चारबाग रेलवे स्टेशन में वेंडर की इंट्रीगेटेड पार्किंग खत्म:अब रेलवे खुद करेगा संचालन, 3 महीने पहले 5 करोड़ में लिया था टेंडर

चारबाग रेलवे स्टेशन में वेंडर की इंट्रीगेटेड पार्किंग खत्म:अब रेलवे खुद करेगा संचालन, 3 महीने पहले 5 करोड़ में लिया था टेंडर

लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर वेंडर यानी ठेकेदार ने आखिरकार पार्किंग खत्म हो गई। दिसंबर 2024 में 5 करोड़ पर टेंडर का ठेका ADSM कंपनी ने लिया था। इसके तहत डेढ़ करोड़ पहली किस्त के तौर पर जमा भी किया था। पर महज 500 मीटर के दायरे में 2 पार्किंग होने से रोजाना यहां विवाद हो रहा था। वहीं, रेलवे के अधिकारियों की माने तो वेंडर ने तय समय मे दूसरी किस्त का पेमेंट नहीं किया था। ऐसे में कंटिन्यू करना नियमों के तहत संभव नहीं था। बुधवार से उसकी पार्किंग खत्म हो गई और गुरुवार से रेलवे खुद से पार्किंग का संचालन करेगा। बहुत जल्द दोबारा टेंडरिंग करके नए वेंडर को पार्किंग का अलॉटमेंट होगा। ठेकेदार ने नुकसान का दिया हवाला ठेकेदार का आरोप हैं कि आए दिन हो रहे इन विवादों के चलते जीआरपी, आरपीएफ भी धमका रही थीं। ऐसे में रेलवे रिजर्वेशन केंद्र के पास बनी इंट्रीगेटेड पार्किंग का संचालन बंद कर दिया गया। चारबाग में नए ठेकेदार की पार्किंग महज 90 दिन चल सकी। ठेकेदार ने नुकसान का हवाला देते हुए पार्किंग चलाने से मना कर दिया। इसके साथ ही दोहरे पार्किंग शुल्क को लेकर चल रहे विवाद पर भी विराम लग गया। गुरुवार से खुद से रेलवे करेगा संचालन गुरुवार से रेलवे प्रशासन वाहन चालकों से पार्किंग में प्रवेश पर ही शुल्क लेगा। इससे कैबवे आने-जाने पर भी यात्रियों को दोहरा शुल्क नहीं देना होगा। पिछले साल दिसंबर में ADMS (एडीएमएस) कंपनी को उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के चारबाग रेलवे स्टेशन की इंटीग्रेटेड पार्किंग का जिम्मा सौंपा गया था। पहली किस्त ही हुई थी जमा कंपनी ने पांच करोड़ रुपए के ठेके की पहली किस्त करीब डेढ़ करोड़ रुपये जमा करके पार्किंग का काम शुरू किया था। आरक्षण केंद्र पर वाहनों की पार्किंग पर्ची कटती थी। दस मिनट की आवाजाही निशुल्क थी, इसके बाद न्यूनतम 20 रुपए चार्ज लिया जाता था। यह व्यवस्‍था करीब एक महीने तक चलती रही। जनवरी से यात्रियों की शिकायतों के अंबार लगने लगे। ये था पूरा मामला दरअसल, चारबाग स्टेशन से लखनऊ जंक्‍शन के कैबवे जाने वाले यात्रियों को 80 रुपये शुल्क देने पड़ते था। इसमें कैबवे का 60 रुपये शुल्क लिया जाता था। ठेकेदार के गुर्गे भी हल्के वाहनों से भारी वाहनों का शुल्क लेते थे, जो 20 रुपये की जगह 200 रुपये होता था। इससे मारपीट की स्थितियां पैदा होती थीं।पहले 77 दिन ही चली थीइससे पहले जिस कंपनी को ठेका दिया गया था, वह 77 दिन ही पार्किंग चला सकी थी। इसके बाद ठेकेदार ने नुकसान की बात कहकर पार्किंग का ठेका छोड़ दिया था। चारबाग स्टेशन पर पार्किंग बंद होने के पीछे कई वजहें हैं। इसमें प्रमुख वजह चारबाग व कैबवे का दोहरा पार्किंग चार्ज प्रमुख है। इसके अलावा आटो-टेंपो संचालन से जुड़े लोगों से ठेकेदार की तनातनी भी एक वजह रही। वाहनों के हैंडओवर को लेकर हुई कहासुनी पार्किंग का ठेका खत्म होने के बाद चारबाग स्टेशन पर पार्किंग में खड़े वाहनों के हैंडओवर को लेकर कहासुनी हुई। जीआरपी व पार्किंग कर्मी आमने-सामने आ गए। कर्मचारी जीआरपी से लिखित में वाहनों की जिम्मेदारी लेने की मांग कर रहे थे। देर रात तक मामला फंसा रहा, जिसके बाद अधिकारियों के हस्तक्षेप पर मामला शांत हुआ।वर्जनचारबाग रेलवे स्टेशन की पार्किंग व्यवस्था एडीएमएस को सौंपी गई थी। नहीं जमा की थी दूसरी किस्त, इसलिए खत्म हुआ टेंडर NR लखनऊ के सीनियर डीसीएम कुलदीप तिवारी ने बताया कि ठेकेदार ने 3 महीने पार्किंग चलाई। अगली किस्त नहीं जमा की। गुरुवार से रेलवे प्रशासन चारबाग में पार्किंग की जिम्मेदारी खुद संभालेगा, जिससे विवादों पर रोक लगेगी। 30 दिन में फिर से टेंडर कराया जाएगा। लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर वेंडर यानी ठेकेदार ने आखिरकार पार्किंग खत्म हो गई। दिसंबर 2024 में 5 करोड़ पर टेंडर का ठेका ADSM कंपनी ने लिया था। इसके तहत डेढ़ करोड़ पहली किस्त के तौर पर जमा भी किया था। पर महज 500 मीटर के दायरे में 2 पार्किंग होने से रोजाना यहां विवाद हो रहा था। वहीं, रेलवे के अधिकारियों की माने तो वेंडर ने तय समय मे दूसरी किस्त का पेमेंट नहीं किया था। ऐसे में कंटिन्यू करना नियमों के तहत संभव नहीं था। बुधवार से उसकी पार्किंग खत्म हो गई और गुरुवार से रेलवे खुद से पार्किंग का संचालन करेगा। बहुत जल्द दोबारा टेंडरिंग करके नए वेंडर को पार्किंग का अलॉटमेंट होगा। ठेकेदार ने नुकसान का दिया हवाला ठेकेदार का आरोप हैं कि आए दिन हो रहे इन विवादों के चलते जीआरपी, आरपीएफ भी धमका रही थीं। ऐसे में रेलवे रिजर्वेशन केंद्र के पास बनी इंट्रीगेटेड पार्किंग का संचालन बंद कर दिया गया। चारबाग में नए ठेकेदार की पार्किंग महज 90 दिन चल सकी। ठेकेदार ने नुकसान का हवाला देते हुए पार्किंग चलाने से मना कर दिया। इसके साथ ही दोहरे पार्किंग शुल्क को लेकर चल रहे विवाद पर भी विराम लग गया। गुरुवार से खुद से रेलवे करेगा संचालन गुरुवार से रेलवे प्रशासन वाहन चालकों से पार्किंग में प्रवेश पर ही शुल्क लेगा। इससे कैबवे आने-जाने पर भी यात्रियों को दोहरा शुल्क नहीं देना होगा। पिछले साल दिसंबर में ADMS (एडीएमएस) कंपनी को उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के चारबाग रेलवे स्टेशन की इंटीग्रेटेड पार्किंग का जिम्मा सौंपा गया था। पहली किस्त ही हुई थी जमा कंपनी ने पांच करोड़ रुपए के ठेके की पहली किस्त करीब डेढ़ करोड़ रुपये जमा करके पार्किंग का काम शुरू किया था। आरक्षण केंद्र पर वाहनों की पार्किंग पर्ची कटती थी। दस मिनट की आवाजाही निशुल्क थी, इसके बाद न्यूनतम 20 रुपए चार्ज लिया जाता था। यह व्यवस्‍था करीब एक महीने तक चलती रही। जनवरी से यात्रियों की शिकायतों के अंबार लगने लगे। ये था पूरा मामला दरअसल, चारबाग स्टेशन से लखनऊ जंक्‍शन के कैबवे जाने वाले यात्रियों को 80 रुपये शुल्क देने पड़ते था। इसमें कैबवे का 60 रुपये शुल्क लिया जाता था। ठेकेदार के गुर्गे भी हल्के वाहनों से भारी वाहनों का शुल्क लेते थे, जो 20 रुपये की जगह 200 रुपये होता था। इससे मारपीट की स्थितियां पैदा होती थीं।पहले 77 दिन ही चली थीइससे पहले जिस कंपनी को ठेका दिया गया था, वह 77 दिन ही पार्किंग चला सकी थी। इसके बाद ठेकेदार ने नुकसान की बात कहकर पार्किंग का ठेका छोड़ दिया था। चारबाग स्टेशन पर पार्किंग बंद होने के पीछे कई वजहें हैं। इसमें प्रमुख वजह चारबाग व कैबवे का दोहरा पार्किंग चार्ज प्रमुख है। इसके अलावा आटो-टेंपो संचालन से जुड़े लोगों से ठेकेदार की तनातनी भी एक वजह रही। वाहनों के हैंडओवर को लेकर हुई कहासुनी पार्किंग का ठेका खत्म होने के बाद चारबाग स्टेशन पर पार्किंग में खड़े वाहनों के हैंडओवर को लेकर कहासुनी हुई। जीआरपी व पार्किंग कर्मी आमने-सामने आ गए। कर्मचारी जीआरपी से लिखित में वाहनों की जिम्मेदारी लेने की मांग कर रहे थे। देर रात तक मामला फंसा रहा, जिसके बाद अधिकारियों के हस्तक्षेप पर मामला शांत हुआ।वर्जनचारबाग रेलवे स्टेशन की पार्किंग व्यवस्था एडीएमएस को सौंपी गई थी। नहीं जमा की थी दूसरी किस्त, इसलिए खत्म हुआ टेंडर NR लखनऊ के सीनियर डीसीएम कुलदीप तिवारी ने बताया कि ठेकेदार ने 3 महीने पार्किंग चलाई। अगली किस्त नहीं जमा की। गुरुवार से रेलवे प्रशासन चारबाग में पार्किंग की जिम्मेदारी खुद संभालेगा, जिससे विवादों पर रोक लगेगी। 30 दिन में फिर से टेंडर कराया जाएगा।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर