प्लास्टिक और इससे बने उत्पादों, खासकर सिंगल यूज प्लास्टिक और कैरी बैग के उत्पादन और इस्तेमाल पर प्रतिबंध के बावजूद देशभर में इसका खुलेआम इस्तेमाल और बिक्री जारी है। इससे पर्यावरण पर खतरनाक असर पड़ रहा है और मानव स्वास्थ्य के साथ पशुओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। इस मामले को लेकर दो स्कूली छात्रों भव्यम राज और तेजस्विन राज ने एडवोकेट हिमांशु राज के जरिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल खेत्रपाल की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, पंजाब और हरियाणा सरकार के मुख्य सचिवों, चंडीगढ़ के गृह सचिव, पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण विभाग के निदेशक, पुलिस प्रमुख, नगर निगम कमिश्नर और प्लास्टिक उत्पादन और व्यापार से जुड़ी कंपनियों को नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को 17 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। ऑनलाइन कंपनियों पर भी लगे आरोप याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि फ्लिपकार्ट, अमेजन, मीशो, मिंत्रा और स्विगी जैसी प्रमुख ऑनलाइन कंपनियां सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल का इस्तेमाल कर रही हैं। यह प्लास्टिक कचरा पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। कई बार पशु इन प्लास्टिक उत्पादों को निगल लेते हैं, जिससे उनके पेट में प्लास्टिक जमा हो जाता है और उनकी मौत हो जाती है। बाजारों में खुलेआम बिक रही प्लास्टिक सामग्री याचिका में कहा गया है कि बाजारों में प्लास्टिक उत्पाद धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं और हर दुकानदार पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहा है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हो रही, जो प्रतिबंध के आदेशों की अवमानना है। याचिकाकर्ताओं की मांग याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से अपील की है कि प्रतिबंधित प्लास्टिक सामग्री के उत्पादन, बिक्री और उपयोग को पूरी तरह रोका जाए। साथ ही, संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाएं कि प्लास्टिक पर लागू प्रतिबंध का सख्ती से पालन हो। प्लास्टिक और इससे बने उत्पादों, खासकर सिंगल यूज प्लास्टिक और कैरी बैग के उत्पादन और इस्तेमाल पर प्रतिबंध के बावजूद देशभर में इसका खुलेआम इस्तेमाल और बिक्री जारी है। इससे पर्यावरण पर खतरनाक असर पड़ रहा है और मानव स्वास्थ्य के साथ पशुओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। इस मामले को लेकर दो स्कूली छात्रों भव्यम राज और तेजस्विन राज ने एडवोकेट हिमांशु राज के जरिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल खेत्रपाल की खंडपीठ ने केंद्र सरकार, पंजाब और हरियाणा सरकार के मुख्य सचिवों, चंडीगढ़ के गृह सचिव, पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण विभाग के निदेशक, पुलिस प्रमुख, नगर निगम कमिश्नर और प्लास्टिक उत्पादन और व्यापार से जुड़ी कंपनियों को नोटिस जारी किए हैं। कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को 17 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। ऑनलाइन कंपनियों पर भी लगे आरोप याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि फ्लिपकार्ट, अमेजन, मीशो, मिंत्रा और स्विगी जैसी प्रमुख ऑनलाइन कंपनियां सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्मोकोल का इस्तेमाल कर रही हैं। यह प्लास्टिक कचरा पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। कई बार पशु इन प्लास्टिक उत्पादों को निगल लेते हैं, जिससे उनके पेट में प्लास्टिक जमा हो जाता है और उनकी मौत हो जाती है। बाजारों में खुलेआम बिक रही प्लास्टिक सामग्री याचिका में कहा गया है कि बाजारों में प्लास्टिक उत्पाद धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं और हर दुकानदार पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहा है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हो रही, जो प्रतिबंध के आदेशों की अवमानना है। याचिकाकर्ताओं की मांग याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से अपील की है कि प्रतिबंधित प्लास्टिक सामग्री के उत्पादन, बिक्री और उपयोग को पूरी तरह रोका जाए। साथ ही, संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाएं कि प्लास्टिक पर लागू प्रतिबंध का सख्ती से पालन हो। पंजाब | दैनिक भास्कर
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रजिस्ट्रेशन के बाद नहीं होगा बदलाव
रजिस्ट्रेशन के बाद नहीं होगा बदलाव भास्कर न्यूज | जालंधर सीबीएसई बोर्ड की ओर से जल्द ही एनुअल एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रकिया शुरू की जाएगी। इसी को लेकर बोर्ड की ओर से नौंवी व ग्यारहवीं क्लास के विद्यार्थियों के लिए लेकर कई अहम दिशा निर्देश जारी किए गए है। बोर्ड की ओर से इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। नोटिफिकेशन में बोर्ड ने रजिस्ट्रेशन कराने वाले छात्रों के डेट अॉफ बर्थ को लिखने के तरीके में बदलाव किया है। बोर्ड की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि अब विद्यार्थियों को जन्मतिथि और वर्ष का अंक में तो जन्म महीना अक्षर में अंकित करना होगा। यह पैटर्न न केवल रजिस्ट्रेशन में प्रभावी होगा, बल्कि यही पैटर्न परीक्षा के लिए भरे जाने वाले आवेदन पत्र और प्रमाणपत्रों में भी लागू होगा। इसमें दिए गए उदाहरण के अनुसार यदि किसी विद्यार्थी की जन्मतिथि एक फरवरी दो हजार पांच है, तो इसे वे 1 फरवरी 2005 लिखेंगे। 01-02-2005 लिखा हुआ गलत माना जाएगा।बोर्ड ने कहा है कि पहले पूरी जन्मतिथि अंकों में दर्ज होने पर कई तरह की परेशानी होती थी। अंकों में लिखने के चलते दिन और महीने को समझने में परेशानी आती थी। देश में कहीं डीडी-एमएम-वाईवाई फॉर्मेट तो कहीं एमएम-डीडी-वाईवाई फॉर्मेट में इसे लिखने का चलन है। अब नई व्यवस्था में जन्मतिथि को लेकर किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। गौरतलब है कि बोर्ड ने इस बार कई और भी बदलाव किए हैं। इनमें एक बार विवरण भर कर बोर्ड को भेज दिए जाने पर उनमें किसी भी तरह का सुधार नहीं किया सकेगा। अभी तक स्कूल विद्यार्थियों उनके अभिभावकों के आग्रह पर जन्मतिथि से लेकर नाम तक में परीक्षा से पहले तक बदलाव कर देते थे। इससे बोर्ड को डेटा सुधारने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अब बोर्ड ने परीक्षाओं के परिणाम घोषित होने के बाद ही किसी भी तरह के बदलाव की अनुमति देने का आदेश दिया है। कैट 2024 : अब 20 सितंबर तक कर सकेंगे आवेदन जालंधर| देश के विभिन्न भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में नामांकन के लिए ली जाने वाली कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) 2024 की परीक्षा के लिए आवेदन की तारीख को बढ़ा दिया है। अब उम्मीदवार इसके लिए 20 सितंबर तक आवेदन कर सकेंगे। इससे पहले कैट 2024 के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 13 सितंबर तक ही थी। इसकी परीक्षा 24 नवंबर को होगी, जो तीन सत्रों में कंप्यूटर आधारित होगी। वहीं 5 से 24 नवंबर तक एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे। परीक्षा का रिजल्ट जनवरी 2025 के दूसरे सप्ताह में जारी किया जाएगा। कैट का आयोजन लगभग 170 शहरों में स्थित परीक्षा केंद्रों में किया जाएगा। अभ्यर्थियों को उनकी प्राथमिकता के अनुसार किन्हीं पांच केंद्रों का चयन करने का विकल्प दिया जाएगा। इस साल भी कैट के रजिस्ट्रेशन शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। जिसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं दिव्यांग श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 1250 रुपए है। वहीं अन्य सभी श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 2500 रुपए निर्धारित है। वहीं पिछले साल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति एवं दिव्यांग श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 1200 रुपए और अन्य सभी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 2400 रुपए निर्धारित था।
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