गाजियाबाद में ट्रांसर्पोटर की उसी की गाड़ी में पीट-पीटकर हत्या कर दी। फिर लाश 30 किलोमीटर दूर हरियाणा में फेंकी। हत्या के 6 दिन बाद पुलिस ने ट्रांसर्पोटर के 2 ड्राइवरों को गिरफ्तार किया। तीसरा आरोपी मिस्त्री अभी फरार है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया- कार मालिक बार-बार कह रहे थे कि तुम लोग जानवर का मीट भी खाते हो। इसी बात पर कहासुनी हुई और हम तीनों ने उन्हें बहुत पीटा। उनकी कार में ही मौत हो गई। 21 जून को ट्रोनिका सिटी क्षेत्र से लापता हुए थे चंद्रभान
ट्रोनिका सिटी थाना क्षेत्र में जीवन धान मंदिर के पास ट्रांसर्पोटर चंद्रभान अपने परिवार के साथ रहते थे। इनकी कई गाड़ियां टैक्सी में किराए पर चलती हैं। चंद्रभान 21 जून को लापता हो गए। बेटे रवि ने 22 जून को थाना ट्रोनिका सिटी में पिता की गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने गुरुवार को चंद्रभान की कार चलाने वाले 2 सगे भाई ड्राइवर फारुख और शाहरुख को गिरफ्तार किया। आरोपी कानपुर में कैंट छावनी थाना क्षेत्र के झाड़ी बाबा का पढ़ाव के रहने वाले हैं।गाजियाबाद में रहकर टैक्सी चलाते हैं। शराब पीने के बाद बढ़ा झगड़ा
पूछताछ में आरोपी फारुख ने बताया, 21 जून की सुबह 11 बजे चंद्रभान उनके घर आए। फिर दोनों भाई और चंद्रभान वैगनआर ठीक कराने के लिए निकले। मंडोला CNG पंप से गैस भरवाकर लोनी की तरफ आए। गाड़ी में ही मिस्त्री आदिल को बैठाया। फिर चारों गढ़ी कटैया गए। वहां गाड़ी में बैठकर ही शराब पी। इसी दौरान चंद्रभान और मिस्त्री आदिल की गाड़ी ठीक करने को लेकर बहस होने लगी। विवाद बढ़ने पर चंद्रभान ने गुस्से में तीनों से कहा- तुम तीनों तो जानवर का मीट भी खा लेते हो। इस बात को लेकर विवाद और बढ़ गया। तीनों युवकों ने कहा- हम सभी जानवर का मीट नहीं खाते हैं। ये हमारे धर्म में जायज नहीं है। इसके बाद बात और बढ़ी तो तीनों ने चंद्रभान को पीटना शुरू कर दिया। उन्हें इतना मारा कि गाड़ी में ही दम तोड़ दिए। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से नीचे फेंकी थी लाश
फारुख ने बताया- हम लोग चंद्रभान को मारना नहीं चाहते थे। लेकिन गुस्से में पता नहीं चला कब उनकी मौत हो गई। हम सभी डर गए। इसके बाद दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर मंडोला से आगे खेकड़ा कस्बा होते हुए ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर गाड़ी चढ़ाई। यहां से हरियाणा बॉर्डर के सोनीपत पहुंच गए और जखोली टोल प्लाजा से कुछ दूर पहले लाश को एक्सप्रेस-वे के नीचे फेंक दी। चंद्रभान का फोन अलीपुर से पहले भलस्वा डेरी कूडा अड्डा पर फेंक दिया। लाश और कार दोनों बरामद
वारदात के बाद सबसे पहले गाड़ी मिस्त्री आदिल गाजियाबाद में राशिद गेट पर उतरा। फिर दोनों भाई फारुख और शाहरुख अपने घर चले गए। अगले दिल उन्होंने चंद्रभान की वैगनआर को दिल्ली में जीरा पुस्ता CNG पंप के आगे खड़ा कर दिया और अपने काम पर चले गए। 22 जून को जब चंद्रभान के परिजनों ने दोनों से पूछा तो उन्होंने झूठ बोला कि वे उनको 21 जून की दोपहर डेढ़ बजे ही छोड़ चुके थे। पुलिस ने गुरुवार शाम आरोपियों की निशानदेही पर लाश और कार बरामद कर ली है। पुलिस कैसे आरोपियों तक पहुंची…
चंद्रभान के साथ सबसे आखिर में उनके ड्राइवर शाहरुख और फारुख थे। पुलिस ने दोनों से पूछताछ की। उन्होंने कहा कि वे दोपहर डेढ़ बजे ही चंद्रभान की गाड़ी से उतरकर अपने घर चले गए थे। पुलिस ने जब तीनों के मोबाइल की लोकेशन निकलवाई तो पता चला कि गायब होने वाले दिन तीनों ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर हरियाणा बॉर्डर तक गए थे। जबकि शुरुआती पूछताछ में दोनों हत्यारोपियों ने इस जगह के बारे में पुलिस को नहीं बताया था। पुलिस ने दोबारा बुलाकर जब उनसे पूछा कि वहां क्यों गए तो आरोपी सकपका गए। ठोस जवाब नहीं दे सके। इसके बाद सख्ती से पूछताछ हुई तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। ACP सूर्यबली मौर्य ने बताया- चंद्रभान की हत्या में पुलिस ने 2 हत्यारोपी भाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मिस्त्री आदिल फरार है। उसकी गिरफ्तारी के भी प्रयास किए जा रहे हैं। मृतक का शव बरामद किया जा चुका है। कार भी मिल गई है। गाजियाबाद में ट्रांसर्पोटर की उसी की गाड़ी में पीट-पीटकर हत्या कर दी। फिर लाश 30 किलोमीटर दूर हरियाणा में फेंकी। हत्या के 6 दिन बाद पुलिस ने ट्रांसर्पोटर के 2 ड्राइवरों को गिरफ्तार किया। तीसरा आरोपी मिस्त्री अभी फरार है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया- कार मालिक बार-बार कह रहे थे कि तुम लोग जानवर का मीट भी खाते हो। इसी बात पर कहासुनी हुई और हम तीनों ने उन्हें बहुत पीटा। उनकी कार में ही मौत हो गई। 21 जून को ट्रोनिका सिटी क्षेत्र से लापता हुए थे चंद्रभान
ट्रोनिका सिटी थाना क्षेत्र में जीवन धान मंदिर के पास ट्रांसर्पोटर चंद्रभान अपने परिवार के साथ रहते थे। इनकी कई गाड़ियां टैक्सी में किराए पर चलती हैं। चंद्रभान 21 जून को लापता हो गए। बेटे रवि ने 22 जून को थाना ट्रोनिका सिटी में पिता की गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने गुरुवार को चंद्रभान की कार चलाने वाले 2 सगे भाई ड्राइवर फारुख और शाहरुख को गिरफ्तार किया। आरोपी कानपुर में कैंट छावनी थाना क्षेत्र के झाड़ी बाबा का पढ़ाव के रहने वाले हैं।गाजियाबाद में रहकर टैक्सी चलाते हैं। शराब पीने के बाद बढ़ा झगड़ा
पूछताछ में आरोपी फारुख ने बताया, 21 जून की सुबह 11 बजे चंद्रभान उनके घर आए। फिर दोनों भाई और चंद्रभान वैगनआर ठीक कराने के लिए निकले। मंडोला CNG पंप से गैस भरवाकर लोनी की तरफ आए। गाड़ी में ही मिस्त्री आदिल को बैठाया। फिर चारों गढ़ी कटैया गए। वहां गाड़ी में बैठकर ही शराब पी। इसी दौरान चंद्रभान और मिस्त्री आदिल की गाड़ी ठीक करने को लेकर बहस होने लगी। विवाद बढ़ने पर चंद्रभान ने गुस्से में तीनों से कहा- तुम तीनों तो जानवर का मीट भी खा लेते हो। इस बात को लेकर विवाद और बढ़ गया। तीनों युवकों ने कहा- हम सभी जानवर का मीट नहीं खाते हैं। ये हमारे धर्म में जायज नहीं है। इसके बाद बात और बढ़ी तो तीनों ने चंद्रभान को पीटना शुरू कर दिया। उन्हें इतना मारा कि गाड़ी में ही दम तोड़ दिए। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से नीचे फेंकी थी लाश
फारुख ने बताया- हम लोग चंद्रभान को मारना नहीं चाहते थे। लेकिन गुस्से में पता नहीं चला कब उनकी मौत हो गई। हम सभी डर गए। इसके बाद दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर मंडोला से आगे खेकड़ा कस्बा होते हुए ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर गाड़ी चढ़ाई। यहां से हरियाणा बॉर्डर के सोनीपत पहुंच गए और जखोली टोल प्लाजा से कुछ दूर पहले लाश को एक्सप्रेस-वे के नीचे फेंक दी। चंद्रभान का फोन अलीपुर से पहले भलस्वा डेरी कूडा अड्डा पर फेंक दिया। लाश और कार दोनों बरामद
वारदात के बाद सबसे पहले गाड़ी मिस्त्री आदिल गाजियाबाद में राशिद गेट पर उतरा। फिर दोनों भाई फारुख और शाहरुख अपने घर चले गए। अगले दिल उन्होंने चंद्रभान की वैगनआर को दिल्ली में जीरा पुस्ता CNG पंप के आगे खड़ा कर दिया और अपने काम पर चले गए। 22 जून को जब चंद्रभान के परिजनों ने दोनों से पूछा तो उन्होंने झूठ बोला कि वे उनको 21 जून की दोपहर डेढ़ बजे ही छोड़ चुके थे। पुलिस ने गुरुवार शाम आरोपियों की निशानदेही पर लाश और कार बरामद कर ली है। पुलिस कैसे आरोपियों तक पहुंची…
चंद्रभान के साथ सबसे आखिर में उनके ड्राइवर शाहरुख और फारुख थे। पुलिस ने दोनों से पूछताछ की। उन्होंने कहा कि वे दोपहर डेढ़ बजे ही चंद्रभान की गाड़ी से उतरकर अपने घर चले गए थे। पुलिस ने जब तीनों के मोबाइल की लोकेशन निकलवाई तो पता चला कि गायब होने वाले दिन तीनों ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर हरियाणा बॉर्डर तक गए थे। जबकि शुरुआती पूछताछ में दोनों हत्यारोपियों ने इस जगह के बारे में पुलिस को नहीं बताया था। पुलिस ने दोबारा बुलाकर जब उनसे पूछा कि वहां क्यों गए तो आरोपी सकपका गए। ठोस जवाब नहीं दे सके। इसके बाद सख्ती से पूछताछ हुई तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। ACP सूर्यबली मौर्य ने बताया- चंद्रभान की हत्या में पुलिस ने 2 हत्यारोपी भाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मिस्त्री आदिल फरार है। उसकी गिरफ्तारी के भी प्रयास किए जा रहे हैं। मृतक का शव बरामद किया जा चुका है। कार भी मिल गई है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर