हरियाणा में जींद-सोनीपत ग्रीनफील्ड हाईवे पर गूगल मैप लोगों को भटका रहा है। गूगल मैप जहां इसमें सोनीपत से जाते वक्त लेफ्ट टर्न दिखा रहा है, वहां रोड की जगह गड्ढा बना हुआ है। दिन के वक्त तो लोग इसे देख सकते हैं लेकिन रात में एक्सीडेंट होने का खतरा बना हुआ है। दरअसल, जब हाईवे बन रहा था तो यहां टेंपरेरी रास्ता दिया गया था। जिसे हाईवे के 2 महीने पहले शुरू होते ही बंद किया जा चुका है। हालांकि गूगल मैप में यह अभी तक अपडेट नहीं हुआ। पहले यह टेंपरेरी रास्ता सोनीपत से जाते वक्त ओल्ड गोहाना रोड, लुदाना गांव के अलावा नेशनल हाईवे-152D और दिल्ली-कटरा नेशनल हाईवे पर चढ़ने के लिए इस्तेमाल हो रहा था। अब इसी चक्कर में लोगों को परेशानी हो रही है। समझिए कैसे भटक रहे लोग… ग्रीनफील्ड हाईवे पर टोल प्लाजा से 10 किलोमीटर सोनीपत की तरफ गूगल मैप हाईवे से नीचे उतरने और स्टेट हाईवे पर इंटरचेंज के लिए रास्ता दिखा रहा है। वास्तव में यहां कोई रास्ता नहीं है। इस रास्ते पर सफर करने वाले लोगों को दिन के समय तो रास्ता बंद दिख जाता है, लेकिन रात में गूगल मैप किसी को भी हाईवे से नीचे गड्ढे में गिरा सकता है। इससे कोई बड़ा हादसा भी संभव है। ग्रीनफील्ड हाईवे बनने के बाद अब असल में यह रास्ता टोल प्लाजा के बाद है। जो जींद शहर में बना हुआ है। समाधान के लिए NHAI के अधिकारियों को कहेंगे: ADC
इस बारे में जींद में रोड सेफ्टी कमेटी के गैर-सरकारी सदस्य सुनील वशिष्ठ का कहना है कि लोगों की सुविधा को देखते हुए बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा। वहीं, जींद के ADC विवेक आर्य ने कहा कि अगर ऐसा है तो नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों को कहा जाएगा, ताकि इसका समाधान किया जा सके। इन सूरतों में गलत हो सकता है गूगल मैप…विस्तार से जानिए… क्या गूगल मैप गलत रास्ता दिखा सकता है?
साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा बताते हैं कि आमतौर पर गूगल मैप गलत रास्ता नहीं दिखाता है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में रास्ते को लेकर गलत जानकारी आपकी डिजिटल स्क्रीन पर शो हो सकती है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए – क्या गूगल मैप पर पूरी तरह भरोसा करना सही है?
साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक, गूगल मैप पर आंख बंद कर भरोसा करना सही नहीं है। कई बार मैप किन्हीं कारणों से गलत रास्ता दिखा सकता है। जैसे कि- गूगल मैप के इस्तेमाल में इन बातों का ध्यान रखना जरूरी
गूगल मैप पूरी तरह ऑनलाइन वेब टेक्नोलॉजी पर आधारित है। दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में भी बहुत सारे लोग गूगल मैप के सहारे यात्रा करते हैं। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि यह फ्री एप है। इसके जरिए किसी रास्ते या लोकेशन के बारे में एक क्लिक में पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा, गूगल मैप शॉर्टकट रास्ते दिखाकर समय भी बचाता है। हालांकि, कई बार यह गलतियां भी कर सकता है, जिसका खामियाजा यूजर्स को भुगतना पड़ सकता है। इसलिए, इसके इस्तेमाल के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इसे नीचे दिए ग्राफिक में देखिए- अब जानिए गूगल मैप काम कैसे करता है… सड़क पर ट्रैफिक जाम की देता है जानकारी
जब हम अपने मोबाइल में कोई लोकेशन सर्च करते हैं तो गूगल मैप उस लोकेशन की ट्रैफिक स्थिति भी बताता है। ऐसा गूगल मैप हमारी ही मदद से करता है। दरअसल, जब हम कोई लोकेशन सर्च करते हैं तो गूगल मैप उस रास्ते के बारे में यह पता लगाता है कि वहां कुल कितने मोबाइल फोन एक्टिव हैं। साथ ही उन मोबाइल फोन यूजर्स की आगे बढ़ने की स्पीड क्या है। इसी डेटा के आधार पर गूगल यह बताता है कि किसी सड़क पर ट्रैफिक जाम है या नहीं। अनुमानित समय बताने का गणित
जब हम गूगल मैप पर कोई लोकेशन सर्च करते हैं तो मैप कई चीजें एनालिसिस करता है। इसमें उस लोकेशन से संबंधित सभी रास्ते और रास्ते से गुजरने वाले एक्टिव मोबाइल फोन यूजर्स का समय भी शामिल हाेता है। इसी विश्लेषण के आधार पर मैप नियत स्थान तक पहुंचने का अनुमानित समय बताता है। गूगल मैप प्राइवेसी के लिए खतरा
साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा बताते हैं कि गूगल मैप की ट्रैकिंग से हमारी प्राइवेसी को खतरा हो सकता है। गूगल मैप हमारी लोकेशन और एक्टिविटीज को ट्रैक करता है। हालांकि, गूगल दावा करता है कि वह अपने यूजर्स की प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखता है। वह यूजर्स की लोकेशन किसी के साथ शेयर नहीं करता है। फिर भी गूगल मैप की लोकेशन केवल तभी ऑन करें, जब आपको इसकी जरूरत हो। गूगल मैप एक अच्छी वेब मैपिंग सर्विस है। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि गूगल का अनुमान हमेशा सटीक ही हो। कई बार उसका बताया रास्ता गलत भी हो सकता है। इसकी कई टेक्निकल वजहें हो सकती हैं। इसलिए, किसी भी नए रास्ते पर जाते समय खुद से भी सावधानी और सतर्कता जरूर बरतें। हरियाणा में जींद-सोनीपत ग्रीनफील्ड हाईवे पर गूगल मैप लोगों को भटका रहा है। गूगल मैप जहां इसमें सोनीपत से जाते वक्त लेफ्ट टर्न दिखा रहा है, वहां रोड की जगह गड्ढा बना हुआ है। दिन के वक्त तो लोग इसे देख सकते हैं लेकिन रात में एक्सीडेंट होने का खतरा बना हुआ है। दरअसल, जब हाईवे बन रहा था तो यहां टेंपरेरी रास्ता दिया गया था। जिसे हाईवे के 2 महीने पहले शुरू होते ही बंद किया जा चुका है। हालांकि गूगल मैप में यह अभी तक अपडेट नहीं हुआ। पहले यह टेंपरेरी रास्ता सोनीपत से जाते वक्त ओल्ड गोहाना रोड, लुदाना गांव के अलावा नेशनल हाईवे-152D और दिल्ली-कटरा नेशनल हाईवे पर चढ़ने के लिए इस्तेमाल हो रहा था। अब इसी चक्कर में लोगों को परेशानी हो रही है। समझिए कैसे भटक रहे लोग… ग्रीनफील्ड हाईवे पर टोल प्लाजा से 10 किलोमीटर सोनीपत की तरफ गूगल मैप हाईवे से नीचे उतरने और स्टेट हाईवे पर इंटरचेंज के लिए रास्ता दिखा रहा है। वास्तव में यहां कोई रास्ता नहीं है। इस रास्ते पर सफर करने वाले लोगों को दिन के समय तो रास्ता बंद दिख जाता है, लेकिन रात में गूगल मैप किसी को भी हाईवे से नीचे गड्ढे में गिरा सकता है। इससे कोई बड़ा हादसा भी संभव है। ग्रीनफील्ड हाईवे बनने के बाद अब असल में यह रास्ता टोल प्लाजा के बाद है। जो जींद शहर में बना हुआ है। समाधान के लिए NHAI के अधिकारियों को कहेंगे: ADC
इस बारे में जींद में रोड सेफ्टी कमेटी के गैर-सरकारी सदस्य सुनील वशिष्ठ का कहना है कि लोगों की सुविधा को देखते हुए बैठक में इस मुद्दे को उठाया जाएगा। वहीं, जींद के ADC विवेक आर्य ने कहा कि अगर ऐसा है तो नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों को कहा जाएगा, ताकि इसका समाधान किया जा सके। इन सूरतों में गलत हो सकता है गूगल मैप…विस्तार से जानिए… क्या गूगल मैप गलत रास्ता दिखा सकता है?
साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा बताते हैं कि आमतौर पर गूगल मैप गलत रास्ता नहीं दिखाता है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में रास्ते को लेकर गलत जानकारी आपकी डिजिटल स्क्रीन पर शो हो सकती है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए – क्या गूगल मैप पर पूरी तरह भरोसा करना सही है?
साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक, गूगल मैप पर आंख बंद कर भरोसा करना सही नहीं है। कई बार मैप किन्हीं कारणों से गलत रास्ता दिखा सकता है। जैसे कि- गूगल मैप के इस्तेमाल में इन बातों का ध्यान रखना जरूरी
गूगल मैप पूरी तरह ऑनलाइन वेब टेक्नोलॉजी पर आधारित है। दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत में भी बहुत सारे लोग गूगल मैप के सहारे यात्रा करते हैं। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि यह फ्री एप है। इसके जरिए किसी रास्ते या लोकेशन के बारे में एक क्लिक में पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा, गूगल मैप शॉर्टकट रास्ते दिखाकर समय भी बचाता है। हालांकि, कई बार यह गलतियां भी कर सकता है, जिसका खामियाजा यूजर्स को भुगतना पड़ सकता है। इसलिए, इसके इस्तेमाल के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इसे नीचे दिए ग्राफिक में देखिए- अब जानिए गूगल मैप काम कैसे करता है… सड़क पर ट्रैफिक जाम की देता है जानकारी
जब हम अपने मोबाइल में कोई लोकेशन सर्च करते हैं तो गूगल मैप उस लोकेशन की ट्रैफिक स्थिति भी बताता है। ऐसा गूगल मैप हमारी ही मदद से करता है। दरअसल, जब हम कोई लोकेशन सर्च करते हैं तो गूगल मैप उस रास्ते के बारे में यह पता लगाता है कि वहां कुल कितने मोबाइल फोन एक्टिव हैं। साथ ही उन मोबाइल फोन यूजर्स की आगे बढ़ने की स्पीड क्या है। इसी डेटा के आधार पर गूगल यह बताता है कि किसी सड़क पर ट्रैफिक जाम है या नहीं। अनुमानित समय बताने का गणित
जब हम गूगल मैप पर कोई लोकेशन सर्च करते हैं तो मैप कई चीजें एनालिसिस करता है। इसमें उस लोकेशन से संबंधित सभी रास्ते और रास्ते से गुजरने वाले एक्टिव मोबाइल फोन यूजर्स का समय भी शामिल हाेता है। इसी विश्लेषण के आधार पर मैप नियत स्थान तक पहुंचने का अनुमानित समय बताता है। गूगल मैप प्राइवेसी के लिए खतरा
साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा बताते हैं कि गूगल मैप की ट्रैकिंग से हमारी प्राइवेसी को खतरा हो सकता है। गूगल मैप हमारी लोकेशन और एक्टिविटीज को ट्रैक करता है। हालांकि, गूगल दावा करता है कि वह अपने यूजर्स की प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखता है। वह यूजर्स की लोकेशन किसी के साथ शेयर नहीं करता है। फिर भी गूगल मैप की लोकेशन केवल तभी ऑन करें, जब आपको इसकी जरूरत हो। गूगल मैप एक अच्छी वेब मैपिंग सर्विस है। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि गूगल का अनुमान हमेशा सटीक ही हो। कई बार उसका बताया रास्ता गलत भी हो सकता है। इसकी कई टेक्निकल वजहें हो सकती हैं। इसलिए, किसी भी नए रास्ते पर जाते समय खुद से भी सावधानी और सतर्कता जरूर बरतें। पंजाब | दैनिक भास्कर
