चंडीगढ़ में स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर और देश के जाने-माने गणितज्ञ राम प्रकाश बंबाह का सोमवार सुबह सेक्टर-19, चंडीगढ़ स्थित उनके घर पर निधन हो गया। वे 99 साल के थे, और इस साल सितंबर में उनका 100वां जन्मदिन मनाया जाना था। बंबाह को गणित में शानदार काम के लिए पद्म भूषण और रामानुजन मेडल जैसे सम्मान मिल चुके थे। उनके परिवार में दो बेटियां बिंदु बंबाह और सुचरु खन्ना हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी इस साल सितंबर में प्रो. बंबाह के 100वें बर्थडे और पंजाब स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाने वाली थी। पिता के निधन पर बेटी बिंदू ने कहा- पापा ने बहुत अच्छा जीवन जिया और वे आखिरी समय तक गणित और विज्ञान से जुड़े रहे। उनकी इच्छा थी कि उनके शरीर को रिसर्च के लिए PGI को दान कर दिया जाए और हम वैसा ही करने जा रहे हैं। PU चांसलर बोलीं- बंबाह का निधन गणित के बड़ा नुकसान
चांसलर रेनू विग ने कहा कि बंबाह का निधन यूनिवर्सिटी, गणित और समाज के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनकी बेटी बिंदु ने बताया कि बंबाह ने PGI चंडीगढ़ को अपना शरीर रिसर्च के लिए दान करने की इच्छा जताई थी और अब परिवार उनकी इस इच्छा को पूरा करेगा। गणित में टॉप, 2 साल में की थी पीएचडी
आरपी बंबाह का जन्म जम्मू में हुआ था। उन्होंने लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज से मैथेमेटिक्स में एमए में 600 में से 600 नंबर हासिल किए थे। इसके बाद वे इंग्लैंड की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी गए और वहां से सिर्फ 2 साल में पीएचडी कर ली। बंबाह ने प्रो. हंसराज गुप्ता के साथ मिलकर पंजाब यूनिवर्सिटी के गणित विभाग की शुरुआत होशियारपुर में की थी, जो बाद में चंडीगढ़ शिफ्ट हुआ। वे कुछ साल अमेरिका की ओहायो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी रहे। 1985 से 1991 तक वे पंजाब यूनिवर्सिटी के कुलपति रहे। स्टूडेंट बोली-मैं पिछले हफ्ते मिली, थोड़ा बीमार थे पर मैथ पर चर्चा की
उनकी स्टूडेंट और प्रो. राजिंदर जीत ने बताया कि वे पिछले हफ्ते ही उनसे मिली थीं। वे थोड़े बीमार थे लेकिन पूरी तरह जागरूक थे और हमने गणित के सवालों पर चर्चा की। पंजाब यूनिवर्सिटी इस साल सितंबर में प्रो. बंबाह का 100वां बर्थडे और पंजाब स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाने वाली थी। कुलपति रेनू विग ने कहा कि उनका निधन यूनिवर्सिटी, गणित और समाज के लिए बहुत बड़ी क्षति है। टीचर्स एसोसिएशन ने जताया शोक
पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (PUTA) ने यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति और प्रख्यात गणितज्ञ प्रोफेसर आरपी बंबाह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। एसोसिएशन ने कहा कि बंबाह ने अपने कार्यकाल (1985-1991) के दौरान यूनिवर्सिटी के विकास को नई दिशा दी। टीचर्स एसोसिएशन ने श्रद्धांजलि में कहा- प्रोफेसर बंबाह ने सच्चे वैज्ञानिक की भावना के साथ जीवन जिया। PGI को शरीर दान करने का निर्णय उनके ज्ञान के प्रति समर्पण को दर्शाता है। प्रोफेसर बंबाह का जाना शिक्षा जगत के लिए बड़ी क्षति
पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन (PUTA) ने कहा कि प्रोफेसर बंबाह का जाना न सिर्फ यूनिवर्सिटी के लिए बल्कि शिक्षा जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। एसोसिएशन ने उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “हम उनके योगदान को नमन करते हैं और उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति मिले, यही कामना करते हैं।” चंडीगढ़ में स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर और देश के जाने-माने गणितज्ञ राम प्रकाश बंबाह का सोमवार सुबह सेक्टर-19, चंडीगढ़ स्थित उनके घर पर निधन हो गया। वे 99 साल के थे, और इस साल सितंबर में उनका 100वां जन्मदिन मनाया जाना था। बंबाह को गणित में शानदार काम के लिए पद्म भूषण और रामानुजन मेडल जैसे सम्मान मिल चुके थे। उनके परिवार में दो बेटियां बिंदु बंबाह और सुचरु खन्ना हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी इस साल सितंबर में प्रो. बंबाह के 100वें बर्थडे और पंजाब स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाने वाली थी। पिता के निधन पर बेटी बिंदू ने कहा- पापा ने बहुत अच्छा जीवन जिया और वे आखिरी समय तक गणित और विज्ञान से जुड़े रहे। उनकी इच्छा थी कि उनके शरीर को रिसर्च के लिए PGI को दान कर दिया जाए और हम वैसा ही करने जा रहे हैं। PU चांसलर बोलीं- बंबाह का निधन गणित के बड़ा नुकसान
चांसलर रेनू विग ने कहा कि बंबाह का निधन यूनिवर्सिटी, गणित और समाज के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनकी बेटी बिंदु ने बताया कि बंबाह ने PGI चंडीगढ़ को अपना शरीर रिसर्च के लिए दान करने की इच्छा जताई थी और अब परिवार उनकी इस इच्छा को पूरा करेगा। गणित में टॉप, 2 साल में की थी पीएचडी
आरपी बंबाह का जन्म जम्मू में हुआ था। उन्होंने लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज से मैथेमेटिक्स में एमए में 600 में से 600 नंबर हासिल किए थे। इसके बाद वे इंग्लैंड की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी गए और वहां से सिर्फ 2 साल में पीएचडी कर ली। बंबाह ने प्रो. हंसराज गुप्ता के साथ मिलकर पंजाब यूनिवर्सिटी के गणित विभाग की शुरुआत होशियारपुर में की थी, जो बाद में चंडीगढ़ शिफ्ट हुआ। वे कुछ साल अमेरिका की ओहायो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी रहे। 1985 से 1991 तक वे पंजाब यूनिवर्सिटी के कुलपति रहे। स्टूडेंट बोली-मैं पिछले हफ्ते मिली, थोड़ा बीमार थे पर मैथ पर चर्चा की
उनकी स्टूडेंट और प्रो. राजिंदर जीत ने बताया कि वे पिछले हफ्ते ही उनसे मिली थीं। वे थोड़े बीमार थे लेकिन पूरी तरह जागरूक थे और हमने गणित के सवालों पर चर्चा की। पंजाब यूनिवर्सिटी इस साल सितंबर में प्रो. बंबाह का 100वां बर्थडे और पंजाब स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाने वाली थी। कुलपति रेनू विग ने कहा कि उनका निधन यूनिवर्सिटी, गणित और समाज के लिए बहुत बड़ी क्षति है। टीचर्स एसोसिएशन ने जताया शोक
पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (PUTA) ने यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति और प्रख्यात गणितज्ञ प्रोफेसर आरपी बंबाह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। एसोसिएशन ने कहा कि बंबाह ने अपने कार्यकाल (1985-1991) के दौरान यूनिवर्सिटी के विकास को नई दिशा दी। टीचर्स एसोसिएशन ने श्रद्धांजलि में कहा- प्रोफेसर बंबाह ने सच्चे वैज्ञानिक की भावना के साथ जीवन जिया। PGI को शरीर दान करने का निर्णय उनके ज्ञान के प्रति समर्पण को दर्शाता है। प्रोफेसर बंबाह का जाना शिक्षा जगत के लिए बड़ी क्षति
पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन (PUTA) ने कहा कि प्रोफेसर बंबाह का जाना न सिर्फ यूनिवर्सिटी के लिए बल्कि शिक्षा जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। एसोसिएशन ने उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “हम उनके योगदान को नमन करते हैं और उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति मिले, यही कामना करते हैं।” पंजाब | दैनिक भास्कर
