कोलकाता में महिला डाक्टर से रेप और मर्डर की वारदात के बाद पूरे देश में महिला डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सरकारों पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। वहीं, यदि गुरदासपुर के सरकारी अस्पताल की बात करें तो जम्मू-अमृतसर नेशनल हाईवे पर स्थित 200 बेड के सिविल अस्पताल में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के लिए रात के समय सिर्फ एक पुलिस कर्मी तैनात होता है, जो पूरे अस्पताल का ध्यान रखता है। रात के समय सिविल अस्पताल के लेबर रूम, गायनी वार्ड और जच्चा बच्चा वॉर्ड में महिला स्टाफ ही तैनात रहता है। रात को ज्यादातर ट्रेनी नर्सिंग स्टाफ ड्यूटी करता है, जिनकी सुरक्षा राम भरोसे है। जानकारी देते हुए सिविल अस्पताल गुरदासपुर के सीनियर मेडिकल अफसर डॉक्टर अरविंद ने बताया कि अस्पताल में रात के समय एक ही सुरक्षा कर्मी तैनात रहता है। दिन के समय दो सुरक्षा कर्मी होते हैं। रात के समय सिविल अस्पताल में ड्यूटी पर 8 ट्रेनी स्टूडेंट्स, एक लेडी डाक्टर,10 नर्सिंग स्टाफ के अलावा इमरजेंसी में भी नर्सिंग स्टाफ काम करता है। हालांकि अस्पताल में करीब 20 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में सुरक्षा कर्मियों की कमी है। इस बारे में पंजाब सरकार को लिखकर भेजा गया है। लोग करते हैं गंदे कमेंट सिविल अस्पताल गुरदासपुर में रात को ड्यूटी कर रही महिला डा. मिकी समयाल, डा. रूपा, स्टॉफ नर्स आशा, हरमीत, मीना और मिनी ने बताया कि रात को उन्हें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। रात को सिविक अस्पताल में उनकी सुरक्षा को लेकर कोई भी प्रबंध नहीं है। रात को मरीजों के साथ ज्यादातर पुरुष ही आते हैं। जिनमें से ज्यादातर लोग नशा किए होते हैं। उन्हें कई तरह के कमेंट किए जाते हैं और कई बार तो लोग नशे की हालत में उनके साथ झगड़ा भी करते हैं। जब वह एक वार्ड से दूसरी वार्ड में जाते हैं तो अस्पताल के बाहर खड़े लोग उन्हें देखकर हूटिंग करते हैं और गंदे कमेंट करते हैं। लेडी डाक्टरों की सुरक्षा के हों इंतजाम उन्होंने मांग की है कि अस्पतालों में लेडी डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम कए जाए। सिविल अस्पताल गुरदासपुर में रात के समय पांच पुलिस कर्मी तैनात किए जाए और सीसीटीवी कैमरे भी लगाई जाए। कोलकाता में महिला डाक्टर से रेप और मर्डर की वारदात के बाद पूरे देश में महिला डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सरकारों पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। वहीं, यदि गुरदासपुर के सरकारी अस्पताल की बात करें तो जम्मू-अमृतसर नेशनल हाईवे पर स्थित 200 बेड के सिविल अस्पताल में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के लिए रात के समय सिर्फ एक पुलिस कर्मी तैनात होता है, जो पूरे अस्पताल का ध्यान रखता है। रात के समय सिविल अस्पताल के लेबर रूम, गायनी वार्ड और जच्चा बच्चा वॉर्ड में महिला स्टाफ ही तैनात रहता है। रात को ज्यादातर ट्रेनी नर्सिंग स्टाफ ड्यूटी करता है, जिनकी सुरक्षा राम भरोसे है। जानकारी देते हुए सिविल अस्पताल गुरदासपुर के सीनियर मेडिकल अफसर डॉक्टर अरविंद ने बताया कि अस्पताल में रात के समय एक ही सुरक्षा कर्मी तैनात रहता है। दिन के समय दो सुरक्षा कर्मी होते हैं। रात के समय सिविल अस्पताल में ड्यूटी पर 8 ट्रेनी स्टूडेंट्स, एक लेडी डाक्टर,10 नर्सिंग स्टाफ के अलावा इमरजेंसी में भी नर्सिंग स्टाफ काम करता है। हालांकि अस्पताल में करीब 20 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में सुरक्षा कर्मियों की कमी है। इस बारे में पंजाब सरकार को लिखकर भेजा गया है। लोग करते हैं गंदे कमेंट सिविल अस्पताल गुरदासपुर में रात को ड्यूटी कर रही महिला डा. मिकी समयाल, डा. रूपा, स्टॉफ नर्स आशा, हरमीत, मीना और मिनी ने बताया कि रात को उन्हें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। रात को सिविक अस्पताल में उनकी सुरक्षा को लेकर कोई भी प्रबंध नहीं है। रात को मरीजों के साथ ज्यादातर पुरुष ही आते हैं। जिनमें से ज्यादातर लोग नशा किए होते हैं। उन्हें कई तरह के कमेंट किए जाते हैं और कई बार तो लोग नशे की हालत में उनके साथ झगड़ा भी करते हैं। जब वह एक वार्ड से दूसरी वार्ड में जाते हैं तो अस्पताल के बाहर खड़े लोग उन्हें देखकर हूटिंग करते हैं और गंदे कमेंट करते हैं। लेडी डाक्टरों की सुरक्षा के हों इंतजाम उन्होंने मांग की है कि अस्पतालों में लेडी डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम कए जाए। सिविल अस्पताल गुरदासपुर में रात के समय पांच पुलिस कर्मी तैनात किए जाए और सीसीटीवी कैमरे भी लगाई जाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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