चंडीगढ़ में 11 राज्यों के बिजली मंत्रियों की बैठक:स्मार्ट मीटर लगाने पर फैसला, अगस्त 2025 तक डेडलाइन, केंद्र देगा 1.5 लाख करोड़

चंडीगढ़ में 11 राज्यों के बिजली मंत्रियों की बैठक:स्मार्ट मीटर लगाने पर फैसला, अगस्त 2025 तक डेडलाइन, केंद्र देगा 1.5 लाख करोड़

अगस्त 2025 तक सभी सरकारी दफ्तरों, सरकारी कर्मचारियों और सरकारी कॉलोनियों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लग जाएंगे। पहले भुगतान करो, बाद में सेवा पाओ। इसके बाद यह व्यवस्था अन्य उपभोक्ताओं पर लागू होगी। दूसरे चरण में कमर्शियल हाई वोल्टेज और उद्योगों को शामिल किया जाएगा। चंडीगढ़ में 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक के बाद केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मीडिया को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक करीब छह घंटे चली। इसमें बिजली आपूर्ति से जुड़े हर मुद्दे पर रणनीति तैयार की गई है। बैठक में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बिजली मंत्री शामिल हुए। मीटिंग के मुख्य चार प्वाइंट इस प्रकार हैं- पावर की कमी नहीं होने देंगे: बिजली मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाना है। विकसित भारत बनाने का पावर डिपार्टमेंट का नारा है “पावर फॉर ऑल”। पावर की कमी नहीं होने देंगे। आज हम पावर सरप्लस हो चुके हैं। गर्मी के दिनों में आती है पीक डिमांड पीक डिमांड एक ऐसा विषय है जिसमें बिजली आपूर्ति को संभालना पड़ता है। यह समस्या गर्मियों के दौरान आती है। 2024 में पीक डिमांड 250 गीगावाट थी। कभी-कभी यह 269 गीगावाट तक जा सकती है। हम पूरी तरह तैयार हैं, कोई कमी नहीं होगी। डेढ़ लाख करोड़ सरकार देगी राज्य को अपना ट्रांसमिशन सिस्टम कैसे अपने बनाए, इस पर स्ट्रेटेजी बनी। राज्य और प्राइवेट प्लेयर पीपीपी मोड पर आ सकें, इस पर चर्चा हुई। 2032 तक ऐसा अनुमान है कि 47 लाख करोड़ की इन्वेस्टमेंट होने वाली है। प्रदेश भी अपने पास से इन्वेस्टमेंट करे। केंद्र ने डेढ़ लाख करोड़ रुपए बिना ब्याज जारी किया है। एनर्जी एफिशिएंसी के बारे में नियम बताए गए। डिस्ट्रीब्यूशन लॉस: डिस्ट्रीब्यूशन लॉस को बंद करें। नेशनल लेवल पर नुकसान 16 फीसदी है। कुछ प्रदेशों में यह 17 से 20 फीसदी तक है। ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर पर जोर दिया गया है। 2014 में यह 32 फीसदी था, जो कि बढ़कर 49 फीसदी तक पहुंच गया है। जल्दी ही यह 50 फीसदी कर जाएगा। चंडीगढ़ में आज केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की बैठक चल रही है। इसमें करीब नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली मंत्री हिस्सा ले रहे हैं। बैठक में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बिजली मंत्री शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा बिजली उत्पादन से जुड़े अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर कर रहे हैं। बैठक के बाद वह मीडिया से रूबरू होंगे। इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। इस बैठक में आने वाले समय में बिजली आपूर्ति किस तरह से की जाएगी, इस पर चर्चा होगी। सभी राज्यों में किस तरह से समन्वय बनाया जाएगा, इस पर रणनीति बनाई जा रही है। बैठक में सभी अधिकारी और बिजली मंत्री पहुंच चुके हैं। साथ ही सभी अपने-अपने विचार रख रहे हैं। अगस्त 2025 तक सभी सरकारी दफ्तरों, सरकारी कर्मचारियों और सरकारी कॉलोनियों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लग जाएंगे। पहले भुगतान करो, बाद में सेवा पाओ। इसके बाद यह व्यवस्था अन्य उपभोक्ताओं पर लागू होगी। दूसरे चरण में कमर्शियल हाई वोल्टेज और उद्योगों को शामिल किया जाएगा। चंडीगढ़ में 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक के बाद केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मीडिया को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक करीब छह घंटे चली। इसमें बिजली आपूर्ति से जुड़े हर मुद्दे पर रणनीति तैयार की गई है। बैठक में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बिजली मंत्री शामिल हुए। मीटिंग के मुख्य चार प्वाइंट इस प्रकार हैं- पावर की कमी नहीं होने देंगे: बिजली मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाना है। विकसित भारत बनाने का पावर डिपार्टमेंट का नारा है “पावर फॉर ऑल”। पावर की कमी नहीं होने देंगे। आज हम पावर सरप्लस हो चुके हैं। गर्मी के दिनों में आती है पीक डिमांड पीक डिमांड एक ऐसा विषय है जिसमें बिजली आपूर्ति को संभालना पड़ता है। यह समस्या गर्मियों के दौरान आती है। 2024 में पीक डिमांड 250 गीगावाट थी। कभी-कभी यह 269 गीगावाट तक जा सकती है। हम पूरी तरह तैयार हैं, कोई कमी नहीं होगी। डेढ़ लाख करोड़ सरकार देगी राज्य को अपना ट्रांसमिशन सिस्टम कैसे अपने बनाए, इस पर स्ट्रेटेजी बनी। राज्य और प्राइवेट प्लेयर पीपीपी मोड पर आ सकें, इस पर चर्चा हुई। 2032 तक ऐसा अनुमान है कि 47 लाख करोड़ की इन्वेस्टमेंट होने वाली है। प्रदेश भी अपने पास से इन्वेस्टमेंट करे। केंद्र ने डेढ़ लाख करोड़ रुपए बिना ब्याज जारी किया है। एनर्जी एफिशिएंसी के बारे में नियम बताए गए। डिस्ट्रीब्यूशन लॉस: डिस्ट्रीब्यूशन लॉस को बंद करें। नेशनल लेवल पर नुकसान 16 फीसदी है। कुछ प्रदेशों में यह 17 से 20 फीसदी तक है। ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर पर जोर दिया गया है। 2014 में यह 32 फीसदी था, जो कि बढ़कर 49 फीसदी तक पहुंच गया है। जल्दी ही यह 50 फीसदी कर जाएगा। चंडीगढ़ में आज केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की बैठक चल रही है। इसमें करीब नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली मंत्री हिस्सा ले रहे हैं। बैठक में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बिजली मंत्री शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा बिजली उत्पादन से जुड़े अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर कर रहे हैं। बैठक के बाद वह मीडिया से रूबरू होंगे। इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। इस बैठक में आने वाले समय में बिजली आपूर्ति किस तरह से की जाएगी, इस पर चर्चा होगी। सभी राज्यों में किस तरह से समन्वय बनाया जाएगा, इस पर रणनीति बनाई जा रही है। बैठक में सभी अधिकारी और बिजली मंत्री पहुंच चुके हैं। साथ ही सभी अपने-अपने विचार रख रहे हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर