हरियाणा में करनाल के घरौंडा में आज संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे। उन्होंने यहां शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर से आंदोलनरत किसानों को हटाए जाने के सवाल पर पंजाब सरकार को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि किसानों बॉर्डर से हटाने के मामले में पंजाब सरकार गलत है। किसानों को बॉर्डर से हटाने का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। केंद्र सरकार की मंशा यही थी कि पूरे देश का आंदोलन पंजाब की धरती पर ही चले और पंजाब सरकार इस गिरफ्त में फंस जाए। पंजाब सरकार को पूरे मामले पर माफी मांगनी चाहिए और हमारे जितने भी किसान जेल में बंद किए है, उन सबको तुरंत प्रभाव से रिहा किया जाए। किसानों की ट्रैक्टर और ट्रालियां आप पार्टी के नेताओं के घर से बरामद हो रही है, यह भी गलत चीजें है, यह भी गलत है कि आप पार्टी के विधायक ट्रैक्टर और ट्रॉलियों को अपने घरों में ले गए। ट्रैक्टर-ट्रालियों को आप पार्टी के विधायक स्वयं लेकर गए है या उनके घर में किसी ने खड़े किए है, इस बात का स्पष्टीकरण सरकार को देना चाहिए। केंद्र सरकार चाहती थी पंजाब की धरती पर आंदोलन हो
शनिवार को किसान नेता राकेश टिकैत घरौंडा में किसान नेता डॉ. सत्यवीर तौमर के बेटे की शादी में शामिल हुए थे और उसे आशीर्वाद दिया। यहीं पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की। किसान नेता राकेश टिकैत ने कृषि मंत्री के बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि वे तो चाह यही रहे थे कि पंजाब की धरती पर आंदोलन हो और किसान बदनाम हो, सरदार बदनाम हो और पंजाब सरकार बदनाम हो और पंजाब सरकार इस गिरफ्त में फंसी भी। अगर शंभू बॉर्डर बंद था तो कहीं ओर से दूसरा रास्ता निकाल देते। पंजाब के पास बहुत सारे रास्ते है, अगर एक रास्ते से नुकसान हो रहा है तो दूसरा दे सकते थे। पूरे देश में किसानों के खिलाफ नेगेटिव इमेज बनाई जा रही है। इसमें पूरी दोषी भारत सरकार है, उन्होंने एमएसपी गारंटी कानून नहीं दिया, जिसके लिए किसान भड़के हुए थे। 26 मार्च को चंडीगढ़ में एसकेएम की मीटिंग
26 मार्च को एसकेएम की मीटिंग चंडीगढ़ में होगी। उन्होंने पहली कॉल दे रखी है। 26 मार्च के बाद एसकेएम इसको लेकर कोई निर्णय लेगा। हरियाणा सरकार 24 फसलों पर एमएसपी दे रही है, इस सवाल पर टिकैत ने कहा कि सरकार झूठ बोल रही है और भाजपा सरकार से बड़ा झूठा कोई भी नहीं है। सरकार कह रही है एमएसपी पर खरीद हो रही है, लेकिन खरीद तो कहीं पर भी नहीं हो रही। इससे बड़ा झूठा कोई भी नहीं है। कृषि बाजार विपणन नीति के ड्राफ्ट को लेकर किसान यूनियन विरोध कर रही है, इस पर टिकैत ने कहा कि सरकार चाहती है कि मंडी के बाहर फसलों की खरीद हो, मंडियों के बाहर खरीद होगी तो धीरे धीरे मंडियां बंद हो जाएगी और हरियाणा का भी बिहार जैसा हाल होगा। वहां पर व्यापारियों ने बड़े-बड़े गोदाम बना रखे है और सस्ते दामों पर किसानों की फसलों को खरीदा जाता है और बाहर उसको बेचता है। राकेश टिकैत ने कहा कि किसान संगठनों में एकता की आवश्यकता है और इकट्ठे नहीं होंगे तो जो पंजाब का हश्र हुआ, वह पूरे देश का होगा। अब सबको ज्ञान प्राप्त हो गया है, ज्ञान प्राप्त चुनाव लड़कर भी हुआ है, और अलग अलग-चलकर भी ज्ञान प्राप्त हुआ है, दोनों चीजों से सबक लेना चाहिए। चुनाव से भी दूर रहना चाहिए और अलग-अलग कॉल भी नहीं देनी चाहिए। हरियाणा में करनाल के घरौंडा में आज संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं किसान नेता राकेश टिकैत पहुंचे। उन्होंने यहां शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर से आंदोलनरत किसानों को हटाए जाने के सवाल पर पंजाब सरकार को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि किसानों बॉर्डर से हटाने के मामले में पंजाब सरकार गलत है। किसानों को बॉर्डर से हटाने का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। केंद्र सरकार की मंशा यही थी कि पूरे देश का आंदोलन पंजाब की धरती पर ही चले और पंजाब सरकार इस गिरफ्त में फंस जाए। पंजाब सरकार को पूरे मामले पर माफी मांगनी चाहिए और हमारे जितने भी किसान जेल में बंद किए है, उन सबको तुरंत प्रभाव से रिहा किया जाए। किसानों की ट्रैक्टर और ट्रालियां आप पार्टी के नेताओं के घर से बरामद हो रही है, यह भी गलत चीजें है, यह भी गलत है कि आप पार्टी के विधायक ट्रैक्टर और ट्रॉलियों को अपने घरों में ले गए। ट्रैक्टर-ट्रालियों को आप पार्टी के विधायक स्वयं लेकर गए है या उनके घर में किसी ने खड़े किए है, इस बात का स्पष्टीकरण सरकार को देना चाहिए। केंद्र सरकार चाहती थी पंजाब की धरती पर आंदोलन हो
शनिवार को किसान नेता राकेश टिकैत घरौंडा में किसान नेता डॉ. सत्यवीर तौमर के बेटे की शादी में शामिल हुए थे और उसे आशीर्वाद दिया। यहीं पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की। किसान नेता राकेश टिकैत ने कृषि मंत्री के बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि वे तो चाह यही रहे थे कि पंजाब की धरती पर आंदोलन हो और किसान बदनाम हो, सरदार बदनाम हो और पंजाब सरकार बदनाम हो और पंजाब सरकार इस गिरफ्त में फंसी भी। अगर शंभू बॉर्डर बंद था तो कहीं ओर से दूसरा रास्ता निकाल देते। पंजाब के पास बहुत सारे रास्ते है, अगर एक रास्ते से नुकसान हो रहा है तो दूसरा दे सकते थे। पूरे देश में किसानों के खिलाफ नेगेटिव इमेज बनाई जा रही है। इसमें पूरी दोषी भारत सरकार है, उन्होंने एमएसपी गारंटी कानून नहीं दिया, जिसके लिए किसान भड़के हुए थे। 26 मार्च को चंडीगढ़ में एसकेएम की मीटिंग
26 मार्च को एसकेएम की मीटिंग चंडीगढ़ में होगी। उन्होंने पहली कॉल दे रखी है। 26 मार्च के बाद एसकेएम इसको लेकर कोई निर्णय लेगा। हरियाणा सरकार 24 फसलों पर एमएसपी दे रही है, इस सवाल पर टिकैत ने कहा कि सरकार झूठ बोल रही है और भाजपा सरकार से बड़ा झूठा कोई भी नहीं है। सरकार कह रही है एमएसपी पर खरीद हो रही है, लेकिन खरीद तो कहीं पर भी नहीं हो रही। इससे बड़ा झूठा कोई भी नहीं है। कृषि बाजार विपणन नीति के ड्राफ्ट को लेकर किसान यूनियन विरोध कर रही है, इस पर टिकैत ने कहा कि सरकार चाहती है कि मंडी के बाहर फसलों की खरीद हो, मंडियों के बाहर खरीद होगी तो धीरे धीरे मंडियां बंद हो जाएगी और हरियाणा का भी बिहार जैसा हाल होगा। वहां पर व्यापारियों ने बड़े-बड़े गोदाम बना रखे है और सस्ते दामों पर किसानों की फसलों को खरीदा जाता है और बाहर उसको बेचता है। राकेश टिकैत ने कहा कि किसान संगठनों में एकता की आवश्यकता है और इकट्ठे नहीं होंगे तो जो पंजाब का हश्र हुआ, वह पूरे देश का होगा। अब सबको ज्ञान प्राप्त हो गया है, ज्ञान प्राप्त चुनाव लड़कर भी हुआ है, और अलग अलग-चलकर भी ज्ञान प्राप्त हुआ है, दोनों चीजों से सबक लेना चाहिए। चुनाव से भी दूर रहना चाहिए और अलग-अलग कॉल भी नहीं देनी चाहिए। पंजाब | दैनिक भास्कर
