गोविंद पानसरे की हत्या के मामले में 6 आरोपियों को राहत, बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी जमानत

गोविंद पानसरे की हत्या के मामले में 6 आरोपियों को राहत, बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी जमानत

<p style=”text-align: justify;”><strong>Govind Pansare Murder Case:</strong> महाराष्ट्र में तर्कवादी गोविंद पानसरे की हत्या के मामले में आरोपियों को फिलहाल राहत मिली है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरोपियों को लंबी कैद के आधार पर बुधवार (29 जनवरी) को जमानत दे दी है. साल 2015 में गोविंद पानसरे की हत्या कर दी गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जस्टिस ए एस किलोर की एकल पीठ ने छह आरोपियों सचिन अंदुरे, गणेश मिस्किन, अमित देगवेकर, अमित बड्डी, भरत कुराने और वासुदेव सूर्यवंशी की जमानत याचिका मंजूर की. उन्हें 2018 और 2019 के बीच अलग-अलग तारीखों पर गिरफ्तार किया गया था और तब से वे जेल में हैं. जस्टिस न्यायमूर्ति किलोर ने कहा, मैं लंबी कैद के कारण छह आरोपियों की जमानत याचिका मंजूर कर रहा हूं. उन्होंने यह भी कहा कि वह एक अन्य आरोपी वीरेंद्रसिंह तावड़े की जमानत याचिका पर अलग से सुनवाई करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मॉर्निंग वॉक के दौरान मारी थी गोली</strong><br />तर्कवादी और उनकी पत्नी उमा कोल्हापुर के सम्राट नगर इलाके में सुबह की सैर से घर लौट रहे थे, जब दो मोटरसाइकिल सवार लोगों ने भागने से पहले उन पर कई राउंड फायरिंग की. शुरुआत में, मामले को कोल्हापुर के राजारामपुरी पुलिस स्टेशन ने संभाला था. बाद में जांच को महाराष्ट्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (CID) की देखरेख में एक विशेष जांच दल (SIT) को स्थानांतरित कर दिया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>केस एटीएस को किया गया ट्रांसफर&nbsp;</strong><br />आरोपियों का पता लगाने में प्रगति की कमी से असंतुष्ट, पानसरे के परिवार ने मामले को आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) को स्थानांतरित करने की मांग की थी. 3 अगस्त, 2022 को, हाईकोर्ट ने मामले में कोई प्रगति या सफलता नहीं होने पर जांच को एटीएस को स्थानांतरित कर दिया मामले में दो शूटर अभी भी फरार हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हाईकोर्ट ने केस में तेजी लाने का दिया था आदेश</strong><br />हाईकोर्ट मामले की जांच की निगरानी कर रहा था, लेकिन इस महीने की शुरुआत में कोर्ट ने कहा कि वह ऐसा करना जारी नहीं रखेगा. हालांकि, हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई में तेजी लाने और रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि कम्युनिस्ट पार्टी के नेता गोविंद पानसरे की 16 फरवरी 2015 को कोल्हापुर स्थित उनके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद राज्य सरकार ने एसआईटी गठित कर मामले की जांच शुरू की. हालांकि, कर्नाटक में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या का खुलासा होने तक इस मामले में जांच को कोई सफलता नहीं मिली थी. गौरी लंकेश मामले में कर्नाटक एटीएस के महाराष्ट्र आने और आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद यह बात सामने आई कि दाभोलकर-पानसरे हत्या मामले में केवल एक ही आरोपी था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”महिला ने इस वजह से बॉम्बे हाई कोर्ट से गर्भपात की मांगी इजाजत, जानें कोर्ट ने क्या कहा?” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-woman-seeks-permission-for-abortion-from-bombay-hc-after-dispute-with-husband-2873069″ target=”_blank” rel=”noopener”>महिला ने इस वजह से बॉम्बे हाई कोर्ट से गर्भपात की मांगी इजाजत, जानें कोर्ट ने क्या कहा?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Govind Pansare Murder Case:</strong> महाराष्ट्र में तर्कवादी गोविंद पानसरे की हत्या के मामले में आरोपियों को फिलहाल राहत मिली है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरोपियों को लंबी कैद के आधार पर बुधवार (29 जनवरी) को जमानत दे दी है. साल 2015 में गोविंद पानसरे की हत्या कर दी गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जस्टिस ए एस किलोर की एकल पीठ ने छह आरोपियों सचिन अंदुरे, गणेश मिस्किन, अमित देगवेकर, अमित बड्डी, भरत कुराने और वासुदेव सूर्यवंशी की जमानत याचिका मंजूर की. उन्हें 2018 और 2019 के बीच अलग-अलग तारीखों पर गिरफ्तार किया गया था और तब से वे जेल में हैं. जस्टिस न्यायमूर्ति किलोर ने कहा, मैं लंबी कैद के कारण छह आरोपियों की जमानत याचिका मंजूर कर रहा हूं. उन्होंने यह भी कहा कि वह एक अन्य आरोपी वीरेंद्रसिंह तावड़े की जमानत याचिका पर अलग से सुनवाई करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मॉर्निंग वॉक के दौरान मारी थी गोली</strong><br />तर्कवादी और उनकी पत्नी उमा कोल्हापुर के सम्राट नगर इलाके में सुबह की सैर से घर लौट रहे थे, जब दो मोटरसाइकिल सवार लोगों ने भागने से पहले उन पर कई राउंड फायरिंग की. शुरुआत में, मामले को कोल्हापुर के राजारामपुरी पुलिस स्टेशन ने संभाला था. बाद में जांच को महाराष्ट्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (CID) की देखरेख में एक विशेष जांच दल (SIT) को स्थानांतरित कर दिया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>केस एटीएस को किया गया ट्रांसफर&nbsp;</strong><br />आरोपियों का पता लगाने में प्रगति की कमी से असंतुष्ट, पानसरे के परिवार ने मामले को आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) को स्थानांतरित करने की मांग की थी. 3 अगस्त, 2022 को, हाईकोर्ट ने मामले में कोई प्रगति या सफलता नहीं होने पर जांच को एटीएस को स्थानांतरित कर दिया मामले में दो शूटर अभी भी फरार हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हाईकोर्ट ने केस में तेजी लाने का दिया था आदेश</strong><br />हाईकोर्ट मामले की जांच की निगरानी कर रहा था, लेकिन इस महीने की शुरुआत में कोर्ट ने कहा कि वह ऐसा करना जारी नहीं रखेगा. हालांकि, हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई में तेजी लाने और रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि कम्युनिस्ट पार्टी के नेता गोविंद पानसरे की 16 फरवरी 2015 को कोल्हापुर स्थित उनके आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद राज्य सरकार ने एसआईटी गठित कर मामले की जांच शुरू की. हालांकि, कर्नाटक में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या का खुलासा होने तक इस मामले में जांच को कोई सफलता नहीं मिली थी. गौरी लंकेश मामले में कर्नाटक एटीएस के महाराष्ट्र आने और आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद यह बात सामने आई कि दाभोलकर-पानसरे हत्या मामले में केवल एक ही आरोपी था.</p>
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