गुरदासपुर में बैंक का एक कैशियर ग्राहकों को उच्च ब्याज दर का लालच देकर डेढ़ करोड़ रुपए की धोखाधड़ी कर फरार हो गया। कैशियर तलजिंदर सिंह ने ग्राहकों को एक विशेष स्कीम का झांसा दिया, जिसमें एक लाख रुपये जमा करने पर 20% वार्षिक ब्याज देने का वादा किया। घटना कादियां में बड़ौदा बैंक की है। पीड़ित ग्राहकों में कुलदीप कौर, राजेश कुमार और रूही सहित कई लोग शामिल हैं। कैशियर ने उन्हें बताया कि यह स्कीम पूर्व बैंक कर्मचारियों के लिए है और उसके पास 10 लाख रुपए का कोटा था, जिसमें से 6 लाख अपने माता-पिता के नाम करवा चुका है। बचे 4 लाख के कोटे के लिए उसने लोगों से पैसे ले लिए, लेकिन न तो उन्हें कोई रसीद दी और न ही पैसे उनके खातों में जमा किए। 29 दिसंबर को नौकरी छोड़कर गया
पीड़ितों ने बैंक प्रबंधन से इस बारे में पूछताछ की, तो उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। आरोपी कैशियर के पिता ने भी अपने बेटे से किसी संबंध से इनकार कर दिया है और कहा कि वे अपने बेटे के साथ नहीं रहते। पीड़ितों ने बैंक के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की है। इस मामले में बैंक प्रबंधन की भूमिका भी संदिग्ध है, क्योंकि वे पीड़ितों को कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहे हैं। बैंक अधिकारियों का कहना है कि कैशियर 29 दिसंबर को नौकरी छोड़कर चला गया। उसने रुपए अपने पत्नी के खाते में ट्रांसफर किए है। गुरदासपुर में बैंक का एक कैशियर ग्राहकों को उच्च ब्याज दर का लालच देकर डेढ़ करोड़ रुपए की धोखाधड़ी कर फरार हो गया। कैशियर तलजिंदर सिंह ने ग्राहकों को एक विशेष स्कीम का झांसा दिया, जिसमें एक लाख रुपये जमा करने पर 20% वार्षिक ब्याज देने का वादा किया। घटना कादियां में बड़ौदा बैंक की है। पीड़ित ग्राहकों में कुलदीप कौर, राजेश कुमार और रूही सहित कई लोग शामिल हैं। कैशियर ने उन्हें बताया कि यह स्कीम पूर्व बैंक कर्मचारियों के लिए है और उसके पास 10 लाख रुपए का कोटा था, जिसमें से 6 लाख अपने माता-पिता के नाम करवा चुका है। बचे 4 लाख के कोटे के लिए उसने लोगों से पैसे ले लिए, लेकिन न तो उन्हें कोई रसीद दी और न ही पैसे उनके खातों में जमा किए। 29 दिसंबर को नौकरी छोड़कर गया
पीड़ितों ने बैंक प्रबंधन से इस बारे में पूछताछ की, तो उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। आरोपी कैशियर के पिता ने भी अपने बेटे से किसी संबंध से इनकार कर दिया है और कहा कि वे अपने बेटे के साथ नहीं रहते। पीड़ितों ने बैंक के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की है। इस मामले में बैंक प्रबंधन की भूमिका भी संदिग्ध है, क्योंकि वे पीड़ितों को कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहे हैं। बैंक अधिकारियों का कहना है कि कैशियर 29 दिसंबर को नौकरी छोड़कर चला गया। उसने रुपए अपने पत्नी के खाते में ट्रांसफर किए है। पंजाब | दैनिक भास्कर