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महाकुंभ में श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई:हाई सिक्योरिटी के बीच 1000 साधु-संत हाथी-घोड़े और रथ पर निकले
महाकुंभ में श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई:हाई सिक्योरिटी के बीच 1000 साधु-संत हाथी-घोड़े और रथ पर निकले श्री पंचायत महानिर्वाणी अखाड़ा की पेशवाई आज निकली है। एक हजार से ज्यादा साधु-संत हाथी-घोड़े और रथ पर सवार होकर निकले हैं। बाघंबरी गद्दी के सामने बने महानिर्वाणी अखाड़े के भवन से इसकी शुरुआत हुई। यहां से निकलकर पेशवाई संगम रेलवे लाइन से बक्शी बांध की तरफ पहुंचेगी। हजारों लोग रास्ते में साधु-संतों पर फूल बरसाकर स्वागत कर रहे हैं। इस पेशवाई में नागा सन्यासी, महंत, श्री मंहत, मंडलेश्वर और महामंडलेश्वर शामिल हुए हैं। नागा सन्यासी करतब दिखाते हुए चल रहे हैं। पिछली 4 पेशवाई सुबह से शुरू हुई, लेकिन कुंभ में अपने अखाड़े तक पहुंचने में शाम हो गई। इस अखाड़े की भी संभावना है कि पहुंचने में शाम हो जाएगी। अब तक 4 अखाड़ों की पेशवाई हो चुकी है। चारों के रूट अलग थे।
भिवानी में बेटे ने मां का किया मर्डर:शराब के लिए पैसे न देने पर ईंट से सिर फोड़ा, अस्पताल में तोड़ा दम, आरोपी गिरफ्तार
भिवानी में बेटे ने मां का किया मर्डर:शराब के लिए पैसे न देने पर ईंट से सिर फोड़ा, अस्पताल में तोड़ा दम, आरोपी गिरफ्तार हरियाणा के भिवानी में एक बेटे ने अपनी मां के सिर पर ईंट से वार कर उसकी हत्या कर दी। युवक शराब का आदी था और नशे के लिए पैसे न देने पर उसने मां की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। सिटी थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की। मृतक महिला की पहचान जीवनी देवी (55) के रूप में हुई है। कितान पाना गांव निवासी सज्जन कुमार ने बताया कि उसके तीन भाई हैं। दो की शादी हो चुकी है और सबसे छोटा सोनू अविवाहित है। उसने बताया कि उसका छोटा भाई सोनू नशे का आदी है। रात को रोजाना की तरह सोनू अपनी मां जीवनी देवी से शराब पीने के लिए पैसे मांगने लगा। मां ने जब उसे नशे के लिए पैसे नहीं दिए तो सोनू ने ईंट उठाकर अपनी 55 वर्षीय मां जीवनी देवी के माथे पर मार दी। मां ने जब हाथ से खुद को बचाने की कोशिश की तो उसके हाथ में भी चोट लग गई। वारदात को अंजाम देने के बाद सोनू मौके से फरार हो गया। महिला की चीखें सुनकर पहुंचे परिजन
जब परिजनों ने जीवनी देवी की चीखें सुनीं तो उन्हें पता चला। वे उसे गंभीर हालत में भिवानी के अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां जीवनी देवी की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर दिनोद गेट थाना प्रभारी मनीष कुमार वालिया मौके पर पहुंचे और जांच की। 10 साल पहले हुई थी पति की मौत
एसआई मनीष वालिया ने बताया कि पुलिस ने महिला के बेटे सज्जन के बयान पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। महिला के पति की 10 साल पहले मौत हो गई थी। वह सिविल अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था।
हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य बोले:रत्न टाटा को भारत रत्न से नवाजा जाए, पहले भी इसी मांग को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान चल चुका
हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य बोले:रत्न टाटा को भारत रत्न से नवाजा जाए, पहले भी इसी मांग को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान चल चुका हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण और शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बिजनेस टायकून रत्न टाटा को ‘भारत रत्न’ देने की मांग की है। विक्रमादित्य सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करके इसकी पैरवी की है। भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार 2 जनवरी 1954 से दिया जा रहा है। शुरू में इसे मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था। मगर 1955 में इसे मरणोपरांत देने का भी प्रावधान जोड़ा गया। एक साल में अधिकतम तीन लोगों को यह पुरस्कार दिया जा रहा है। रत्न टाटा का 86 साल की उम्र में बुधवार देर रात निधन हो गया है। उनकी सेवाओं को देखते हुए हिमाचल के मंत्री ने उन्हें भारत रत्न देने की पैरवी की है। भारत के शीर्ष सम्मान से सम्मानित रत्न टाटा भारत के सबसे बड़े ग्रुप टाटा ग्रुप के मानद चेयरमैन रत्न टाटा को उद्योग क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कई अवार्ड दिए जा चुके हैं। साल 2000 में उन्हें पद्मभूषण से और 2008 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। पहले भी रत्न टाटा को भारत रत्न देने की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर हैशटैग भारत रत्न फॉर रत्न टाटा अभियान चलाया जा चुका है। मानवता के लिए खूब काम किया रत्न टाटा ने टाटा ग्रुप के जरिए कई सालों तक देश की सेवा की है। उन्होंने न केवल टाटा ग्रुप के कारोबार को बढ़ाया, बल्कि मानवता के लिए भी खूब काम किए। समय-समय पर जरूरतमंदों को खूब पैसे भी डोनेट किया। कोरोना काल में दिया 1500 करोड़ का दान करोना काल में टाटा समूह ने 1500 करोड़ रुपए का दान दिया। यही वजह कि देशवासी समय समय पर रत्न टाटा को भारत रत्न देने की मांग करते रहे हैं।