छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, एंटी नक्सल ऑपरेशन में 31 नक्सली ढेर, 21 दिनों तक चला अभियान

छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता, एंटी नक्सल ऑपरेशन में 31 नक्सली ढेर, 21 दिनों तक चला अभियान

<p style=”text-align: justify;”><strong>Bijapur News:</strong> छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टालू की पहाड़ियों पर पिछले 21 दिनों से नक्सलियों के खिलाफ एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा था. इसे लेकर सीआरपीएफ के डीजी जी.पी सिंह और छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम समेत बस्तर में तैनात CRPF और बस्तर पुलिस के आला अधिकारियों ने बीजापुर के पुलिस लाइन में बुधवार (14 मई) को प्रेस कॉन्फ्रेंस की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>CRPF के डीजी जी.पी सिंह ने बताया कि कर्रेगुट्टालू की पहाड़ियों में 21 दिनों तक चले नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को काफी बड़ी सफलता मिली है. &nbsp;इस ऑपरेशन से माओवादी संगठन को काफी बड़ा नुकसान पहुंचा है. इन 21 दिनों में कर्रेगुट्टालु की पहाड़ियों में हुए अलग-अलग मुठभेड़ों में कुल 31 नक्सलियों को मार गिराने के साथ ही 150 से ज्यादा बंकरों को ध्वस्त करने में जवानों को सफलता हासिल हुई है. साथ ही देसी हथियार बनाने की फैक्ट्री को भी ध्वस्त कर बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामान बरामद किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कर्रेगुट्टालू के पहाड़ियों में नक्सलियों के अलग-अलग ठिकानों से कुल 450 IED बरामद करने के साथ ही, सैकड़ों की संख्या में बीजीएल सेल, इलेक्ट्रॉनिक सामान, नक्सली साहित्य, भारी संख्या में नक्सलियों के हथियार, जिसमें ऑटोमेटिक हथियर समेत 12 बोर की बंदूक 3 नोट 3, जिलेटिन वायर और नक्सलियों की लेथ मशीन समेत जनरेटर मोटर, जैसी मशीनों को भी जब्त कर नष्ट करने की कार्रवाई की गई.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>45 प्रतिशत डिग्री तापमान में जवानों ने चलाया ऑपरेशन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सीआरपीएफ डीजी का कहना है कि कर्रेगुट्टालू के पहाड़ी इलाके में लगभग 45 प्रतिशत डिग्री तापमान होने के बावजूद भी जवानों ने 21 दिन तक नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया और इस ऑपरेशन में कई बड़ी सफलता मिली. हालांकि, इस ऑपरेशन में 18 से ज्यादा जवान घायल हुए, जिसमें से कई जवान डिहाइड्रेशन के शिकार हुए. वहीं कुछ जवान नक्सलियों द्वारा लगाए गए IED की चपेट में आने से घायल हुए, सभी जवानों का ईलाज जारी है. उनकी जान खतरे से बाहर बनी हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डीजी ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ आगे भी ऑपरेशन जारी रहेगा. देश में जो राज्य नक्सल प्रभावित हैं, उन राज्यों में सुरक्षा एजेंसी को मजबूत किया गया है और नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों में नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है. यही वजह है कि नक्सलियों को इन अभियानों में काफी नुकसान पहुंच रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि 2014 से शुरू अभियान 2019 से और तेज हुआ, अभियान में जवानों के लिए देश भर में संयुक्त प्रशिक्षण दिया गया. यही वजह रही कि 2014 में देश के जहां 35 जिले घोर नक्सल प्रभावित थे. वहीं 2025 में केवल 6 जिले नक्सल गतिविधियों के केंद्र हैं. सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव के चलते नक्सल हिंसा में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बड़ी संख्या में नक्सलियों के घायल होने का दावा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा डीजी ने कर्रेगुट्टालू के ऑपरेशन में बड़ी संख्या में नक्सलियों के घायल होने और मारे जाने का भी दावा किया है. डीजी ने बताया कि कठिन भौगोलिक स्थिति का सामना करते हुए जवानों ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, पुजारी कांके और गलगम की पहाड़ियों की चढ़ाई करते हुए जवान कर्रेगुट्टालू की पहाड़ी पर पहुंचे और यहां लगातार अलग-अलग इलाकों में बने नक्सलियों के ठिकानों को ध्वस्त कर नक्सलियों का सामान बरामद किया. इस&nbsp; ऑपरेशन में सीआरपीएफ कोबरा, एसटीएफ, डीआरजी और बस्तर फाइटर के लगभग 5 हजार से अधिक जवान शामिल हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम ने बताया कि इस ऑपरेशन में मारे गए 31 माओवादियों में से 28 माओवादियों की पहचान कर ली गई है. इन पर कुल 1 करोड़ 72 लाख रुपये का इनाम घोषित है, जिसमें मुख्यतः दो डिवीजन स्तर के माओवादी, 11 PLGA बटालियन नंबर एक के सदस्य पीपीसीएम मेंबर DKSZC और एसीएम सदस्य शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा एडीजी नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि साल 2024 में नक्सल विरोधी अभियान में 197 नक्सलियों के शव बरामद किए गए. वहीं 2025 में इन 4 महीनों में कुल 174 हार्डकोर नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं. जवानों के बढ़ते दबाव के चलते नक्सली अब छोटे-छोटे इकाइयों में बट गए हैं. पिछले कुछ सालों से सुरक्षा बलों का बस्तर संभाग के अलग-अलग नक्सल प्रभावित इलाकों &nbsp;में पकड़ मजबूत हुआ है. साथ ही इंद्रावती नेशनल पार्क और नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में जवानों के बढ़ते दबाव के चलते नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लोगों का जवानों के प्रति मनोबल बढ़ा- एडीजी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि नक्सलियों के बैकफुट पर आने से इलाके में विकास कार्य भी जवानों के सुरक्षा के साए में किए जा रहे हैं, जिससे आम जनों का जवानों के प्रति मनोबल बढ़ा है. यही वजह है कि नक्सल विरोधी अभियान में लगातार जवानों को सफलता मिल रही है. इसके अलावा एडीजी ने बताया कि मारे गए 31 नक्सलियों में 16 वर्दीधारी महिला नक्सली हैं. 31 नक्सलियों के शवों के साथ उनके 35 हथियार बरामद किए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मारे गए नक्सली PLGA बटालियन नंबर एक के सदस्य हैं. इसके अलावा तेलंगाना राज्य समिति, दंडकारण्य विशेष जोनल समिति के माओवादी कार्ड्स हैं, कर्रेगुट्टालू की पहाड़ियों में कुल 16 बार नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई. नक्सलियो के अलग-अलग ठिकाने से और नक्सलियों के बंकर से तलाशी अभियानों के दौरान 450 नग आईईडी, 818 नग बीजीएल सेल, 899 बंडल कॉर्डेक्स वायर, और भारी मात्रा में विस्फोटक सामान बरामद किए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुरक्षाबलों ने माओवादियों के चार तकनीकी इकाइयों को नष्ट किया है, जिनका उपयोग बीजीएल सेल, देसी हथियार, IED और अन्य घातक हथियारों के निर्माण के लिए किया जा रहा था. इन तकनीकी इकाइयों के ठिकानों से चार लेथ मशीन भी बरामद कर नष्ट की गई है. इसके अलावा इन बंकर से बड़ी मात्रा में राशन सामान दवाएं और दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी बरामद किए गए हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bijapur News:</strong> छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टालू की पहाड़ियों पर पिछले 21 दिनों से नक्सलियों के खिलाफ एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा था. इसे लेकर सीआरपीएफ के डीजी जी.पी सिंह और छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम समेत बस्तर में तैनात CRPF और बस्तर पुलिस के आला अधिकारियों ने बीजापुर के पुलिस लाइन में बुधवार (14 मई) को प्रेस कॉन्फ्रेंस की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>CRPF के डीजी जी.पी सिंह ने बताया कि कर्रेगुट्टालू की पहाड़ियों में 21 दिनों तक चले नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में सुरक्षाबलों को काफी बड़ी सफलता मिली है. &nbsp;इस ऑपरेशन से माओवादी संगठन को काफी बड़ा नुकसान पहुंचा है. इन 21 दिनों में कर्रेगुट्टालु की पहाड़ियों में हुए अलग-अलग मुठभेड़ों में कुल 31 नक्सलियों को मार गिराने के साथ ही 150 से ज्यादा बंकरों को ध्वस्त करने में जवानों को सफलता हासिल हुई है. साथ ही देसी हथियार बनाने की फैक्ट्री को भी ध्वस्त कर बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामान बरामद किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कर्रेगुट्टालू के पहाड़ियों में नक्सलियों के अलग-अलग ठिकानों से कुल 450 IED बरामद करने के साथ ही, सैकड़ों की संख्या में बीजीएल सेल, इलेक्ट्रॉनिक सामान, नक्सली साहित्य, भारी संख्या में नक्सलियों के हथियार, जिसमें ऑटोमेटिक हथियर समेत 12 बोर की बंदूक 3 नोट 3, जिलेटिन वायर और नक्सलियों की लेथ मशीन समेत जनरेटर मोटर, जैसी मशीनों को भी जब्त कर नष्ट करने की कार्रवाई की गई.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>45 प्रतिशत डिग्री तापमान में जवानों ने चलाया ऑपरेशन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सीआरपीएफ डीजी का कहना है कि कर्रेगुट्टालू के पहाड़ी इलाके में लगभग 45 प्रतिशत डिग्री तापमान होने के बावजूद भी जवानों ने 21 दिन तक नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया और इस ऑपरेशन में कई बड़ी सफलता मिली. हालांकि, इस ऑपरेशन में 18 से ज्यादा जवान घायल हुए, जिसमें से कई जवान डिहाइड्रेशन के शिकार हुए. वहीं कुछ जवान नक्सलियों द्वारा लगाए गए IED की चपेट में आने से घायल हुए, सभी जवानों का ईलाज जारी है. उनकी जान खतरे से बाहर बनी हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>डीजी ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ आगे भी ऑपरेशन जारी रहेगा. देश में जो राज्य नक्सल प्रभावित हैं, उन राज्यों में सुरक्षा एजेंसी को मजबूत किया गया है और नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों में नई तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है. यही वजह है कि नक्सलियों को इन अभियानों में काफी नुकसान पहुंच रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि 2014 से शुरू अभियान 2019 से और तेज हुआ, अभियान में जवानों के लिए देश भर में संयुक्त प्रशिक्षण दिया गया. यही वजह रही कि 2014 में देश के जहां 35 जिले घोर नक्सल प्रभावित थे. वहीं 2025 में केवल 6 जिले नक्सल गतिविधियों के केंद्र हैं. सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव के चलते नक्सल हिंसा में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बड़ी संख्या में नक्सलियों के घायल होने का दावा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा डीजी ने कर्रेगुट्टालू के ऑपरेशन में बड़ी संख्या में नक्सलियों के घायल होने और मारे जाने का भी दावा किया है. डीजी ने बताया कि कठिन भौगोलिक स्थिति का सामना करते हुए जवानों ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, पुजारी कांके और गलगम की पहाड़ियों की चढ़ाई करते हुए जवान कर्रेगुट्टालू की पहाड़ी पर पहुंचे और यहां लगातार अलग-अलग इलाकों में बने नक्सलियों के ठिकानों को ध्वस्त कर नक्सलियों का सामान बरामद किया. इस&nbsp; ऑपरेशन में सीआरपीएफ कोबरा, एसटीएफ, डीआरजी और बस्तर फाइटर के लगभग 5 हजार से अधिक जवान शामिल हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम ने बताया कि इस ऑपरेशन में मारे गए 31 माओवादियों में से 28 माओवादियों की पहचान कर ली गई है. इन पर कुल 1 करोड़ 72 लाख रुपये का इनाम घोषित है, जिसमें मुख्यतः दो डिवीजन स्तर के माओवादी, 11 PLGA बटालियन नंबर एक के सदस्य पीपीसीएम मेंबर DKSZC और एसीएम सदस्य शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा एडीजी नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि साल 2024 में नक्सल विरोधी अभियान में 197 नक्सलियों के शव बरामद किए गए. वहीं 2025 में इन 4 महीनों में कुल 174 हार्डकोर नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं. जवानों के बढ़ते दबाव के चलते नक्सली अब छोटे-छोटे इकाइयों में बट गए हैं. पिछले कुछ सालों से सुरक्षा बलों का बस्तर संभाग के अलग-अलग नक्सल प्रभावित इलाकों &nbsp;में पकड़ मजबूत हुआ है. साथ ही इंद्रावती नेशनल पार्क और नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में जवानों के बढ़ते दबाव के चलते नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लोगों का जवानों के प्रति मनोबल बढ़ा- एडीजी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि नक्सलियों के बैकफुट पर आने से इलाके में विकास कार्य भी जवानों के सुरक्षा के साए में किए जा रहे हैं, जिससे आम जनों का जवानों के प्रति मनोबल बढ़ा है. यही वजह है कि नक्सल विरोधी अभियान में लगातार जवानों को सफलता मिल रही है. इसके अलावा एडीजी ने बताया कि मारे गए 31 नक्सलियों में 16 वर्दीधारी महिला नक्सली हैं. 31 नक्सलियों के शवों के साथ उनके 35 हथियार बरामद किए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि मारे गए नक्सली PLGA बटालियन नंबर एक के सदस्य हैं. इसके अलावा तेलंगाना राज्य समिति, दंडकारण्य विशेष जोनल समिति के माओवादी कार्ड्स हैं, कर्रेगुट्टालू की पहाड़ियों में कुल 16 बार नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई. नक्सलियो के अलग-अलग ठिकाने से और नक्सलियों के बंकर से तलाशी अभियानों के दौरान 450 नग आईईडी, 818 नग बीजीएल सेल, 899 बंडल कॉर्डेक्स वायर, और भारी मात्रा में विस्फोटक सामान बरामद किए गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुरक्षाबलों ने माओवादियों के चार तकनीकी इकाइयों को नष्ट किया है, जिनका उपयोग बीजीएल सेल, देसी हथियार, IED और अन्य घातक हथियारों के निर्माण के लिए किया जा रहा था. इन तकनीकी इकाइयों के ठिकानों से चार लेथ मशीन भी बरामद कर नष्ट की गई है. इसके अलावा इन बंकर से बड़ी मात्रा में राशन सामान दवाएं और दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी बरामद किए गए हैं.</p>  छत्तीसगढ़ Maharashtra: ठाणे की सोसाइटी में टेबल लगाने को लेकर हुआ झगड़ा, शख्स ने काट दी पड़ोसी की उंगली