रा को सुगम बनाया जाएगा, बल्कि यह उत्तरकाशी और आसपास के क्षेत्रों में व्यापार, होटल उद्योग और अन्य व्यवसायों को भी बढ़ावा देगी. स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुरंग का काम पूरा होने में लगेगा कुछ और समय<br /></strong>परियोजना अधिकारियों के अनुसार, सुरंग के अंतिम स्ट्रक्चर फिनिशिंग और सुरक्षा कार्यों को पूरा करने में अभी कुछ और समय लगेगा. सभी आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटना की आशंका न रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सिलक्यारा सुरंग का यह ऐतिहासिक उद्घाटन न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक गर्व का क्षण है. यह परियोजना दिखाती है कि अगर संकल्प मजबूत हो तो कठिन से कठिन राह भी आसान बन सकती है.</p>
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