चरखी दादरी में रिटायर्ड फौजी के साथ मारपीट की गई। आरोपियों ने उसकी दुकान में भी तोड़फोड़ की है और उसने लगे से सोने की चेन और 1 लाख 40 हजार रुपए लूट कर ले गए। पुलिस को दी शिकायत में गांव चरखी निवासी कुलदीप ने बताया कि वह रिटायर्ड फौजी है। उसकी चरखी दादरी पूर्ण मार्केट में मोबाइल की दुकान है। उसने बताया कि शाम के समय वह अपनी दुकान पर मौजूद था। लाठी-डंडों से की मारपीट इसी दौरान उसके गांव का ही एक व्यक्ति और अपने साथियों के सथ उसकी दुकान पर आया और गाली-गलौज करने लगे। जब उसने गाली देने का कारण पूछा, तो आरोपियों ने उस पर हमला कर दिया। उन्होंने लाठी, डंडों, लोहे के सरियों आदि से उसको चोटें मारी और दुकान में तोड़फोड़ की। जान से मारने की दी धमकी कुलदीप का आरोप है कि उक्त लोगों ने इस दौरान झपटा मारकर उसके गले से सोने की चेन तोड़ ली और दुकान के दराज से 1 लाख 40 हजार रुपए की नगदी निकालकर ले गए। शिकायतकर्ता ने बताया कि इस दौरान लोगों की काफी भीड़ एकत्रित हो गई थी। जिन्होंने बीच-बचाव कर उसे छुड़वाया। आरोपी जान से मारने की धमकी देकर मौके से फरार हो गए। चरखी दादरी में रिटायर्ड फौजी के साथ मारपीट की गई। आरोपियों ने उसकी दुकान में भी तोड़फोड़ की है और उसने लगे से सोने की चेन और 1 लाख 40 हजार रुपए लूट कर ले गए। पुलिस को दी शिकायत में गांव चरखी निवासी कुलदीप ने बताया कि वह रिटायर्ड फौजी है। उसकी चरखी दादरी पूर्ण मार्केट में मोबाइल की दुकान है। उसने बताया कि शाम के समय वह अपनी दुकान पर मौजूद था। लाठी-डंडों से की मारपीट इसी दौरान उसके गांव का ही एक व्यक्ति और अपने साथियों के सथ उसकी दुकान पर आया और गाली-गलौज करने लगे। जब उसने गाली देने का कारण पूछा, तो आरोपियों ने उस पर हमला कर दिया। उन्होंने लाठी, डंडों, लोहे के सरियों आदि से उसको चोटें मारी और दुकान में तोड़फोड़ की। जान से मारने की दी धमकी कुलदीप का आरोप है कि उक्त लोगों ने इस दौरान झपटा मारकर उसके गले से सोने की चेन तोड़ ली और दुकान के दराज से 1 लाख 40 हजार रुपए की नगदी निकालकर ले गए। शिकायतकर्ता ने बताया कि इस दौरान लोगों की काफी भीड़ एकत्रित हो गई थी। जिन्होंने बीच-बचाव कर उसे छुड़वाया। आरोपी जान से मारने की धमकी देकर मौके से फरार हो गए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में बढ़ी सियासी हलचल:JJP के बागी 2 MLA सैनी के डिनर में पहुंचे; जजपा दोनों के खिलाफ दलबदलू याचिका दे चुकी हरियाणा में लोकसभा चुनाव होते ही सियासी हलचल बढ़ गई है। 3 निर्दलियों के समर्थन वापस लेने के बाद अल्पमत में चल रही भाजपा सरकार एक्टिव हो गई है। बुधवार देर रात सीएम नायब सैनी के पार्टी विधायकों के डिनर में पहुंचे जजपा के बागी 2 विधायकों ने सबको चौंका दिया। यहां इन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से एक घंटे से ज्यादा चर्चा की। जेजेपी के विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजा खेड़ा ने कहा कि हम बीजेपी के साथ खड़े हैं। लोकसभा चुनाव में भी दोनों जेजेपी विधायकों ने बीजेपी को ही समर्थन दिया था। दोनों विधायकों ने सार्वजनिक मंच से भाजपा के पक्ष में प्रचार करने का ऐलान किया था। क्यों एक्टिव हुई भाजपा हरियाणा में लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के साथ ही विधानसभा का गुणा-गणित बदल चुका है। CM नायब सैनी के करनाल विधानसभा का उप चुनाव जीतने के बाद भी भाजपा सदन में बहुमत से दूर हो गई है। हालांकि अभी भाजपा के 41 विधायक पूरे हो चुके हैं। हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर दूर दिखाई दे रही है। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और INLD यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यहां पढ़िए मुलाकात के सियासी मायने जजपा के बागी विधायकों जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा की सीएम नायब सैनी और पूर्व सीएम खट्टर से मुलाकात के कई सियासी मायने लगाए जा रहे हैं। जजपा ने अभी इन दोनों विधायकों के खिलाफ विधानसभा में एक याचिका डाली हुई है। इस याचिका में दोनों विधायकों के द्वारा बीजेपी के समर्थन के ऐलान पर दलबदलू कानून के तहत सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है। इसके सबूत भी जजपा की ओर से दिए गए हैं। यदि स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता इन दोनों विधायकों की सदस्यता रद्द कर देते हैं तो सरकार के खिलाफ विपक्ष के विधायकों की संख्या 2 कम हो जाएगी। जिसका फायदा यदि विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होता है उसमें भाजपा को मिलेगा। सदन में ये है राजनीतिक दलों का नंबर अभी हरियाणा की भाजपा सरकार के पास अपने 41, एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत एवं हलोपा के इकलौते विधायक गोपाल कांडा का समर्थन है, जिससे उसके पास 43 विधायक बनते हैं जो बहुमत से एक कम है। वहीं विपक्ष के पास कुल 44 विधायक हैं, जिसमें कांग्रेस के 29 ( वरुण चौधरी को छोड़कर) जजपा के 10, 4 निर्दलीय और 1 इनेलो के अभय चौटाला शामिल हैं। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर पक्ष और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जो भाजपा से एक कम है। लोकसभा चुनाव के बाद ये है दलीय स्थिति लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में बदलाव हो गया है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन से और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है।
हिसार की 7 सीटों में कांग्रेस-भाजपा ने 3-3 सीटें जीतीं:नारनौंद में 52 साल बाद जीती कांग्रेस, आदमपुर में 57 साल का गढ़ टूटा
हिसार की 7 सीटों में कांग्रेस-भाजपा ने 3-3 सीटें जीतीं:नारनौंद में 52 साल बाद जीती कांग्रेस, आदमपुर में 57 साल का गढ़ टूटा हरियाणा विधानसभा चुनाव में हिसार की 7 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा 3-3 सीटें जीतने में कामयाब रही। हिसार से पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल निर्दलीय चुनाव जीती हैं। वहीं बरवाला से भाजपा के रणबीर गंगवा, हांसी से विनोद भयाणा, नलवा से रणधीर पनिहार, आदमपुर से पूर्व आईएएस चंद्रप्रकाश, नारनौंद से जस्सी पेटवाड़ और उकलाना से नरेश सेलवाल चुनाव जीते। खास बात है कि 2019 में भाजपा ने हिसार, नलवा, हांसी सीट ही जीती थी इस बार भी भाजपा ने 3 सीटें जीती हैं, जिसमें नलवा, हांसी और बरवाला शामिल है। इसी तरह कांग्रेस ने 2019 में आदमपुर सीट जीती थी जो इस बार भी कांग्रेस के पास है साथ ही कांग्रेस ने उकलाना और नारनौंद सीट जजपा से छीनी है। इसी तरह भाजपा ने जजपा की बरवाला सीट पर कब्जा किया है। पिछले चुनाव में जजपा ने 3 सीटें हासिल की थी। मगर इस बार जजपा कहीं मुकाबले में भी नजर नहीं आई। अगर 2024 लोकसभा चुनाव से तुलना की जाए तो कांग्रेस ने हिसार, हांसी और बरवाला सीट छोड़कर सभी 4 सीट जीती थी मगर इन सीटों में नलवा सीट पर भाजपा परचम लहराने में कामयाब रही। ऐसे बने नए रिकॉर्ड और ऐसे टूट गए
खास बात यह है कि इस बार कांग्रेस ने बरसों पुराने रिकॉर्ड को हिसार में तोड़ दिया। कांग्रेस ने जहां 57 साल पुराने आदमपुर के दुर्ग को भेदा तो वहीं नारनौंद में 52 साल के सूखे को भी खत्म किया। आदमपुर में बिश्नोई परिवार 1967 से चुनाव जीतता आ रहा था मगर अबकी बार कांग्रेस के पूर्व आइएएस चंद्रप्रकाश ने उनको हरा दिया। वहीं नारनौंद में अंतिम बार कांग्रेस 1972 में जीती थी। जब जोगेंद्र जोग यहां से विधायक चुने गए थे। अब कांग्रेस के जस्सी पेटवाड़ चुनाव जीते हैं। कांग्रेस ने इन दोनों के अलावा उकलाना सीट भी जीती है। उकलाना में कांग्रेस 15 साल बाद कोई विधानसभा चुनाव जीती है। खास बात है कि तब भी कांग्रेस के नरेश सेलवाल ने ही चुनाव जीता था और अब भी नरेश सेलवाल ने ही कांग्रेस से चुनाव जीता है। हिसार सीट भाजपा 10 साल बाद हारी
भाजपा अपने गढ़ हिसार में 10 साल बाद हार गई। भाजपा लगातार 10 साल से चुनाव जीत रही थी। इस बार BJP प्रत्याशी डॉ. कमल गुप्ता के खिलाफ लोगों में नाराजगी थी। जनता को उम्मीद थी कि भाजपा सावित्री जिंदल को टिकट देगी मगर कमल गुप्ता अपनी राजनीतिक पहुंच के कारण टिकट लेने में कामयाब रहे। इस चुनाव में कमल गुप्ता तीसरे नंबर पर रहे वह कांग्रेस के रामनिवास राड़ा से भी पीछे रहे। इस चुनाव में सावित्री जिंदल विजयी रही। सावित्री जिंदल को हिसार से 49231 वोट मिले। वहीं कांग्रेस के रामनिवास राड़ा को 30290 वोट और कमल गुप्ता को 17385 वोट मिले। भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले पूर्व मेयर गौतम सरदाना महज 6831 वोट लेने में ही कामयाब हुए। भाजपा से बागी हुए तरूण जैन को सिर्फ 1135 वोट मिले। हांसी, बरवाला और हिसार में कांग्रेस का सूखा
कांग्रेस हांसी, हिसार और बरवाला में भी जीत को तरस रही है। यहां 2009 में कांग्रेस के विधायक चुने गए थे। हांसी में 2009 में अंतिम बार कांग्रेस से विनोद भयाणा जीते थे। विनोद भयाणा अब भाजपा में हैं। 2014 में कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई चुनाव जीती थी जो अब भाजपा में हैं। इसी तरह हिसार से 2009 में सावित्री जिंदल कांग्रेस की टिकट पर जीती थी मगर वह अबकी बार निर्दलीय चुनाव लड़ी और जीत गई। बरवाला पहली बार खिला कमल
भाजपा की बात करें पार्टी ने बरवाला हलके में पहली बार कमल खिलाया है। 2019 में भाजपा के सुरेंद्र पूनिया महज कुछ मतों से बरवाला से हार गए थे और जजपा के जोगीराम सिहाग विधायक बने थे। इससे पहले कांग्रेस और इनेलो ही यहां से विधायक बनाती आई है। इस बार भाजपा ने नलवा से विधायक रहे रणबीर गंगवा का स्थान बदलकर बरवाला से टिकट दिया जिससे सबको हैरानी भी हुई मगर रणबीर गंगवा ने बरवाला में मेहनत कर चुनाव उठाया और जीता भी। बरवाला में लोकसभा चुनाव में भाजपा को बढ़त मिली थी। यहां भाजपा कार्यकर्ताओं की मेहनत दोबारा रंग लाई और विधानसभा चुनाव में पहली बार कमल खिला। नारनौंद हलके से 3 विधायक चुने गए
नारनौंद हलके से अबकी बार भी 3 विधायक चुने गए हैं। पेटवाड़ गांव से कांग्रेस के जस्सी पेटवाड़, नारनौंद के रामकुमार गौतम की भाजपा से सफीदों हल्के से चुने गए हैं। लोहारी राघो गांव के विनोद भ्याना हांसी से भाजपा के विधायक बने हैं। पिछली बार भी रामकुमार गौतम, विनोद भ्याना और जोगीराम सिहाग विधायक बने थे। जैसे ही नारनौंद की मतगणना शुरू हुई पहले राउंड से ही कांग्रेस के प्रत्याशी जस्सी पेटवाड़ ने बढ़त बनानी शुरू कर दी। एक से 6 राउंड में लगातार बढ़त बनाई। सातवें, आठवें ओर बाहर वें राउंड में ही कैप्टन को बढ़त मिली। उसके बाद जस्सी लगातार बढ़त बनाते रहे। जस्सी को बाहरा खाप ओर रोघी खाप में अच्छी बढ़त मिली। नारनौंद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के जस्सी पेटवाड़ को 84086 वोट मिले, जबकि भाजपा के कैप्टन अभिमन्यु को 71836 वोट मिले। जस्सी पेटवाड़ 13086 मत से विजेता रहे।
रोहतक NHM कर्मचारियों ने जलाया वित्त विभाग का पत्र:बायलॉज फ्रीज करने के लिए किया था जारी, हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
रोहतक NHM कर्मचारियों ने जलाया वित्त विभाग का पत्र:बायलॉज फ्रीज करने के लिए किया था जारी, हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हरियाणा के रोहतक में स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) कर्मचारियों ने बुधवार को वित्त विभाग द्वारा जारी किए गए पत्र की कॉपी जलाई। यह पत्र एनएचएम कर्मचारियों के बायलॉज फ्रीज करने के लिए जारी किया गया था। जिसका सभी ने विरोध किया। वहीं एनएचएम कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल 2 अगस्त तक बढ़ा दी है। एनएचएम कर्मचारी यूनियन की जिला प्रधान रेनू कंबोज ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती वे हड़ताल पर रहेंगे। हड़ताल के कारण बच्चों का टीकाकरण, जच्चा-बच्चा की देखरेख, स्कूली बच्चों का टीकाकारण, दिव्यांगता के बोर्ड के कार्य, ई-संजीवनी पोर्टल, एनीमिया भारत अभियान, एनसीडी की स्क्रीनिंग, टीबी कार्यक्रम आदि प्रभावित हो रहे हैं। जिस कारण लोगों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं मिल पा रही। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग खुद बीमार है, फिर भी अधिकारियों को अहंकार है और एनएचएम कर्मचारियों की मांग ना मानकर हड़ताल करने पर मजबूर कर रहा है। सरकार पक्का नहीं करेगी तो नहीं देंगे वोट
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने एक शपथ ली। जिसमें 18000 कर्मचारियों द्वारा यह शपथ ली गई कि अगर सरकार उन्हें पक्का करती है, रेगुलराइज करती है तो हम सभी मिलकर परिवार व रिश्तेदार सहित सरकार को पक्का करवाएंगे। अगर सरकार हमें पक्का नहीं करती तो हम सरकार को वोट नहीं करेंगे। एनएचएम कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सांझा मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी जिला अध्यक्ष फरीदाबाद धर्मेंद्र सिंह ने कहा सरकार की अनदेखी के विरोध में एनएचएम के तहत चलने वाली सभी सेवाएं पूर्ण रूप से बाधित रही।