राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम गुरुग्राम में हुई एक घटना से जुड़े सुराग तलाशने हरियाणा के कुरुक्षेत्र के सलारपुर रोड पर पहुंचीं। यहां टीम ने एकता विहार कॉलोनी में एक घर में सीसीटीवी फुटेज खंगाली। इससे पहले टीम कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की रिजल्ट ब्रांच में गई थी। कुरुक्षेत्र के DTP, एसडीओ PWD और सुभाष मंडी चौकी पुलिस के इंचार्ज भी टीम के साथ शामिल है। जानकारी के अनुसार, गत माह 10 दिसंबर को गुरुग्राम में हुए बम ब्लास्ट मामले में STF ने लोकेशन ट्रेस करके तीन दिन बाद 13 दिसंबर को युवक भाविश को कुरुक्षेत्र में उसकी रिश्तेदारी से हिरासत लिया था। मामले में परिजनों के आरोप लगाया कि STF ने युवक को अवैध रूप से कई दिनों तक हिरासत में रखा और 18 दिसंबर को अदालत में पेश किया। आरोप लगाया इस दौरान भाविश काे टॉर्चर किया। इस संबंध में परिजनों ने गुरुग्राम अदालत में शिकायत दायर की थी। अदालत ने कुरुक्षेत्र स्थित घर के आसपास लगे कैमरों की जांच के आदेश दिए ताकि मामले की सटीक तारीख स्पष्ट हो सके। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम गुरुग्राम में हुई एक घटना से जुड़े सुराग तलाशने हरियाणा के कुरुक्षेत्र के सलारपुर रोड पर पहुंचीं। यहां टीम ने एकता विहार कॉलोनी में एक घर में सीसीटीवी फुटेज खंगाली। इससे पहले टीम कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की रिजल्ट ब्रांच में गई थी। कुरुक्षेत्र के DTP, एसडीओ PWD और सुभाष मंडी चौकी पुलिस के इंचार्ज भी टीम के साथ शामिल है। जानकारी के अनुसार, गत माह 10 दिसंबर को गुरुग्राम में हुए बम ब्लास्ट मामले में STF ने लोकेशन ट्रेस करके तीन दिन बाद 13 दिसंबर को युवक भाविश को कुरुक्षेत्र में उसकी रिश्तेदारी से हिरासत लिया था। मामले में परिजनों के आरोप लगाया कि STF ने युवक को अवैध रूप से कई दिनों तक हिरासत में रखा और 18 दिसंबर को अदालत में पेश किया। आरोप लगाया इस दौरान भाविश काे टॉर्चर किया। इस संबंध में परिजनों ने गुरुग्राम अदालत में शिकायत दायर की थी। अदालत ने कुरुक्षेत्र स्थित घर के आसपास लगे कैमरों की जांच के आदेश दिए ताकि मामले की सटीक तारीख स्पष्ट हो सके। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पुलिस प्रवक्ता ने बताया है कि इंस्पेक्टर रामचंद्र पर कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने का केस वर्ष 2023 में दर्ज हुआ था। उस समय IPC की धारा 174 के तहत जांच शुरू हुई थी। तब आरोपी इंस्पेक्टर रामचंद्र पलवल के सदर थाने के प्रभारी थे। उससे पहले पलवल जिला कोर्ट में घरेलू झगड़े का केस आया। इसमें सत्यवती नाम की एक महिला थी, जो अपने पति सुभाष से गुजारा भत्ते की मांग कर रही थी। हालांकि, सुभाष उसे कोई पैसा देने को राजी नहीं था। कोर्ट की सुनवाई में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट पूनम कंवर ने महिला की मांग को जायज माना। गुजारा भत्ता नहीं दिया तो आरोपी को पकड़ने के आदेश दिए
चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (CJM) ने मामले में आदेश जारी किए कि सुभाष अपनी पत्नी सत्यवती को प्रतिमाह 3 हजार रुपए गुजारा भत्ता देगा। कोर्ट ने फैसला सुना दिया, लेकिन सुभाष ने अपनी पत्नी को पैसा देना शुरू नहीं किया। यह मामला दोबारा कोर्ट में आया तो CJM ने सुभाष को गिरफ्तार करने के आदेश दिए। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा था कि यदि सुभाष कोर्ट में 1 लाख 65 हजार रुपए जमा कर देता है तो उसे गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं होगी। यह आदेश तत्कालीन सदर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रामचंद्र को ही दिए गए थे, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद इंस्पेक्टर ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। सुओ मोटो का इस्तेमाल कर कोर्ट ने इंस्पेक्टर पर केस किया
इसके बाद कोर्ट ने सुओ मोटो का इस्तेमाल कर इंस्पेक्टर पर मामला दर्ज करने के आदेश दिए। तब से यह मामला चला आ रहा था। सोमवार को CJM सीमा की कोर्ट ने इंस्पेक्टर को सजा सुनाई। हालांकि, मौके पर उपस्थित इंस्पेक्टर ने मौके पर ही 200 रुपए की पर्ची कटवा ली। साथ ही कोर्ट से जमानत भी ले ली। कोर्ट ने मुचलका भरकर इंस्पेक्टर को कच्ची जमानत दे दी है। उन्हें आदेश दिए गए हैं कि 18 जनवरी तक पक्की जमानत ले लें।