<p style=”text-align: justify;”><strong>Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary Mandsaur:</strong> कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बसाने के बाद मंदसौर जिले के गांधीसागर अभयारण्य में चीतों का दूसरा घर बनाए जाने के लिए प्रयास जारी है. दिसंबर महीने तक गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को लाने की प्लानिंग है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदेश में बीते कई दिनों से बारिश हो रही है. इन तैयारियों के बीच भारी बारिश की वजह से गांधीसागर में चीतों को रोकने के लिए लगाई गई इलेक्ट्रॉनिक तार फेंसिंग बह गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विशेषज्ञों ने क्या कहा?</strong><br />बता दें, गांधीसागर अभयारण्य को वन विभाग और केन्याई विशेषज्ञों ने गांधीसागर अभयारण्य का निरीक्षण किया था. विशषज्ञों ने जांच के बाद इस जगह को चीतों के लिए इसे उपयुक्त माना था. दिसंबर महीने के अंत तक गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को लाने की प्लानिंग है, जिसके लिए गांधी सागर अभयारण्य में तैयारियां की जा रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>10 फीट ऊंची तार फेंसिंग</strong><br />चीतों की बसाहट के लिए गांधीसागर अभयारण्य के रामपुरा पठार क्षेत्र में वन विभाग जोर-शोर से तैयारी में जुटा हुआ है. 64 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बाड़ बंदी की जा रही है. चीतों का मूवमेंट इस इलाके में सीमित रखने के लिए 28 हजार मीटर से अधिक क्षेत्र में 10 फीट ऊंची तार फेंसिंग लगाई जा रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>चीतों के लिए गांधीसागर अभयारण्य में 64 वर्ग किलोमीटर में चीतों का बाड़ा बनाया गया है, जबकि 28 हजार मीटर में फेसिंग निर्माण किया गया है. यहां चीतों के लिए यहां 400 चीतल और हिरण छोड़े गए हैं, तो वहीं 900 हिरण और लाने की तैयारी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बारिश में बही फेंसिंग</strong><br />गांधीसागर अभयारण्य में भूज गांव और रावली कुड़ी के पास तार फेंसिंग भारी बारिश की वजह से बह गई है. अभयारण्य के सूत्रों का कहना है कि अच्छा हुआ चीतों के आने से पहले ही यह तार फेंसिंग बही है, अगर चीतों के आने के बाद तार फेंसिंग बहती तो बड़ी परेशान हो सकती थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दूसरी तरफ इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार के वन मंत्री रामनिवास रावत ने फेंसिंग बहने का परीक्षण करने के लिए टीम भेजने का निर्णय लिया है. जिससे घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाने का दावा किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”Raisen Weather: रायसेन में आफत की बारिश! कलेक्ट्रेट परिसर और पॉश कॉलोनियों में भरा पानी, रीछन नदी का दिखा रौद्र रूप” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/raisen-heavy-rains-collectorate-complex-and-posh-colonies-filled-water-richhan-river-flood-ann-2752356″ target=”_blank” rel=”noopener”>Raisen Weather: रायसेन में आफत की बारिश! कलेक्ट्रेट परिसर और पॉश कॉलोनियों में भरा पानी, रीछन नदी का दिखा रौद्र रूप</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Gandhi Sagar Wildlife Sanctuary Mandsaur:</strong> कूनो नेशनल पार्क में चीतों को बसाने के बाद मंदसौर जिले के गांधीसागर अभयारण्य में चीतों का दूसरा घर बनाए जाने के लिए प्रयास जारी है. दिसंबर महीने तक गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को लाने की प्लानिंग है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रदेश में बीते कई दिनों से बारिश हो रही है. इन तैयारियों के बीच भारी बारिश की वजह से गांधीसागर में चीतों को रोकने के लिए लगाई गई इलेक्ट्रॉनिक तार फेंसिंग बह गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विशेषज्ञों ने क्या कहा?</strong><br />बता दें, गांधीसागर अभयारण्य को वन विभाग और केन्याई विशेषज्ञों ने गांधीसागर अभयारण्य का निरीक्षण किया था. विशषज्ञों ने जांच के बाद इस जगह को चीतों के लिए इसे उपयुक्त माना था. दिसंबर महीने के अंत तक गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को लाने की प्लानिंग है, जिसके लिए गांधी सागर अभयारण्य में तैयारियां की जा रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>10 फीट ऊंची तार फेंसिंग</strong><br />चीतों की बसाहट के लिए गांधीसागर अभयारण्य के रामपुरा पठार क्षेत्र में वन विभाग जोर-शोर से तैयारी में जुटा हुआ है. 64 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बाड़ बंदी की जा रही है. चीतों का मूवमेंट इस इलाके में सीमित रखने के लिए 28 हजार मीटर से अधिक क्षेत्र में 10 फीट ऊंची तार फेंसिंग लगाई जा रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>चीतों के लिए गांधीसागर अभयारण्य में 64 वर्ग किलोमीटर में चीतों का बाड़ा बनाया गया है, जबकि 28 हजार मीटर में फेसिंग निर्माण किया गया है. यहां चीतों के लिए यहां 400 चीतल और हिरण छोड़े गए हैं, तो वहीं 900 हिरण और लाने की तैयारी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बारिश में बही फेंसिंग</strong><br />गांधीसागर अभयारण्य में भूज गांव और रावली कुड़ी के पास तार फेंसिंग भारी बारिश की वजह से बह गई है. अभयारण्य के सूत्रों का कहना है कि अच्छा हुआ चीतों के आने से पहले ही यह तार फेंसिंग बही है, अगर चीतों के आने के बाद तार फेंसिंग बहती तो बड़ी परेशान हो सकती थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दूसरी तरफ इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार के वन मंत्री रामनिवास रावत ने फेंसिंग बहने का परीक्षण करने के लिए टीम भेजने का निर्णय लिया है. जिससे घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाने का दावा किया जा रहा है.</p>
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