‘मैंने उसको पहले समझाने की कोशिश की। लेकिन, फिर लगा कहीं ऐसा न हो की। ये सबको जाकर सच बता दे। तब हमने सोचा इसको निपटा देते हैं। ताकि सारा राज यहीं दफन हो जाए। भाभी ने मुझे 10 रुपए दिए। मैं भतीजे रौनक काे लेकर दुकान गया। कुरकुरे खरीदे। उसको खिलाया। उससे कहा कि ले आखिरी बार कुरकुरे खा ले। फिर उसकी मां से पूछा-क्या करें। उसने इशारा किया। मार डालो। अगर बचेगा, तो सच बोलेगा। तब तक मारना जब वो मर नहीं जाए। इसके बाद लाश को छत पर छिपा दिया। पुलिस के डर से लाश को घर के पीछे बोरी में भरकर फेंक दिया।’ ये कबूल नामा है, आरोपी चाचा। जिसने भाभी से अवैध संबंधों के चलते भतीजे की हत्या कर दी। पहले एक नजर पूरे मामले पर 28 नवंबर को पीट-पीटकर मार डाला
आगरा के नया गांव में रहने वाले करन सिंह का 8 साल का बेटा रौनक शुक्रवार (29 नवंबर) शाम करीब 5 बजे अचानक घर के बाहर से लापता हो गया। घर वालों ने रौनक की तलाश की। काफी ढूंढने के बाद भी जब वह नहीं मिला, तो गुमशुदगी की FIR दर्ज करा दी। इसके 3 दिन बाद यानी 2 दिसंबर को सुबह करीब साढ़े 6 बजे मोहल्ले वालों ने घर के पीछे एक बोरा देखा। उन लोगों ने जब बोरे को खोलकर देखा, तो उसमें रौनक की लाश थी। उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे। सिर से खून रिस कर सूख चुका था। फोरेंसिक टीम ने जांच की, तो बच्चे के चाचा भानु के घर की छत और सीढ़ियों पर भी खून के निशान मिले। इससे भानु शक के दायरे में आ गया। उसके बाद उसने बताया कि मैंने भाभी यशोदा के मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। चाचा बोला-हमें बदनामी का डर था
मृतक रौनक के चाचा भानु ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया। बताया-दोपहर करीब 4 बजे रौनक ने उन्हें कमरे में आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। इससे हम दोनों घबरा गए। हमें लगा कि अब तो उनके बारे में सबको पता चल जाएगा। लोगों को क्या मुंह दिखाएंगे। बदनामी से बचने को पहले हमने रौनक को समझाने का प्रयास किया। भाभी ने गुल्लक से उसे 10 रुपए भी निकालकर दिए। लेकिन, उसने कहा कि वो पापा को सब बताएगा। इसके बाद भाभी के कहने पर मर्डर का प्लान बनाया। इसके बाद वो रौनक को दुकान पर लेकर गया। उसे कुरकुरे का पैकेट दिलवाया। पहले कमरे में छिपाई थी शव
भानु ने बताया-जैसे ही कुरकुरे की पैकेट खत्म हुई। मैंने उस पर लगातार 5-6 वार किए। वो जमीन में गिरकर तड़पता रहा। कहने लगा-चाचू मुझे छोड़ दो। लेकिन, मेरे सिर पर खून सवार था। उसको इतना मारा कि वो मर गया। शव शव को पहले कमरे में छिपाया। शाम को जब अंधेरा हो गया, तो उसे छत पर लकड़ी के गठ्ठर के नीचे छिपा दिया। खून को करीब 2 घंटे तक पोछता रहा। दो कपड़े खून से लाल हो गए थे। उसे कमरे में पीछे छिपा दिया था। दीवार पर मिले खून के निशान
भानु ने बताया-जब रौनक के सिर पर प्रहार किया, तो खून के छींटे दीवार पर फैल गई। हत्या के बाद मैंने और यशोदा ने खून को साफ करने के प्रयास भी किया। लेकिन दीवार से खून की छींटे साफ नहीं हुए। बाद में खून को छिपाने के लिए वहां पर एक ड्रम रख दिया था, जिससे किसी को शक न हो। रिश्तेदार को फंसाना चाहते थे
भानु ने बताया-लाश छत पर छिपाने के बाद सोचा था कि घर के पास में रहने वाले रिश्तेदार के घर में शव फेंक देंगे। उससे रंजिश भी है, जिससे लगेगा कि रंजिशन हत्या की गई है। इसको लेकर उसने अपहरण की कहानी भी बनाई थी। लेकिन, वो शव को वहां फेंकने में कामयाब नहीं हो पाए। 5 साल से थे दोनों में संबंध
भानु ने बताया-उसके और यशोदा के बीच में 5 साल से अवैध संबंध थे। बड़ा भाई करन घर से बाहर सूरत में रहता था। इसी बीच मेरे और भाभी के बीच में नजदीकियां बढ़ गई थीं। हम दोनों पति-पत्नी की तरह रहते थे। पुलिस के डर से फेंकी लाश
भानु ने बताया- भतीजे की हत्या करने के बाद हमने 3 दिन तक लाश को छत पर ही छिपाए रखा। रविवार (1 दिसंबर) को रौनक के पिता ने घर में कहा था कि सोमवार को वो आगरा में पुलिस कमिश्नर से मिलने जाएगा, जिससे डॉग स्क्वायड को बुलाया जा सके। इसके बाद यह बात मैंने भाभी यशोदा ने मुझे बताई। हम दोनों को लगा कि डॉग स्क्वायड आया, तो लाश का पता चल जाएगा। इसलिए हमने शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। सोमवार सुबह 4 बजे यशोदा छत पर गई। मैं मकान के नीचे खड़ा हो गया। मैंने रस्सी से लाश को बांधकर नीचे उतारा। मैंने उसे पकड़ लिया। इसके बाद यशोदा भी नीचे आ गई। फिर हम दोनों लाश को गली में फेंककर वापस घर आ गए। परिवार के सामने दहाड़े मारकर रोते थे दोनों
बच्चे की हत्या के बाद मां और चाचा घर वाले और पुलिस के सामने नाटक करते रहे। चाचा घरवालों के साथ बच्चे को तलाशने का नाटक करता रहा। ऐसे ही मां भी सभी लोगों को गुमराह करती रही। बच्चे का शव मिलने के बाद भी वो रोने का नाटक करती रही। हत्यारी मां का एक वीडियो भी सामने आया है। ये वीडियो बच्चे के लापता होने की कहानी के बाद है। इसमें हत्यारी मां झूठे आंसू बहाते हुए बच्चे के साथ अनहोनी की बात कह रही है। देवर के प्यार में 8 साल के बेटे की हत्या:आगरा में आपत्तिजनक हालत में देखा तो चाचा बोला-क्या करें आगरा में 8 साल के मासूम की हत्या उसकी मां और चाचा ने मिलकर की थी। मां के देवर के साथ अवैध संबंध थे। बच्चे ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। इस पर चाचा ने मां से पूछा- अब क्या करना है। मां ने जवाब दिया-पूछने की क्या बात है? मार डालो, नहीं तो सबको बता देगा। इसके बाद चाचा ने कपडे़ धोने वाली मुगरी से बच्चे के सिर पर ताबड़तोड़ कई वार कर दिए। इससे बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद लाश को छत पर छिपा दिया। फिर दोनों पुलिस और घर वालों ने सामने रोने का नाटक करते रहे। आरोपी मां और चाचा को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। पढ़ें पूरी खबर ‘मैंने उसको पहले समझाने की कोशिश की। लेकिन, फिर लगा कहीं ऐसा न हो की। ये सबको जाकर सच बता दे। तब हमने सोचा इसको निपटा देते हैं। ताकि सारा राज यहीं दफन हो जाए। भाभी ने मुझे 10 रुपए दिए। मैं भतीजे रौनक काे लेकर दुकान गया। कुरकुरे खरीदे। उसको खिलाया। उससे कहा कि ले आखिरी बार कुरकुरे खा ले। फिर उसकी मां से पूछा-क्या करें। उसने इशारा किया। मार डालो। अगर बचेगा, तो सच बोलेगा। तब तक मारना जब वो मर नहीं जाए। इसके बाद लाश को छत पर छिपा दिया। पुलिस के डर से लाश को घर के पीछे बोरी में भरकर फेंक दिया।’ ये कबूल नामा है, आरोपी चाचा। जिसने भाभी से अवैध संबंधों के चलते भतीजे की हत्या कर दी। पहले एक नजर पूरे मामले पर 28 नवंबर को पीट-पीटकर मार डाला
आगरा के नया गांव में रहने वाले करन सिंह का 8 साल का बेटा रौनक शुक्रवार (29 नवंबर) शाम करीब 5 बजे अचानक घर के बाहर से लापता हो गया। घर वालों ने रौनक की तलाश की। काफी ढूंढने के बाद भी जब वह नहीं मिला, तो गुमशुदगी की FIR दर्ज करा दी। इसके 3 दिन बाद यानी 2 दिसंबर को सुबह करीब साढ़े 6 बजे मोहल्ले वालों ने घर के पीछे एक बोरा देखा। उन लोगों ने जब बोरे को खोलकर देखा, तो उसमें रौनक की लाश थी। उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे। सिर से खून रिस कर सूख चुका था। फोरेंसिक टीम ने जांच की, तो बच्चे के चाचा भानु के घर की छत और सीढ़ियों पर भी खून के निशान मिले। इससे भानु शक के दायरे में आ गया। उसके बाद उसने बताया कि मैंने भाभी यशोदा के मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। चाचा बोला-हमें बदनामी का डर था
मृतक रौनक के चाचा भानु ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया। बताया-दोपहर करीब 4 बजे रौनक ने उन्हें कमरे में आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। इससे हम दोनों घबरा गए। हमें लगा कि अब तो उनके बारे में सबको पता चल जाएगा। लोगों को क्या मुंह दिखाएंगे। बदनामी से बचने को पहले हमने रौनक को समझाने का प्रयास किया। भाभी ने गुल्लक से उसे 10 रुपए भी निकालकर दिए। लेकिन, उसने कहा कि वो पापा को सब बताएगा। इसके बाद भाभी के कहने पर मर्डर का प्लान बनाया। इसके बाद वो रौनक को दुकान पर लेकर गया। उसे कुरकुरे का पैकेट दिलवाया। पहले कमरे में छिपाई थी शव
भानु ने बताया-जैसे ही कुरकुरे की पैकेट खत्म हुई। मैंने उस पर लगातार 5-6 वार किए। वो जमीन में गिरकर तड़पता रहा। कहने लगा-चाचू मुझे छोड़ दो। लेकिन, मेरे सिर पर खून सवार था। उसको इतना मारा कि वो मर गया। शव शव को पहले कमरे में छिपाया। शाम को जब अंधेरा हो गया, तो उसे छत पर लकड़ी के गठ्ठर के नीचे छिपा दिया। खून को करीब 2 घंटे तक पोछता रहा। दो कपड़े खून से लाल हो गए थे। उसे कमरे में पीछे छिपा दिया था। दीवार पर मिले खून के निशान
भानु ने बताया-जब रौनक के सिर पर प्रहार किया, तो खून के छींटे दीवार पर फैल गई। हत्या के बाद मैंने और यशोदा ने खून को साफ करने के प्रयास भी किया। लेकिन दीवार से खून की छींटे साफ नहीं हुए। बाद में खून को छिपाने के लिए वहां पर एक ड्रम रख दिया था, जिससे किसी को शक न हो। रिश्तेदार को फंसाना चाहते थे
भानु ने बताया-लाश छत पर छिपाने के बाद सोचा था कि घर के पास में रहने वाले रिश्तेदार के घर में शव फेंक देंगे। उससे रंजिश भी है, जिससे लगेगा कि रंजिशन हत्या की गई है। इसको लेकर उसने अपहरण की कहानी भी बनाई थी। लेकिन, वो शव को वहां फेंकने में कामयाब नहीं हो पाए। 5 साल से थे दोनों में संबंध
भानु ने बताया-उसके और यशोदा के बीच में 5 साल से अवैध संबंध थे। बड़ा भाई करन घर से बाहर सूरत में रहता था। इसी बीच मेरे और भाभी के बीच में नजदीकियां बढ़ गई थीं। हम दोनों पति-पत्नी की तरह रहते थे। पुलिस के डर से फेंकी लाश
भानु ने बताया- भतीजे की हत्या करने के बाद हमने 3 दिन तक लाश को छत पर ही छिपाए रखा। रविवार (1 दिसंबर) को रौनक के पिता ने घर में कहा था कि सोमवार को वो आगरा में पुलिस कमिश्नर से मिलने जाएगा, जिससे डॉग स्क्वायड को बुलाया जा सके। इसके बाद यह बात मैंने भाभी यशोदा ने मुझे बताई। हम दोनों को लगा कि डॉग स्क्वायड आया, तो लाश का पता चल जाएगा। इसलिए हमने शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। सोमवार सुबह 4 बजे यशोदा छत पर गई। मैं मकान के नीचे खड़ा हो गया। मैंने रस्सी से लाश को बांधकर नीचे उतारा। मैंने उसे पकड़ लिया। इसके बाद यशोदा भी नीचे आ गई। फिर हम दोनों लाश को गली में फेंककर वापस घर आ गए। परिवार के सामने दहाड़े मारकर रोते थे दोनों
बच्चे की हत्या के बाद मां और चाचा घर वाले और पुलिस के सामने नाटक करते रहे। चाचा घरवालों के साथ बच्चे को तलाशने का नाटक करता रहा। ऐसे ही मां भी सभी लोगों को गुमराह करती रही। बच्चे का शव मिलने के बाद भी वो रोने का नाटक करती रही। हत्यारी मां का एक वीडियो भी सामने आया है। ये वीडियो बच्चे के लापता होने की कहानी के बाद है। इसमें हत्यारी मां झूठे आंसू बहाते हुए बच्चे के साथ अनहोनी की बात कह रही है। देवर के प्यार में 8 साल के बेटे की हत्या:आगरा में आपत्तिजनक हालत में देखा तो चाचा बोला-क्या करें आगरा में 8 साल के मासूम की हत्या उसकी मां और चाचा ने मिलकर की थी। मां के देवर के साथ अवैध संबंध थे। बच्चे ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। इस पर चाचा ने मां से पूछा- अब क्या करना है। मां ने जवाब दिया-पूछने की क्या बात है? मार डालो, नहीं तो सबको बता देगा। इसके बाद चाचा ने कपडे़ धोने वाली मुगरी से बच्चे के सिर पर ताबड़तोड़ कई वार कर दिए। इससे बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद लाश को छत पर छिपा दिया। फिर दोनों पुलिस और घर वालों ने सामने रोने का नाटक करते रहे। आरोपी मां और चाचा को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर