<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने फैसला सुनाया है कि जमानत प्राप्त आरोपी व्यक्ति को केवल रिश्तेदार की शादी में शामिल होने और मौज-मस्ती के लिए विदेश यात्रा की अनुमति मांगने का कोई अधिकार नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने श्री राम मूर्ति स्मारक आयुर्विज्ञान संस्थान, बरेली के परामर्शदाता आदित्य मूर्ति की याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि विदेश में रिश्तेदार की शादी और दूसरे देश की मौज-मस्ती के लिए यात्रा करना विचाराधीन आरोपी के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने के लिए आवश्यक कारण नहीं माना जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मूर्ति ने अपने रिश्तेदार की शादी के लिए अमेरिका और उसके बाद संबंधित समारोह के लिए तीन मई से 22 मई, 2025 तक फ्रांस जाने की अनुमति मांगी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पीठ ने स्पष्ट किया, ‘जमानत पर रिहा किए गए आरोपी व्यक्ति को चिकित्सा उपचार, आवश्यक आधिकारिक कर्तव्यों में शामिल होने और इसी तरह की किसी जरूरी आवश्यकता के लिए विदेश यात्रा की अनुमति दी जा सकती है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mahapanchayat-in-muzaffarnagar-nagina-mp-chandrashekhar-made-a-big-statement-on-the-rakesh-tikait-case-2936745″><strong>मुजफ्फरनगर में महापंचायत से पहले राकेश टिकैत मामले पर चंद्रशेखर का बड़ा बयान, पूछा- ऐसी नौबत आई ही क्यों?</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुकदमा बचाव पक्ष के साक्ष्य के चरण में </strong><br />उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि रिश्तेदार के विवाह समारोह में शामिल होना जरूरी आवश्यकता नहीं है. इसके अलावा, न्यायालय ने याचिकाकर्ता के इस तर्क पर भी ध्यान दिया कि उसे पहले भी गैर-आवश्यक उद्देश्यों के लिए विदेश यात्रा की अनुमति दी गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पीठ ने कहा, ‘केवल इसलिए कि अधीनस्थ अदालत ने आवेदक को कई मौकों पर गैर-आवश्यक उद्देश्यों के लिए विदेश यात्रा की अनुमति दी थी, उसे इस बार भी गैर-आवश्यक उद्देश्यों के लिए विदेश यात्रा करने का अधिकार नहीं है, जब मुकदमा बचाव पक्ष के साक्ष्य के चरण में पहुंच गया है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>आदित्य मूर्ति ने 24 अप्रैल, 2025 को विशेष सीबीआई अदालत के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने विदेश यात्रा के लिए उनके आवेदन को खारिज कर दिया था. मूर्ति एक दशक से अधिक समय से सीबीआई मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने फैसला सुनाया है कि जमानत प्राप्त आरोपी व्यक्ति को केवल रिश्तेदार की शादी में शामिल होने और मौज-मस्ती के लिए विदेश यात्रा की अनुमति मांगने का कोई अधिकार नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने श्री राम मूर्ति स्मारक आयुर्विज्ञान संस्थान, बरेली के परामर्शदाता आदित्य मूर्ति की याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि विदेश में रिश्तेदार की शादी और दूसरे देश की मौज-मस्ती के लिए यात्रा करना विचाराधीन आरोपी के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने के लिए आवश्यक कारण नहीं माना जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मूर्ति ने अपने रिश्तेदार की शादी के लिए अमेरिका और उसके बाद संबंधित समारोह के लिए तीन मई से 22 मई, 2025 तक फ्रांस जाने की अनुमति मांगी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पीठ ने स्पष्ट किया, ‘जमानत पर रिहा किए गए आरोपी व्यक्ति को चिकित्सा उपचार, आवश्यक आधिकारिक कर्तव्यों में शामिल होने और इसी तरह की किसी जरूरी आवश्यकता के लिए विदेश यात्रा की अनुमति दी जा सकती है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mahapanchayat-in-muzaffarnagar-nagina-mp-chandrashekhar-made-a-big-statement-on-the-rakesh-tikait-case-2936745″><strong>मुजफ्फरनगर में महापंचायत से पहले राकेश टिकैत मामले पर चंद्रशेखर का बड़ा बयान, पूछा- ऐसी नौबत आई ही क्यों?</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुकदमा बचाव पक्ष के साक्ष्य के चरण में </strong><br />उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि रिश्तेदार के विवाह समारोह में शामिल होना जरूरी आवश्यकता नहीं है. इसके अलावा, न्यायालय ने याचिकाकर्ता के इस तर्क पर भी ध्यान दिया कि उसे पहले भी गैर-आवश्यक उद्देश्यों के लिए विदेश यात्रा की अनुमति दी गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पीठ ने कहा, ‘केवल इसलिए कि अधीनस्थ अदालत ने आवेदक को कई मौकों पर गैर-आवश्यक उद्देश्यों के लिए विदेश यात्रा की अनुमति दी थी, उसे इस बार भी गैर-आवश्यक उद्देश्यों के लिए विदेश यात्रा करने का अधिकार नहीं है, जब मुकदमा बचाव पक्ष के साक्ष्य के चरण में पहुंच गया है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>आदित्य मूर्ति ने 24 अप्रैल, 2025 को विशेष सीबीआई अदालत के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने विदेश यात्रा के लिए उनके आवेदन को खारिज कर दिया था. मूर्ति एक दशक से अधिक समय से सीबीआई मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं.</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड MCD के 12 वार्डों में उपचुनाव का इंतजार लगभग खत्म, तारीखों का होने वाला है ऐलान, CM रेखा गुप्ता की सीट भी खाली
जमानत पाए आरोपित को मौज-मस्ती के लिए विदेश जाने की अनुमति नहीं दे सकते- इलाहाबाद हाईकोर्ट
