गुरदासपुर में स्थापित किया गया विजयी टैंक:1971 के भारत-पाक युद्ध में हुआ था प्रयोग, दूसरे विश्व युद्ध के बाद रुस ने बनाया था

गुरदासपुर में स्थापित किया गया विजयी टैंक:1971 के भारत-पाक युद्ध में हुआ था प्रयोग, दूसरे विश्व युद्ध के बाद रुस ने बनाया था

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर गुरदासपुर के बब्बरी बाईपास पर जिला प्रशासन की ओर से ‘विजय के प्रतीक’ के रूप में भारतीय सेना के 1971 के भारत-पाक युद्ध के विजयी टैंक को स्थापित किया है। गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल और पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉर्पोरेशन के चेयरमैन रमन बहल ने रिबन काटकर इस विजयी टैंक के स्मारक का उद्घाटन किया। अतिरिक्त उपायुक्त (जनरल) सुभाष चंद्र, एसडीएम गुरदासपुर डॉ. कर्मजीत सिंह, सहायक कमिश्नर अश्वनी अरोड़ा, लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन हरजोत सिंह, जिला हेरिटेज सोसायटी के सचिव प्रो. राज कुमार शर्मा, सुच्चा सिंह मुल्तानी सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। विजयी टैंक स्थापित करने संबंधी गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने बताया कि यह ऐतिहासिक टी-55 टैंक दूसरे विश्व युद्ध के बाद रूस द्वारा बनाया गया था। इस युद्धक टैंक को 1966 में भारत की सशस्त्र इकाइयों में शामिल किया गया था। दिन-रात लड़ने की ताकत रखने वाले इस टैंक ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान नैनोकोट, बसंतर और गरीबपुर की लड़ाई में पाकिस्तान को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी खूबियों के कारण टी-55 टैंक 2011 तक भारतीय सेना में सेवारत रहा। जिला हेरिटेज सोसायटी करेगी देखभाल उन्होंने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र बल वाहन डिपो, पुणे ने इस टैंक को जीत के प्रतीक के रूप में सम्मान के साथ गुरदासपुर को ‘युद्ध ट्रॉफी’ के रूप में भेंट किया है। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि सारंगल इस स्मारक की देखभाल जिला हेरिटेज सोसायटी गुरदासपुर द्वारा की जाएगी। विजय चिन्ह का प्रतीक यह टैंक युवाओं को अपने देश के वीर जवानों के बलिदान का स्मरण करवाएगए और युवा इससे प्रेरणा लेंगे। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर जिला प्रशासन अपने देश के शहीदों को श्रद्धांजलि प्रदान करता है। चेयरमैन रमन बहल ने जिला प्रशासन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह भारतीय सेना का विजयी टैंक है। गुरदासपुर के महत्वपूर्ण चौक पर स्थापित होने से जहां गुरदासपुर का गौरव बढ़ा है, वहीं यह हमारे युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा कि कैसे हमारे वीर जवानों ने दुश्मनों को परास्त किया। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर गुरदासपुर के बब्बरी बाईपास पर जिला प्रशासन की ओर से ‘विजय के प्रतीक’ के रूप में भारतीय सेना के 1971 के भारत-पाक युद्ध के विजयी टैंक को स्थापित किया है। गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल और पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉर्पोरेशन के चेयरमैन रमन बहल ने रिबन काटकर इस विजयी टैंक के स्मारक का उद्घाटन किया। अतिरिक्त उपायुक्त (जनरल) सुभाष चंद्र, एसडीएम गुरदासपुर डॉ. कर्मजीत सिंह, सहायक कमिश्नर अश्वनी अरोड़ा, लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन हरजोत सिंह, जिला हेरिटेज सोसायटी के सचिव प्रो. राज कुमार शर्मा, सुच्चा सिंह मुल्तानी सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। विजयी टैंक स्थापित करने संबंधी गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने बताया कि यह ऐतिहासिक टी-55 टैंक दूसरे विश्व युद्ध के बाद रूस द्वारा बनाया गया था। इस युद्धक टैंक को 1966 में भारत की सशस्त्र इकाइयों में शामिल किया गया था। दिन-रात लड़ने की ताकत रखने वाले इस टैंक ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान नैनोकोट, बसंतर और गरीबपुर की लड़ाई में पाकिस्तान को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी खूबियों के कारण टी-55 टैंक 2011 तक भारतीय सेना में सेवारत रहा। जिला हेरिटेज सोसायटी करेगी देखभाल उन्होंने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र बल वाहन डिपो, पुणे ने इस टैंक को जीत के प्रतीक के रूप में सम्मान के साथ गुरदासपुर को ‘युद्ध ट्रॉफी’ के रूप में भेंट किया है। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि सारंगल इस स्मारक की देखभाल जिला हेरिटेज सोसायटी गुरदासपुर द्वारा की जाएगी। विजय चिन्ह का प्रतीक यह टैंक युवाओं को अपने देश के वीर जवानों के बलिदान का स्मरण करवाएगए और युवा इससे प्रेरणा लेंगे। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर जिला प्रशासन अपने देश के शहीदों को श्रद्धांजलि प्रदान करता है। चेयरमैन रमन बहल ने जिला प्रशासन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह भारतीय सेना का विजयी टैंक है। गुरदासपुर के महत्वपूर्ण चौक पर स्थापित होने से जहां गुरदासपुर का गौरव बढ़ा है, वहीं यह हमारे युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा कि कैसे हमारे वीर जवानों ने दुश्मनों को परास्त किया।   पंजाब | दैनिक भास्कर