जज को बदमाशों ने घेरा…सुंदर भाटी को सुनाई थी सजा:हाईवे पर पीछा किया, असलहे दिखाए; अलीगढ़ में पुलिस चौकी पर रुक कर जान बचाई

जज को बदमाशों ने घेरा…सुंदर भाटी को सुनाई थी सजा:हाईवे पर पीछा किया, असलहे दिखाए; अलीगढ़ में पुलिस चौकी पर रुक कर जान बचाई

कुख्यात सुंदर भाटी को उम्रकैद की सजा सुनाने वाले जज को अलीगढ़ में हाईवे पर बदमाशों ने घेर लिया। असलहों से लैस बोलेरो सवार 5 बदमाशों ने जज की कार रोकने की कोशिश की। फर्रुखाबाद में विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) अनिल कुमार का बदमाशों ने काफी दूर तक पीछा किया। जज ने बचकर निकलने की कोशिश की तो बदमाशों ने कई बार असलहा दिखाकर उन्हें धमकी दी। इसी बीच जज ने अलीगढ़ की सोफा पुलिस चौकी पर रुककर खुद को बचाया। पुलिस चौकी देखकर बदमाश वहां से भाग गए। फर्रुखाबाद से नोएडा जाते समय घेरा
FIR के मुताबिक, जज ने घटना की साजिश में सुंदर भाटी गैंग के शामिल होने का शक जताया है। वारदात 29 अक्टूबर की शाम 8 बजे के आसपास की है। जज अनिल कुमार घटना वाले दिन फर्रुखाबाद से नोएडा स्थित अपने घर जा रहे थे। वह खैर को पार कर यमुना एक्सप्रेस-वे पर जाने के लिए जट्टारी की ओर जा रहे थे, इसी बीच सफेद रंग की बोलेरो UP 81-7882 सवार बदमाशों ने उनका पीछा शुरू कर दिया। जज को रोकने के लिए असलहे ताने
बदमाशों ने अपनी गाड़ी सड़क पर खड़ी कर दी। जज किसी तरह से बचकर निकल गए। इसके बाद कई बार उनकी कार को रोकने की कोशिश की गई। FIR के मुताबिक, कार सवार बदमाश गाली-गलौज कर रहे थे। कार को रोकने के लिए असलहे तान रहे थे। सोफा पुलिस चौकी तक बदमाशों ने पीछा किया। उन्होंने अपनी गाड़ी सोफा पुलिस चौकी के सामने रोकी तो पीछा कर रहे बदमाश भाग गए। जज ने इस मामले में चौकी इंचार्ज सोफा और SSP के PRO को सूचना दी। फोन पर खैर थाना प्रभारी निरीक्षक डीके सिसोदिया को भी सूचना दी। SSP बोले- बोलेरो का नंबर अधूरा था
इस मामले में SSP संजीव सुमन ने कहा- जज ने घटना वाली रात में भी सूचना दी थी। उस वक्त सिर्फ अंदेशा जताया था कि कुछ लोगों ने गाड़ी रोकने की कोशिश की है। उस समय तहरीर नहीं दी थी। अब उन्होंने तहरीर दी है। इसमें हमले का अंदेशा जताया है। बोलेरो का नंबर भी अधूरा है, जिसकी वजह से वह ट्रेस नहीं हो पा रही है। 23 अक्टूबर को जेल से रिहा हुआ था सुंदर भाटी
जज अनिल कुमार का पीछा 29 अक्टूबर को किया गया, इससे छह दिन पहले यानी 23 अक्टूबर को सुंदर भाटी सोनभद्र जेल से रिहा हुआ था। अब पुलिस इन पहलुओं की जांच कर रही है कि घटना वाले दिन सुंदर भाटी कहां था। उसने अलीगढ़ में पहले कोई वारदात तो नहीं की, यहां उसका कोई नेटवर्क तो नहीं। पहली बार सुंदर भाटी को दी थी सजा
FIR के मुताबिक, जज अनिल कुमार ने कहा- 5 अज्ञात व्यक्तियों ने मुझे आतंकित किया और मारने के इरादे से हमले की कोशिश की। सुंदर भाटी और उसके गैंग के सदस्य पहले कभी दोषसिद्ध नहीं हुए थे। उन्होंने ही पहली बार साल 2021 में सुंदर भाटी और गैंग के सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हो सकता है कि सजा का बदला लेने के लिए ही हमले की साजिश रची गई हो। सपा नेता और गनर की हत्या, 2021 में उम्रकैद… अब हाईकोर्ट से जमानत सुंदर भाटी ग्रेटर नोएडा के घघौला गांव का रहने वाला है। सुंदर भाटी पर 60 से अधिक मामले दर्ज हैं। सपा नेता हरेंद्र नागर और उनके गनर की हत्या में सुंदर भाटी और उसकी गैंग के 10 अन्य सदस्यों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। FIR के मुताबिक, जज अनिल कुमार ने कहा- जिला कोर्ट गौतमबुद्ध नगर में अपर सत्र न्यायाधीश के पद पर अपनी तैनाती के दौरान मैंने 5 अप्रैल 2021 को सजा सुनाई दी। उनका कहना है कि इन अपराधियों का लंबे समय तक आपराधिक इतिहास होने के बावजूद पहले कभी भी दोषी नहीं ठहराया गया था। शंका जाहिर की है कि सुंदर भाटी और उसकी गैंग के सदस्यों ने सजा का बदला लेने के लिए उनके ऊपर हमला करने की साजिश रची है। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह 23 अक्टूबर को सोनभद्र जेल से सुंदर भाटी रिहा हुआ था। सुंदर भाटी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष नरेश भाटी गैंग के बीच गैंगवार पश्चिम यूपी में सुर्खियों में रही है। …………………………………………………………………………… ये भी पढ़ें… यूपी में अफसरों का 10% फिक्स कमीशन:बीवी-बेटे के अकाउंट में मंगवाई रिश्वत, LIC की किश्तें भरवाई; बाबू की कमीशन डायरी से जानिए काला सच जिला मुख्यालय से लेकर लखनऊ तक के अफसर 10% रिश्वत से मैनेज होते हैं। यह रकम बीवी और बेटों के अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर कराते हैं। एलआईसी की किश्त और किराया भी जमा कराते हैं। जो अफसर चालाक हैं, वो कैश में रिश्वत लेते हैं। सरकारी विभाग में रिश्वत और कमिशन के खेल को उजागर करने के लिए दैनिक भास्कर ने प्रयागराज मंडी परिषद के बाबू की डायरी हासिल की। (पढ़ें पूरी खबर) कुख्यात सुंदर भाटी को उम्रकैद की सजा सुनाने वाले जज को अलीगढ़ में हाईवे पर बदमाशों ने घेर लिया। असलहों से लैस बोलेरो सवार 5 बदमाशों ने जज की कार रोकने की कोशिश की। फर्रुखाबाद में विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) अनिल कुमार का बदमाशों ने काफी दूर तक पीछा किया। जज ने बचकर निकलने की कोशिश की तो बदमाशों ने कई बार असलहा दिखाकर उन्हें धमकी दी। इसी बीच जज ने अलीगढ़ की सोफा पुलिस चौकी पर रुककर खुद को बचाया। पुलिस चौकी देखकर बदमाश वहां से भाग गए। फर्रुखाबाद से नोएडा जाते समय घेरा
FIR के मुताबिक, जज ने घटना की साजिश में सुंदर भाटी गैंग के शामिल होने का शक जताया है। वारदात 29 अक्टूबर की शाम 8 बजे के आसपास की है। जज अनिल कुमार घटना वाले दिन फर्रुखाबाद से नोएडा स्थित अपने घर जा रहे थे। वह खैर को पार कर यमुना एक्सप्रेस-वे पर जाने के लिए जट्टारी की ओर जा रहे थे, इसी बीच सफेद रंग की बोलेरो UP 81-7882 सवार बदमाशों ने उनका पीछा शुरू कर दिया। जज को रोकने के लिए असलहे ताने
बदमाशों ने अपनी गाड़ी सड़क पर खड़ी कर दी। जज किसी तरह से बचकर निकल गए। इसके बाद कई बार उनकी कार को रोकने की कोशिश की गई। FIR के मुताबिक, कार सवार बदमाश गाली-गलौज कर रहे थे। कार को रोकने के लिए असलहे तान रहे थे। सोफा पुलिस चौकी तक बदमाशों ने पीछा किया। उन्होंने अपनी गाड़ी सोफा पुलिस चौकी के सामने रोकी तो पीछा कर रहे बदमाश भाग गए। जज ने इस मामले में चौकी इंचार्ज सोफा और SSP के PRO को सूचना दी। फोन पर खैर थाना प्रभारी निरीक्षक डीके सिसोदिया को भी सूचना दी। SSP बोले- बोलेरो का नंबर अधूरा था
इस मामले में SSP संजीव सुमन ने कहा- जज ने घटना वाली रात में भी सूचना दी थी। उस वक्त सिर्फ अंदेशा जताया था कि कुछ लोगों ने गाड़ी रोकने की कोशिश की है। उस समय तहरीर नहीं दी थी। अब उन्होंने तहरीर दी है। इसमें हमले का अंदेशा जताया है। बोलेरो का नंबर भी अधूरा है, जिसकी वजह से वह ट्रेस नहीं हो पा रही है। 23 अक्टूबर को जेल से रिहा हुआ था सुंदर भाटी
जज अनिल कुमार का पीछा 29 अक्टूबर को किया गया, इससे छह दिन पहले यानी 23 अक्टूबर को सुंदर भाटी सोनभद्र जेल से रिहा हुआ था। अब पुलिस इन पहलुओं की जांच कर रही है कि घटना वाले दिन सुंदर भाटी कहां था। उसने अलीगढ़ में पहले कोई वारदात तो नहीं की, यहां उसका कोई नेटवर्क तो नहीं। पहली बार सुंदर भाटी को दी थी सजा
FIR के मुताबिक, जज अनिल कुमार ने कहा- 5 अज्ञात व्यक्तियों ने मुझे आतंकित किया और मारने के इरादे से हमले की कोशिश की। सुंदर भाटी और उसके गैंग के सदस्य पहले कभी दोषसिद्ध नहीं हुए थे। उन्होंने ही पहली बार साल 2021 में सुंदर भाटी और गैंग के सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हो सकता है कि सजा का बदला लेने के लिए ही हमले की साजिश रची गई हो। सपा नेता और गनर की हत्या, 2021 में उम्रकैद… अब हाईकोर्ट से जमानत सुंदर भाटी ग्रेटर नोएडा के घघौला गांव का रहने वाला है। सुंदर भाटी पर 60 से अधिक मामले दर्ज हैं। सपा नेता हरेंद्र नागर और उनके गनर की हत्या में सुंदर भाटी और उसकी गैंग के 10 अन्य सदस्यों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। FIR के मुताबिक, जज अनिल कुमार ने कहा- जिला कोर्ट गौतमबुद्ध नगर में अपर सत्र न्यायाधीश के पद पर अपनी तैनाती के दौरान मैंने 5 अप्रैल 2021 को सजा सुनाई दी। उनका कहना है कि इन अपराधियों का लंबे समय तक आपराधिक इतिहास होने के बावजूद पहले कभी भी दोषी नहीं ठहराया गया था। शंका जाहिर की है कि सुंदर भाटी और उसकी गैंग के सदस्यों ने सजा का बदला लेने के लिए उनके ऊपर हमला करने की साजिश रची है। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह 23 अक्टूबर को सोनभद्र जेल से सुंदर भाटी रिहा हुआ था। सुंदर भाटी और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष नरेश भाटी गैंग के बीच गैंगवार पश्चिम यूपी में सुर्खियों में रही है। …………………………………………………………………………… ये भी पढ़ें… यूपी में अफसरों का 10% फिक्स कमीशन:बीवी-बेटे के अकाउंट में मंगवाई रिश्वत, LIC की किश्तें भरवाई; बाबू की कमीशन डायरी से जानिए काला सच जिला मुख्यालय से लेकर लखनऊ तक के अफसर 10% रिश्वत से मैनेज होते हैं। यह रकम बीवी और बेटों के अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर कराते हैं। एलआईसी की किश्त और किराया भी जमा कराते हैं। जो अफसर चालाक हैं, वो कैश में रिश्वत लेते हैं। सरकारी विभाग में रिश्वत और कमिशन के खेल को उजागर करने के लिए दैनिक भास्कर ने प्रयागराज मंडी परिषद के बाबू की डायरी हासिल की। (पढ़ें पूरी खबर)   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर