चंडीगढ़ में कोठी पर ग्रेनेड फैंकने वालों की हुई पहचान:एक आरोपी अमृतसर का, ऑटो सेक्टर 18 में छोड़ा था, चालक को दिए 500

चंडीगढ़ में कोठी पर ग्रेनेड फैंकने वालों की हुई पहचान:एक आरोपी अमृतसर का, ऑटो सेक्टर 18 में छोड़ा था, चालक को दिए 500

चंडीगढ़ की कोठी पर हुए ग्रेनेड हमले के आरोपियों का सुराग पुलिस को लग गया है। दोनों आरोपियों की पहचान पुलिस ने कर ली है। सूत्रों के मुताबिक आरोपियों में एक नाम रोहन मसीह है। जो कि गांव पाशियां अमृतसर का रहने वाला है। जिस आतंकी हैप्पी पाशियां ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। वह भी इसी गांव का रहने वाला है। 20 साल के रोहन का कुछ समय गांव के कुछ लोगों से झगड़ा हुआ था। उसके बाद वह फतेहगढ़ साहिब के गांव पिंडी गांव में रिश्तेदारों के पास रहने लगा था। सूत्रों के मुताबिक आरोपी हमले के बाद ऑटाे से सेक्टर-18 में पहुंचे थे, तो वहां पर रेड लाइट हो गई। फिर उन्होंने ऑटो चालक को कहा कि रेड लाइट जंप करे और तेजी से चले । ऑटो चालक ने रेड लाइट जंप करने से साफ मना कर दिया। ऐसे में आरोपी उसकी तरफ 500 रुपए का नोट फैंककर सेक्टर-18 के रिहायशी इलाके की तरफ फरार हो गए थे। पुलिस ने उस इलाके का सीसीटीवी रिकॉर्डिंग भी कब्जे में ले ली है। वहीं, पुलिस ने इस संबंधी केस दर्ज कर लिया है। दो आरोपियों के खिलाफ आर्म्स, UAPA समेत केस धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। वहीं, चंडीगढ़ पुलिस, पंजाब पुलिस, दिल्ली पुलिस, एनआईए समेत कई एजेंसियों की टीमों जांच में जुटी हुई है। वाॅल्वो बस से चंडीगढ़ आए थे आरोपी आराेपी नौ सितंबर को चंडीगढ़ पहुंच गए थे। इसके बाद उन्होंने रेकी भी की थी। वहीं, जिस बस वाल्वों बस से वह चंडीगढ़ आए थे। उस बस के कंडक्टर तरसेम ने भी पुलिस को बताया है कि आरोपी बुधवार को जालंधर से बस में बैठे थे। उसने बताया कि उन्होंने बस में टी शर्ट बदली थी। इसके बाद उन्होंने ऑटो में भी टीशर्ट बदली थी। होटल मुहैया करवाने वाले युवक से भी मिले थे पुलिस द्वारा हिरासत में लिए लिए ऑटो चालक कुलदीप ने पुलिस को बताया है आरोपियों ने उसे सेक्टर -10 जाने के लिए हायर किया था। उसे कहा था कि सेक्टर-10 का चक्कर लगाकर वापस आना जाना है। सूत्रों के मुताबिक दोनों संदिग्धों ने 9 सितंबर को रेकी के दौरान ISBT 43 में संजय नाम के युवक से बातचीत की थी। बातचीत एक मिनट 43 सेकेंड के करीब हुई थी। यह बस अड्डे के बाहर आने वाले लोगों को होटल मुहैया करवाता है। पुलिस ने उससे भी बातचीत की है। हमले वाले दिन अमृतसर से ही आए थे 11 सितंबर हमले वाले दिन दोनों संदिग्ध दोपहर 12.45 बजे अमृतसर से चंडीगढ़ के लिए चली वॉल्वों बस में सवार हुए थे। बस शाम 5.20 बजे ISBT -43 पहुंची। बस से उतरते ही उन्हें बाय चांस आटो ड्राइवर कुलदीप मिल गया। दोनों ने पूछा- पहचाना नहीं हमें, दो दिन पहले सेक्टर-10 तुम्हारे ऑटो में गए थे। कुलदीप ने भी हामी भरी और पूछा कहा जाना है। उसी सेक्टर-10 कोठी पर जाना है और वापस आना है। सेक्टर-18 के रेसिडेंशियल एरिया में उतरे थे आरोपियों ने जैसे ही हमला किया। उसके बाद ऑटो चालक को तेज चलने को कहा। आरोपी डीएवी कॉलेज से होते हुए सेक्टर-9 मटका चौक से सीधे 17/18/ 8/ 9 लाइंट पाइंट प्रेस लाइट पाइंट की तरफ भागे। वहां रेड लाइट थी, तो आरोपियों ने रेड लाइट जंप करने को कहा। ड्राइवर कुलदीप ने ऐसा करने से मना कर दिया। उसे पांच सौ रुपए का नोट फैंककर सेक्टर-18 में रेंसिडेंशिल एरिया की तरफ भागे थे। उसके बाद कुलदीप सेक्टर-43 पहुंचा था। जहां पर वह हर रोज सवारी का इंतजार करता था। चंडीगढ़ की कोठी पर हुए ग्रेनेड हमले के आरोपियों का सुराग पुलिस को लग गया है। दोनों आरोपियों की पहचान पुलिस ने कर ली है। सूत्रों के मुताबिक आरोपियों में एक नाम रोहन मसीह है। जो कि गांव पाशियां अमृतसर का रहने वाला है। जिस आतंकी हैप्पी पाशियां ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। वह भी इसी गांव का रहने वाला है। 20 साल के रोहन का कुछ समय गांव के कुछ लोगों से झगड़ा हुआ था। उसके बाद वह फतेहगढ़ साहिब के गांव पिंडी गांव में रिश्तेदारों के पास रहने लगा था। सूत्रों के मुताबिक आरोपी हमले के बाद ऑटाे से सेक्टर-18 में पहुंचे थे, तो वहां पर रेड लाइट हो गई। फिर उन्होंने ऑटो चालक को कहा कि रेड लाइट जंप करे और तेजी से चले । ऑटो चालक ने रेड लाइट जंप करने से साफ मना कर दिया। ऐसे में आरोपी उसकी तरफ 500 रुपए का नोट फैंककर सेक्टर-18 के रिहायशी इलाके की तरफ फरार हो गए थे। पुलिस ने उस इलाके का सीसीटीवी रिकॉर्डिंग भी कब्जे में ले ली है। वहीं, पुलिस ने इस संबंधी केस दर्ज कर लिया है। दो आरोपियों के खिलाफ आर्म्स, UAPA समेत केस धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। वहीं, चंडीगढ़ पुलिस, पंजाब पुलिस, दिल्ली पुलिस, एनआईए समेत कई एजेंसियों की टीमों जांच में जुटी हुई है। वाॅल्वो बस से चंडीगढ़ आए थे आरोपी आराेपी नौ सितंबर को चंडीगढ़ पहुंच गए थे। इसके बाद उन्होंने रेकी भी की थी। वहीं, जिस बस वाल्वों बस से वह चंडीगढ़ आए थे। उस बस के कंडक्टर तरसेम ने भी पुलिस को बताया है कि आरोपी बुधवार को जालंधर से बस में बैठे थे। उसने बताया कि उन्होंने बस में टी शर्ट बदली थी। इसके बाद उन्होंने ऑटो में भी टीशर्ट बदली थी। होटल मुहैया करवाने वाले युवक से भी मिले थे पुलिस द्वारा हिरासत में लिए लिए ऑटो चालक कुलदीप ने पुलिस को बताया है आरोपियों ने उसे सेक्टर -10 जाने के लिए हायर किया था। उसे कहा था कि सेक्टर-10 का चक्कर लगाकर वापस आना जाना है। सूत्रों के मुताबिक दोनों संदिग्धों ने 9 सितंबर को रेकी के दौरान ISBT 43 में संजय नाम के युवक से बातचीत की थी। बातचीत एक मिनट 43 सेकेंड के करीब हुई थी। यह बस अड्डे के बाहर आने वाले लोगों को होटल मुहैया करवाता है। पुलिस ने उससे भी बातचीत की है। हमले वाले दिन अमृतसर से ही आए थे 11 सितंबर हमले वाले दिन दोनों संदिग्ध दोपहर 12.45 बजे अमृतसर से चंडीगढ़ के लिए चली वॉल्वों बस में सवार हुए थे। बस शाम 5.20 बजे ISBT -43 पहुंची। बस से उतरते ही उन्हें बाय चांस आटो ड्राइवर कुलदीप मिल गया। दोनों ने पूछा- पहचाना नहीं हमें, दो दिन पहले सेक्टर-10 तुम्हारे ऑटो में गए थे। कुलदीप ने भी हामी भरी और पूछा कहा जाना है। उसी सेक्टर-10 कोठी पर जाना है और वापस आना है। सेक्टर-18 के रेसिडेंशियल एरिया में उतरे थे आरोपियों ने जैसे ही हमला किया। उसके बाद ऑटो चालक को तेज चलने को कहा। आरोपी डीएवी कॉलेज से होते हुए सेक्टर-9 मटका चौक से सीधे 17/18/ 8/ 9 लाइंट पाइंट प्रेस लाइट पाइंट की तरफ भागे। वहां रेड लाइट थी, तो आरोपियों ने रेड लाइट जंप करने को कहा। ड्राइवर कुलदीप ने ऐसा करने से मना कर दिया। उसे पांच सौ रुपए का नोट फैंककर सेक्टर-18 में रेंसिडेंशिल एरिया की तरफ भागे थे। उसके बाद कुलदीप सेक्टर-43 पहुंचा था। जहां पर वह हर रोज सवारी का इंतजार करता था।   पंजाब | दैनिक भास्कर