बागपत में जैन धर्म के महोत्सव में 65 फीट ऊंचे मंच की सीढ़ियां टूट गईं। हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई। हादसा गीली मिट्टी और क्षमता से अधिक भक्तों के सीढ़ी पर चढ़ने की वजह से हुआ। भक्तों को 65 फिट लंबे मान स्तंभ तक ले जाने के लिए बल्लियों और बांस से सीढ़ियां बनाई गई। क्षमता 50 लोगों का भार सहने की थी, लेकिन 100 से ज्यादा लोग एक साथ चढ़ गए। ज्यादा वजन पड़ा और मिट्टी गीली होने से बल्ली धंस गई। 50 फीट की ऊंचाई पर एक बल्ली टूट गई। फिर क्या था बल्लियां खिसकने लगीं। देखते ही देखते रस्सियां खुली और ऊपर से सीढ़ियां खुलती चली गईं। लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। भगदड़ जैसे हालात बन गए। हादसे में आयोजकों की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है। सीढ़ियों पर भक्तों को चढ़ने से रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं था। पुलिस ने ठेकेदार पर केस दर्ज किया है। दैनिक भास्कर की टीम मौके पर पहुंची। हादसे की वजह, लापरवाही और सुरक्षा समेत सभी बिंदुओं की जांच-पड़ताल की। घायलों का पक्ष जाना। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले पढ़िए एक नजर में घटना… हादसा बागपत शहर से 20 किमी दूर बड़ौत तहसील में मंगलवार सुबह 7 से 8 बजे के बीच हुआ। महोत्सव में आदिनाथ भगवान को प्रसाद चढ़ाने का कार्यक्रम चल रहा था। 65 फीट ऊंचा लकड़ी का मंच बनाया था। उस पर भगवान की 4-5 फीट ऊंची प्रतिमा रखी थी। भक्त हाथ में लड्डू लेकर सीढ़ियों से आदिनाथ भगवान को भोग लगाने के लिए मचाननुमा सीढ़ियों से ऊपर चढ़ रहे थे। तभी अचानक से सीढ़ियों की एक बल्ली खिसकी और पूरा मचान नीचे गिर गया। हादसे में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। जबकि 80 से अधिक लोग घायल हो गए। दैनिक भास्कर की टीम मौके पर पहुंची। लोगों से बातचीत में पता चला कि निर्वाण महोत्सव का आयोजन 25 सालों से हो रहा है। ये 26वां आयोजन था। हर बार की तरह इस बार भी 65 फिट लंबे मान स्तंभ तक पहुंचने के लिए बल्ली और बांस की सीढ़ियां बनाई गई थीं। आयोजन में कोई बदलाव नहीं किया गया था। हर साल 300 से 400 लोग पहुंचते थे। इस बार 1000 से ज्यादा लोग पहुंच गए। वसीम पिछले 4 साल से सीढ़ी बना रहे
टीम उस जगह पर पहुंची, जहां सीढ़ी बनाई गई थी। पड़ताल में सामने आया कि जिस जगह पर बल्ली के सहारे सीढ़ी बनाई गई थी। वहां की मिट्टी गीली थी। बल्लियां मिट्टी में धंसी मिलीं। हादसे की यही वजह थी। आस-पास के लोगों ने बताया कि बरनावा के ठेकेदार वसीम पिछले 4 साल से इस आयोजन में सीढ़ियां बना रहे हैं। इस बार सीढ़ी बनाने का बजट 45 हजार रुपए था। एक हफ्ते में 8-10 लोगों की टीम ने सीढ़ियों को बनाकर तैयार किया था। इससे पहले इनके रिश्तेदार यहां सीढ़ियां बनाते थे। तब 41 हजार बजट हुआ करता था। अब पढ़िए प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कुछ बताया… घटनास्थल पर ही भास्कर की टीम प्रत्यक्षदर्शी राजेश से मिली। उन्होंने बताया- सभी लोग दर्शन के लिए जा रहे थे। बल्ली और बांस की सीढ़ियां बनाई गई थी। भक्त ऊपर चढ़ रहे थे, तभी अचानक एक बल्ली खिसक गई। उसके बाद एक-एक करके सभी बल्लियां खिसकने लगी। ये देखकर भगदड़ मच गई। कुछ लोग सीढ़ियों से लुढ़कते हुए नीचे आए। कुछ सीधे ऊपर से ही नीचे गिर गए। काफी लोग नीचे दबे थे। सभी लोग को मुश्किल से बाहर निकाला गया। अशोक जैन बोले- आयोजकों-ठेकेदार की लापरवाही से हादसा हुआ प्रत्यक्षदर्शी अशोक जैन ने कहा- बल्ली गिरने के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। काफी देर तक समझ नहीं आया क्या करें? काफी लोग नीचे गिरे थे। कुछ नीचे दबे थे। सभी को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। प्रशासन ने बहुत सहयोग किया है। हादसा आयोजकों और ठेकेदार की लापरवाही की वजह से हुआ। पुलिसकर्मी पिंकी बोलीं- भगदड़ की चपेट में ज्यादा लोग आए
टीम घटनास्थल से निकल कर उस अस्पताल पहुंची, जहां घायलों का इलाज चल रहा है। यहां पहले हम घायल पुलिसकर्मी पिंकी से मिले। उन्होंने बताया, मेरी ड्यूटी आयोजन में लगी थी। जिस जगह हादसा हुआ, मैं वहां से थोड़ा दूर खड़ी हुई थी। एक दम से लोगों के चिल्लाने की आवाज आई तो हम लोग दौड़कर अंदर आए। वहां देखा कुछ लोग जमीन पर गिरे हुए हैं। उनको रौंदते हुए लोग भाग रहे हैं। हम लोग स्थिति संभाल रहे थे, तभी मैं भीड़ में गिर गई और लोगों ने मुझे भी रौंद दिया। जिसकी वजह से मेरे हाथ और पैर में गंभीर चोट आई है। मौके पर जो भगदड़ मची है, उसकी वजह से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। आयोजक की जुबानी हादसे की कहानी… आयोजकों की टीम के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, जिस जगह ये सीढ़ियां बनाई गई थीं, वहां की मिट्टी कच्ची (गीली) थी। जिस वजह से जब बल्ली खिसकी और बैलेंस बिगड़ा तो नीचे सहारे के लिए लगी बल्ली मिट्टी में धंसने लगी और फिर टूट गई। इसके अलावा सीढ़ियों पर एक साथ भीड़ को चढ़ने से रोकने के कोई इंतजाम नहीं थे। इन सीढ़ियों की क्षमता एक साथ 50 लोगों के चढ़ने की थी, लेकिन 100 से ज्यादा लोग एक साथ चढ़ रहे थे। 50 फिट की ऊंचाई पर सीढ़ी टूटी थी। उसके बाद बल्लियां खिसकना शुरू हुईं। देखते ही देखते रस्सियां खुलीं और ऊपर से सीढ़ियां गिरनी शुरू हो गईं। जो लोग ऊंचाई पर थे, वो लोग वहीं से कूदने लगे। जहां पर ये मान स्तंभ बना है, उसके चारों ओर कांटे वाली जाली बनी हुई है। जब ऊपर से लोग नीचे कूदे तो उन्हें ये जालियां लग गई। इस वजह से वो लोग ज्यादा घायल हुए। बाकी कुछ लोग सीढ़ियों से गिरते हुए जमीन पर आ गए। बचने के लिए लोग एक दूसरे को धक्का देते हुए भाग रहे थे। जो नीचे गिरे हुए थे, वो उठ ही नहीं पा रहे थे। हम लोग भीड़ को कंट्रोल कर रहे थे। लेकिन कोई रुक नहीं रहा था। भगदड़ इतनी भयानक थी कि कुछ समझना मुश्किल था। हादसे में इनकी हुई माैत
हादसे में तरसपाल (66) पुत्र हुकमचंद गांधी रोड इमली वाली गली, अमित (35) पुत्र नरेश चंद, अरुण (48) पुत्र केशव राम, ऊषा (24) पत्नी सुरेंद्र, शिल्पी (24) पुत्री सुनील जैन, विनीत जैन (40) पुत्र सुरेंद्र, कमलेश जैन (65) पत्नी सुरेश चंद की माैत हुई है। पुलिस ने मान स्तंभ तक जाने वाली सीढ़ियां बनाने वाले ठेकेदार वसीम को गिरफ्तार कर लिया है। उसके खिलाफ FIR दर्ज की गई है। डीएम ने हादसे की मजिस्ट्रियल जांच करने के निर्देश दिए हैं। एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। ठेकेदार पर आरोप है कि उसने मिट्टी गीली होने पर भी इसकी जानकारी नहीं दी। अब पढ़िए स्तंभ का इतिहास….
दिगंबर जैन कॉलेज के सचिव डीके जैन ने बताया कि दिगंबर जैन कॉलेज प्रबंधन समिति ने 1999 में मान स्तंभ की स्थापना कराई थी। तभी से जैन समाज के लोग यहां पर लड्डू निर्माण महोत्सव का आयोजन करते हैं। बागपत के बड़ौत में श्री दिगंबर जैन का करीब 650 साल पुराना मंदिर है। इस मंदिर में कुल 7 वेदियां है, जिन पर अलग-अलग तीर्थंकरों की मूर्तियां विराजमान हैं। पहली वेदी पर भगवान आदिनाथ की प्रतिमा है। निर्वाण महोत्सव में शामिल होने के लिए कई जिलों के लोग आए थे। —————————- इस हादसे से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें- बागपत में जैन धर्म के महोत्सव में हादसा, 7 मौतें:65 फीट ऊंचाई पर मंच, जाने के लिए लकड़ी की सीढ़ियां; भीड़ बढ़ी तो ढह गईं उत्तर प्रदेश के बागपत में मंगलवार को जैन समुदाय के निर्वाण महोत्सव के दौरान हादसा हो गया। यहां 65 फीट ऊंचे मंच की सीढ़ियां टूट गईं। इससे कई श्रद्धालु एक दूसरे पर गिरते चले गए। भगदड़ जैसे हालात हो गए। हादसे में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। जबकि 80 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया है। स्थानीय लोगों ने घटना में खून से लथपथ श्रद्धालुओं को ठेले से अस्पताल पहुंचाया। सीएम योगी ने मामले का संज्ञान लिया। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी भी घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे। यहां पढ़ें पूरी खबर बागपत में जैन धर्म के महोत्सव में 65 फीट ऊंचे मंच की सीढ़ियां टूट गईं। हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई। हादसा गीली मिट्टी और क्षमता से अधिक भक्तों के सीढ़ी पर चढ़ने की वजह से हुआ। भक्तों को 65 फिट लंबे मान स्तंभ तक ले जाने के लिए बल्लियों और बांस से सीढ़ियां बनाई गई। क्षमता 50 लोगों का भार सहने की थी, लेकिन 100 से ज्यादा लोग एक साथ चढ़ गए। ज्यादा वजन पड़ा और मिट्टी गीली होने से बल्ली धंस गई। 50 फीट की ऊंचाई पर एक बल्ली टूट गई। फिर क्या था बल्लियां खिसकने लगीं। देखते ही देखते रस्सियां खुली और ऊपर से सीढ़ियां खुलती चली गईं। लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। भगदड़ जैसे हालात बन गए। हादसे में आयोजकों की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है। सीढ़ियों पर भक्तों को चढ़ने से रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं था। पुलिस ने ठेकेदार पर केस दर्ज किया है। दैनिक भास्कर की टीम मौके पर पहुंची। हादसे की वजह, लापरवाही और सुरक्षा समेत सभी बिंदुओं की जांच-पड़ताल की। घायलों का पक्ष जाना। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले पढ़िए एक नजर में घटना… हादसा बागपत शहर से 20 किमी दूर बड़ौत तहसील में मंगलवार सुबह 7 से 8 बजे के बीच हुआ। महोत्सव में आदिनाथ भगवान को प्रसाद चढ़ाने का कार्यक्रम चल रहा था। 65 फीट ऊंचा लकड़ी का मंच बनाया था। उस पर भगवान की 4-5 फीट ऊंची प्रतिमा रखी थी। भक्त हाथ में लड्डू लेकर सीढ़ियों से आदिनाथ भगवान को भोग लगाने के लिए मचाननुमा सीढ़ियों से ऊपर चढ़ रहे थे। तभी अचानक से सीढ़ियों की एक बल्ली खिसकी और पूरा मचान नीचे गिर गया। हादसे में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। जबकि 80 से अधिक लोग घायल हो गए। दैनिक भास्कर की टीम मौके पर पहुंची। लोगों से बातचीत में पता चला कि निर्वाण महोत्सव का आयोजन 25 सालों से हो रहा है। ये 26वां आयोजन था। हर बार की तरह इस बार भी 65 फिट लंबे मान स्तंभ तक पहुंचने के लिए बल्ली और बांस की सीढ़ियां बनाई गई थीं। आयोजन में कोई बदलाव नहीं किया गया था। हर साल 300 से 400 लोग पहुंचते थे। इस बार 1000 से ज्यादा लोग पहुंच गए। वसीम पिछले 4 साल से सीढ़ी बना रहे
टीम उस जगह पर पहुंची, जहां सीढ़ी बनाई गई थी। पड़ताल में सामने आया कि जिस जगह पर बल्ली के सहारे सीढ़ी बनाई गई थी। वहां की मिट्टी गीली थी। बल्लियां मिट्टी में धंसी मिलीं। हादसे की यही वजह थी। आस-पास के लोगों ने बताया कि बरनावा के ठेकेदार वसीम पिछले 4 साल से इस आयोजन में सीढ़ियां बना रहे हैं। इस बार सीढ़ी बनाने का बजट 45 हजार रुपए था। एक हफ्ते में 8-10 लोगों की टीम ने सीढ़ियों को बनाकर तैयार किया था। इससे पहले इनके रिश्तेदार यहां सीढ़ियां बनाते थे। तब 41 हजार बजट हुआ करता था। अब पढ़िए प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कुछ बताया… घटनास्थल पर ही भास्कर की टीम प्रत्यक्षदर्शी राजेश से मिली। उन्होंने बताया- सभी लोग दर्शन के लिए जा रहे थे। बल्ली और बांस की सीढ़ियां बनाई गई थी। भक्त ऊपर चढ़ रहे थे, तभी अचानक एक बल्ली खिसक गई। उसके बाद एक-एक करके सभी बल्लियां खिसकने लगी। ये देखकर भगदड़ मच गई। कुछ लोग सीढ़ियों से लुढ़कते हुए नीचे आए। कुछ सीधे ऊपर से ही नीचे गिर गए। काफी लोग नीचे दबे थे। सभी लोग को मुश्किल से बाहर निकाला गया। अशोक जैन बोले- आयोजकों-ठेकेदार की लापरवाही से हादसा हुआ प्रत्यक्षदर्शी अशोक जैन ने कहा- बल्ली गिरने के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। काफी देर तक समझ नहीं आया क्या करें? काफी लोग नीचे गिरे थे। कुछ नीचे दबे थे। सभी को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। प्रशासन ने बहुत सहयोग किया है। हादसा आयोजकों और ठेकेदार की लापरवाही की वजह से हुआ। पुलिसकर्मी पिंकी बोलीं- भगदड़ की चपेट में ज्यादा लोग आए
टीम घटनास्थल से निकल कर उस अस्पताल पहुंची, जहां घायलों का इलाज चल रहा है। यहां पहले हम घायल पुलिसकर्मी पिंकी से मिले। उन्होंने बताया, मेरी ड्यूटी आयोजन में लगी थी। जिस जगह हादसा हुआ, मैं वहां से थोड़ा दूर खड़ी हुई थी। एक दम से लोगों के चिल्लाने की आवाज आई तो हम लोग दौड़कर अंदर आए। वहां देखा कुछ लोग जमीन पर गिरे हुए हैं। उनको रौंदते हुए लोग भाग रहे हैं। हम लोग स्थिति संभाल रहे थे, तभी मैं भीड़ में गिर गई और लोगों ने मुझे भी रौंद दिया। जिसकी वजह से मेरे हाथ और पैर में गंभीर चोट आई है। मौके पर जो भगदड़ मची है, उसकी वजह से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। आयोजक की जुबानी हादसे की कहानी… आयोजकों की टीम के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, जिस जगह ये सीढ़ियां बनाई गई थीं, वहां की मिट्टी कच्ची (गीली) थी। जिस वजह से जब बल्ली खिसकी और बैलेंस बिगड़ा तो नीचे सहारे के लिए लगी बल्ली मिट्टी में धंसने लगी और फिर टूट गई। इसके अलावा सीढ़ियों पर एक साथ भीड़ को चढ़ने से रोकने के कोई इंतजाम नहीं थे। इन सीढ़ियों की क्षमता एक साथ 50 लोगों के चढ़ने की थी, लेकिन 100 से ज्यादा लोग एक साथ चढ़ रहे थे। 50 फिट की ऊंचाई पर सीढ़ी टूटी थी। उसके बाद बल्लियां खिसकना शुरू हुईं। देखते ही देखते रस्सियां खुलीं और ऊपर से सीढ़ियां गिरनी शुरू हो गईं। जो लोग ऊंचाई पर थे, वो लोग वहीं से कूदने लगे। जहां पर ये मान स्तंभ बना है, उसके चारों ओर कांटे वाली जाली बनी हुई है। जब ऊपर से लोग नीचे कूदे तो उन्हें ये जालियां लग गई। इस वजह से वो लोग ज्यादा घायल हुए। बाकी कुछ लोग सीढ़ियों से गिरते हुए जमीन पर आ गए। बचने के लिए लोग एक दूसरे को धक्का देते हुए भाग रहे थे। जो नीचे गिरे हुए थे, वो उठ ही नहीं पा रहे थे। हम लोग भीड़ को कंट्रोल कर रहे थे। लेकिन कोई रुक नहीं रहा था। भगदड़ इतनी भयानक थी कि कुछ समझना मुश्किल था। हादसे में इनकी हुई माैत
हादसे में तरसपाल (66) पुत्र हुकमचंद गांधी रोड इमली वाली गली, अमित (35) पुत्र नरेश चंद, अरुण (48) पुत्र केशव राम, ऊषा (24) पत्नी सुरेंद्र, शिल्पी (24) पुत्री सुनील जैन, विनीत जैन (40) पुत्र सुरेंद्र, कमलेश जैन (65) पत्नी सुरेश चंद की माैत हुई है। पुलिस ने मान स्तंभ तक जाने वाली सीढ़ियां बनाने वाले ठेकेदार वसीम को गिरफ्तार कर लिया है। उसके खिलाफ FIR दर्ज की गई है। डीएम ने हादसे की मजिस्ट्रियल जांच करने के निर्देश दिए हैं। एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। ठेकेदार पर आरोप है कि उसने मिट्टी गीली होने पर भी इसकी जानकारी नहीं दी। अब पढ़िए स्तंभ का इतिहास….
दिगंबर जैन कॉलेज के सचिव डीके जैन ने बताया कि दिगंबर जैन कॉलेज प्रबंधन समिति ने 1999 में मान स्तंभ की स्थापना कराई थी। तभी से जैन समाज के लोग यहां पर लड्डू निर्माण महोत्सव का आयोजन करते हैं। बागपत के बड़ौत में श्री दिगंबर जैन का करीब 650 साल पुराना मंदिर है। इस मंदिर में कुल 7 वेदियां है, जिन पर अलग-अलग तीर्थंकरों की मूर्तियां विराजमान हैं। पहली वेदी पर भगवान आदिनाथ की प्रतिमा है। निर्वाण महोत्सव में शामिल होने के लिए कई जिलों के लोग आए थे। —————————- इस हादसे से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें- बागपत में जैन धर्म के महोत्सव में हादसा, 7 मौतें:65 फीट ऊंचाई पर मंच, जाने के लिए लकड़ी की सीढ़ियां; भीड़ बढ़ी तो ढह गईं उत्तर प्रदेश के बागपत में मंगलवार को जैन समुदाय के निर्वाण महोत्सव के दौरान हादसा हो गया। यहां 65 फीट ऊंचे मंच की सीढ़ियां टूट गईं। इससे कई श्रद्धालु एक दूसरे पर गिरते चले गए। भगदड़ जैसे हालात हो गए। हादसे में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। जबकि 80 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया है। स्थानीय लोगों ने घटना में खून से लथपथ श्रद्धालुओं को ठेले से अस्पताल पहुंचाया। सीएम योगी ने मामले का संज्ञान लिया। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी भी घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे। यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर