झांसी में जगुआर कार पलटने से शराब कारोबारी के बेटे की मौत हो गई। वह ओरछा में रामराजा सरकार के दर्शन करके घर लौट रहे थे। मऊरानीपुर हाईवे पर जानवर को बचाने के चक्कर में जगुआर कार का संतुलन बिगड़ गया। कार 5 पलटी खाते हुए सड़क कनारे जा गिरी। हादसे में मौत हो गई। जबकि उसका बड़ा भाई, जीजा समेत 4 लाेग घायल है। इसमें से तीन लोगों को प्राइवेट अस्पताल में एडमिट करवाया गया है। हादसा नवाबाद थाना क्षेत्र के भगवंतपुरा से दिगारा के बीच हुआ है। ओरछा में दर्शन कर जीजा को घुमाया मृतक का नाम ऋषि राय (23) पुत्र राजकुमार राय था। वह सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के रस बहार कॉलोनी के रहने वाला था। मृतक के परिजन एडवोकेट रामेश्वर राय ने बताया कि रविवार रात को ऋषि राय अपने बड़े भाई सागर राय, जीजा करन, चचेरा भाई कपिल राय और मौसेरा भाई पवन के साथ ओरछा में रामराजा मंदिर के दर्शन करने गए थे। दर्शन करने के बाद जीजा को ओरछा घुमाया। इसके बाद रात करीब 11 बजे सभी अपनी जगुआर कार से घर लौट रहे थे। रास्ते में भगवंतपुरा से दिगारा के बीच हाइवे पर अचानक जानवर आ गया। जानवर को बचाने के चक्कर में कार का संतुलन बिगड़ गया। कार 4 से 5 पलटी खाते हुए सड़क किनारे जा गिरी। इस हादसे में ऋषि राय की मौके पर ही मौत हो गई। कार की छत खुली, बाहर फिक गए रामेश्वर राय ने आगे बताया कि जब जगुआर कार पलटी खाई तो उसकी छत खुल गई। कार में सवार सभी लोग बाहर फिक गए। हादसे में सागर, कपिल, करन और पवन घायल हो गए। इसमें पवन खतरे से बाहर है। बाकी तीन घायलों को निजी अस्पताल में एडमिट करवाया गया है। हादसे की सूचना पर परिजन और पुलिस मौके पर पहुंच गए। मौत के बाद घर में मातम का माहौल है। शादी के बाद पहली राखी पर मिला दर्द राजकुमार राय शराब के बड़े ठेकेदार है। ऋषि उनका छोटा बेटा था। उससे बड़े सागर और एक बहन शीतल है। शीतल की कुछ समय पहले ही जयपुर के करन से शादी हुई थी। पिछले दिनों शीतल अपने पति के साथ भाइयों काे राखी बांधने के लिए जगुआर कार से झांसी आई थी। शादी के बाद ये शीतल की पहली राखी थी। लेकिन इस राखी पर उसे बहुत बड़ा दर्द मिला। ऋषि राय की मौत के बाद घर में मातम का माहौल है। मां रजनी राय बेटे को पूछते हुए बार-बार बेहोश हुए जा रही है। ऋषि होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी कर चुका था। झांसी में जगुआर कार पलटने से शराब कारोबारी के बेटे की मौत हो गई। वह ओरछा में रामराजा सरकार के दर्शन करके घर लौट रहे थे। मऊरानीपुर हाईवे पर जानवर को बचाने के चक्कर में जगुआर कार का संतुलन बिगड़ गया। कार 5 पलटी खाते हुए सड़क कनारे जा गिरी। हादसे में मौत हो गई। जबकि उसका बड़ा भाई, जीजा समेत 4 लाेग घायल है। इसमें से तीन लोगों को प्राइवेट अस्पताल में एडमिट करवाया गया है। हादसा नवाबाद थाना क्षेत्र के भगवंतपुरा से दिगारा के बीच हुआ है। ओरछा में दर्शन कर जीजा को घुमाया मृतक का नाम ऋषि राय (23) पुत्र राजकुमार राय था। वह सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के रस बहार कॉलोनी के रहने वाला था। मृतक के परिजन एडवोकेट रामेश्वर राय ने बताया कि रविवार रात को ऋषि राय अपने बड़े भाई सागर राय, जीजा करन, चचेरा भाई कपिल राय और मौसेरा भाई पवन के साथ ओरछा में रामराजा मंदिर के दर्शन करने गए थे। दर्शन करने के बाद जीजा को ओरछा घुमाया। इसके बाद रात करीब 11 बजे सभी अपनी जगुआर कार से घर लौट रहे थे। रास्ते में भगवंतपुरा से दिगारा के बीच हाइवे पर अचानक जानवर आ गया। जानवर को बचाने के चक्कर में कार का संतुलन बिगड़ गया। कार 4 से 5 पलटी खाते हुए सड़क किनारे जा गिरी। इस हादसे में ऋषि राय की मौके पर ही मौत हो गई। कार की छत खुली, बाहर फिक गए रामेश्वर राय ने आगे बताया कि जब जगुआर कार पलटी खाई तो उसकी छत खुल गई। कार में सवार सभी लोग बाहर फिक गए। हादसे में सागर, कपिल, करन और पवन घायल हो गए। इसमें पवन खतरे से बाहर है। बाकी तीन घायलों को निजी अस्पताल में एडमिट करवाया गया है। हादसे की सूचना पर परिजन और पुलिस मौके पर पहुंच गए। मौत के बाद घर में मातम का माहौल है। शादी के बाद पहली राखी पर मिला दर्द राजकुमार राय शराब के बड़े ठेकेदार है। ऋषि उनका छोटा बेटा था। उससे बड़े सागर और एक बहन शीतल है। शीतल की कुछ समय पहले ही जयपुर के करन से शादी हुई थी। पिछले दिनों शीतल अपने पति के साथ भाइयों काे राखी बांधने के लिए जगुआर कार से झांसी आई थी। शादी के बाद ये शीतल की पहली राखी थी। लेकिन इस राखी पर उसे बहुत बड़ा दर्द मिला। ऋषि राय की मौत के बाद घर में मातम का माहौल है। मां रजनी राय बेटे को पूछते हुए बार-बार बेहोश हुए जा रही है। ऋषि होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी कर चुका था। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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Bihar News: कटिहार में CISF जवान की सड़क हादसे में मौत, सिर में आई थी गंभीर चोट <p style=”text-align: justify;”><strong>CISF Jawan Death In Katihar Road Acciden:</strong> कटिहार जिला के मनिहारी थाना अंतर्गत मनिहारी निवासी सीआईएसएफ जवान जितेंद्र कुमार पासवान की एक सड़क हादसे में मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक शुक्रवार(9 अगस्त) की रात में एक बर्थडे पार्टी में भोज खाने के बाद वे अपनी बाइक से घर लौट रहे थे. इसी दौरान उनकी बाइक एक ट्रक से पीछे से टकरा गई, जिससे उनके सिर पर गंभीर चोटें आईं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुंबई में पोस्टेड थे सीआईएसएफ जवान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जितेंद्र कुमार पासवान की उम्र 37 वर्ष थी, और वे सीआईएसएफ में मुंबई में पोस्टेड थे. उनके पिता दशरथ पासवान और माता सुमित्रा देवी हैं. उनका घर मनिहारी के रेलवे कॉलोनी के वार्ड 5 में है. जितेंद्र कुमार अपने पीछे पत्नी सोनम कुमारी, तीन वर्षीय बेटी जेसी कुमारी और पांच महीना के बेटे ज्ञान कुमार को छोड़ गए हैं. उनकी शादी 2011 में हुई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अहले सुबह तीन बजे के करीब मनिहारी थाना के ड्राइवर ने देखा कि जितेंद्र कुमार पासवान अपनी बाइक के साथ सड़क पर औंधे मुंह ट्रक में टकराकर गिरे हुए थे. इस स्थिति को देखकर स्थानीय युवकों ने तुरंत उन्हें मनिहारी अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. स्थानीय लोगों का मानना है कि सड़क किनारे ट्रकों को गलत तरीके से पार्क करने के कारण आए दिन दुर्घटना होती रहती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ट्रकों की अनियमित पार्किंग पर नियंत्रण हो'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>लोगों का कहना है कि यदि समय रहते इन ट्रकों की अनियमित पार्किंग पर नियंत्रण किया गया होता, तो इस हादसे से बचा जा सकता था. घटना की गंभीरता को देखते हुए मौके पर इंस्पेक्टर रामचंद्र मंडल, थानाध्यक्ष पंकज आनंद, अपर थानाध्यक्ष अरुण राम, गौतम कुमार, एएसआई राजकुमार और संतोष कुमार उपस्थित थे. प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस घटना की गहन जांच करेंगे और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे. <br /><br /></p>
अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनाव का ऐलान आज:योगी ने 6 मंत्री उतारे; सपा से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे का नाम तय
अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनाव का ऐलान आज:योगी ने 6 मंत्री उतारे; सपा से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे का नाम तय अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव का आज ऐलान हो सकता है। चुनाव आयोग दोपहर 2 बजे दिल्ली विधानसभा के चुनाव को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। आयोग नॉमिनेशन की डेट, नाम वापस लेने की तारीख, वोटिंग और रिजल्ट की तारीख की घोषणा करेगा। इसके साथ अयोध्या में भी आचार संहिता लागू हो जाएगी। मिल्कीपुर सीट अवधेश प्रसाद के फैजाबाद से सांसद बनने के बाद खाली हुई है। भाजपा ने 6 मंत्रियों को मिल्कीपुर उपचुनाव में उतारा है। सीएम योगी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे को पहले ही उम्मीदवार तय कर दिया है। भाजपा ने अब तक अपने प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया है। पहले जानिए 9 सीटों के साथ क्यों नहीं हुआ उपचुनाव 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर से भाजपा प्रत्याशी गोरखनाथ सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद से 13,000 से अधिक वोटों से हार गए थे। इसके बाद भाजपा नेता ने अवधेश प्रसाद पर चुनाव प्रक्रिया में गलत हलफनामा दाखिल करने और नोटरी के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर कर दी। 18 अक्टूबर को गोरखनाथ ने याचिका वापसी का ऐलान किया
2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अवधेश प्रसाद को अयोध्या से उतारा। अवधेश चुनाव जीतकर सांसद बने। इससे मिल्कीपुर सीट खाली हो गई। 15 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने यूपी में विधानसभा की 9 सीटों पर ही उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया। मिल्कीपुर सीट का नाम नहीं था। मिल्कीपुर उपचुनाव लटका तो बयानबाजी शुरू हो गई। सपा ने भाजपा पर हार के डर से चुनाव लटकाने का आरोप लगाया। जब चुनाव लटकने की वजह खोजी गई। तब पता चला कि बाबा गोरखनाथ की याचिका हाईकोर्ट में लंबित है, इसलिए मिल्कीपुर में उपचुनाव की घोषणा नहीं की गई। 18 अक्टूबर को ही भाजपा नेता और पूर्व विधायक गोरखनाथ ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई कि वे अब केस नहीं लड़ना चाहते हैं। गोरखनाथ ने कहा कि सपा विधायक अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद याचिका का औचित्य समाप्त हो गया है। याचिका वापस लेने से मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया। भाजपा नेता गोरखनाथ ने चुनाव आयोग से इस सीट पर उपचुनाव कराने की मांग की। सीट खाली हुई तो कब तक कराना होता है उपचुनाव?
नियमों के मुताबिक, कोई भी सीट खाली होने पर वहां 6 महीने के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य है। यह मामला हाईकोर्ट में था, इसलिए चुनाव नहीं कराया जा सका। 4 दिसंबर को 6 महीने की मियाद पूरी हो गई। लखनऊ हाईकोर्ट की ऑर्डर कॉपी चुनाव आयोग को भेजी गई। अब आयोग तय करेगा कि उपचुनाव कब होगा। 2022 के विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर का रिजल्ट
मिल्कीपुर में 2022 के विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद को 1.03 लाख वोट मिले थे। उन्होंने भाजपा के बाबा गोरखनाथ को 13 हजार वोटों से हराया था। बाबा गोरखनाथ को 90 हजार 567 वोट मिले थे। इससे पहले 2017 के चुनाव में बाबा गोरखनाथ मिल्कीपुर से विधायक बने। मिल्कीपुर में भाजपा की रणनीति योगी कल मिल्कीपुर में करेंगे जनसभा
CM योगी 4 जनवरी को मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया था। उन्होंने आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित संगठनात्मक बैठक को संबोधित किया था। अब कल यानी 8 जनवरी को मिल्कीपुर के हैरिंग्टनगंज पलिया मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे। फिर 11 जनवरी को अयोध्या धाम में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव में शामिल होंगे। भाजपा ने जातिवार 6 मंत्री तैनात किए
सीएम योगी ने मिल्कीपुर का जातीय समीकरण साधने के लिए जातिवार मंत्रियों की टीम वहां तैनात की है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही अयोध्या जिले के प्रभारी मंत्री हैं। इसलिए उन्हें मिल्कीपुर में भी काम दिया है। सीएम ने अपने करीबी जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को कुर्मी वोट बैंक को साधने के लिए वहां लगाया है। जबकि चुनाव प्रबंधन के अनुभवी, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर को जमीनी चुनाव प्रबंधन के साथ ठाकुर वोट बैंक के लिए लगाया है। यादव वोट बैंक के लिए खेल राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश यादव, ब्राह्मण वोट बैंक के लिए राज्यमंत्री सतीश शर्मा को तैनात किया है। चिकित्सा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह वहां पहले से ही सह प्रभारी के रूप में लगाए गए हैं। पासी उम्मीदवार ही उतारेगी भाजपा
मिल्कीपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की ओर से अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाना तय है। भाजपा की ओर से भी पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ प्रबल दावेदार हैं। पार्टी सूत्रों का कहना कि इस सीट पर पासी ही उम्मीदवार होगा। मिल्कीपुर में सपा की रणनीति अजीत प्रसाद के लिए अवधेश बना रहे रणनीति
मिल्कीपुर सीट सुरक्षित है, यानी पिछड़ी जातियां निर्णायक हैं। सपा ने 15 अक्टूबर से पहले मिल्कीपुर सीट पर प्रत्याशी तय कर दिया था। अयोध्या-फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद पर दांव खेला है। अजीत की सीधी टक्कर भाजपा से है। हालांकि, भाजपा ने अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। कई दावेदार लाइन में हैं। 2012 और 2022 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट से अवधेश प्रसाद 2 बार विधायक रहे हैं। 2024 में अवधेश सांसद बन गए। अवधेश बोले- योगी कितनी बार भी मिल्कीपुर आएं, जीतेगी सपा ही
अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा- मुख्यमंत्री चाहे जितनी बार आएं, चाहे जितने मंत्री लगें, लेकिन मिल्कीपुर की जनता ने तय कर लिया है कि वह अवधेश प्रसाद के पुत्र सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद को ही विधायक बनाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चाहे एक बार आएं, 10 बार आएं, चाहे रोज आएं लेकिन मिल्कीपुर जनता पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 2027 के चुनाव का रास्ता मिल्कीपुर से ही निकलेगा। यहां से एक संदेश जाएगा कि 2027 के चुनाव में भाजपा का सफाया होगा और अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा की सरकार बनेगी। मिल्कीपुर में पिछले तीन चुनाव के नतीजे
रबींद्रनाथ महतो होंगे झारखंड विधानसभा के स्पीकर, बनाएंगे ये खास रिकॉर्ड
रबींद्रनाथ महतो होंगे झारखंड विधानसभा के स्पीकर, बनाएंगे ये खास रिकॉर्ड <p style=”text-align: justify;”>रबींद्रनाथ महतो एक बार फिर झारखंड विधानसभा के स्पीकर होंगे. राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से उनका नाम इस पद के लिए प्रस्तावित किया गया है. यह जानकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत के दौरान दी. उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि रबींद्रनाथ महतो का निर्वाचन सर्वसम्मति से होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विधानसभा के जारी विशेष सत्र के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, स्पीकर का चुनाव 10 दिसंबर को होना है. 65 वर्षीय रबींद्रनाथ महतो संथाल परगना प्रमंडल की नाला विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार जीतकर सदन पहुंचे हैं. वह झारखंड में लगातार दूसरी बार स्पीकर बनने वाले पहले विधायक होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>झारखंड में यह मिथक रहा है कि स्पीकर के पद पर रहते हुए कोई भी जनप्रतिनिधि विधानसभा का चुनाव नहीं जीत पाता. रबींद्रनाथ महतो इस मिथक को तोड़ने वाले पहले जनप्रतिनिधि हैं. उन्होंने पहली बार 2005 में नाला विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2009 में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 2014, 2019 और 2024 के चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी के तौर पर उन्होंने लगातार जीत हासिल की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रबींद्रनाथ महतो पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं <br /></strong>रबींद्रनाथ महतो जामताड़ा जिले के बिंदापाथर थाना क्षेत्र अंतर्गत पाटनपुर गांव के निवासी हैं. इसी गांव में उनका जन्म 12 जनवरी, 1960 को हुआ था. उनके पिता गोलक बिहारी महतो प्राथमिक स्कूल के शिक्षक थे, जिनका दो दिन पहले निधन हुआ है. रबींद्रनाथ महतो ने बिहार के भागलपुर विश्वविद्यालय से वर्ष 1982 में बीएससी की डिग्री हासिल की थी. विधानसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग के समक्ष दाखिल हलफनामे के अनुसार, उनकी कुल परिसंपत्ति 97 लाख 56 हजार रुपए है. वर्ष 2024-25 में दाखिल आयकर रिटर्न में उन्होंने अपनी कुल आमदनी 10 लाख 57 हजार 600 रुपए बताई है. केस-मुकदमों के मामले में भी उनका रिकॉर्ड पूरी तरह बेदाग है. उनके खिलाफ किसी थाने या अदालत में अब तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/jharkhand-assembly-session-newly-elected-mla-to-take-oath-speaker-name-decided-by-jmm-2839001″>तय होगा झारखंड विधानसभा अध्यक्ष का नाम, चार दिवसीय सत्र के पहले दिन विधायक लेंगे शपथ</a></strong></p>