हरियाणा के गुरुग्राम में पीजी (PG) संचालक की हत्या एक महिला ने कराई थी। महिला को उसने कमेटी डालने के लिए 10 लाख रुपए दिए थे। महिला ने रकम खर्च दी। पीजी संचालक ने रुपए के लिए दबाव बढ़ाया तो महिला ने अपने जानकारों के साथ मिल कर उसकी हत्या करके शव फेंक दिया। पुलिस ने महिला समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वारदात में प्रयुक्त कार व अन्य सामान भी बरामद हो गया है। जाने क्या था पूरा मामला गांव शिकोहपुर के रहने वाले राजेंद्र (52) का आईएमटी मानेसर में पीजी था। 22 नवंबर को वह अपनी कार लेकर घर से पीजी गए थे, लेकिन लौटे नहीं। इसके बाद परिजनों का उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ तो रात को उसकी खोजबीन शुरू की गई। मामले की सूचना पुलिस को भी दी गई। इस बीच 23 नवंबर को पुलिस ने रेवाड़ी-नारनौल रोड पर एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ। बाद में मृतक की पहचान लापता राजेंद्र के तौर पर हुई। मामले में जांच क्राइम ब्रांच मानेसर को सौंपी गई थी। ऐसे खुला हत्या का भेद क्राइम ब्रांच की टीम ने राजेंद्र की हत्या को लेकर छानबीन शुरू की तो पता चला कि शटरिंग का काम करने वाली आइएमटी सेक्टर-एक निवासी 42 वर्षीय महिला सुषमा के साथ उसकी बोलचाल थी। पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया तो चरखी दादरी जिले के नौरंगाबास गांव निवासी 37 वर्षीय अनिल का नाम भी सामने आया। पुलिस ने दोनों से गहनता से पूछताछ की तो राजेंद्र की हत्या की गुत्थी सुलझ गई। पूछताछ के मुताबिक आरोपित सुषमा का शटरिंग का काम है। महिला को 10 लाख रुपए दिए थे पुलिस की जांच में सामने आया कि महिला सुषमा शटरिंग का काम करती थी। एक युवक अनिल ने उसके पास अपनी गाड़ियां लगा रखी थी। पीजी संचालक राजेंद्र भी महिला के संपर्क में था। कुछ समय पहले राजेंद्र ने कमेटी में डालने के लिए सुषमा को 10 लाख रुपए दिए थे। इन्हीं रुपयों के लिए उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने इसमें सुषमा, अनिल व एक अन्य महिला सीमा को गिरफ्तार किया है। सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम) वरुण दहिया के अनुसार राजेंद्र ने सुषमा को कमेटी डालने के लिए जो 10 लाख रुपए दिए थे, सुषमा ने उनको खर्च कर दिया था। राजेंद्र ने रुपए के लिए दबाव डाला तो सुषमा ने कहा कि उसने अपनी जानकार गांव डूंडाहेड़ा निवासी सीमा को रुपए दिए हैं। राजेंद्र ने सीमा से मिलवाने के लिए कहा तो सुषमा डर गई। इसके बाद उसकी हत्या की साजिश रची गई। नशीली चाय पिलाकर किया बेहोश फिर गला घोंटा पुलिस के अनुसार सुषमा ने सीमा को 50 हजार रुपए देने का वादा करके साजिश में शामिल किया। 22 नवंबर को सुषमा ने राजेंद्र काे शाम छह बजे अपने घर बुलाया। जब वह पहुंचे तो वहां अनिल व सीमा भी थे। अनिल ने चाय बनाई। राजेंद्र की चाय में नशीला पदार्थ मिला दिया था। इस वजह से वह पीते ही बेहोश गए थे। सुषमा ने गला दबाकर उनकी हत्या कर दी। सीमा को दोनों ने वापस उसके घर भेज दिया। फिर राजेंद्र की कार हाईवे की सर्विस लेन के किनारे खड़ी कर दी। उसके शव को रेवाड़ी-नारनौल रोड पर फेंक दिया। पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त कार, निकाली गई सोने की चेन व कार से आरोपियों के बाल बरामद किए हैं। हरियाणा के गुरुग्राम में पीजी (PG) संचालक की हत्या एक महिला ने कराई थी। महिला को उसने कमेटी डालने के लिए 10 लाख रुपए दिए थे। महिला ने रकम खर्च दी। पीजी संचालक ने रुपए के लिए दबाव बढ़ाया तो महिला ने अपने जानकारों के साथ मिल कर उसकी हत्या करके शव फेंक दिया। पुलिस ने महिला समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वारदात में प्रयुक्त कार व अन्य सामान भी बरामद हो गया है। जाने क्या था पूरा मामला गांव शिकोहपुर के रहने वाले राजेंद्र (52) का आईएमटी मानेसर में पीजी था। 22 नवंबर को वह अपनी कार लेकर घर से पीजी गए थे, लेकिन लौटे नहीं। इसके बाद परिजनों का उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ तो रात को उसकी खोजबीन शुरू की गई। मामले की सूचना पुलिस को भी दी गई। इस बीच 23 नवंबर को पुलिस ने रेवाड़ी-नारनौल रोड पर एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ। बाद में मृतक की पहचान लापता राजेंद्र के तौर पर हुई। मामले में जांच क्राइम ब्रांच मानेसर को सौंपी गई थी। ऐसे खुला हत्या का भेद क्राइम ब्रांच की टीम ने राजेंद्र की हत्या को लेकर छानबीन शुरू की तो पता चला कि शटरिंग का काम करने वाली आइएमटी सेक्टर-एक निवासी 42 वर्षीय महिला सुषमा के साथ उसकी बोलचाल थी। पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया तो चरखी दादरी जिले के नौरंगाबास गांव निवासी 37 वर्षीय अनिल का नाम भी सामने आया। पुलिस ने दोनों से गहनता से पूछताछ की तो राजेंद्र की हत्या की गुत्थी सुलझ गई। पूछताछ के मुताबिक आरोपित सुषमा का शटरिंग का काम है। महिला को 10 लाख रुपए दिए थे पुलिस की जांच में सामने आया कि महिला सुषमा शटरिंग का काम करती थी। एक युवक अनिल ने उसके पास अपनी गाड़ियां लगा रखी थी। पीजी संचालक राजेंद्र भी महिला के संपर्क में था। कुछ समय पहले राजेंद्र ने कमेटी में डालने के लिए सुषमा को 10 लाख रुपए दिए थे। इन्हीं रुपयों के लिए उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने इसमें सुषमा, अनिल व एक अन्य महिला सीमा को गिरफ्तार किया है। सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम) वरुण दहिया के अनुसार राजेंद्र ने सुषमा को कमेटी डालने के लिए जो 10 लाख रुपए दिए थे, सुषमा ने उनको खर्च कर दिया था। राजेंद्र ने रुपए के लिए दबाव डाला तो सुषमा ने कहा कि उसने अपनी जानकार गांव डूंडाहेड़ा निवासी सीमा को रुपए दिए हैं। राजेंद्र ने सीमा से मिलवाने के लिए कहा तो सुषमा डर गई। इसके बाद उसकी हत्या की साजिश रची गई। नशीली चाय पिलाकर किया बेहोश फिर गला घोंटा पुलिस के अनुसार सुषमा ने सीमा को 50 हजार रुपए देने का वादा करके साजिश में शामिल किया। 22 नवंबर को सुषमा ने राजेंद्र काे शाम छह बजे अपने घर बुलाया। जब वह पहुंचे तो वहां अनिल व सीमा भी थे। अनिल ने चाय बनाई। राजेंद्र की चाय में नशीला पदार्थ मिला दिया था। इस वजह से वह पीते ही बेहोश गए थे। सुषमा ने गला दबाकर उनकी हत्या कर दी। सीमा को दोनों ने वापस उसके घर भेज दिया। फिर राजेंद्र की कार हाईवे की सर्विस लेन के किनारे खड़ी कर दी। उसके शव को रेवाड़ी-नारनौल रोड पर फेंक दिया। पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त कार, निकाली गई सोने की चेन व कार से आरोपियों के बाल बरामद किए हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के आदमपुर में विजिलेंस की रेड, धांधली पकड़ी:बिना लेवल-बेड सीवरेज लाइन डाली, 5 फुट की जगह ढाई फुट पर डाले पाईप हरियाणा के हिसार जिले की आदमपुर विधानसभा में विजिलेंस ने रेड कर 35 करोड़ के बड़े प्रोजेक्ट में धांधली पकड़ी है। आदमपुर में पिछले एक साल से सीवरेज लाइन डाली जा रही है। इस प्रोजेक्ट को पूर्व विधायक भव्य बिश्नोई के समय में शुरू किया गया था। इस प्रोजेक्ट के तहत आदमपुर में सीवरेज लाईन बिछाने से जिससे की आदमपुर में जलनिकासी का समाधान हो सके मगर यह प्रोजेक्ट अफसरों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। विजिलेंस की प्रारंभिक जांच में कई तरह की धांधली सामने आई है। सबसे बड़ी खामी सीवरेज लाइन को बिछाने से पहले किसी तरह के बेड का इस्तेमाल नहीं किया। नियमानुसार पाइप लाइन डालने से पहले नीचे बेस बनाना जरूरी होता है। प्रोजेक्ट की डीपीआर में बेड बनाने का जिक्र है और इसकी कोस्ट भी डाली गई है। दूसरी तरफ सीवरेज लाइन ढाई फुट गहराई में ही बिछाया जा रहा है जबकि नियम कहना है कि 5 से 6 फुट की गहराई जरूर होनी चाहिए। विजिलेंस विजिलेंस हेड ऑफिस के एसई दीपक गोयल और हिसार विजिलेंस अफसर अजीत कुमार के अलावा अन्य सदस्य जांच टीम में शामिल रहे। भव्य बिश्नोई व भाजपा नेताओं ने की थी जांच की मांग
गांव आदमपुर, आदमपुर मंडी व जवाहर नगर में करीब एक साल से सरकार की तरफ से नई सीवरेज लाइन बिछाई जा रही है। स्थानीय लोगों ने इसमें अनियमितताएं बरतने की शिकायत की की थी। इसके बाद पूर्व विधायक भव्य बिश्नोई के कार्यालय और स्थानीय भाजपा नेता पवन जैन की ओर से इसकी विजिलेंस जांच की मांग की गई। आज पंचकुला से पहुंची ACB की टीम
करोड़ों रुपए की लागत से बिछाई जा रही नई सीवरेज लाइन टेंडर में घोटाले की जांच के लिए आज शुक्रवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) पंचकूला की टीम आदमपुर पहुंची। टीम सुबह 11 बजे आदमपुर के रेस्ट हाउस में पहुंची। विजिलेंस ने पब्लिक हेल्थ के जेई सुरेश ढाका, विकास गोरिया व सीताराम, एसडीओ अंकुश मक्कड़ व मोहनलाल जांगड़ा, एक्सईएन संजीव त्यागी व कंचन वर्मा, सुपरीटेंडेंट इंजीनियर आरके शर्मा व निर्माण एजेंसी आदि को तलब किया था, मगर हांसी और आदमपुर के एक्सईएन टीम के आने के 2 घंटे बाद पहुंचे। ढाई फुट की गहराई पर डाली गई सीवरेज लाइन… इस तरह की धांधली की गई
सीवरेज लाइन बिछाने में दोयम दर्जे की निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया है। यह कार्य सरकारी मानकों के अनुरुप नहीं किया गया। इसमें डेढ़ से दो नंबर की ईंट लगाई गई है वहीं मिट्टी युक्त लाल क्रेशर का प्रयोग हुआ है। बिना लेवल की पाइपों के नीचे पीसीसी(बेस) भी नाम मात्र की गई है। इसके अलावा टूटे आरसीसी पाइपों को लगाना, तोड़ी गई सीसी व इंटरलाक सड़कों को दोबारा रिपेयर नहीं किया गया है। आरोप है कि मिलीभगत से सड़क रिपेयरिंग के पैसे पास करवा लिए गए। इसके अलावा डिवाटरिंग के नाम पर करोड़ों रुपए के गबन की शिकायत की गई। विजिलेंस को कई बार शिकायत की
आदमपुर के लोगों के अलावा भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसकी शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री, पब्लिक हैल्थ विभाग के मंत्री रणबीर गंगवा सहित एंटी करप्शन ब्यूरो हेड आफिस पंचकूला में की थी। यहां तक पूर्व विधायक भव्य बिश्नोई के कार्यालय से भी विजिलेंस को शिकायत की गई है। करीब 5 अन्य शिकायतकर्ता भी हैं, जिन्होंने इसकी शिकायत की थी। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि भ्रष्टाचार की जड़े उपर तक फैली हुई और महकमा जांच के नाम पर लीपापोती करने में लगा है।
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पानीपत में दो रेपिस्टों को 20-20 साल की कैद:पड़ोसी नाबालिग से किया था गैंगरेप, 3 साल तक हुई सुनवाई, 85 हजार का जुर्माना हरियाणा के पानीपत में जिला अदालत ने नाबालिग से गैंगरेप करने के दो दोषियों को बीस बीस साल कारावास की सजा सुनाई है। थाना शहर क्षेत्र के अंतर्गत एक कॉलोनी में दिसंबर 2021 में दो दोस्तों ने पड़ोस में रहने वाली 16 साल की लड़की को को दुकान से सामान लाने के बहाने घर बुलाया था। इसके बाद वहां उसके साथ दरिंदगी की थी। जिला उप न्यायवादी कुलदीप ढुल ने बताया कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश सुखप्रीत सिंह की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषियों को 20-20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोनों दोषियों पर अदालत ने 85 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न देने पर दोषियों को तीन साल की अतिरिक्त जेल काटनी होगी। शिकायतकर्ता की ओर से एडवोकेट राजपाल कश्यप ने पैरवी की। मां गई हुई थी बिहार
जिला उप न्यायवादी कुलदीप ढुल ने बताया कि 24 दिसंबर 2021 को सिटी थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक कॉलोनी निवासी महिला ने पुलिस को शिकायत दी थी। महिला ने अपनी शिकायत में बताया था कि वह दो बेटियों व एक बेटे की मां है। वह एक साल से यहां किराये पर रहती है। 17 नवंबर 2021 को वह ससुर की तबीयत खराब होने पर अपनी ससुराल बिहार के छपरा में गई थी। वह 18 दिसंबर 2021 को बिहार से पानीपत लौटी थी। घर आते ही उसकी 16 साल की बेटी उससे लिपटकर रोने लगी। उसने बार बार रोने का कारण पूछा तो उसकी बेटी ने बताया कि उसके साथ पड़ोसी विनोद व उसके दोस्त शुभम ने रेप किया है। 11 दिसंबर 2021 रात आठ बजे वह अपने घर थी। उसको पड़ोसी विनोद ने इशारा कर अपने कमरे में बुलाया। विनोद उसका पड़ोसी था। इसलिए वह सामान मंगवाने या अन्य काम से उसे बुला लेता था। इसलिए वह चली गई। दोनों शराब के नशे में धुत थे
वहां उसके कमरे पर उसका दोस्त शुभम भी था। वह शराब पी रहा था। दोनों शराब के नशे में थे। उन्होंने उसको अंदर बुलाकर कुंडी लगा ली और उसके साथ दोनों ने रेप किया। दोनों ने उसको किसी को इस बारे में बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी। वह डर के मारे काफी दिन तक चुप रही। महिला ने इसकी 24 दिसंबर 2021 को किला पुलिस थाना में शिकायत दी। पुलिस ने 28 दिसंबर को मामले में दोनों आरोपियों पर केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। अदालत ने विनोद पर 35 व शुभम पर 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है।
असंध के अयोग्य चेयरमैन को हाईकोर्ट से झटका:पुनर्विचार याचिका खारिज; 10वीं की फर्जी मार्कशीट इस्तेमाल कर लड़ा था चुनाव
असंध के अयोग्य चेयरमैन को हाईकोर्ट से झटका:पुनर्विचार याचिका खारिज; 10वीं की फर्जी मार्कशीट इस्तेमाल कर लड़ा था चुनाव हरियाणा के करनाल जिले की असंध नगरपालिका के अयोग्य घोषित चेयरमैन सतीश कटारिया को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से एक और झटका लगा है। 10वीं कक्षा की फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ने के मामले में सतीश कटारिया ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आज बुधवार को याचिका को खारिज करते हुए इस पर कोई राहत नहीं दी। आरटीआई से खुलासा, जांच में फर्जी निकली मार्कशीट सतीश कटारिया पर आप पार्टी की प्रत्याशी व एडवोकेट सोनिया बोहत ने आरोप लगाया था। उन्होंने कटारिया की 10वीं कक्षा की मार्कशीट पर सवाल उठाए और आरटीआई के जरिए यह जानकारी हासिल की। दस्तावेजों की जांच में यह मार्कशीट फर्जी पाई गई। मामले को लेकर सोनिया बोहत ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट के आदेश पर स्टेट इलैक्शन कमीशन ने जांच की, जिसके बाद 10 अप्रैल 2023 को सतीश कटारिया को चेयरमैन पद से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। पुनर्विचार याचिका पर भी हाईकोर्ट से झटका एडवोकेट सोनिया बोहत ने बताया कि बीती चार नवंबर को हाईकोर्ट में फाइनल आर्ग्यूमेंट हुई। जिसके बाद 20 नवंबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने कटारिया को फर्जी दस्तावेज के इस्तेमाल का दोषी मानते हुए अयोग्य करार दिया था। इसके बाद कटारिया ने मंगलवार को उसी बेंच के समक्ष पुनर्विचार याचिका लगाई। बुधवार को कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। एडवोकेट सोनिया बोहत ने कहा कि चुनाव के दौरान ही मार्कशीट पर संदेह हुआ था। यह यूपी बोर्ड की थी, लेकिन उसमें कई त्रुटियां थीं। उन्होंने आरटीआई से सच्चाई सामने लाई। बोहत ने कहा कि सतीश कटारिया ने न केवल असंध नगरपालिका बल्कि जनता के साथ भी बड़ा धोखा किया। उनके खिलाफ कार्रवाई जनता के हित में थी। 4408 वोटों से बने थे चेयरमैन, बीजेपी में की एंट्री 2022 में हुए असंध नगरपालिका चुनाव में कटारिया ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 4408 वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी कमलजीत लाडी को 553 वोटों से हराया था। बाद में कटारिया बीजेपी में शामिल हो गए थे। हालांकि, अब हाईकोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ने की बात कही है। क्या कहते है नगरपालिका सचिव जब इस संदर्भ में नगरपालिका के सचिव प्रदीप खरब से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि चेयरमैन पद को लेकर दोबारा इलैक्शन होता है। जिसके लिए छह माह का समय होता है। ऐसे में डायरेक्टर ऑफिस से डायरेक्शन आएंगी, उसी के अनुरूप आगामी प्रक्रिया होगी। एडीसी के मार्फत डीएमसी को गाइडलाइंस जाएगी और वहां से डायरेक्शन नगरपालिका असंध को पहुंचेगी। जनवरी में अन्य नगरपालिकाओ में चुनाव होने है, हो सकता है इसी दौरान असंध का भी चुनाव हो।