चौहारघाटी में डेढ़ माह बाद भी सामान्य नहीं हुए हालात:सड़कें बंद, बाजार नहीं पहुंच पा रहीं फसलें; जायजा लेने पहुंचे पूर्व विधायक जवाहर

चौहारघाटी में डेढ़ माह बाद भी सामान्य नहीं हुए हालात:सड़कें बंद, बाजार नहीं पहुंच पा रहीं फसलें; जायजा लेने पहुंचे पूर्व विधायक जवाहर

मंडी जिले की चौहारघाटी की ग्राम पंचायत तरसवाण में बरसात से हुई तबाही के बाद सवा महीना बीत गया। लेकिन अब तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। यहां अभी भी जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त है। ग्रामीण खासी परेशानी झेल रहे हैं। हालांकि बरसात में तबाह हुई धरमेहड़-तरसवाण-गढ़ गांव सड़क को बहाल करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने बड़ी पोकलेन मशीन यहां लगाई है। लेकिन कई जगह पर नई सड़क बनाने में समय लग रहा है। ऐसे में किसानों की आलू – गोभी सहित अन्य फसलें बाजार तक पहुंचना ने भारी परेशानियों का सामना करना पड़ करा है। पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर भी सोमवार देर शाम को ग्रामीणों का हाल जानने और घटना में हुए नुकसान का जायजा लेने द्रगड़, गढ़ गांव और समालंग गांव पहुंचे। पीड़ित परिवारों की सहायता करने सरकार से की मांग उन्होंने पीड़ित परिवारों की हर संभव सहायता करने की प्रदेश सरकार से मांग उठाई। गांव की सड़क के पुनर्निर्माण को लेकर राहत कार्य में तेजी लाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष सामान्य बरसात होने के बावजूद चौहारघाटी में खासा नुकसान हुआ है। जिस कारण लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। गौरतलब है कि बीते 31 जुलाई रात्रि को चौहारघाटी के राजबन के साथ ग्राम पंचायत तरसवाण के समालंग, द्रगड़ और गढ़गांव में भी मूसलाधार बारिश से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। यहां पहाड़ी में बादल फटने के बाद गढ़गांव खड्ड और रुलंग नाले ने खासा कहर बरपाया था। दो किलोमीटर तक सड़क हो गई थी तबाह इस दौरान दो रिहायशी मकान, एक पुल, तीन फुटब्रिज, एक आरा मशीन, एक घराट, दो गौशालाएं और दो कारें पानी के तेज बहाव में बह गए थे। जबकि दो किलोमीटर के करीब सड़क का नामोनिशान मिट गया था। सड़क बंद होने के कारण ग्रामीणों के डेढ़ दर्जन के करीब छोटे वाहन गांव में फंसे हुए हैं। आने-जाने के सभी रास्ते बंद हैं। खड्ड नालों के सभी फुटब्रिज बह चुके हैं। ग्रामीणों ने अपने दम पर रास्ते बना पैदल आवाजाही बहाल की है। मंडी जिले की चौहारघाटी की ग्राम पंचायत तरसवाण में बरसात से हुई तबाही के बाद सवा महीना बीत गया। लेकिन अब तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। यहां अभी भी जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त है। ग्रामीण खासी परेशानी झेल रहे हैं। हालांकि बरसात में तबाह हुई धरमेहड़-तरसवाण-गढ़ गांव सड़क को बहाल करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने बड़ी पोकलेन मशीन यहां लगाई है। लेकिन कई जगह पर नई सड़क बनाने में समय लग रहा है। ऐसे में किसानों की आलू – गोभी सहित अन्य फसलें बाजार तक पहुंचना ने भारी परेशानियों का सामना करना पड़ करा है। पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर भी सोमवार देर शाम को ग्रामीणों का हाल जानने और घटना में हुए नुकसान का जायजा लेने द्रगड़, गढ़ गांव और समालंग गांव पहुंचे। पीड़ित परिवारों की सहायता करने सरकार से की मांग उन्होंने पीड़ित परिवारों की हर संभव सहायता करने की प्रदेश सरकार से मांग उठाई। गांव की सड़क के पुनर्निर्माण को लेकर राहत कार्य में तेजी लाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष सामान्य बरसात होने के बावजूद चौहारघाटी में खासा नुकसान हुआ है। जिस कारण लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। गौरतलब है कि बीते 31 जुलाई रात्रि को चौहारघाटी के राजबन के साथ ग्राम पंचायत तरसवाण के समालंग, द्रगड़ और गढ़गांव में भी मूसलाधार बारिश से करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। यहां पहाड़ी में बादल फटने के बाद गढ़गांव खड्ड और रुलंग नाले ने खासा कहर बरपाया था। दो किलोमीटर तक सड़क हो गई थी तबाह इस दौरान दो रिहायशी मकान, एक पुल, तीन फुटब्रिज, एक आरा मशीन, एक घराट, दो गौशालाएं और दो कारें पानी के तेज बहाव में बह गए थे। जबकि दो किलोमीटर के करीब सड़क का नामोनिशान मिट गया था। सड़क बंद होने के कारण ग्रामीणों के डेढ़ दर्जन के करीब छोटे वाहन गांव में फंसे हुए हैं। आने-जाने के सभी रास्ते बंद हैं। खड्ड नालों के सभी फुटब्रिज बह चुके हैं। ग्रामीणों ने अपने दम पर रास्ते बना पैदल आवाजाही बहाल की है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर