गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में एयर होस्टेस रेप केस:स्वास्थ्य विभाग ने पूछा, पेशंट चार्टर फॉलो किया या नहीं, पांच दिन में जवाब दें

गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में एयर होस्टेस रेप केस:स्वास्थ्य विभाग ने पूछा, पेशंट चार्टर फॉलो किया या नहीं, पांच दिन में जवाब दें

हरियाणा के गुरुग्राम में एयर होस्टेस के डिजिटल रेप के मामले में स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के निर्देश पर के मेदांता अस्पताल प्रबंधन को शो कॉज नोटिस दिया है। गुरुग्राम की सिविल सर्जन एवं सह संयोजक जिला पंजीकरण प्राधिकरण (CMO) डॉ. अलका सिंह ने चिकित्सा निदेशक को पांच वर्किंग डे में अंदर अपना जवाब देने को कहा गया है। अगर स्वास्थ्य विभाग को कोई चूक नजर आती है तो हरियाणा क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है। सीएमओ द्वारा जारी शो कॉज नोटिस में अस्पताल प्रबंधन से कहा गया है कि रोगी के अधिकारों और जिम्मेदारियों के चार्टर के अनुसार सीईए अधिनियम खंड-6 के तहत उपचार के दौरान गोपनीयता, मानवीय गरिमा और निजता का पालन करना होता है। इसके साथ ही खंड-7 के तहत किसी महिला रोगी की शारीरिक जांच के दौरान पुरुष चिकित्सक द्वारा महिला कर्मी की उपस्थिति सुनिश्चित की जाती है। इस मामले में लगता है कि अस्पताल ने दोनों खंडों का सही से पालन नहीं किया है। अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट बताएं कि यह चूक कैसे हुई? क्या है क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट देश में मेडिकल क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार द्वारा क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट लागू किया गया है। ताकि अस्पतालों द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं और सेवाओं के न्यूनतम मानकों को निर्धारित किया जा सके। हरियाणा ने इस एक्ट को अपनाया है। यह एक्ट सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के सभी प्रकार के मेडिकल क्लिनिकल प्रतिष्ठानों पर लागू है, जो मेडिकल की सभी मान्यता प्राप्त प्रणालियों से संबंधित हैं। जिसमें सिंगल डाक्टर क्लीनिक भी शामिल हैं। चैप्टर छह और सात के तहत दिया नोटिस चैप्टर छह -इसके तहत अस्पताल को इलाज के दौरान मरीज की कॉन्फिडेंटिलिटी,मानवीय गरिमा( human dignity) और प्राइवेसी (privacy) रखना जरूरी है। इसके उल्लंघन पर पहली बार में 25 से 50 हजार रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
चैप्टर सात- पुरुष डॉक्टर या स्टाफ द्वारा महिला पेशंट की शारीरिक जांच के दौरान किसी महिला स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित करना अस्पताल की जिम्मेदारी होती है। इसके उल्लंघन पर भी जुर्माना और मामले की गंभीरता के अनुसार अलावा अन्य कार्रवाई भी की जा सकती है। बता दें कि 13 अप्रैल को बंगाल की रहने वाली एक एयर होस्टेस ने गुरुग्राम पुलिस को शिकायत दी थी कि मेदांता अस्पताल में उपचार के दौरान उसका डिजिटल रेप किया गया है। उसकी शिकायत पर पुलिस ने जांच करते हुए बिहार के रहने वाले एक आरोपी को पकड़ा है। जांच में पता चला कि आरोपी पोर्न एडिक्ट था। उसने पोर्न देखकर अस्पताल में वेंटिलेटर पर लेटी एयर होस्टेस के प्राइवेट पार्ट्स से छेड़छाड़ की। हालांकि, पकड़े जाने पर उसने माफी भी मांगी। उसने कहा था कि एयर होस्टेस की हालत देखकर उसकी नीयत खराब हो गई थी, इसलिए उसने ऐसा किया। एयर होस्टेस से जुड़ा डिजिटल रेप कैसे सामने आया पुलिस ने आरोपी को कैसे पकड़ा… हरियाणा के गुरुग्राम में एयर होस्टेस के डिजिटल रेप के मामले में स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के निर्देश पर के मेदांता अस्पताल प्रबंधन को शो कॉज नोटिस दिया है। गुरुग्राम की सिविल सर्जन एवं सह संयोजक जिला पंजीकरण प्राधिकरण (CMO) डॉ. अलका सिंह ने चिकित्सा निदेशक को पांच वर्किंग डे में अंदर अपना जवाब देने को कहा गया है। अगर स्वास्थ्य विभाग को कोई चूक नजर आती है तो हरियाणा क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है। सीएमओ द्वारा जारी शो कॉज नोटिस में अस्पताल प्रबंधन से कहा गया है कि रोगी के अधिकारों और जिम्मेदारियों के चार्टर के अनुसार सीईए अधिनियम खंड-6 के तहत उपचार के दौरान गोपनीयता, मानवीय गरिमा और निजता का पालन करना होता है। इसके साथ ही खंड-7 के तहत किसी महिला रोगी की शारीरिक जांच के दौरान पुरुष चिकित्सक द्वारा महिला कर्मी की उपस्थिति सुनिश्चित की जाती है। इस मामले में लगता है कि अस्पताल ने दोनों खंडों का सही से पालन नहीं किया है। अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट बताएं कि यह चूक कैसे हुई? क्या है क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट देश में मेडिकल क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार द्वारा क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट लागू किया गया है। ताकि अस्पतालों द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं और सेवाओं के न्यूनतम मानकों को निर्धारित किया जा सके। हरियाणा ने इस एक्ट को अपनाया है। यह एक्ट सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के सभी प्रकार के मेडिकल क्लिनिकल प्रतिष्ठानों पर लागू है, जो मेडिकल की सभी मान्यता प्राप्त प्रणालियों से संबंधित हैं। जिसमें सिंगल डाक्टर क्लीनिक भी शामिल हैं। चैप्टर छह और सात के तहत दिया नोटिस चैप्टर छह -इसके तहत अस्पताल को इलाज के दौरान मरीज की कॉन्फिडेंटिलिटी,मानवीय गरिमा( human dignity) और प्राइवेसी (privacy) रखना जरूरी है। इसके उल्लंघन पर पहली बार में 25 से 50 हजार रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
चैप्टर सात- पुरुष डॉक्टर या स्टाफ द्वारा महिला पेशंट की शारीरिक जांच के दौरान किसी महिला स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित करना अस्पताल की जिम्मेदारी होती है। इसके उल्लंघन पर भी जुर्माना और मामले की गंभीरता के अनुसार अलावा अन्य कार्रवाई भी की जा सकती है। बता दें कि 13 अप्रैल को बंगाल की रहने वाली एक एयर होस्टेस ने गुरुग्राम पुलिस को शिकायत दी थी कि मेदांता अस्पताल में उपचार के दौरान उसका डिजिटल रेप किया गया है। उसकी शिकायत पर पुलिस ने जांच करते हुए बिहार के रहने वाले एक आरोपी को पकड़ा है। जांच में पता चला कि आरोपी पोर्न एडिक्ट था। उसने पोर्न देखकर अस्पताल में वेंटिलेटर पर लेटी एयर होस्टेस के प्राइवेट पार्ट्स से छेड़छाड़ की। हालांकि, पकड़े जाने पर उसने माफी भी मांगी। उसने कहा था कि एयर होस्टेस की हालत देखकर उसकी नीयत खराब हो गई थी, इसलिए उसने ऐसा किया। एयर होस्टेस से जुड़ा डिजिटल रेप कैसे सामने आया पुलिस ने आरोपी को कैसे पकड़ा…   हरियाणा | दैनिक भास्कर