गोरखपुर में टूट गई अबू हुरैरा मस्जिद की ऊपरी मंजिल:अब शुरू होगा दूसरा तल तोड़ने का काम; रमजान में मामला खत्म हो जाने की उम्मीद

गोरखपुर में टूट गई अबू हुरैरा मस्जिद की ऊपरी मंजिल:अब शुरू होगा दूसरा तल तोड़ने का काम; रमजान में मामला खत्म हो जाने की उम्मीद

गोरखपुर की अबू हुरैरा मस्जिद की ऊपरी मंजिल को सातवें दिन तोड़ दिया गया। शनिवार से द्वितीय तल को तोड़ने का काम शुरू होने की उम्मीद है। माना जा रहा है रमजान के महीने में मस्जिद को लेकर उपजे विवाद का पटाक्षेप हो जाएगा। यानी यह मामला खत्म हो जाएगा। मस्जिद में भूतल व प्रथम तल बचेंगे, जहां इबादत की जा सकेगी।
घोष कंपनी के पास स्थित जमीन पर 7 महीने के भीतर अबू हुरैरा मस्जिद का निर्माण किया गया था। मस्जिद के लिए लगभग 600 वर्ग फीट जमीन थी। यहां भूतल के अलावा तीन और तल बनाए गए थे। आपसी सहयोग से काफी भव्य मस्जिद का निर्माण किया गया था। लेकिन मानचित्र पास न होने के कारण जीडीए ने 15 फरवरी को इसके ध्वस्तीकरण का आदेश पारित कर दिया। 15 दिन में स्वयं तोड़ने को कहा गया था। समय सीमा के भीतर ही मस्जिद कमेटी ने आपसी सहमति से ऊपर के दो तल तोड़ने का काम शुरू कर दिया।
7 दिन से चल रहा काम
मस्जिद के सबसे ऊपरी तल पर दो कमरे बनाए गए थे। उसके पीछे दो मीनारें थीं। मीनारों और कमरों को पिछले 7 दिन से तोड़ने का काम चल रहा है। शुरू में लगभग 15 मजदूर लगाए गए थे। लेकिन बाद में उनकी संख्या कम कर दी गई। दो ड्रिल मशीन के सहारे धीरे-धीरे छत व दीवारों को काटा गया। आज ऊपर के खंभे को भी तोड़ दिया गया। शुक्रवार को ऊपर का टूटा हुआ ढांचा साफ नजर आ रहा है।
ऊपर से दो मंजिल तोड़ने की योजना
विभागीय कार्रवाई शुरू हो,उससे पहले ही मस्जिद कमेटी ने स्वत:संज्ञान लेते हुए ऊपर के दो मंजिल तोड़ने का निर्णय लिया। सबसे ऊपरी तल और उसके बाद द्वितीय तल तोड़ा जाएगा। मस्जिद में भूतल व प्रथम तल बचा रहेगा। जहां नमाज पढ़ाी जाएगी। कमेटी की ओर से काम धीरे-धीरे कराया जा रहा है,जिससे भूतल व प्रथम तल को कोई नुकसान न हो।
पुरानी मस्जिद की जगह हुआ है निर्माण
घोष कंपनी चौराहे पर नगर निगम ने लगभग 20 हजार वर्ग फीट से अधिक जमीन खाली कराया था। इसी जमीन पर एक मस्जिद भी थी। जिसे तोड़ दिया गया था। उसके बाद नगर निगम ने मस्जिद कमेटी को नई मस्जिद बनाने के लिए जमीन दी गई थी। कमेटी ने यहां ग्राउंड फ्लोर सहित 4 तल की मस्जिद बना ली। सबसे ऊपर इमाम का कक्ष बनाया गया था। ग्राउंड, प्रथम व द्वितीय तल पर नमाज पढ़ने की व्यवस्था है। मस्जिद का नक्शा नहीं पास कराया गया था,जिसके बाद जीडीए की ओर से ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया गया था। यह मामला कमिश्नर कोर्ट में भी चल रहा है। 11 मार्च को मामले में सुनवाई होनी है। गोरखपुर की अबू हुरैरा मस्जिद की ऊपरी मंजिल को सातवें दिन तोड़ दिया गया। शनिवार से द्वितीय तल को तोड़ने का काम शुरू होने की उम्मीद है। माना जा रहा है रमजान के महीने में मस्जिद को लेकर उपजे विवाद का पटाक्षेप हो जाएगा। यानी यह मामला खत्म हो जाएगा। मस्जिद में भूतल व प्रथम तल बचेंगे, जहां इबादत की जा सकेगी।
घोष कंपनी के पास स्थित जमीन पर 7 महीने के भीतर अबू हुरैरा मस्जिद का निर्माण किया गया था। मस्जिद के लिए लगभग 600 वर्ग फीट जमीन थी। यहां भूतल के अलावा तीन और तल बनाए गए थे। आपसी सहयोग से काफी भव्य मस्जिद का निर्माण किया गया था। लेकिन मानचित्र पास न होने के कारण जीडीए ने 15 फरवरी को इसके ध्वस्तीकरण का आदेश पारित कर दिया। 15 दिन में स्वयं तोड़ने को कहा गया था। समय सीमा के भीतर ही मस्जिद कमेटी ने आपसी सहमति से ऊपर के दो तल तोड़ने का काम शुरू कर दिया।
7 दिन से चल रहा काम
मस्जिद के सबसे ऊपरी तल पर दो कमरे बनाए गए थे। उसके पीछे दो मीनारें थीं। मीनारों और कमरों को पिछले 7 दिन से तोड़ने का काम चल रहा है। शुरू में लगभग 15 मजदूर लगाए गए थे। लेकिन बाद में उनकी संख्या कम कर दी गई। दो ड्रिल मशीन के सहारे धीरे-धीरे छत व दीवारों को काटा गया। आज ऊपर के खंभे को भी तोड़ दिया गया। शुक्रवार को ऊपर का टूटा हुआ ढांचा साफ नजर आ रहा है।
ऊपर से दो मंजिल तोड़ने की योजना
विभागीय कार्रवाई शुरू हो,उससे पहले ही मस्जिद कमेटी ने स्वत:संज्ञान लेते हुए ऊपर के दो मंजिल तोड़ने का निर्णय लिया। सबसे ऊपरी तल और उसके बाद द्वितीय तल तोड़ा जाएगा। मस्जिद में भूतल व प्रथम तल बचा रहेगा। जहां नमाज पढ़ाी जाएगी। कमेटी की ओर से काम धीरे-धीरे कराया जा रहा है,जिससे भूतल व प्रथम तल को कोई नुकसान न हो।
पुरानी मस्जिद की जगह हुआ है निर्माण
घोष कंपनी चौराहे पर नगर निगम ने लगभग 20 हजार वर्ग फीट से अधिक जमीन खाली कराया था। इसी जमीन पर एक मस्जिद भी थी। जिसे तोड़ दिया गया था। उसके बाद नगर निगम ने मस्जिद कमेटी को नई मस्जिद बनाने के लिए जमीन दी गई थी। कमेटी ने यहां ग्राउंड फ्लोर सहित 4 तल की मस्जिद बना ली। सबसे ऊपर इमाम का कक्ष बनाया गया था। ग्राउंड, प्रथम व द्वितीय तल पर नमाज पढ़ने की व्यवस्था है। मस्जिद का नक्शा नहीं पास कराया गया था,जिसके बाद जीडीए की ओर से ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया गया था। यह मामला कमिश्नर कोर्ट में भी चल रहा है। 11 मार्च को मामले में सुनवाई होनी है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर