गाजियाबाद के शालीमार गार्डन इलाके में हूटर बजाकर दौड़ती थार ने कई गाड़ियों में टक्कर मार दी। बाइक सवार दो सब इंस्पेक्टरों ने रोकने का प्रयास किया तो वो हूटर बजाती हुई निकल गई। काफी दूर पीछा करने के बाद गाड़ी को पकड़ा गया। गाड़ी सीज करते हुए ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये पूरा मामला बुधवार रात का है। शालीमार गार्डर थाना क्षेत्र में 80 फुटा रोड पर छत्रपति शिवाजी चौक के पास सब इंस्पेक्टर कोमल सिंह और मयंक चौहान वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान सामने से एक थार गाड़ी तेज आवाज में हूटर और रंगीन लाइट जलाते हुए आ रही थी। पता चला कि इस गाड़ी ने पीछे दो वाहनों को साइड मारी है। सब इंस्पेक्टरों ने थार गाड़ी ड्राइवर को रुकने का इशारा किया, लेकिन उसने रुकने की बजाय स्पीड बढ़ा दी। इसके बाद दोनों सब इंस्पेक्टरों ने बाइक से पीछा करते हुए इस गाड़ी को दिल्ली के टोल टेक्स के पास पकड़ लिया। थार में कुल चार लड़के बैठे हुए थे। ड्राइवर सीट के नीचे ही बियर की बोतल पड़ी मिली। इससे ये आशंका जताई गई कि ड्राइवर बियर पीकर ड्राइविंग कर रहा था। सब इंस्पेक्टरों ने बार-बार पूछा कि गाड़ी में हूटर क्यों लगवा रखा है? हमारे रोकने पर भी क्यों नहीं रुका? लेकिन गाड़ी ड्राइवर के पास कोई जवाब नहीं था। आखिरकार थार को सीज करते हुए ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। गाजियाबाद के शालीमार गार्डन इलाके में हूटर बजाकर दौड़ती थार ने कई गाड़ियों में टक्कर मार दी। बाइक सवार दो सब इंस्पेक्टरों ने रोकने का प्रयास किया तो वो हूटर बजाती हुई निकल गई। काफी दूर पीछा करने के बाद गाड़ी को पकड़ा गया। गाड़ी सीज करते हुए ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। ये पूरा मामला बुधवार रात का है। शालीमार गार्डर थाना क्षेत्र में 80 फुटा रोड पर छत्रपति शिवाजी चौक के पास सब इंस्पेक्टर कोमल सिंह और मयंक चौहान वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान सामने से एक थार गाड़ी तेज आवाज में हूटर और रंगीन लाइट जलाते हुए आ रही थी। पता चला कि इस गाड़ी ने पीछे दो वाहनों को साइड मारी है। सब इंस्पेक्टरों ने थार गाड़ी ड्राइवर को रुकने का इशारा किया, लेकिन उसने रुकने की बजाय स्पीड बढ़ा दी। इसके बाद दोनों सब इंस्पेक्टरों ने बाइक से पीछा करते हुए इस गाड़ी को दिल्ली के टोल टेक्स के पास पकड़ लिया। थार में कुल चार लड़के बैठे हुए थे। ड्राइवर सीट के नीचे ही बियर की बोतल पड़ी मिली। इससे ये आशंका जताई गई कि ड्राइवर बियर पीकर ड्राइविंग कर रहा था। सब इंस्पेक्टरों ने बार-बार पूछा कि गाड़ी में हूटर क्यों लगवा रखा है? हमारे रोकने पर भी क्यों नहीं रुका? लेकिन गाड़ी ड्राइवर के पास कोई जवाब नहीं था। आखिरकार थार को सीज करते हुए ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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गुरुग्राम में बिजली करंट से 3 की मौत:इफको मेट्रो के पास भरा था पानी; मृतकों में एक क्वालिटी इंजीनियर भी शामिल
गुरुग्राम में बिजली करंट से 3 की मौत:इफको मेट्रो के पास भरा था पानी; मृतकों में एक क्वालिटी इंजीनियर भी शामिल हरियाणा के गुरुग्राम में बीत रात को एक बड़ा हादसा हो गया। यहां इफको चौक मेट्रो पार कर घर लौट रहे तीन युवकों की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई। फुटपाथ के किनारे स्ट्रीट लाइट की खुली पड़ी बिजली की तार से ये हादसा हुआ। तार खुली होने के चलते बारिश के बाद सड़क के किनारे भरे पानी में करंट आ गया। पुलिस का कहना है कि बीती रात तेज हवा व बारिश के चलते हाईटेंशन लाइन टूटने के कारण यह हादसा हुआ है। हालांकि मौके पर ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला। मृतकों की पहचान दिवेश, जयपाल और वसी उज्जमा के तौर पर हुई है। परिजनों का आरोप है कि जिस तरह से सड़क के किनारे खुली तारे पड़ी हुई थी, इसमें बिजली निगम की बड़ी लापरवाही साफ दिखाई दे रही है। बारिश के बाद सड़क पर भर पानी से बचने के लिए तीनों ही व्यक्तियों ने फुटपाथ का सहारा लिया था। मेट्रो स्टेशन होने के चलते यहां से बड़ी तादाद में लोगों का आवागमन रहता है। दूसरी तरफ प्रशासन इतने बड़े हादसे के बाद भी मामले पर पर्दा डालने में ही लगा हुआ है। मृतक के परिजनों ने बिजली निगम से लेकर पुलिस व प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए मुआवजा व कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। मौके का निरीक्षण करने से साफ पता चलता है कि वहां पर कुछ खुले तार हैं और संभवत : उनमें करंट होने के चलते यह हादसा हुआ होगा। मृतकों की हुई पहचान एक मृतक की पहचान जयपाल निवासी नांगल चौधरी जिला महेंद्रगढ़ के रूप में हुई है। वह कोरियन कंपनी में ड्राइवर है। वहीं दूसरे मृतक का नाम दिवेश है और वह यूपी के उन्नाव का रहने वाला है। तीसरे मृतक का नाम वसी उज्जमा है और वह यूपी के सुल्तानपुर का रहने वाला है। वह मल्होत्रा केबल कंपनी मानेसर आईएमटी में क्वालिटी इंजीनियर के तौर पर काम करता था।
बिहार में अभी तक कितने एक्सप्रेसवे थे? क्या होते हैं इसके फायदे? क्या-क्या मिलती है सुविधा? जानें
बिहार में अभी तक कितने एक्सप्रेसवे थे? क्या होते हैं इसके फायदे? क्या-क्या मिलती है सुविधा? जानें <p style=”text-align: justify;”><strong>Expressways in Bihar: </strong>प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> (Narendra Modi) के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट मंगलवार (23 जुलाई) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पेश किया. बजट में बिहार के लिए बहुत कुछ खास रहा. सबसे बड़ी बात है कि बजट में ऐलान के साथ ही राज्य में पहली बार तीन एक्सप्रेसवे बनने का रास्ता साफ हो गया है, लेकिन आपको पता है कि बिहार में अभी कितने एक्सप्रेसवे हैं? इसके बन जाने के बाद क्या फायदे होंगे? एक्सप्रेसवे से क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं? इस खबर के माध्यम से ऐसे सवालों के जवाब समझिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सबसे पहले यह जान लीजिए कि पटना से पूर्णिया, बक्सर से भागलपुर और बोधगया से वैशाली के लिए एक्सप्रेसवे बनना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में इस संबंध में घोषणा की. बिहार में सड़क परियोजनाओं के लिए कुल 26 हजार करोड़ की राशि का प्रावधान हुआ है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बिहार में कितने एक्सप्रेसवे</strong><strong>?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मंगलवार को जैसे ही यह खबर आई कि पटना से पूर्णिया, बक्सर से भागलपुर और बोधगया से वैशाली के लिए एक्सप्रेसवे का निर्माण होगा तो बिहारवासी खुशी से झूम उठे. क्योंकि अभी तक बिहार में एक भी एक्सप्रेसवे का निर्माण नहीं हुआ है. केंद्र सरकार ने बिहार में एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर ध्यान नहीं दिया था लेकिन अब इसके लिए राहत वाली खबर आ गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एक्सप्रेसवे के बारे में समझिए…</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एक्सप्रेसवे को द्रुतगामी मार्ग भी कहा जाता है और भारतीय सड़क नेटवर्क में एक्सप्रेसवे सबसे उच्च वर्ग की सड़क होती है. यह 6 लेन या 8 लेन का होता है. एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने या राज्य के ही अंदर लंबे सफर के लिए तेज गति से जाने के लिए यह मार्ग सर्वोत्तम होता है. देश में सबसे पहले मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे बना था. यह छह लेन का है और 2002 में शुरू हुआ था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एक्सप्रेसवे की सुविधा</strong> <strong>के बारे में जानें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एक्सप्रेसवे के कई फायदे हैं. इनमें प्रवेश और निकास छोटी सड़कों के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है. एक्सप्रेसवे में सड़कें सीधी और सपाट होती हैं. एक्सप्रेसवे आधुनिक सुविधाओं से युक्त होते हैं, जिनमें एक्सेस रैंप, ग्रेड सेपरेशन, लेन डिवाइडर और एलिवेटेड सेक्शन जैसी आधुनिक सुविधाएं होती हैं. बिहार में अभी तक एक भी एक्सप्रेसवे का निर्माण नहीं किया गया है. हालांकि कुछ एक्सप्रेसवे बिहार से जरूर गुजरे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अब हाईवे और एक्सप्रेसवे में अंतर समझ लीजिए</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हाईवे आमतौर पर शहरों के बीच से ही निकलते हैं. एक्सप्रेसवे पर चढ़ने-उतरने के लिए डेडिकेटेड पॉइंट होते हैं जबकि हाईवे पर कहीं से भी चढ़ा-उतरा जा सकता है. इन पर गाड़ियों की अधिकतम स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक जा सकती है. एक्सप्रेसवे पर यह स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/union-budget-2024-center-gave-gift-to-bihar-patna-purnia-buxar-bhagalpur-expressway-new-medical-college-2743714″>Budget 2024 for Bihar: बिहार को बजट में बड़ा तोहफा, एक्सप्रेसवे बनेगा, नए मेडिकल कॉलेज भी बनेंगे, और क्या कुछ? जानें</a><br /></strong></p>
PM मोदी से मिली जालंधर की पैरालिंपिक बैडमिंटन प्लेयर:प्रधानमंत्री बोले-पलक तुम्हारी कहानी प्रेरणादायक; खिलाड़ी ने कहा- आपके आशीर्वाद से खुश
PM मोदी से मिली जालंधर की पैरालिंपिक बैडमिंटन प्लेयर:प्रधानमंत्री बोले-पलक तुम्हारी कहानी प्रेरणादायक; खिलाड़ी ने कहा- आपके आशीर्वाद से खुश पंजाब के जालंधर की रहने वाली पलक कोहली ने पेरिस पैरालिंपिक में बैडमिंटन गेम हिस्सा लिया था, मगर वह मेडल नहीं जीत पाई। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में पलक से मुलाकात की और उसे प्रोत्साहित किया। इस दौरान पलक ने अपने संघर्ष की सारी कहानी प्रधानमंत्री को सुनाई और पीएम मोदी ने पलक को आगे के खेल के लिए शुभकामनाएं दी। टोक्यो पैरालिंपिक के बाद पलक कोहली को कैंसर का पता चला था। उन्होंने हाल ही में कैंसर को हराकर पेरिस पैरालिंपिक में जगह बनाई। फिर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। बता दें कि पलक की कोचिंग लखनऊ में हुई है। पीएम बोले- पलक आप लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलक से मुलाकात के दौरान जमकर उनकी तारीफ की और कहा कि पलक आपका मामला ऐसा है कि आप कई लोगों को प्रेरणा दे सकती हैं। क्योंकि इतनी कठिनाइयों के बावजूद भी ट्रेन पटरी पर आई, आपकी जिंदगी बनाई। बीच में एक नई बाधा खड़ी हो गई। फिर भी आपने अपना उद्देश्य नहीं छोड़ा है। यह बड़ा सौदा है। आप के लिए बधाई पलक ने कहा कि पैरालिंपिक में जगह बनाने के लिए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग ली और फिर अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग हासिल करने के लिए कड़ा संघर्ष किया। पलक ने पीएम को सुनाई बाधाओं भरी कहानी पीएम की तारीफ के दौरान पलक ने जिंदगी में आई बाधाओं के बारे में पीएम मोदी से बताया। पलक ने कहा कि मैं टोक्यो पैरालिंपिक में चौथे स्थान पर रही। इस बार मैं 5वें स्थान पर रहा। इस पैरालिंपिक में मेरी यात्रा बिल्कुल अलग थी। टोक्यो पैरालिंपिक के बाद मुझे बोन ट्यूमर कैंसर का पता चला। यह स्टेज-1 कैंसर था। मैंने ढाई साल तक किसी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया। मैंने पिछले साल वापसी की और मैं बहुत खुश हूं। मैं अपने गौरव सर (पलक के कोच) की मदद से आगे बढ़ी। मेरे कई टूर्नामेंट छूट गए। एशियाई खेलों के दौरान मुझे कोविड हो गया। फिर मैंने विश्व चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई किया और कांस्य पदक जीता। फिर बैक टू बैक पेरिस पैरालिंपिक के लिए क्वालीफाई किया। ज्यादा टूर्नामेंट न खेलने के बाद मेरी रैंक घटकर 38 हो गई, लेकिन फिर मैंने दुनिया में अपनी रैंक चौथी बना ली। मैं पदक तो नहीं जीत सकी लेकिन आपने जो आशीर्वाद दिया उससे मैं बहुत खुश हूं।’ अब मैं 2028 की तैयारी कर रही हूं। बता दें कि पलक का एक हाथ नहीं है और वह शारीरिक रूप से दूसरों के अलग होने के बाद भी कभी हार नहीं मानती।