जालंधर| चीमा नगर में चार एलईडी लाइटें बंद पड़ी हैं। ऐसे में रात के अंधेरे में लोगों को परेशानी होती है। इसके लिए लोगों ने निगम के कंट्रोल रूम में शिकायत भी दर्ज की है। इसके बावजूद भी लाइटों की मेंटेनेंस का काम नहीं हो सका है। इसकी वजह है कि निगम ने एलईडी लाइट कंपनी का लगभग 12 करोड़ रुपए का भुगतान पेडिंग किया, जिस वजह से कंपनी के मुलाजिमों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला और उसने काम बंद कर दिया। इस वजह से सिटी में लाइटों की मेंटेनेंस का काम बंद है, और पेंडेंसी बढ़ रही है। जालंधर| चीमा नगर में चार एलईडी लाइटें बंद पड़ी हैं। ऐसे में रात के अंधेरे में लोगों को परेशानी होती है। इसके लिए लोगों ने निगम के कंट्रोल रूम में शिकायत भी दर्ज की है। इसके बावजूद भी लाइटों की मेंटेनेंस का काम नहीं हो सका है। इसकी वजह है कि निगम ने एलईडी लाइट कंपनी का लगभग 12 करोड़ रुपए का भुगतान पेडिंग किया, जिस वजह से कंपनी के मुलाजिमों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला और उसने काम बंद कर दिया। इस वजह से सिटी में लाइटों की मेंटेनेंस का काम बंद है, और पेंडेंसी बढ़ रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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गैंगस्टर लॉरेंस इंटरव्यू केस की HC में सुनवाई:बर्खास्त डीएसपी ने गैंगस्टरों का बताया खतरा; SIT के लिए मांगे अधिकारियों के नाम
गैंगस्टर लॉरेंस इंटरव्यू केस की HC में सुनवाई:बर्खास्त डीएसपी ने गैंगस्टरों का बताया खतरा; SIT के लिए मांगे अधिकारियों के नाम गैंगस्टर लॉरेंस के पंजाब पुलिस की कस्टडी में हुए इंटरव्यू मामले की आज (28 जनवरी) को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत में बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह संधू की तरफ से वकील के माध्यम से अर्जी दाखिल की गई। साथ ही दावा किया कि गैंगस्टरों से उनके परिवार को खतरा है। पहले ही उन्हें दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है। जो बिल्कुल गलत है। हालांकि अदालत ने इस विषय को सुनने से इनकार कर दिया। एसआईटी के लिए मांगे नाम दूसरी तरफ अदालत ने इंटरव्यू केस की सुनवाई करते हुए पूछा कि क्या इस मामले की जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख प्रबोध कुमार इस मामले की जांच को आगे जारी रख सकते हैं। क्योंकि वह इस महीने ही रिटायर हो रहे हैं। साथ ही पूछा कि पंजाब पुलिस के पास कितने डीजीपी है। अदालत ने अगली सुनवाई पर पुलिस को एडीजीपी और डीजीपी स्तर के नाम देने के लिए कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई तीस जनवरी को होगी। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली
लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत
लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाते हैं।

पंजाब सरकार पर राम रहीम का आरोप:SC में पूरे तथ्य नहीं रखे; कहा-HC में हम इनको रख चुके, सुप्रीम कोर्ट जारी कर चुका नोटिस
पंजाब सरकार पर राम रहीम का आरोप:SC में पूरे तथ्य नहीं रखे; कहा-HC में हम इनको रख चुके, सुप्रीम कोर्ट जारी कर चुका नोटिस पंजाब सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी नोटिस पर डेरा प्रमुख राम रहीम की और प्रतिक्रिया आई है। डेरा प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में डेरा अपना पक्ष रखेगा। पंजाब सरकार की याचिका पर सवाल उठाते हुए डेरा प्रवक्ता ने कहा कि इस याचिका में अधूरे तथ्यों को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखा गया है। इसका हम कानूनी जवाब सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही पूरे तथ्यों के साथ दायर करेंगे। हमने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के समक्ष जब सभी तथ्यों को रखा था तो हाईकोर्ट ने इन केसों पर रोक लगा दी थीI सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (18 अक्टूबर) को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें गुरमीत राम रहीम के खिलाफ 2015 में पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों में ट्रायल पर रोक लगाई गई थी। इसलिए हाईकोर्ट गया था राम रहीम जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने पंजाब सरकार की उस याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसमें हाईकोर्ट द्वारा राम रहीम के ट्रायल पर रोक को चुनौती दी गई थी।दरअसल, 2021 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम ने जून और अक्टूबर 2015 के बीच श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की तीन अलग-अलग घटनाओं की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया। क्योंकि पंजाब सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने राम रहीम को आरोपी बनाया था। डेरा प्रमुख ने की थी सीबीआई जांच जारी रखने की मांग हाईकोर्ट में डेरा प्रमुख ने पंजाब सरकार की 6 सितंबर, 2018 की अधिसूचना को चुनौती दी थी। जिसमें सरकार ने जांच को सीबीआई को सौंपने की अपनी सहमति वापस ले ली थी। अपनी याचिका में डेरा प्रमुख ने मांग की थी कि सीबीआई को बेअदबी के मामलों की जांच जारी रखने का निर्देश दिया जाए। इस साल मार्च में हाईकोर्ट ने इस याचिका को बड़ी बेंच को भेज दिया था ताकि यह पता लगाया जा सके कि सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा दी गई सहमति को बाद में वापस लिया जा सकता है या नहीं। इसके बाद कोर्ट ने आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। जिस पर पंजाब सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कल की सुनवाई में दी गईं ये दलीलें वहीं कल यानी 18 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कहा कि 6 सितंबर की अधिसूचना कानून की नजर में सही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे सही ठहराया है। दूसरी ओर, प्रतिवादियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर ने दलील दी कि हाईकोर्ट ने बस वही किया है जो पंजाब सरकार ने वैकल्पिक रूप से अनुरोध किया था। उन्होंने बताया कि यह मुद्दा दो तरह के मामलों से संबंधित है – पहला- पुलिस गोलीबारी की घटनाओं से संबंधित है, और दूसरा- बेअदबी से संबंधित है। इसके अलावा, इस मुद्दे पर अलग-अलग विचार लिए गए हैं, इसलिए हाईकोर्ट द्वारा बड़ी बेंच को रेफर किया गया। सीनियर वकील ने यह भी कहा कि मामला आज डिवीजन बेंच के समक्ष सूचीबद्ध है और अगर राज्य स्थगन नहीं ले रहा होता, तो अब तक इस पर फैसला हो चुका होता। माथुर की बात सुनते हुए जस्टिस गवई ने पूछा, “कैसे… समन्वय पीठ के आदेश की अनदेखी कर सकते हैं? “पंजाब के एजी ने भी माथुर की दलील का विरोध करते हुए कहा कि सभी मामले अधिसूचना का हिस्सा थे। आखिरकार, पीठ ने नोटिस जारी किया और विवादित आदेश पर रोक लगा दी। यहां जानिए पूरा विवाद… इस विवाद के केंद्र में पंजाब में अपवित्रीकरण की कई घटनाएं हैं, जो जून 2015 में फरीदकोट के बुर्ज जवाहर सिंह वाला गांव में एक गुरुद्वारे से गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति की चोरी से शुरू हुई थी। इसके बाद, सितंबर में, फरीदकोट के जवाहर सिंह वाला और बरगाड़ी गांवों में पवित्र ग्रंथ के खिलाफ हाथ से लिए हुए अपवित्र पोस्टर लगाए गए। उसी वर्ष अक्टूबर में, बरगाड़ी में एक गुरुद्वारे के पास पवित्र ग्रंथ के कई फटे हुए अंग (पृष्ठ) बिखरे हुए मिले। बाद में स्थिति ये बन आई कि पंजाब में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। राज्य पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें दो आंदोलनकारियों की मौत हो गई। इस दौरान पंजाब में सामाजिक और राजनीतिक अशांति और बढ़ गई। गुरु ग्रंथ साहिब की प्रति की चोरी और अपवित्रता से संबंधित तीन परस्पर जुड़े मामलों में कुल 12 लोगों को नामजद किया गया था। शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी की पिछली गठबंधन सरकार ने नवंबर में जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई के क्लोजर रिपोर्ट में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। जून 2019 में, सीबीआई ने एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की जिसमें कहा गया कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला, लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी शिरोमणि अकाली दल दोनों ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया। कुछ ही महीनों के भीतर, पंजाब सरकार ने सीबीआई को जांच करने की अनुमति देने वाली सहमति वापस ले ली और मामलों को राज्य पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दिया गया। तीनों मामलों में आरोप तय करने पर बहस के दौरान फरीदकोट अदालत में मुकदमा लंबित था। सीबीआई जांच के नतीजे से पूरी तरह अलग हटकर, एसआईटी ने कई डेरा अनुयायियों, तीन राष्ट्रीय समिति के सदस्यों और डेरा प्रमुख राम रहीम को बेअदबी के मामलों में आरोपी बनाया। पंजाब पुलिस ने विवादास्पद, गुरमीत राम रहीम सिंह को मुख्य साजिशकर्ता के रूप में नामित किया। 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने बेअदबी के मामलों में राम रहीम और सात अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजाब के फरीदकोट से चंडीगढ़ ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था।

पंजाब NSUI अध्यक्ष से मिले बजरंग पूनिया:बोले- किसानों के साथ खड़े रहेंगे, युवाओं की आवाज को दबा रही बीजेपी
पंजाब NSUI अध्यक्ष से मिले बजरंग पूनिया:बोले- किसानों के साथ खड़े रहेंगे, युवाओं की आवाज को दबा रही बीजेपी किसान आंदोलन और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के पक्ष में बीते दिनों चंडीगढ़ में पंजाब कांग्रेस नेताओं के द्वारा प्रोटेस्ट किया गया था। इस दौरान पंजाब एनएसयूआई अध्यक्ष ईशरप्रीत सिंह सिद्धू से को चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इसे लेकर आज ईशरप्रीत सिंह से मिलने के लिए अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं प्रसिद्ध पहलवान बजरंग पूनिया पटियाला जिले के राजपुरा पहुंचे। पूनिया ने कहा कि किसानों की लड़ाई पूरे देश की लड़ाई है, ना कि सिर्फ हमारी। मगर बीजेपी वाले किसानों को बांटने का की कोशिश कर रहे हैं। बीजेपी युवाओं की आवाज दबाने की कोशिश कर रहे हैं। पूनिया ने कहा कि हम हमेशा किसानों के पक्ष में आवाज उठाने वालों के साथ खड़े रहेंगे। इशरप्रीत बोले- पुलिस ने हमें दबाने की कोशिश की ईशरप्रीत ने कहा कि भारतीय गृह मंत्रालय किसानों के हकों के बारे में बोलने वाली हर आवाज को पुलिस के बल पर दबाने की कोशिश कर रहा है। जिसके मद्देनजर लगातार भूख हड़ताल पर बैठे डल्लेवाल के हक में बोलने वालों पर ये कार्रवाई की गई और गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि यह हमारा पेशा नहीं बल्कि हमारा धर्म है, और इसके लिए पंजाब का बच्चा-बच्चा किसी भी तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार है। अगर हमारे नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसके लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी।