<p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh News Today:</strong> छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जवानों के एंटी नक्सल ऑपरेशन से माओवादी संगठन बैकफुट पर हैं. जवानों ने नक्सलियों के गढ़ बस्तर सहित कई जगहों पर चौकियों का गठन किया है, इससे इन इलाकों में नक्सलियों की पकड़ ढीली हुई है. एंटी नक्सल ऑपरेशन को देखते हुए बीते कई महीनों में बड़ी संख्या में नक्सलियों ने सरेंडर किया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी नक्सिलयों को उन्हीं के भाषा में जवाब देने का फैसला किया है. अपने ऑफिशियल हैंडल एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट एक संदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने देश विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><img style=”display: block; margin-left: auto; margin-right: auto;” src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/18/39409d391d6941e0017c4d97b881bc9d1723994690356651_original.jpeg” width=”370″ height=”155″ /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम साय ने क्या कहा?</strong><br />मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट संदेश में लिखा, “माओवादी के खिलाफ हमारी सरकार का रुख बिल्कुल साफ है. हम उन्हें बोली का जवाब बोली से और गोली का जवाब गोली से देंगे.” इसके जरिये मुख्यमंत्री ने नक्सलियों को एक कड़ा संदेश देने की कोशिश कि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम विष्णुदेव साय ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि “हमारी सरकार छत्तीसगढ़ के विकास के लिए दृढ़ संकल्प है और हमारे जवान पूरी बहादुरी के साथ नक्सलियों से मुकाबला कर रहे हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने नक्सलियों को मुख्य धारा में लौटने का न्योता देते हुए कहा, “सरकार का लक्ष्य सिर्फ माओवाद का समूल नाश ही नहीं है बल्कि हिंसा छोड़ने वाले नक्सलियों को दोबारा समाज की मुख्यधारा में शामिल करना भी है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लाल आतंक का घटता दायरा</strong><br />हालिया कुछ वर्षों में जवानों के एंटी नक्सल ऑपरेशन और सरकार की नक्सलियों के लिये पुनर्वास नीति का असर भी दिखा है. साल 2022 में छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से कहा गया था कि नक्सल प्रभावित सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कांकेर, बस्तर, नारायणपुर और कोंडागांव जिले के कई गांवों को लाल आंतकवाद से मुक्ति मिल गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बीते 8 महीनों में छत्तीसगढ़ में एंटी नक्सल ऑपरेशन में 146 नक्सली मारे गए हैं. इस दौरान जवानों ने अलग-अलग ऑपरेशन के दौरान 648 नक्सिलयों को गिरफ्तार किया है, जबकि 594 नक्सली ने सरेंडर कर दिया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पुनर्वास नीति योजना का सरकार की तरफ से लाभ दिया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”छत्तीसगढ़: बलौदा बाजार हिंसा मामले में कांग्रेस MLA की गिरफ्तारी से भड़के पूर्व CM बघेल, जानें क्या कहा?” href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/baloda-bazar-violence-case-bhupesh-baghel-on-congress-mla-devendra-yadav-arrested-in-chhattisgarh-2763933″ target=”_blank” rel=”noopener”>छत्तीसगढ़: बलौदा बाजार हिंसा मामले में कांग्रेस MLA की गिरफ्तारी से भड़के पूर्व CM बघेल, जानें क्या कहा?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh News Today:</strong> छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जवानों के एंटी नक्सल ऑपरेशन से माओवादी संगठन बैकफुट पर हैं. जवानों ने नक्सलियों के गढ़ बस्तर सहित कई जगहों पर चौकियों का गठन किया है, इससे इन इलाकों में नक्सलियों की पकड़ ढीली हुई है. एंटी नक्सल ऑपरेशन को देखते हुए बीते कई महीनों में बड़ी संख्या में नक्सलियों ने सरेंडर किया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी नक्सिलयों को उन्हीं के भाषा में जवाब देने का फैसला किया है. अपने ऑफिशियल हैंडल एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट एक संदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने देश विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><img style=”display: block; margin-left: auto; margin-right: auto;” src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/08/18/39409d391d6941e0017c4d97b881bc9d1723994690356651_original.jpeg” width=”370″ height=”155″ /></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम साय ने क्या कहा?</strong><br />मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट संदेश में लिखा, “माओवादी के खिलाफ हमारी सरकार का रुख बिल्कुल साफ है. हम उन्हें बोली का जवाब बोली से और गोली का जवाब गोली से देंगे.” इसके जरिये मुख्यमंत्री ने नक्सलियों को एक कड़ा संदेश देने की कोशिश कि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम विष्णुदेव साय ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि “हमारी सरकार छत्तीसगढ़ के विकास के लिए दृढ़ संकल्प है और हमारे जवान पूरी बहादुरी के साथ नक्सलियों से मुकाबला कर रहे हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने नक्सलियों को मुख्य धारा में लौटने का न्योता देते हुए कहा, “सरकार का लक्ष्य सिर्फ माओवाद का समूल नाश ही नहीं है बल्कि हिंसा छोड़ने वाले नक्सलियों को दोबारा समाज की मुख्यधारा में शामिल करना भी है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लाल आतंक का घटता दायरा</strong><br />हालिया कुछ वर्षों में जवानों के एंटी नक्सल ऑपरेशन और सरकार की नक्सलियों के लिये पुनर्वास नीति का असर भी दिखा है. साल 2022 में छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से कहा गया था कि नक्सल प्रभावित सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कांकेर, बस्तर, नारायणपुर और कोंडागांव जिले के कई गांवों को लाल आंतकवाद से मुक्ति मिल गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बीते 8 महीनों में छत्तीसगढ़ में एंटी नक्सल ऑपरेशन में 146 नक्सली मारे गए हैं. इस दौरान जवानों ने अलग-अलग ऑपरेशन के दौरान 648 नक्सिलयों को गिरफ्तार किया है, जबकि 594 नक्सली ने सरेंडर कर दिया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पुनर्वास नीति योजना का सरकार की तरफ से लाभ दिया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”छत्तीसगढ़: बलौदा बाजार हिंसा मामले में कांग्रेस MLA की गिरफ्तारी से भड़के पूर्व CM बघेल, जानें क्या कहा?” href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/baloda-bazar-violence-case-bhupesh-baghel-on-congress-mla-devendra-yadav-arrested-in-chhattisgarh-2763933″ target=”_blank” rel=”noopener”>छत्तीसगढ़: बलौदा बाजार हिंसा मामले में कांग्रेस MLA की गिरफ्तारी से भड़के पूर्व CM बघेल, जानें क्या कहा?</a></strong></p> छत्तीसगढ़ CM अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने शरद पवार से की मुलाकात, क्या हैं सियासी मायने?