गुरुग्राम में एक चाय व परांठे की रेहड़ी वाले से मंथली लेने वाले चार पुलिसकर्मियों को सेक्टर 17-18 थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गुरुवार शाम को चारों आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया है। पुलिस को दी शिकायत में मूल रूप से दरभंगा बिहार के रहने वाले गुलाब सिंह साहू ने बताया कि सेक्टर 18 क्यू बिल्डिंग के सामने अस्थाई झोपड़ी बनाकर रहता है और वहीं पर बीड़ी सिगरेट, चाय व परांठा बेचकर अपना गुजारा करता है। फरवरी 2025 में हवलदार राजबीर उसकी दुकान पर आया और उसे दुकान बंद कराने की धमकी देने लगा। दुकान चलाने के लिए देने लगा हफ्ता उसने दुकान चलाने के लिए पांच हजार रुपए हर सप्ताह लेने की बात की। इस पर वह उसे पांच हजार रुपए हर सप्ताह देने लगा। इसके कुछ दिन बाद ईआरवी स्टाफ में शामिल सिपाही अजय व एसपीओ अनिल भी उसकी दुकान पर आकर उसे धमकाने लगे और रिश्वत की मांग की। जिस पर मजबूरन उन्हें भी वह एक हजार व पांच सौ रुपए देने लगा। पहले से दे रहा था मंथली रेहड़ी वाले शिकायतकर्ता का कहना है कि वह इनके अलावा एएसआई बिजेंद्र जिसे वह चार-पांच साल से जानता था। वह भी उसकी दुकान को बंद कराने के लिए धमकी देकर हर महीने 10 हजार रुपए वसूलता था। उसने बताया कि उसके 15 से 20 हजार रुपए तो पुलिसवालों को देने में जाने लगे। रोज रोज की उगाही से घाटा हुआ रोज रोज की उगाही से वह परेशान हो गया, क्योंकि कमाई कम थी और पुलिसवालों को ज्यादा रुपए देने पड़ रहे थे। जब वह रियायत करने की बात कहता तो पुलिसवाले उसे धमकाते थे। जिसके बाद उसने इस मामले का पर्दाफाश करने का प्लान बनाया। पुलिस के उच्च अधिकारियों को शिकायत की तो उन्होंने सबूत के साथ पकड़ने के लिए रेहड़ी पर गुप्त सीसीटीवी लगवा दिए। इन कैमरों में कुछ ही दिन में पुलिसकर्मियों को करतूत कैद हो गई। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने चारों पुलिस कर्मियों के वीडियो आदि पेन ड्राइव में डालकर एसएचओ सेक्टर-18 को दिए। जिस पर पर्याप्त सबूतों के आधार पर चारों पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया। इस बारे में पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा का कहना है कि चारों आरोपियों को निलंबित कर दिया गया है। सभी को चेतावनी है कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गुरुग्राम में एक चाय व परांठे की रेहड़ी वाले से मंथली लेने वाले चार पुलिसकर्मियों को सेक्टर 17-18 थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गुरुवार शाम को चारों आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया है। पुलिस को दी शिकायत में मूल रूप से दरभंगा बिहार के रहने वाले गुलाब सिंह साहू ने बताया कि सेक्टर 18 क्यू बिल्डिंग के सामने अस्थाई झोपड़ी बनाकर रहता है और वहीं पर बीड़ी सिगरेट, चाय व परांठा बेचकर अपना गुजारा करता है। फरवरी 2025 में हवलदार राजबीर उसकी दुकान पर आया और उसे दुकान बंद कराने की धमकी देने लगा। दुकान चलाने के लिए देने लगा हफ्ता उसने दुकान चलाने के लिए पांच हजार रुपए हर सप्ताह लेने की बात की। इस पर वह उसे पांच हजार रुपए हर सप्ताह देने लगा। इसके कुछ दिन बाद ईआरवी स्टाफ में शामिल सिपाही अजय व एसपीओ अनिल भी उसकी दुकान पर आकर उसे धमकाने लगे और रिश्वत की मांग की। जिस पर मजबूरन उन्हें भी वह एक हजार व पांच सौ रुपए देने लगा। पहले से दे रहा था मंथली रेहड़ी वाले शिकायतकर्ता का कहना है कि वह इनके अलावा एएसआई बिजेंद्र जिसे वह चार-पांच साल से जानता था। वह भी उसकी दुकान को बंद कराने के लिए धमकी देकर हर महीने 10 हजार रुपए वसूलता था। उसने बताया कि उसके 15 से 20 हजार रुपए तो पुलिसवालों को देने में जाने लगे। रोज रोज की उगाही से घाटा हुआ रोज रोज की उगाही से वह परेशान हो गया, क्योंकि कमाई कम थी और पुलिसवालों को ज्यादा रुपए देने पड़ रहे थे। जब वह रियायत करने की बात कहता तो पुलिसवाले उसे धमकाते थे। जिसके बाद उसने इस मामले का पर्दाफाश करने का प्लान बनाया। पुलिस के उच्च अधिकारियों को शिकायत की तो उन्होंने सबूत के साथ पकड़ने के लिए रेहड़ी पर गुप्त सीसीटीवी लगवा दिए। इन कैमरों में कुछ ही दिन में पुलिसकर्मियों को करतूत कैद हो गई। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने चारों पुलिस कर्मियों के वीडियो आदि पेन ड्राइव में डालकर एसएचओ सेक्टर-18 को दिए। जिस पर पर्याप्त सबूतों के आधार पर चारों पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया। इस बारे में पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा का कहना है कि चारों आरोपियों को निलंबित कर दिया गया है। सभी को चेतावनी है कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
