गोरखपुर में प्रिंगर प्रिंट क्लोन बनाने वाला तीसरा जालसाज अरेस्ट:प्रिंगर प्रिंट को फोटोशॉप से क्लीन कर पेनड्राइव में देता था संदीप, 3 अभी फरार

गोरखपुर में प्रिंगर प्रिंट क्लोन बनाने वाला तीसरा जालसाज अरेस्ट:प्रिंगर प्रिंट को फोटोशॉप से क्लीन कर पेनड्राइव में देता था संदीप, 3 अभी फरार

गोरखपुर में खुलेआम फिंगर प्रिंट के क्लोन बनाने वालों पर पुलिस की कार्रवाई जारी है। कोतवाली पुलिस ने एक और जालसाज संदीप चौहान को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके पास से CPU और हार्डडिस्क भी बरामद कर कब्जे में ले लिया है। संदीप शाहपुर इलाके के धर्मपुर का रहने वाला है और शाही मार्केट में दुकान चलाता था। संदीप ही प्रिंगर प्रिंट का क्लोन बनाने से पहले प्रिंगर प्रिंट के निशान को स्कैन कर पहले फोटोशॉप से एडिट कर क्लीन करता था और फिर उसे पेनड्राइव में सेव कर श्यामबिहारी गुप्ता को देता था। कोतवाली पुलिस इससे पहले गोलघर सिनेमा रोड पर छापामारी कर श्यामबिहारी गुप्ता और इमरान को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने इस जालसाजी के पूरे नेटवर्क में 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। अभी तीन अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। 2 जालसाजों की पहले हो चुकी है गिरफ्तारी
यह गैंग सिर्फ फिंगर प्रिंट के क्लोन की ही नहीं, बल्कि फर्जी आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र और तमाम कॉलेजों के मार्कशीट भी बनाता था। गैंग के सभी सदस्यों का काम बंटा हुआ था। जिन दो आरोपियों की गिरफ्तारी पहले हुई है, पुलिस को उनकी दुकानों से फिंगर प्रिंट क्लोन तैयार करने का सामान मिला था। साथ ही, अलग-अलग नामों पर बनी हुई मार्कशीट, आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र मिले थे। इनकी अरेस्टिंग हुई
1. इमरान खान निवासी निचलौल महराजगंज
2. श्याम बिहारी गुप्ता उर्फ गंगाराम, निवासी बिछिया शाहपुर
3. संदीप, निवासी शाही मार्केट, सिनेमा रोड इन पर भी दर्ज हुई FIR
4. ओमप्रकाश पंडित (दुकान:चंद्र मोहर, गणेश चौक गोलघर)
5. जयंत प्रताप, JPS पैरामेडिकल कॉलेज गोरखपुर
6. तबरेज आरोपियों ने कबूला-कैसे चलता फर्जीवाड़े का नेटवर्क
गिरफ्तार आरोपी श्याम बिहारी गुप्ता उर्फ गंगाराम ने पुलिस को बताया, जब कोई ग्राहक फिंगर प्रिंट का क्लोन बनवाने आता है तो वह सबसे पहले उसे एकांत में ले जाता है और फिर उसे सादे कागज पर उंगलियों के निशान लेता है। सभी के बंटे है अलग-अलग काम
फिर वह इस निशान लगे कागज को शाही मार्केट में संदीप को देता है, जो इसे स्कैन कर पेन ड्राइव में सेव कर देता है। इसके बाद यह पेन ड्राइव इमरान खान को दी जाती है। इमरान ट्रेसिंग पेपर पर छपाई कर पॉलीमर मशीन से क्लोन बनाता है। केमिकल न होने की स्थिति में श्याम बिहारी 3D प्रिंट करवा कर गणेश चौक स्थित चंद्र मोहर दुकान पर ओमप्रकाश पंडित से स्टांप तैयार करवाता है। कोई भी फर्जी डाक्यूमेंट बना देगा इमरान
श्याम बिहारी ने यह भी बताया, फिंगर प्रिंट क्लोन के अलावा नकली मार्कशीट, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र समेत तमाम तरह के फर्जी डाक्यूमेंट्स बनवाने के लिए वह इमरान की मदद लेता है। इमरान के पास ऐसे कामों के लिए सारे उपकरण मौजूद हैं, इसलिए इमरान किसी भी तरह का फर्जी डाक्यूमेंट बड़ी ही आसानी से बना देता है। इस काम में सभी के अलग-अलग रेट भी तय हैं। JPS पैरामेडिकल कॉलेज से मिलता फर्जी मार्कशीट बनाने का आर्डर
वहीं, दूसरे आरोपी इमरान ने बताया, वह फोटाशॉप से किसी भी तरह का नकली डाक्यूमेंट तैयार करता है। उसे JPS पैरामेडिकल कॉलेज, गोरखपुर के जयंत प्रताप से CMJ यूनिवर्सिटी की मार्कशीटें बनवाने के ऑर्डर मिलते हैं। इसके अलावा उसका परिचित तबरेज फर्जी आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र बनवाने को भेजता है, जिन्हें वह एडिट कर व्हाट्सएप पर वापस भेजता है। इन सामानों की हुई बरामदगी दैनिक भास्कर के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ था खुलासा
दरअसल, दैनिक भास्कर ने गोरखपुर में फिंगर प्रिंट क्लोन बनाने के रैकेट का खुलासा किया। यह भी सामने लाए थे कि इनका इस्तेमाल फर्जी बैंक ट्रांजैक्शन, सरकारी दस्तावेज बनवाने, राशन घोटाले और जमीनों की रजिस्ट्री में हो रहा है। इसके खुलासे के लिए दैनिक भास्कर ऐप टीम ने उस नेटवर्क की तलाश शुरू की, जहां ये फिंगर प्रिंट क्लोन बन रहे हैं। कौन लोग हैं, जो इस क्लोन को बना रहे हैं? कैसे इसे तैयार किया जा रहा है? और कहां-कहां इनका इस्तेमाल हो रहा है। एक स्टिंग ऑपरेशन के जरिए पूरी हकीकत सामने लाए थे। जब भास्कर रिपोर्टर जालसाज के पास पहुंचे, तब जालसाज ने एक सादा कागज दिया। कहा कि जिस अंगुली का क्लोन बनवाना है, उसका निशान दे दो। इसके बाद हमारे हाथ की अंगुलियों के निशान एक सादे कागज पर लिए गए। जालसाज ने कहा- काम पूरा होगा, मगर पेमेंट एडवांस देना होगा। हमने 900 रुपए दे दिए। इस वक्त घड़ी में करीब 1 बज रहे थे। जालसाज ने कहा- कल शाम को 5 बजे आ जाना। तुम्हें क्लोन प्रिंट बनाकर दे देंगे। हमने पूछा- किसी मशीन में पकड़ तो नहीं जाएगा, जालसाज ने दावा किया कि यूपी में छोड़िए, पूरे इंडिया की कोई मशीन इसको पकड़ नहीं सकती। बैंक, स्कूल, रजिस्ट्री ऑफिस और किसी भी दस्तावेज में इसको लगा दोगे, कोई पकड़ नहीं पाएगा। उसने दावा किया किसी भी व्यक्ति का थंब इंप्रेशन ले आओगे, यहां फिंगर प्रिंट क्लोन तैयार हो जाएगा। अगले दिन : शाम 5.30 बजे
3 क्लोन फिंगर प्रिंट मिले, बोला- नए लोगों काे न भेजना हम गोलघर की उस दुकान पर दोबारा पहुंचे। 24 घंटे के अंदर हमें रबर स्टैंप जैसा फिंगर प्रिंट क्लोन मिल गया। इसको बनाने में सिलिकॉन रबर का इस्तेमाल किया गया था। जालसाज ने एक कागज के पैकेट में 3 क्लोन फिंगर प्रिंट हमको दिए। हमसे कहा कि कोई पूछे, तो यहां का पता मत बताना। तुम खुद ही आकर बनवा लेना। नए लोगों पर भरोसा नहीं कर सकते हैं न। इसके बाद हमने गोलघर चौक से विजय चौक तक मालूम किया। सामने आया कि यहां कई दुकानों पर बैठे लोग यही काम कर रहे हैं, रबर के क्लोन फिंगर प्रिंट बनाकर दे रहे हैं, इसके कोई फिक्स रेट भी नहीं हैं। यह भी पढ़ें:- यूपी में नकली फिंगर प्रिंट बनवाओ, घर बैठे हाजिरी लगाओ:जालसाजों का दावा- कहीं भी इस्तेमाल करो, कोई मशीन पकड़ नहीं पाएगी गोरखपुर में खुलेआम फिंगर प्रिंट के क्लोन तैयार किए जा रहे हैं। फिंगर प्रिंट क्लोन का इस्तेमाल फर्जी बैंक ट्रांजैक्शन, सरकारी दस्तावेज बनवाने, राशन घोटाले और जमीनों की रजिस्ट्री में हो रहा है। इसकी कई शिकायतें भी सामने आ चुकी हैं। इसके खुलासे के लिए दैनिक भास्कर ऐप टीम ने उस नेटवर्क की तलाश शुरू की, जहां ये फिंगर प्रिंट क्लोन बन रहे हैं। कौन लोग हैं, जो इस क्लोन को बना रहे हैं? कैसे इसे तैयार किया जा रहा है? और कहां-कहां इनका इस्तेमाल हो रहा है। इन सवालों की तलाश में हमरा संपर्क एक एजेंट से हुआ। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… गोरखपुर में खुलेआम फिंगर प्रिंट के क्लोन बनाने वालों पर पुलिस की कार्रवाई जारी है। कोतवाली पुलिस ने एक और जालसाज संदीप चौहान को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके पास से CPU और हार्डडिस्क भी बरामद कर कब्जे में ले लिया है। संदीप शाहपुर इलाके के धर्मपुर का रहने वाला है और शाही मार्केट में दुकान चलाता था। संदीप ही प्रिंगर प्रिंट का क्लोन बनाने से पहले प्रिंगर प्रिंट के निशान को स्कैन कर पहले फोटोशॉप से एडिट कर क्लीन करता था और फिर उसे पेनड्राइव में सेव कर श्यामबिहारी गुप्ता को देता था। कोतवाली पुलिस इससे पहले गोलघर सिनेमा रोड पर छापामारी कर श्यामबिहारी गुप्ता और इमरान को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने इस जालसाजी के पूरे नेटवर्क में 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। अभी तीन अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। 2 जालसाजों की पहले हो चुकी है गिरफ्तारी
यह गैंग सिर्फ फिंगर प्रिंट के क्लोन की ही नहीं, बल्कि फर्जी आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र और तमाम कॉलेजों के मार्कशीट भी बनाता था। गैंग के सभी सदस्यों का काम बंटा हुआ था। जिन दो आरोपियों की गिरफ्तारी पहले हुई है, पुलिस को उनकी दुकानों से फिंगर प्रिंट क्लोन तैयार करने का सामान मिला था। साथ ही, अलग-अलग नामों पर बनी हुई मार्कशीट, आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र मिले थे। इनकी अरेस्टिंग हुई
1. इमरान खान निवासी निचलौल महराजगंज
2. श्याम बिहारी गुप्ता उर्फ गंगाराम, निवासी बिछिया शाहपुर
3. संदीप, निवासी शाही मार्केट, सिनेमा रोड इन पर भी दर्ज हुई FIR
4. ओमप्रकाश पंडित (दुकान:चंद्र मोहर, गणेश चौक गोलघर)
5. जयंत प्रताप, JPS पैरामेडिकल कॉलेज गोरखपुर
6. तबरेज आरोपियों ने कबूला-कैसे चलता फर्जीवाड़े का नेटवर्क
गिरफ्तार आरोपी श्याम बिहारी गुप्ता उर्फ गंगाराम ने पुलिस को बताया, जब कोई ग्राहक फिंगर प्रिंट का क्लोन बनवाने आता है तो वह सबसे पहले उसे एकांत में ले जाता है और फिर उसे सादे कागज पर उंगलियों के निशान लेता है। सभी के बंटे है अलग-अलग काम
फिर वह इस निशान लगे कागज को शाही मार्केट में संदीप को देता है, जो इसे स्कैन कर पेन ड्राइव में सेव कर देता है। इसके बाद यह पेन ड्राइव इमरान खान को दी जाती है। इमरान ट्रेसिंग पेपर पर छपाई कर पॉलीमर मशीन से क्लोन बनाता है। केमिकल न होने की स्थिति में श्याम बिहारी 3D प्रिंट करवा कर गणेश चौक स्थित चंद्र मोहर दुकान पर ओमप्रकाश पंडित से स्टांप तैयार करवाता है। कोई भी फर्जी डाक्यूमेंट बना देगा इमरान
श्याम बिहारी ने यह भी बताया, फिंगर प्रिंट क्लोन के अलावा नकली मार्कशीट, आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र समेत तमाम तरह के फर्जी डाक्यूमेंट्स बनवाने के लिए वह इमरान की मदद लेता है। इमरान के पास ऐसे कामों के लिए सारे उपकरण मौजूद हैं, इसलिए इमरान किसी भी तरह का फर्जी डाक्यूमेंट बड़ी ही आसानी से बना देता है। इस काम में सभी के अलग-अलग रेट भी तय हैं। JPS पैरामेडिकल कॉलेज से मिलता फर्जी मार्कशीट बनाने का आर्डर
वहीं, दूसरे आरोपी इमरान ने बताया, वह फोटाशॉप से किसी भी तरह का नकली डाक्यूमेंट तैयार करता है। उसे JPS पैरामेडिकल कॉलेज, गोरखपुर के जयंत प्रताप से CMJ यूनिवर्सिटी की मार्कशीटें बनवाने के ऑर्डर मिलते हैं। इसके अलावा उसका परिचित तबरेज फर्जी आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र बनवाने को भेजता है, जिन्हें वह एडिट कर व्हाट्सएप पर वापस भेजता है। इन सामानों की हुई बरामदगी दैनिक भास्कर के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ था खुलासा
दरअसल, दैनिक भास्कर ने गोरखपुर में फिंगर प्रिंट क्लोन बनाने के रैकेट का खुलासा किया। यह भी सामने लाए थे कि इनका इस्तेमाल फर्जी बैंक ट्रांजैक्शन, सरकारी दस्तावेज बनवाने, राशन घोटाले और जमीनों की रजिस्ट्री में हो रहा है। इसके खुलासे के लिए दैनिक भास्कर ऐप टीम ने उस नेटवर्क की तलाश शुरू की, जहां ये फिंगर प्रिंट क्लोन बन रहे हैं। कौन लोग हैं, जो इस क्लोन को बना रहे हैं? कैसे इसे तैयार किया जा रहा है? और कहां-कहां इनका इस्तेमाल हो रहा है। एक स्टिंग ऑपरेशन के जरिए पूरी हकीकत सामने लाए थे। जब भास्कर रिपोर्टर जालसाज के पास पहुंचे, तब जालसाज ने एक सादा कागज दिया। कहा कि जिस अंगुली का क्लोन बनवाना है, उसका निशान दे दो। इसके बाद हमारे हाथ की अंगुलियों के निशान एक सादे कागज पर लिए गए। जालसाज ने कहा- काम पूरा होगा, मगर पेमेंट एडवांस देना होगा। हमने 900 रुपए दे दिए। इस वक्त घड़ी में करीब 1 बज रहे थे। जालसाज ने कहा- कल शाम को 5 बजे आ जाना। तुम्हें क्लोन प्रिंट बनाकर दे देंगे। हमने पूछा- किसी मशीन में पकड़ तो नहीं जाएगा, जालसाज ने दावा किया कि यूपी में छोड़िए, पूरे इंडिया की कोई मशीन इसको पकड़ नहीं सकती। बैंक, स्कूल, रजिस्ट्री ऑफिस और किसी भी दस्तावेज में इसको लगा दोगे, कोई पकड़ नहीं पाएगा। उसने दावा किया किसी भी व्यक्ति का थंब इंप्रेशन ले आओगे, यहां फिंगर प्रिंट क्लोन तैयार हो जाएगा। अगले दिन : शाम 5.30 बजे
3 क्लोन फिंगर प्रिंट मिले, बोला- नए लोगों काे न भेजना हम गोलघर की उस दुकान पर दोबारा पहुंचे। 24 घंटे के अंदर हमें रबर स्टैंप जैसा फिंगर प्रिंट क्लोन मिल गया। इसको बनाने में सिलिकॉन रबर का इस्तेमाल किया गया था। जालसाज ने एक कागज के पैकेट में 3 क्लोन फिंगर प्रिंट हमको दिए। हमसे कहा कि कोई पूछे, तो यहां का पता मत बताना। तुम खुद ही आकर बनवा लेना। नए लोगों पर भरोसा नहीं कर सकते हैं न। इसके बाद हमने गोलघर चौक से विजय चौक तक मालूम किया। सामने आया कि यहां कई दुकानों पर बैठे लोग यही काम कर रहे हैं, रबर के क्लोन फिंगर प्रिंट बनाकर दे रहे हैं, इसके कोई फिक्स रेट भी नहीं हैं। यह भी पढ़ें:- यूपी में नकली फिंगर प्रिंट बनवाओ, घर बैठे हाजिरी लगाओ:जालसाजों का दावा- कहीं भी इस्तेमाल करो, कोई मशीन पकड़ नहीं पाएगी गोरखपुर में खुलेआम फिंगर प्रिंट के क्लोन तैयार किए जा रहे हैं। फिंगर प्रिंट क्लोन का इस्तेमाल फर्जी बैंक ट्रांजैक्शन, सरकारी दस्तावेज बनवाने, राशन घोटाले और जमीनों की रजिस्ट्री में हो रहा है। इसकी कई शिकायतें भी सामने आ चुकी हैं। इसके खुलासे के लिए दैनिक भास्कर ऐप टीम ने उस नेटवर्क की तलाश शुरू की, जहां ये फिंगर प्रिंट क्लोन बन रहे हैं। कौन लोग हैं, जो इस क्लोन को बना रहे हैं? कैसे इसे तैयार किया जा रहा है? और कहां-कहां इनका इस्तेमाल हो रहा है। इन सवालों की तलाश में हमरा संपर्क एक एजेंट से हुआ। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर